दुर्गा पूजा
प्रमुख हिन्दू त्यौहार एवं पूजा/व्रत / From Wikipedia, the free encyclopedia
दुर्गा पूजा, (बांग्ला: দুর্গা পূজা , असमिया: দুৰ্গা পূজা , ओड़िया: ଦୁର୍ଗା ପୂଜା , सुनें सहायता·सूचना, "माँ दुर्गा की पूजा"), अथवा दुर्गोत्सव (बांग्ला: দুর্গোৎসব , ओड़िया: ଦୁର୍ଗୋତ୍ସବ ) अथवा शरदोत्सव भारतीय उपमहाद्वीप व दक्षिण एशिया में मनाया जाने वाला, एक वार्षिक हिन्दू पर्व है जिसमें हिन्दू देवी दुर्गा की पूजा की जाती है।[2]इसमें छः दिनों को महालय, षष्ठी, महा सप्तमी, महा अष्टमी, महा नवमी और विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। दुर्गा पूजा को मनाये जाने की तिथियाँ पारम्परिक हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार आता है तथा इस पर्व से सम्बंधित पखवाड़े को देवी पक्ष, देवी पखवाड़ा के नाम से जाना जाता है।[3]
दुर्गा पूजा | |
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दुर्गा ने महिषासुर को अपने सिंह (यहाँ, एक श्वेत सिंह) के साथ वध किया। माँ लक्ष्मी और गणेश जी बाईं ओर हैं और माँ सरस्वती और कार्तिकेय जी दाईं ओर हैं | |
आधिकारिक नाम | दुर्गा पूजा |
अनुयायी | बंगाली, ओड़िया, मैथिल और असमिया समुदायों द्वारा एक सामाजिक-सांस्कृतिक और धार्मिक त्योहार के रूप में |
प्रकार | हिन्दू |
उत्सव | हिंदू देवताओं की पूजा, परिवार और अन्य सामाजिक समारोहों, क्रय-विक्रय करना और उपहार देना, भण्डारा करना, 'पंडाल' का भ्रमण, और सांस्कृतिक कार्यक्रम |
अनुष्ठान | देवी की औपचारिक पूजा दुर्गा |
आरम्भ | अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा |
समापन | अश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी [1] |
तिथि | आश्विन शुक्ल प्रतिपदा, आश्विन शुक्ल द्वितीया, आश्विन शुक्ल तृतीया, आश्विन शुक्ल चतुर्थी, आश्विन शुक्ल पञ्चमी, आश्विन शुक्ल षष्ठी, आश्विन शुक्ल सप्तमी, आश्विन शुक्ल अष्टमी, आश्विन शुक्ल नवमी, आश्विन शुक्ल दशमी |
आवृत्ति | वार्षिक |
समान पर्व | महालय, नवरात्रि, दशहरा |
हिन्दू धर्म |
इतिहास · देवता |
सम्प्रदाय · पूजा · |
आस्थादर्शन |
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पुनर्जन्म · मोक्ष की इच्छा |
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प्रवेशद्वार: हिन्दू धर्म |
हिन्दू मापन प्रणाली |
दुर्गा पूजा का पर्व हिन्दू देवी दुर्गा की बुराई के प्रतीक राक्षस महिषासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है।[4] अतः दुर्गा पूजा का पर्व बुराई पर भलाई की विजय के रूप में भी माना जाता है।[5]
पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, झारखण्ड, मणिपुर, ओडिशा और त्रिपुरा आदि भारतीय राज्यों व्यापक रूप से मनाया जाता है जहाँ इस समय पाँच-दिन की वार्षिक छुट्टी रहती है।[6] बंगाली हिन्दू और आसामी हिन्दुओं का बाहुल्य वाले क्षेत्रों पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा में यह वर्ष का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। यह न केवल सबसे बड़ा हिन्दू उत्सव है अपितु यह बंगाली-आसामी-ओड़िया हिन्दू समाज में सामाजिक-सांस्कृतिक रूप से सबसे महत्त्वपूर्ण उत्सव भी है। पश्चिमी भारत के अतिरिक्त दुर्गा पूजा का उत्सव दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, कश्मीर, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में भी मनाया जाता है। दुर्गा पूजा का उत्सव 91% हिन्दू जनसंख्या वाले नेपाल और 8% हिन्दू जनसंख्या वाले बांग्लादेश में भी बड़े त्यौंहार के रूप में मनाया जाता है। वर्तमान में विभिन्न प्रवासी आसामी और बंगाली सांस्कृतिक संगठन, संयुक्त राज्य अमेरीका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैण्ड, सिंगापुर और कुवैत सहित विभिन्न देशों में आयोजित करवाते हैं। वर्ष 2006 में ब्रिटिश संग्रहालय में विश्वाल दुर्गापूजा का उत्सव आयोजित किया गया।[7]
दुर्गा पूजा की ख्याति ब्रिटिश राज में बंगाल और भूतपूर्व असम में धीरे-धीरे बढ़ी।[8] हिन्दू सुधारकों ने दुर्गा को भारत में पहचान दिलाई और इसे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों का प्रतीक भी बनाया।
दिसम्बर २०२१ में कोलकाता की दुर्गा पूजा को यूनेस्को की अगोचर सांस्कृतिक धरोहर की सूची में सम्मिलित किया गया।[9]