![cover image](https://wikiwandv2-19431.kxcdn.com/_next/image?url=https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/7/70/A_yogi_seated_in_a_garden.jpg/640px-A_yogi_seated_in_a_garden.jpg&w=640&q=50)
योग
स्वस्थ तन एवं मन की प्राप्ति हेतु भारतीय साधना पद्धति।योगः कर्मशु कौशलम् / From Wikipedia, the free encyclopedia
योग (संस्कृत: योगः ) प्राचीन भारतीय ऋषिमुनियों और तत्त्ववेत्ताओं द्वारा प्रतिपादित एक विशिष्ट आध्यात्मिक प्रक्रिया है। पतंजलि ने 'चित्त की वृत्तियों के निरोध' को योग कहा है। व्यास ने समाधि को ही योग माना है। योगवासिष्ठ के अनुसार योग वह युक्ति है जिसके द्वारा संसार सागर से पार जाया जा सकता है।
![Thumb image](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/f/fc/Sivakempfort.jpg/640px-Sivakempfort.jpg)
योग के कई सारे अंग और प्रकार होते हैं, जिनके जरिए हमें ध्यान, समाधि और मोक्ष तक पहुंचना होता हैै। 'योग' शब्द तथा इसकी प्रक्रिया और धारणा हिन्दू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म में ध्यान प्रक्रिया से सम्बन्धित है। योग शब्द भारत से बौद्ध पन्थ के साथ चीन, जापान, तिब्बत, दक्षिण पूर्व एशिया और श्रीलंका में भी फैल गया है और इस समय सारे सभ्य जगत् में लोग इससे परिचित हैं। सिद्धि के बाद पहली बार ११ दिसम्बर २०१४ को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक वर्ष २१ जून को विश्व योग दिवस के रूप में मान्यता दी है।
हिन्दू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म में योग के अनेक सम्प्रदाय हैं, योग के विभिन्न लक्ष्य हैं तथा योग के अलग-अलग व्यवहार हैं।[1][2][3] परम्परागत योग तथा इसका आधुनिक रूप विश्व भर में प्रसिद्ध हैं।
सबसे पहले 'योग' शब्द का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। इसके बाद अनेक उपनिषदों में इसका उल्लेख आया है। कठोपनिषद में सबसे पहले योग शब्द उसी अर्थ में प्रयुक्त हुआ है जिस अर्थ में इसे आधुनिक समय में समझा जाता है। माना जाता है कि कठोपनिषद की रचना ईसापूर्व पांचवीं और तीसरी शताब्दी ईसापूर्व के बीच के कालखण्ड में हुई थी। पतञ्जलि का योगसूत्र योग का सबसे पूर्ण ग्रन्थ है। इसका रचनाकाल ईसा की प्रथम शताब्दी या उसके आसपास माना जाता है। हठ योग के ग्रन्थ ९वीं से लेकर ११वीं शताब्दी में रचे जाने लगे थे। इनका विकास तन्त्र से हुआ।
पश्चिमी जगत में "योग" को हठयोग के आधुनिक रूप में लिया जाता है जिसमें शारीरिक फिटनेस, तनाव-शैथिल्य तथा विश्रान्ति (relaxation) की तकनीकों की प्रधानता है। ये तकनीकें मुख्यतः आसनों पर आधारित हैं जबकि परम्परागत योग का केन्द्र बिन्दु ध्यान है और वह सांसारिक लगावों से छुटकारा दिलाने का प्रयास करता है। पश्चिमी जगत में आधुनिक योग का प्रचार-प्रसार भारत से उन देशों में गये गुरुओं ने किया जो प्रायः स्वामी विवेकानन्द की पश्चिमी जगत में प्रसिद्धि के बाद वहाँ गये थे।