संस्कृत भाषा
विश्व की प्राचीन एवं समृद्ध भाषा / From Wikipedia, the free encyclopedia
संस्कृत (संस्कृत में : संस्कृतम्, संस्कृत उच्चारण : [ˈsɐ̃skr̩tɐm]) भारतीय उपमहाद्वीप की एक भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा है जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार की एक शाखा है।[5] आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गए हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गए हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं।
संस्कृत | ||
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संस्कृतम् | ||
(ऊपर) श्रीमद्भग्वद्गीता की १९वीं शताब्दी की एक पाण्डुलिपि[1] अनुमान है कि गीता की रचना ४०० ईसापूर्व से लेकर २०० ईसापूर्व में हुई थी।[2][3] (नीचे) कलकता के संस्कृत कॉलेज के १७५वीं जयन्ती के अवसर पर भारत सरकार द्वारी जारी डाकटिकट। यह कॉलेज तीसरा सबसे पुराना कॉलेज है। १७९१ में स्थापित काशी संस्कृत कालेज सबसे पुराना महाविद्यालय है। | ||
बोली जाती है | भारत, नेपाल | |
कुल बोलने वाले | १००४,१३५ (जनगणना के अनुसार।)[4] | |
भाषा परिवार | —
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लेखन प्रणाली | देवनागरी (वस्तुतः), अन्य ब्राह्मी–लिपि | |
आधिकारिक स्तर | ||
आधिकारिक भाषा घोषित | भारतीय संविधान में अनुसूचित 22 भाषाओं में से एक। | |
नियामक | कोई आधिकारिक नियमन नहीं | |
भाषा कूट | ||
ISO 639-1 | sa | |
ISO 639-2 | san | |
ISO 639-3 | san | |
सूचना: इस पन्ने पर यूनीकोड में अ॰ध॰व॰ (आई पी ए) चिह्न हो सकते हैं। |
संस्कृत का अर्थ है "संस्कार की गयी " अर्थात "बदलाव की गयी", संस्कृत भाषा देवनागरी लिपि मे लिखी गयी है, धम्म लिपि मे समय के साथ थोड़ा- थोड़ा सुधार (बदलाव) होता रहा उदाहरण के लिए मौर्य का व गुप्त काल के शिलालेखों व अभिलेखों में शब्दो मे थोड़ा फर्क दिखायी पड़ता है। अनेक शताब्दियों तक यह चलता गया तथा पाली प्राकृत भाषा ( धम्म लिपि मे ) से अनेक लिपियों का उदय हुआ जैसे दक्षिण मे तमिल, तेलुगु व उत्तर मे बांगला, नागरी शारदा । 9 वीं शताब्दी में देवनागरी लिपि का प्रचलन शुरू हुआ व 11 शताब्दी तक आते आते देवनागरी लिपि पूर्ण से विकसित हो गयी , अगर बात करे संस्कृत भाषा की चूंकि संस्कृत की लिपि देवनागरी है अत: यह भी 9 वीं शताब्दी के मध्य आयी है, इससे पहले संस्कृत भाषा का कोई पुरातात्विक प्रमाण नही मिला व ना ही कही इसका जिक्र है। अत: इससे सिद्ध होता है की भारत (जिसका प्राचीन नाम जम्बूद्वीप है) की सबसे पुरानी भाषा प्राकृत पाली है व सबसे प्राचीन लिपि धम्म लिपि (आजकल ब्राह्मी लिपि) है। अगर देखा जाए सबसे प्राचीन भाषा व लिपि सिंधु घाटी सभ्यता की भाषा जो अब तक नही पढ़ी गयी है । [6]
संस्कृत आमतौर पर कई पुरानी इंडो-आर्यन किस्मों को जोड़ती है। इनमें से सबसे पुरातन ऋग्वेद में पाया जाने वाला वैदिक संस्कृत है, जो 9 वीं शताब्दी के बाद रचित 1,028 भजनों का एक संग्रह है, जो इंडो-आर्यन जनजातियों द्वारा आज के उत्तरी अफगानिस्तान और उत्तरी भारत में अफगानिस्तान से पूर्व की ओर पलायन करते हैं। वैदिक संस्कृत ने उपमहाद्वीप की प्राचीन प्राचीन भाषाओं के साथ बातचीत की, नए पौधों और जानवरों के नामों को अवशोषित किया।
भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में संस्कृत को भी सम्मिलित किया गया है। यह उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश की आधिकारिक राजभाषा है। आकाशवाणी और दूरदर्शन से संस्कृत में समाचार प्रसारित किए जाते हैं। कतिपय वर्षों से डी. डी. न्यूज (DD News) द्वारा वार्तावली नामक अर्धहोरावधि का संस्कृत-कार्यक्रम भी प्रसारित किया जा रहा है, जो हिन्दी चलचित्र गीतों के संस्कृतानुवाद, सरल-संस्कृत-शिक्षण, संस्कृत-वार्ता और महापुरुषों की संस्कृत जीवनवृत्तियों, सुभाषित-रत्नों आदि के कारण अनुदिन लोकप्रियता को प्राप्त हो रहा है।