गंगा नदी
भारतीय नदी / From Wikipedia, the free encyclopedia
गंगाजी ( संस्कृत: गङ्गा ; बांग्ला: গঙ্গা ;संथाली: ᱜᱟᱝ ) भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण व हिन्दू धर्म की मान्यतानुसार सबसे पवित्र नदी है। गंगा नदी का उद्गम भागीरथी व अलकनंदा नदी मिलकर करती है। यह भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर 2525 किलोमीटर (कि॰मी॰) की दूरी तय करती हुई उत्तराखंड में हिमालय के गंगोत्री हिमनद के गोमुख स्थान से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुन्दरवन तक भारत की मुख्य नदी के रूप में विशाल भू-भाग को सींचती है। गंगा नदी देश की प्राकृतिक सम्पदा ही नहीं, जन-जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। 2,071 कि॰मी॰ तक भारत तथा उसके बाद बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ दस लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है। सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण गंगा का यह मैदान अपनी घनी जनसंख्या के कारण भी जाना जाता है। 100 फीट (31 मी॰) की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में पवित्र नदी भी मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ तथा देवी के रूप में की जाती है। भारतीय पुराण और साहित्य में अपने सौंदर्य और महत्त्व के कारण बार-बार आदर के साथ वंदित गंगा नदी के प्रति विदेशी साहित्य में भी प्रशंसा और भावुकतापूर्ण वर्णन किए गए हैं।
गंगा | |
नदी | |
मुंशी घाट वाराणसी में गंगा | |
देश | भारत,बांग्लादेश |
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उपनदियाँ | |
- बाएँ | महाकाली, करनाली, कोसी, गंडक, सरयू |
- दाएँ | यमुना, सोन नदी, महानंदा |
स्रोत | गंगोत्री हिमनद |
- स्थान | उत्तराखण्ड, भारत |
- ऊँचाई | 3,892 मी. (12,769 फीट) |
- निर्देशांक | 30°59′N 78°55′E |
मुहाना | सुंदरवन |
- स्थान | बंगाल की खाड़ी, बांग्लादेश |
- ऊँचाई | 0 मी. (0 फीट) |
- निर्देशांक | 22°05′N 90°50′E |
लंबाई | 2,525 कि.मी. (1,569 मील) |
जलसम्भर | 9,07,000 कि.मी.² (3,50,195 वर्ग मील) |
प्रवाह | for मुख |
- औसत | 12,015 मी.³/से. (4,24,306 घन फीट/से.) |
गंगा नदी के मार्ग एवं उसकी विभिन्न उपनदियाँ
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इस नदी में मछलियों तथा सर्पों की अनेक प्रजातियाँ तो पायी जाती ही[1] हैं, तथा मीठे पानी वाले दुर्लभ डॉलफिन भी पाए जाते हैं। यह कृषि, पर्यटन, साहसिक खेलों तथा उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है तथा अपने तट पर बसे शहरों की जलापूर्ति भी करती है। इसके तट पर विकसित धार्मिक स्थल और तीर्थ भारतीय सामाजिक व्यवस्था के विशेष अंग हैं। इसके ऊपर बने पुल, बाँध और नदी परियोजनाएँ भारत की बिजली, पानी और कृषि से सम्बन्धित जरूरतों को पूरा करती हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि इस नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं। गंगा की इस अनुपम शुद्धीकरण क्षमता तथा सामाजिक श्रद्धा के बावजूद इसको प्रदूषित होने से रोका नहीं जा सका है। फिर भी इसके प्रयत्न जारी हैं और सफ़ाई की अनेक परियोजनाओं(नमामी गंगे योजना ) के क्रम में नवम्बर,2008 में भारत सरकार द्वारा इसे भारत की राष्ट्रीय नदी[2][3] तथा प्रयाग (प्रयागराज) और हल्दिया के बीच (1620 किलोमीटर) गंगा नदी जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है।[4] भारत में गंगाजल को उतम जल माना जाता है।(इसमे गंगेटिक डाल्फिन भी पाया जाताहै जिसे भारत सरकार द्वारा 2009 जलीय जीव के रूप मे मान्यता दिया गया है )