विनायक दामोदर सावरकर
भारतीय राजनीतिज्ञ (1883-1966) / From Wikipedia, the free encyclopedia
विनायक दामोदर सावरकर (जन्म: 28 मई 1883 - मृत्यु: 26 फरवरी 1966)[3] भारत के क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी, समाजसुधारक, इतिहासकार, राजनेता तथा विचारक थे। उनके समर्थक उन्हें वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित करते हैं।[4]। हिन्दू राष्ट्रवाद की राजनीतिक विचारधारा 'हिन्दुत्व' को विकसित करने का बहुत बड़ा श्रेय सावरकर को जाता है। वे एक वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार भी थे। उन्होंने परिवर्तित हिन्दुओं के हिन्दू धर्म को वापस लौटाने हेतु सतत प्रयास किये एवं इसके लिए आन्दोलन चलाये। उन्होंने भारत की एक सामूहिक "हिन्दू" पहचान बनाने के लिए हिन्दुत्व का शब्द गढ़ा [5][6]। उनके राजनीतिक दर्शन में उपयोगितावाद, तर्कवाद, प्रत्यक्षवाद (positivism), मानवतावाद, सार्वभौमिकता, व्यावहारिकता और यथार्थवाद के तत्व थे। हिन्दू महासभा के वह प्रमुख चेहरे थे।[7][8][9]
विनायक दामोदर सावरकर | |
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विनायक दामोदर सावरकर | |
जन्म |
28 मई 1883 ग्राम भागुर, जिला नासिक बम्बई प्रेसीडेंसी ब्रिटिश भारत |
मौत |
फ़रवरी 26, 1966(1966-02-26) (उम्र 82) बम्बई, भारत |
मौत की वजह |
इच्छामृत्यु यूथेनेशिया प्रायोपवेशनम् सल्लेखना |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
उपनाम | वीर सावरकर |
शिक्षा | कला स्नातक, फर्ग्युसन कॉलिज, पुणे बार एट ला लन्दन |
प्रसिद्धि का कारण | भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन, हिन्दुत्व |
राजनैतिक पार्टी | अखिल भारतीय हिन्दू महासभा |
धर्म | हिन्दू नास्तिक[1][2] |
जीवनसाथी | यमुनाबाई |
बच्चे |
पुत्र: प्रभाकर (अल्पायु में मृत्यु) |