सिकन्दरिया
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सिकन्दरिया या अलेक्जेंड्रिया (अंग्रेजी:Alexandria; अरबी: الإسكندرية अल-इस्कंदरिया), मिस्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यहाँँ की जनसंख्या 41 लाख है और यह देश का सबसे बड़ा समुद्री बंदरगाह है जहाँँ मिस्र का लगभग 80% आयात और निर्यात कार्य संपन्न होता है। सिकन्दरिया एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल भी है। सिकन्दरिया, उत्तर-मध्य मिस्र में भूमध्य सागर के तट के किनारे लगभग 32 कि॰मी॰ (20 मील) दूर तक फैला हुआ है। यह बिब्लियोथेका अलेक्जेंड्रिना (नया पुस्तकालय) का घर है। एक अन्य शहर, स्वेज, से अपने प्राकृतिक गैस और तेल की पाइपलाइनों की वजह से यह मिस्र का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र बन गया है।
अलेक्जेंड्रिया إسكندرية इस्केन्देरेय्या الإسكندرية अल-इस्कन्दरिया (मानक अरबी) | ||
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उपनाम: भूमध्य सागर का मोती | ||
देश | मिस्र | |
मुहाफजाह | सिकन्दरिया मुहाफजाह | |
स्थापना | 331 ईसा पूर्व | |
शासन | ||
• राज्यपाल | आदिल लबीब | |
क्षेत्रफल | ||
• कुल | 1,034 वर्गमील (2,679 किमी2) | |
जनसंख्या (2006) | ||
• कुल | 4,110,015 | |
CAPMS 2006 जनगणना | ||
समय मण्डल | EST (यूटीसी+2) | |
• ग्रीष्मकालीन (दि॰ब॰स॰) | +3 (यूटीसी) | |
दूरभाष कोड | ++3 | |
वेबसाइट | Official website |
प्राचीन काल में, सिकन्दरिया दुनिया के सबसे प्रसिद्ध शहरों में से एक था। इसकी स्थापना सिकंदर महान (अलेक्जेंडर द ग्रेट) ने लगभग 331 ई.पू. में एक छोटे-से फैरोनिक शहर के आसपास की थी। फुस्टाट में एक नई राजधानी की स्थापना होने के समय (फुस्टाट को बाद में काहिरा में समाहित कर लिया गया था) 641 ई. में मुस्लिम मिस्र विजय तक लगभग एक हजार साल तक यह मिस्र की राजधानी रहा. सिकन्दरिया अपने प्रकाश स्तम्भ (फैरोस), प्राचीन दुनिया के सात अजूबों में से एक; अपने पुस्तकालय (प्राचीन दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय); और कैटाकॉम्ब्स ऑफ़ कोम अल शोकाफा (कोम अल शोकाफा का भूगर्भ कब्रिस्तान), मध्य युग के सात अजूबों में से एक, के लिए काफी मशहूर था। सिकन्दरिया के बंदरगाह में 1994 में चालू होने वाले अविरत समुद्री पुरातत्व से सिकंदर के आगमन से पहले (जब वहां राकोटिस नाम के एक शहर का अस्तित्व था) और टॉलेमी वंश के काल के सिकन्दरिया के रहस्यों पर से पर्दा उठ रहा है।
19वीं सदी के अंतिम दौर से यह अंतर्राष्ट्रीय जहाजरानी उद्योग का एक प्रमुख केंद्र और दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्रों में से एक बन गया क्योंकि इसकी वजह से भूमध्य सागर और लाल सागर के दरम्यान आसान जमीनी सम्बन्ध से और मिस्र के कपास के लाभप्रद व्यापार से काफी फायदा होता था।
Raqd.t (Alexandria) in चित्रलेख | ||||
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अलेक्जेंड्रिया की स्थापना सिकंदर महान ने अप्रैल 331 ई.पू. में Ἀλεξάνδρεια (अलेक्जेंड्रीया (Alexándreia)) के रूप में की थी। इस परियोजना के लिए सिकंदर का मुख्य वास्तुकार डिनोक्रेटस था। अलेक्जेंड्रिया की स्थापना मिस्र में नौक्राटिस को एक यूनानीवादिक केंद्र के रूप में अधिक्रमित करने और इसे यूनान एवं समृद्ध नील घाटी के बीच की कड़ी बनाने के इरादे से किया गया था। समुद्र के तटवर्ती क्षेत्र में पहले से ही राकोटिस नाम का एक मिस्री शहर मौजूद था जिसे बाद में इसे मिस्री भाषा (मिस्र. राकेडयेट (Ra'qedyet)) में अलेक्जेंड्रिया नाम दिया गया. मिस्री शहरी क्वार्टर के रूप में इसका अस्तित्व बना रहा. स्थापना के कुछ महीनों के बाद सिकंदर ने मिस्र से पूर्व की ओर प्रस्थान किया और फिर कभी उन्होंने अपने शहर में वापसी नहीं की. सिकंदर के चले जाने के बाद उनके वाइसराय, क्लियोमेनेस, ने विस्तार जारी रखा. सिकंदर के अन्य उत्तराधिकारियों के साथ संघर्ष के बाद, उनके जनरल टॉलेमी ने अलेक्जेंड्रिया में सिकंदर के शव को लाने में कामयाबी हासिल की.[उद्धरण चाहिए]
हालांकि क्लियोमेनेस मुख्य रूप से अलेक्जेंड्रिया के सतत विकास को देखने का प्रभारी (इन चार्ज) था, लगता है कि हेप्टास्टेडियन और मुख्यभूमि के क्वार्टर मुख्य रूप से टॉलेमी के ही कृत्य थे। बर्बाद टायर के व्यापार को विरासत में प्राप्त करके और यूरोप और अरबियन और इन्डियन ईस्ट के दरम्यान एक नया वाणिज्यिक केन्द्र बनकर इस शहर ने एक पीढ़ी से भी कम अवधि में कार्थेज की तुलना में अधिक विकास किया। एक सदी में, अलेक्जेंड्रिया दुनिया का सबसे बड़ा शहर बन गया था और अगली कुछ शताब्दियों में यह केवल रोम के बाद दूसरे स्थान पर था। यह मिस्र का प्रमुख यूनानी शहर बन गया जहां कई शहरों से आने वाले और कई पृष्ठभूमियों वाले यूनानियों का एक असाधारण मिश्रण देखने को मिलता था।[1]
अलेक्जेंड्रिया, यूनानीवाद का केवल एक केन्द्र ही नहीं था बल्कि यह दुनिया के सबसे बड़े यहूदी समुदाय का घर भी था। सेप्टुआगिंट, हिब्रू बाइबल का एक यूनानी अनुवाद, की रचना वहीं की गई थी। आरंभिक टॉलेमियों ने इसे क्रमबद्ध किया और इसके संग्रहालय के विकास को प्रमुख यूनानीवादिक शिक्षण केंद्र (अलेक्जेंड्रिया पुस्तकालय) में परिणत किया लेकिन उन्होंने अपनी जनसंख्या की तीन प्रमुख जातियों: यूनानी, यहूदी और मिस्री, के अंतर को बनाए रखने में काफी सावधानी बरती.[2] इस विभाजन से बाद में काफी अशांति पैदा हुई, जो 221 से 204 ई.पू. तक शासन करने वाले टॉलेमी फिलोपेटर की अधीनता में अपने आप साफ़ दिखाई देने लगा. 144 से 116 ई.पू. तक शासन करने वाले टॉलेमी अष्टम फिस्कन के शासन काल को परिष्करण और गृह युद्ध द्वारा चिह्नित किया जाता था।[उद्धरण चाहिए]
टॉलेमी अलेक्जेंडर की इच्छा के अनुसार, लेकिन केवल एक सौ साल से भी ज्यादा समय तक रोमन प्रभाव के अधीन रहने के बाद, 80 ई.पू. में यह शहर औपचारिक रूप से रोमन अधिकार में चला गया. टॉलेमी तेरहवें एवं उनके सलाहकारों और प्रसिद्ध रानी क्लियोपेट्रा सप्तम के बीच होने वाले घरेलू गृह युद्ध में एक रोमन हस्तक्षेप के दौरान 47 ई.पू. में जूलियस सीज़र ने इस पर कब्ज़ा कर लिया। इस पर अंत में ऑक्टेवियन, भावी सम्राट ऑगस्टस, ने 1 अगस्त 30 ई.पू. कब्ज़ा किया जिनकी जीत की याद में बाद में आठवें महीने के नाम को बदलकर अगस्त कर दिया गया.[उद्धरण चाहिए]
ईसा के जन्म के 115 वर्ष बाद, यूनानी-यहूदी गृह युद्धों के दौरान अलेक्जेंड्रिया का विशाल खंड नष्ट हो गया जिसने हैड्रियन और उनके वास्तुकार, डेक्रियानस, को इसका पुनर्निर्माण करने का अवसर प्रदान किया। 215 में सम्राट काराकाल्ला ने इस शहर का दौरा किया और वहां के निवासियों द्वारा उन पर कुछ अपमानजनक व्यंग्य किए जाने की वजह से उन्होंने अचानक अपने सैनिकों को उन सभी नवजवानों को मौत के घाट उतार देने का आदेश दे दिया जो हथियार चलाने में सक्षम थे। 21 जुलाई 365 को एक सुनामी (365 का क्रीट भूकंप) की वजह से अलेक्जेंड्रिया तबाह हो गया,[3] इस घटना के दो सौ साल बाद आज भी इस घटना को प्रति वर्ष "संत्रास दिवस" के रूप में याद किया जाता है।[4] चौथी सदी के अंतिम दौर में, बुतपरस्तों पर नव ईसाई रोमनों द्वारा किया जाने वाला उत्पीड़न नई ऊंचाइयों को छू रहा था। 391 में, सम्राट थियोडोसियस प्रथम के आदेश पर पैट्रियार्क थियोफिलस ने अलेक्जेंड्रिया के सभी बुतपरस्त मंदिरों को नष्ट कर दिया. पांचवीं सदी में ब्रुचियम और यहूदी क्वार्टर सुनसान हो गए थे। मुख्यभूमि पर, लग रहा था मानो जिंदगी सेरापियम और सीज़रियम के इर्द-गिर्द केंद्रित हो गई थी जिनमें से दोनों बाद में ईसाई चर्च बन गए। तथापि, फैरोस और हेप्टास्टेडियम क्वार्टरों में अधिक संख्या में रहने वाले लोगों की जनसंख्या ज्यों-कि-त्यों बनी रही और उन्हें अक्षुण्ण छोड़ दिया गया था।[उद्धरण चाहिए]
619 में अलेक्जेंड्रिया ससानिड फारसियों के हाथों में चला गया. हालांकि बाइजेंटीनी सम्राट हेराक्लियस ने 629 में इसे फिर से प्राप्त कर लिया था, लेकिन 641 में जनरल अमर इब्न अल-अस की अधीनता में अरबियों ने चौदह महीनों की घेराबंदी के बाद इस पर कब्ज़ा कर लिया।
1798 में नेपोलियन के मिस्र के अभियान की सैन्य कार्रवाइयों में अलेक्जेंड्रिया प्रमुख रूप से प्रकाश में आया। फ्रांसीसी सैनिकों ने 2 जुलाई 1798 को शहर में तहलका मचा दिया और 1801 में एक ब्रिटिश अभियान के आगमन तक यह उनके हाथों में रहा. 21 मार्च 1801 को अलेक्जेंड्रिया की लड़ाई में अंग्रेजों ने फ्रांसीसियों पर काफी हद तक विजय प्राप्त कर ली थी जिसके बाद उन्होंने शहर की घेराबंदी कर दी जो 2 सितम्बर 1801 को उनके हाथों में आ गया. मोहम्मद अली, मिस्र का तुर्क राज्यपाल, ने 1810 के आसपास अलेक्जेंड्रिया के पुनर्निर्माण और पुनर्विकास का काम शुरू किया और 1850 तक इस शहर ने कुछ हद तक अपनी पुरानी गरिमा को फिर से प्राप्त कर लिया।[5] जुलाई 1882 में ब्रिटिश नौसैन्य बलों ने इस शहर पर बमबारी की और इस पर कब्ज़ा कर लिया। जुलाई 1954 में यह शहर एक इजरायली बमबारी अभियान का निशाना बना जो बाद में लैवोन अफेयर के नाम से मशहूर हुआ। केवल कुछ ही महीने बाद [कब?], अलेक्जेंड्रिया के मंशेया स्क्वायर में जमाल अब्दुल नासेर की हत्या का एक असफल प्रयास किया गया.[उद्धरण चाहिए]
अलेक्जेंड्रिया की सबसे महत्वपूर्ण लड़ाइयों और घेराबंदियों में शामिल हैं:[उद्धरण चाहिए]
अलेक्जेंड्रिया में शुष्क जलवायु (कोपेन जलवायु वर्गीकरण बीडब्ल्यूएच (BWh)) पाई जाती है[6] लेकिन भूमध्य सागरीय क्षेत्रों से होकर बहने वाली प्रबल उत्तरी हवा इस शहर को रेगिस्तानी भीतरी प्रदेश से एक अलग जलवायु प्रदान करती है।[7] शहर की जलवायु में भूमध्यसागरीय (सीएसए (Csa)) विशेषताएं देखने को मिलती हैं, अर्थात् हल्के, परिवर्तनीय वर्षा शीत काल और गर्मी, शुष्क ग्रीष्म काल जो कभी-कभी बहुत ज्यादा आर्द्र हो सकता है; जनवरी और फरवरी का महीना सबसे ठंडा रहता है जिसका दैनिक तापमान की अधिकतम सीमा आम तौर पर 12 से 18 °से. (54 से 64 °फ़ै) है।12 से 18 °से. (54 से 64 °फ़ै) जाड़े के महीनों में अलेक्जेंड्रिया में तेज आंधी, बारिश और कभी-कभी ओले भी पड़ते हैं। जुलाई और अगस्त के महीनों में साल की सबसे ज्यादा गर्मी और सबसे ज्यादा नमी होती है जिसका औसत दैनिक अधिकतम तापमान 30 °से. (86 °फ़ै) होता है।
Alexandria के जलवायु आँकड़ें | |||||||||||||
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माह | जनवरी | फरवरी | मार्च | अप्रैल | मई | जून | जुलाई | अगस्त | सितम्बर | अक्टूबर | नवम्बर | दिसम्बर | वर्ष |
औसत उच्च तापमान °C (°F) | 18.4 (65.1) |
19.3 (66.7) |
20.9 (69.6) |
24.0 (75.2) |
26.5 (79.7) |
28.6 (83.5) |
29.7 (85.5) |
30.4 (86.7) |
29.6 (85.3) |
27.6 (81.7) |
24.1 (75.4) |
20.1 (68.2) |
24.9 (76.8) |
दैनिक माध्य तापमान °C (°F) | 13.8 (56.8) |
14.3 (57.7) |
15.9 (60.6) |
18.7 (65.7) |
21.6 (70.9) |
24.5 (76.1) |
26.3 (79.3) |
26.8 (80.2) |
25.5 (77.9) |
22.7 (72.9) |
19.2 (66.6) |
15.4 (59.7) |
20.4 (68.7) |
औसत निम्न तापमान °C (°F) | 9.1 (48.4) |
9.3 (48.7) |
10.8 (51.4) |
13.4 (56.1) |
16.6 (61.9) |
20.3 (68.5) |
22.8 (73) |
23.1 (73.6) |
21.3 (70.3) |
17.8 (64) |
14.3 (57.7) |
10.6 (51.1) |
15.8 (60.4) |
औसत वर्षा मिमी (इंच) | 55.2 (2.173) |
29.2 (1.15) |
14.3 (0.563) |
3.6 (0.142) |
1.3 (0.051) |
0.01 (0.0004) |
0.03 (0.0012) |
0.1 (0.004) |
0.8 (0.031) |
9.4 (0.37) |
31.7 (1.248) |
52.7 (2.075) |
201.6 (7.937) |
औसत वर्षण दिवस | 11.0 | 8.9 | 6.0 | 1.9 | 1.0 | 0.04 | 0.04 | 0.04 | 0.2 | 2.9 | 5.4 | 9.5 | 46.92 |
स्रोत: World Meteorological Organization (UN)[8] |
यूनानी अलेक्जेंड्रिया को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया था:
पंक्तिबद्ध स्तंभश्रेणी युक्त और कथित रूप से लगभग 60 मीटर (200 फीट) चौड़ी दो मुख्य सड़कें शहर के बीच में एक दूसरे से होकर गुजरती थीं जो उस स्थल के निकट था जहां सिकंदर के सेमा (या सोमा) (उनकी समाधि) का स्थित था। यह स्थल नेबी डैनियल की वर्तमान मस्जिद के काफी निकट स्थित है; और साथ में यह महान ईस्ट-वेस्ट "कैनोपिक" सड़क की पंक्ति के भी काफी निकट है जो आधुनिक बौलवार्ड डी रोसेट (अब शरिया फौआद) से सिर्फ थोड़ा सा हटा हुआ है। रोसेटा गेट के पास इसके फीटपाथ और नहर के निशान पाए गए हैं लेकिन सड़कों और नहरों के अवशेषों का अनावरण पूर्वी दुर्गों के बाहर जर्मन उत्खनकों द्वारा 1899 में हुआ था जो प्राचीन शहर क्षेत्र के भीतर काफी अच्छी स्थिति में था।
अलेक्जेंड्रिया में मूल रूप से फैरोस के द्वीप से थोड़ा अधिक क्षेत्र शामिल था जिसे लगभग एक मील लम्बे एक टीले के द्वारा मुख्य भूमि से जुड़ा हुआ था और जिसे हेप्टास्टेडियन ("सात स्टेडियम" - स्टेडियम, यूनान में प्रचलित लम्बाई की एक इकाई थी जो लगभग 180 मीटर के समतुल्य था). इसका अंतिम सिरा वर्तमान ग्रैंड स्क्वायर के शीर्ष स्थल की भूमि से सटा हुआ था जहां "मून गेट" स्थित था। वे सब अब उस स्थल और गाद पर बने आधुनिक "रास अल-टीन" क्वार्टर के बीच स्थित है जो धीरे-धीरे फैलता गया और इस टीले का नामोनिशान मिटा दिया. "रास अल-टीन" उन सभी का प्रतिनिधित्व करता है जो फैरोस के द्वीप पर शेष रह गए हैं जो समुद्र के प्रभाव से समाप्त होने वाले वास्तविक प्रकाशस्तंभ का स्थल है। टीले के पूर्व दिशा में ग्रेट हार्बर स्थित था जो अब एक खुली खाड़ी है; पश्चिम में यूनोस्टोस बंदरगाह और उसका आतंरिक बेसिन किबोटोस स्थित था जो अब काफी विस्तृत होकर आधुनिक बंदरगाह स्थल का रूप धारण कर चुका है।
स्ट्रैबो काल (ईसा पूर्व पहली सदी की उत्तरार्ध अवधि) की प्रमुख इमारतों का विवरण उसी क्रम में नीचे प्रस्तुत किया गया है जिस क्रम में उन्हें ग्रेट हार्बर में प्रवेश करने वाले जहाज से देखा जा सकता था।
मुख्य भूमि पर स्थित कुछ अन्य सार्वजनिक इमारतों के नाम ज्ञात है लेकिन उनकी वास्तविक अवस्थिति के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। हालांकि, उनमें से कोई भी इमारत फैरोस द्वीप के पूर्वी क्षेत्र में स्थित इमारतों की तरह प्रसिद्ध नहीं है। वहां, दुनिया के सात अजूबों में से एक, द ग्रेट लाईटहाउस, की स्थिति का पता चला जो 138 मीटर (450 फीट) ऊंचा होने की वजह से काफी मशहूर था। टॉलेमी प्रथम ने इस परियोजना को शुरू किया था और टॉलेमी द्वितीय ने इसे पूरा किया था जिसके निर्माण में कुल 800 टैलेंट खर्च हुआ था। इसे पूरा होने में 12 साल लग गए और इसने दुनिया के सभी परवर्ती प्रकाशस्तंभों के एक प्रोटोटाइप के रूप में अपने सेवा प्रदान की. शीर्ष पर स्थित एक भट्ठी से प्रकाश उत्पन्न होता था और इसका टॉवर ज्यादातर चूना-पत्थर एक ठोस ब्लॉकों से निर्मित था। फैरोस प्रकाशस्तम्भ 14वीं सदी में आए एक भूकंप में नष्ट हो गया था, ग्रेट पिरामिड ऑफ़ गीज़ा (गीज़ा का विशाल पिरामिड) के बाद सबसे ज्यादा दिनों तक बचा रहने वाला यह दूसरा प्राचीन अजूबा था। फैरोस में टीले के शीर्ष स्थल पर हेफास्टस का एक मंदिर भी था।
पहली सदी में, अलेक्जेंड्रिया की जनसंख्या में बहुत बड़ी संख्या में मुक्त दासों, महिलाओं, बच्चों और दासों के अलावा, 180,000 से अधिक व्यस्क पुरुष नागरिक (ईसा के जन्म के 32 वर्ष बाद के एक पेपाइरस से) शामिल थे। 500,000 से लेकर 1,000,000 से भी अधिक की अनुमानित कुल जनसंख्या के आधार पर यह औद्योगिक क्रांति से पहले निर्मित उस वक्त तक के सबसे बड़े शहरों में से एक था और ऐसा सबसे बड़ा पूर्व-औद्योगिक शहर था जो एक शाही राजधानी नहीं था।
प्राचीन काल में अलेक्जेंड्रिया में लगातार युद्ध होते रहने की वजह से वर्तमान काल में इस प्राचीन शहर का बहुत कम हिस्सा बचा रह गया है। भूकंप अवतलन (धंसने की क्रिया) की वजह से अधिकांश शाही और नागरिक क्वार्टर बंदरगाह-स्थल के नीचे दब चुके हैं और शेष क्वार्टरों का निर्माण आधुनिक काल में हुआ है।
अलेक्जेंड्रिया का "पॉम्पी'स पिल्लर" (पॉम्पी का खम्भा), एक रोमन विजय स्तम्भ, सबसे ज्यादा प्रसिद्ध प्राचीन स्मारकों में से एक है जो आज भी वहां मौजूद है। यह अलेक्जेंड्रिया के प्राचीन एक्रोपोलिस (दुर्ग) — शहर के अरबी कब्रिस्तान के निकट स्थित एक मामूली पहाड़ी — पर स्थित है और यह वास्तव में एक मंदिर की स्तंभश्रेणी का हिस्सा था। आधारतल सहित इसकी ऊंचाई 30 मीटर (99 फीट) है; इसका शाफ्ट पॉलिश्ड लाल ग्रेनाइट का बना है, जिसके आधार का व्यास 2.7 मीटर है जो ऊपर की तरफ कम होते-होते शीर्ष पर केवल 2.4 मीटर रह जाता है। ग्रेनाइट के केवल एक ही टुकड़े से बने इस शाफ्ट की ऊंचाई 88 फीट है। यह 132 घन मीटर या लगभग 396 टन होगा.[9][10] पॉम्पी के खम्भे को उन्हीं तरीकों का इस्तेमाल करके खड़ा किया गया होगा जिन तरीकों का इस्तेमाल प्राचीन चतुष्कोणिक स्तंभों को खड़ा करने में किया गया था। रोमनों के पास क्रेनें थी लेकिन उनमें इस तरह के भारी-भरकम खंड को उठाने लायक मजबूती नहीं थी। रोजर हॉपकिंस और मार्क लेर्नर ने चतुष्कोणिक स्तंभों को खड़ा करने के लिए कई प्रयोग किए जिनमें से उन्होंने 1999 में 25 टन वाले एक चतुष्कोणिक स्तम्भ को खड़ा करने के प्रयोगों में सफलता प्राप्त की. इसके बाद छोटे-छोटे चतुष्कोणिक स्तंभों को सीधा खड़ा करने के लिए दो प्रयोग किए गए और 25 टन वाले एक चतुष्कोणिक स्तम्भ को खड़ा करने के दो असफल प्रयास किए गए।[11][12] बुतपरस्ती के सर्वनाश के सन्दर्भ में एक बिशप द्वारा आदेश जारी किए जाने पर चौथी सदी में इस संरचना को लूट लिया गया और ध्वस्त कर दिया गया. "पॉम्पी'स पिल्लर" एक मिथ्या नाम है क्योंकि पॉम्पी के साथ इसका कोई लेना-देना नहीं है, जिसे 293 में शायद डोमिटियस डोमिटियानस के विद्रोह की याद में, डायोक्लेटियन के लिए बनवाया गया था। खुद एक्रोपोलिस के नीचे सेरापियम के भूमिगत अवशेष दबे पड़े हैं, जहां सेरापिस देवता के गूढ़ तथ्यों को अधिनियमित किया गया था और जिसके नक़्क़ाशीदार दीवारीय स्थलों ने मान्यतानुसार प्राचीन पुस्तकालय के लिए बहुतायत भंडार स्थल प्रदान किया है।
अलेक्जेंड्रिया भूगर्भ कब्रिस्तान, जिसे कोम अल-शोकाफा के नाम से जाना जाता है, इस खम्भे से दक्षिण पश्चिम दिशा में कुछ दूरी पर स्थित है, जिसमें एक बहु-स्तरीय भूलभुलैया है, जहां तक एक विशाल घुमावदार सीढ़ी के माध्यम से पहुंचा जा सकता है, जहां मूर्तिकलात्मक खम्भों, मूर्तियों और अन्य समधर्मी रोमानो-मिस्री धार्मिक प्रतीकों, कब्र स्थलों और पत्थर के ताबूतों से सुसज्जित दर्जनों कक्षों के साथ-साथ रोमन-शैली के आधार पर निर्मित एक विशाल प्रीतिभोज कक्ष भी है जहां मृतक के रिश्तेदारों द्वारा मृतक की याद में भोजन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता था। 1800 के दशक में संयोगवश भूगर्भ कब्रिस्तान की खोज होने तक नागरिक इसे काफी लम्बे समय से इसे भुलाए हुए थे।
अलेक्जेंड्रिया के वर्तमान में चल रही सबसे व्यापक प्राचीन खुदाई को कोम अल-डिक्का के नाम से जाना जाता है और इससे इस प्राचीन शहर के सुसंरक्षित नाट्यशाला का पता चला है और इसके रोमनकालीन स्नान कुंड के अवशेष भी मिले हैं।
अलेक्जेंड्रिया की प्राचीनकालीन वस्तुओं का पता लगाने के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं। स्थानीय पुरातात्त्विक समाज और कई लोगों, विशेष रूप से इस शहर को अपने देश के इतिहास का एक गौरव मानकर गर्व करने वाले यूनानियों ने, इस कार्य में अपना प्रोत्साहन और सहयोग प्रदान किया है।
संग्रहालय के पूर्व और वर्तमान निदेशकों को समय-समय पर अवसर मिलने पर व्यवस्थित ढ़ंग से खुदाई कार्य करने की क्षमता प्रदान की जाती है; डी. जी. होगार्थ ने 1895 में सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ़ हेलेनिक स्टडीज़ (यूनानी संवर्धन अध्ययन प्रोत्साहन समाज) और इजिप्ट एक्सप्लोरेशन फंड (मिस्र अन्वेषण निधि) की तरफ से जांच के तौर पर कुछ शोध किए; और एक जर्मन अभियान पर दो साल (1898–1899) तक काम होता रहा. लेकिन अलेक्जेंड्रिया में असफल उत्खनक को दो मुश्किलों: खुदाई के लिए जगह की कमी और कुछ रूचिपूर्ण क्षेत्रों के कार्य-स्थल का पानी के नीचे होना, का सामना करना पड़ा.
एकदम से प्राचीन शहर के ऊपर वर्तमान विशाल और विकासशील आधुनिक शहर के स्थित होने की वजह से, केवल अत्यधिक खर्च के अलावा, खुदाई करने लायक कोई पर्याप्त जगह मिलना असंभव है। ईसा के जन्म के पश्चात् चौथी सदी में क्लियोपेट्रा सप्तम के शाही क्वार्टर भूकम्पों और ज्वारीय लहरों में जलमग्न हो गए जिससे ये धीरे-धीरे धंसने लगे.[13] इस जलमग्न भाग का खुलासा 1992 में हुआ जिसमें यूनानीवादिक शहर के महल के क्वार्टर सहित कई सबसे दिलचस्प भाग शामिल थे और फ़्रांसिसी जलमग्न पुरातत्वविद् फ्रैंक गोडियो और उनके दल के लोग अभी भी बड़े पैमाने पर इसकी छानबीन कर रहे हैं।[14] इसमें सीज़रियन का एक उल्लेखनीय सिर बरामद हुआ। कुछ विवादों के बावजूद इन्हें पर्यटकों के लिए खोला जा रहा है।[15] अधिकांश खुले स्थान उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम की तरफ स्थित निचली जमीन है जहां रोमन स्तर से नीचे जाना व्यवहारिक रूप से असंभव है।
"पॉम्पी के खम्भे" के पड़ोस में संग्रहालय के स्वर्गवासी निदेशक, डॉ॰ जी. बोटी, ने सबसे महत्वपूर्ण कामयाबी हासिल की जहां काफी परिमाण में खुली जमीन उपलब्ध है। यहां एक बड़े भवन या भावों के समूह की उपसंरचनाएं उजागर हुई हैं जो शायद सेरापियम का हिस्सा है। पास में, विशाल भूगर्भ कब्रिस्तान और कोलम्बरिया खोला गया है जो मंदिर के बाहरी हिस्से हो सकते हैं। इनमें एक बहुत उल्लेखनीय गुम्बज शामिल है जिस पर कौतूहल पैदा करने वाली चित्रांकित नक्काशी की गई थी जिसे अब कृत्रिम रूप से प्रकाशित किया गया है और आगतुकों के लिए खोल दिया गया है।
अनुसंधानों में प्राप्त वस्तुओं को संग्रहालय में रखा गया है जिसमें से सबसे उल्लेखनीय वस्तु बेसाल्ट से बना एक विशाल बैल है जो शायद कभी सेरापियम में एक उपासना योग्य वस्तु थी। अन्य भूगर्भ कब्रिस्तान और कब्रों को कोम अल-शोकाफा (रोमन) और रास अल-टीन (चित्रांकित) में खोल दिया गया है।
जर्मन खुदाई दल को शहर के उत्तर-पूर्व में एक टॉलेमिक स्तंभश्रेणी और सड़कों के अवशेष, लेकिन बहुत कम, मिले. होगार्थ ने कोम अल-डिक्का के टीले के अन्दर स्थित एक विशाल ईंट संरचना के हिस्से का पता लगाया जो पेनियम, मौसोलिया, या एक रोमन किले का हिस्सा हो सकता है।
नई अबरी (तट का अगला भाग) का निर्माण करने के लिए पैट्रियार्कल चर्च के अवशेषों का तलकर्षण हुआ; और आधुनिक इमारतों की नींव रखने के दौरान शायद ही कभी किसी प्राचीनकालीन वस्तु का पता न लगता हो। इसमें कोई संदेह नहीं है कि जमीन के भीतर काफी धन दबा पड़ा है; लेकिन हर कोशिश करने के बावजूद पुरावेत्ताओं को अलेक्जेंड्रिया में संग्रहालय और "पॉम्पी के खम्भे" के पड़ोस के बाहर ज्यादा कुछ देखने को नहीं मिला है। हालांकि, देशी-कब्र लुटेरों, सु-गोताखोरों, निकर्षकों और इसी तरह के अन्य माध्यमों से समय-समय पर मूल्यवान वस्तुओं का पता चला है जिनमें से अधिकांश को निजी संग्रह में रखा गया है।
आधुनिक अलेक्जेंड्रिया को छः जिलों में विभाजित किया गया है:
महानगरीय अलेक्जेंड्रिया का निर्माण करने वाले अलेक्जेंड्रिया के प्रशासनिक विभाग अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत दो शहर भी आते हैं:
अगामी, अम्रेया, एनफूशी, असाफ्रा, अटारिन, अजारिटा (उर्फ माजारिटा ; मूलतः लाज़ारेट), बाब सिड्रा, बहारी, बाक्चस, बोल्क्ली (बोक्ला), बुर्ग अल-अरब, कैम्प शेजार, क्लियोपेट्रा, डेखीला, डाउनटाउन, ईस्टर्न हार्बर, फ्लेमिंग, गब्बारी (उर्फ: क़ब्बारी, क़ुब्बारी, कब्बारी), गियानाक्लिस, ग्लीम (ग्लीमेनोपूलस का संक्षिप्त रूप), गुम्रोक (उर्फ: अल-गोम्रोक), हादरा, इब्राहिमिया, किंग मैरियट, काफर अब्दु, कार्मूस, जिसे कार्मूज़ के नाम से भी जाना जाता है, कोम-एल डिक (उर्फ कोम अल-डेक्का), लब्बान, लौरेंट, लौरन, मामूरा बीच, मामूरा, माफ्रूज़ा, मंदारा, मंशिया, मेक्स, मियामी, मोंताज़ा, मुहर्रम बेय, मुस्तफा कामेल, राम्लेह (उर्फ एल राम्ल), रास अल-टिन, रश्डी, सबा पाशा, सैन स्टेफानो, शत्बी, शट्ज़, सिदी बिशर, सिदी गैबर, स्मूहा, स्पोर्टिंग, स्टेनली, सियूफ़, थार्वट, विक्टोरिया, वार्डेयन, वेस्टर्न हार्बर और ज़िज़िनिया.
रोम के बाद अलेक्जेंड्रिया को दुनिया में ईसाई धर्म का एक प्रमुख केंद्र माना जाता था। अलेक्जेंड्रिया के पोप, द्वितीय अमंग इक्वल्स (समकक्ष श्रेष्ठ व्यक्तियों में दूसरा स्थान पाने वाला) थे, जो रोम के बिशप के बाद दूसरे श्रेष्ठ व्यक्ति थे, जो 430 तक रोमन साम्राज्य की राजधानी थी। अलेक्जेंड्रिया के चर्च के अधिकार क्षेत्र में सम्पूर्ण अफ्रीका महाद्वीप शामिल था। ईसा के जन्म के 451 वर्ष बाद चाल्सीडन परिषद् की तरह अलेक्जेंड्रिया के चर्च को मियाफिसाइट्स और मेल्काइट्स में विभाजित कर दिया गया। मियाफिसाइट्स ने जिस चर्च का निर्माण किया उसे आज अलेक्जेंड्रिया के कॉप्टिक रूढ़िवादी चर्च के नाम से जाना जाता है। मेल्काइट्स ने जिस चर्च का निर्माण किया उसे आज अलेक्जेंड्रिया के यूनानी रूढ़िवादी चर्च के नाम से जाना जाता है। 19वीं सदी में, कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट मिशनरियों ने रूढ़िवादी चर्चों के अनुयायियों में से कुछ के धर्मों को अपने-अपने धर्मों में तब्दील कर दिया।
आज, पोप ऑफ़ कॉप्टिक रूढ़िवादी चर्च का कुलपति केंद्र, राम्लेह में स्थित सेंट मार्क कैथेड्रल है। अलेक्जेंड्रिया के सबसे महत्वपूर्ण कॉप्टिक रूढ़िवादी चर्चों में क्लियोपेट्रा का पोप साइरिल फर्स्ट चर्च, स्पोर्टिंग का सेंट जॉर्ज्स चर्च, सिदी बिशर का सेंट मार्क एण्ड पोप पीटर फर्स्ट चर्च, असाफ्रा का सेंट मैरी चर्च, गियानाक्लिस का सेंट मैरी चर्च, फ्लेमिंग का सेंट मीना चर्च, मंदारा का सेंट मीना चर्च और इब्राहिमिया का सेंट टेकल हेमैनट चर्च शामिल हैं।
अलेक्जेंड्रिया के सबसे महत्वपूर्ण यूनानी रूढ़िवादी चर्च, सेंट अनार्गिरी चर्च, चर्च ऑफ़ द एनन्सिएशन, सेंट एंथनी चर्च, आर्केंजल्स गैब्रियल एण्ड माइकल चर्च, सेंट कैथरीन चर्च, मंशेया का कैथेड्रल ऑफ़ द डोर्मिशन, चर्च ऑफ़ द डोर्मिशन, प्रोफेट एलिजाह चर्च, सेंट जॉर्ज्स चर्च, इब्राहिमिया का चर्च ऑफ़ द इमैक्यूलेट कॉन्सेप्शन, फ्लेमिंग का सेंट जोसफ चर्च, सेंट जोसफ ऑफ़ एरिमाथिया चर्च, राम्लेह का सेंट मार्क एण्ड सेंट नेक्टैरियस चैपल, सेंट निकोलस चर्च, सेंट पारस्केवी चर्च, राम्लेह का सेंट सावा कैथेड्रल और सेंट थियोडोर चैपल हैं। यूनानी रूढ़िवादी चर्च से मेल खाने वाले धार्मिक संप्रदाय में अलेक्जेंड्रिया के रूसी रूढ़िवादी सेंट अलेक्जेंडर नेवस्की चर्च का प्रमुख स्थान है जो शहर में रहने वाले रूसी बोलने वाले समुदाय को अपनी सेवा प्रदान करता है।
लैटिन कैथोलिक संस्कारों का पालन करने वाले चर्चों में मंशेया का सेंट कैथरीन चर्च और क्लियोपेट्रा का चर्च ऑफ़ द जेसुइट्स शामिल है।
कॉलेज सेंट मार्क के हिस्से के रूप में प्राप्त, शत्बी का सेंट मार्क चर्च बहुआयामी है और यहां पर लैटिन कैथोलिक, कॉप्टिक कैथोलिक और कॉप्टिक रूढ़िवादी संस्कारों के अनुसार पूजा-प्रार्थना किया जाता है।
अलेक्जेंड्रिया के अधिकांश नागरिक इस्लाम धर्म का पालन करते हैं। अलेक्जेंड्रिया का सबसे प्रसिद्ध मस्जिद, एनफूशी का अबू अल-अब्बास अल-मुर्सी मस्जिद है। शहर के अन्य उल्लेखनीय मस्जिदों में सोमूहा का अली इब्न अबी तालिब मस्जिद, बिलाल मस्जिद, मंदारा का अल-गामी अल-बहारी, सोमूहा का हातेम मस्जिद, सिदी बिशर का होदा अल-इस्लाम मस्जिद, हादरा का अल-मोवासाह मस्जिद, मियामी का शर्क अल-मदीना मस्जिद, मुस्तफा कामेल का अल-शोहादा मस्जिद, क़ईद इब्राहिम मस्जिद, ज़िज़िनिया का येहिया मस्जिद, सिदी गैबर का सिदी गैबर मस्जिद और सुल्तान मस्जिद शामिल हैं।
1950 और 1960 के दशकों में अरब राष्ट्रवादी आन्दोलन के प्रभावस्वरूप अधिकांश यहूदियों के इजराइल, फ़्रांस, ब्राजील और अन्य देशों में पलायन करने के बाद अलेक्जेंड्रिया एक बार बहुत समृद्ध यहूदी समुदाय अब लगभग विलुप्त हो गया है। अलेक्जेंड्रिया का सबसे महत्वपूर्ण यहूदी उपासनागृह, एलियाहू हनावी सिनगॉग है।
अलेक्जेंड्रिया में असंख्य उच्च शिक्षा संस्थान हैं। अलेक्जेंड्रिया विश्वविद्यालय एक सार्वजानिक विश्वविद्यालय है जो मिसरी उच्च शिक्षा प्रणाली का अनुसरण करता है। इसके कई फैकल्टियों (शिक्षकों), ख़ास तौर पर इंजीनियरिंग के फैकल्टियों, का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी नाम है। इसके अलावा, अरब विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और समुद्री परिवहन अकादमी एक अर्ध-निजी शिक्षण संस्थान है जो उच्च विद्यालय के साथ-साथ पूर्वस्नातक स्तर के छात्रों के लिए भी पाठ्यक्रमों की पेशकश करता है। यूनिवर्सिटी सेंघर (Université Senghor) एक निजी फ़्रांसिसी विश्वविद्यालय है जो मानविकी, राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के अध्यापन पर ध्यान केन्द्रित करता है और जो मुख्य रूप से अफ़्रीकी महाद्वीप के छात्रों को अपना लक्ष्य बनाता है। अलेक्जेंड्रिया के अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में अलेक्जेंड्रिया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एआईटी (AIT)) और फैरोस यूनिवर्सिटी इन अलेक्जेंड्रिया शामिल हैं।
अलेक्जेंड्रिया के विदेशी शिक्षण संस्थानों का एक बहुत लंबा इतिहास है। पहले विदेशी विद्यालयों का समयकाल 19वीं सदी का आरंभिक दौर है, जब फ़्रांसिसी मिशनरियों ने मिस्रवासियों को शिक्षित करने के लिए फ़्रांसिसी धर्मार्थ विद्यालयों की स्थापना करना शुरू किया था। आज, अलेक्जेंड्रिया में कैथोलिक मिशनरियों द्वारा चलाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण फ़्रांसिसी विद्यालयों में कॉलेज डे ला मेर डी डियू, कॉलेज नोट्रे डेम डी सायन, कॉलेज सेंट मार्क, इकोलेस डेस सोयूर्स फ्रंसिस्कैंस (4 अलग-अलग विद्यालय), इकोले जेरार्ड, इकोले सेंट-विन्सेंट डी पॉल, इकोले सेंट जोसफ, इकोले सैंटे कैथरीन और इंस्टिट्यूशन सैंटे जियान-एंटाइड शामिल हैं। फ़्रांसिसी धार्मिक संस्थाओं की स्थापना के प्रतिक्रियास्वरूप, एक धर्मनिरपेक्ष (लौकिक) मिशन ने लाइसी अल-होर्रेया की स्थापना की, जिसने शुरू में एक फ़्रांसिसी शिक्षण प्रणाली का अनुसरण किया लेकिन वर्तमान में यह मिस्र की सरकार द्वारा चलाया जाने वाला एक सार्वजानिक विद्यालय है। अलेक्जेंड्रिया में पूरी तरह फ़्रांसिसी शिक्षा प्रणाली का अनुसरण करने वाला एकमात्र विद्यालय इकोले चैम्पोलियन है। यहां आम तौर पर अलेक्जेंड्रिया के फ़्रांसिसी विशेषज्ञों और राजनयिकों के बच्चे ही अक्सर आते हैं।
अलेक्जेंड्रिया में अंग्रेजी विद्यालयों की संख्या बहुत कम है और फ़्रांसिसी विद्यालयों की तुलना में इनकी स्थापना अभी हाल ही में हुई है। इस शहर के सबसे महत्वपूर्ण अंग्रेजी भाषी विद्यालयों में अलेक्जेंड्रिया अमेरिकन स्कूल, ब्रिटिश स्कूल ऑफ़ अलेक्जेंड्रिया, इजीप्शियन अमेरिकन स्कूल, मॉडर्न अमेरिकन स्कूल, सेक्रेड हार्ट गर्ल्स स्कूल (एसएचएस (SHS)), शट्ज़ अमेरिकन स्कूल, विक्टोरिया कॉलेज,
अल मनार लैंग्वेज स्कूल ऑफ़ गर्ल्स (एम.ई.जी.एस. (M.E.G.S.)) (जिसे पहले स्कॉटिश स्कूल फॉर गर्ल्स कहा जाता था), कौमेया लैंग्वेज स्कूल (केएलएस (KLS)), अल नस्र बॉयज स्कूल (ईबीएस (EBS)) और अल नस्र गर्ल्स कॉलेज (ईजीसी (EGC)) शामिल हैं। इनमें से अधिकांश विद्यालयों को नासेर युग के दौरान राष्ट्रीयकृत किया गया है और वर्तमान में ये मिस्र के शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित मिस्री सार्वजानिक विद्यालय बन गए हैं।
अलेक्जेंड्रिया का एकमात्र विद्यालय ड्यूश श्यूल डेर बोर्रोमैरिन्नेन (डीएसबी (DSB) ऑफ़ सेंट चार्ल्स बोर्रोमी) है।
अलेक्जेंड्रिया में माँटेसरी शिक्षा प्रणाली की शुरुआत सबसे पहले 2009 में अलेक्जेंड्रिया माँटेसरी में की गई थी।
ध्यान दें: अलेक्जेंड्रिया के सबसे उल्लेखनीय विद्यालयों में अल अबासिया हाई स्कूल, जमाल अब्दुल नासेर हाई स्कूल और अल मनार इंग्लिश लैंग्वेज स्कूल फॉर गर्ल्स शामिल हैं।
अलेक्जेंड्रिया में बोर्ग अल अरब एयरपोर्ट द्वारा हवाई सेवा प्रदान की जाती है जो शहर के केंद्र से लगभग 25 किमी की दूरी पर स्थित है।
मार्च 2010 में, पूर्व हवाई अड्डे, अलेक्जेंड्रिया इंटरनैशनल एयरपोर्ट को वाणिज्यिक संचालनों के लिए बंद कर दिया गया और सभी एयरलाइनों का संचालन बोर्ग अल अरब एयरपोर्ट के माध्यम से होने लगा जहां फरवरी 2010 में एक ब्रांड नवीन टर्मिनल का निर्माण कार्य संपन्न हुआ।[16]
इस शहर में रेलवे मार्ग का विस्तार "मिस्र स्टेशन"; जो अलेक्जेंड्रिया का मुख्य रेलवे स्टेशन है, से लेकर अबू क़िर तक है।
रेलवे स्टेशनों में शामिल हैं:
1860 में एक व्यापक ट्राम मार्ग नेटवर्क का निर्माण किया गया था जो अफ्रीका का सबसे पुराना ट्राम मार्ग नेटवर्क है।
बस और मिनीबस.
बंदरगाह को निम्नलिखित दो भागों में बांटा गया है:
मिस्र के अलेक्जेंड्रिया का रॉयल लाइब्रेरी ऑफ़ अलेक्जेंड्रिया किसी समय दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय था। आम तौर पर ऐसा माना जाता है कि इसकी स्थापना मिस्र के टॉलेमी द्वितीय के शासनकाल के दौरान, ईसा पूर्व तीसरी सदी के आरम्भ में हुई थी। इसका निर्माण शायद उनके पिता द्वारा लाइब्रेरी कॉम्प्लेक्स, म्यूजेज़ का मंदिर — म्यूज़ियन, यूनानी Μουσείον (जिससे आधुनिक अंग्रेजी शब्द म्यूज़ियम उत्पन्न हुआ है) — के पहले भाग का निर्माण करने के बाद हुआ था।
अब यह यथोचित रूप से प्रमाणित हो गया है कि यह लाइब्रेरी, या इसके संग्रह के हिस्से, कई बार आग लगने से नष्ट हो गए थे (पुस्तकालय में आग लगना आम बात थी और जल चुकी हस्तलिखित पांडुलिपियों को प्रतिस्थापित करने का काम काफी मुश्किल, महंगा और काफी समय लगने वाला काम था). विनाश (या विनाशों) के बारे में अब तक प्राप्त विवरण, विवाद का एक जीवंत स्रोत बनकर रह गए हैं। बिब्लियोथेका अलेक्जेंड्रिना का उद्घाटन पुरानी लाइब्रेरी के साइट के पास 2003 में किया गया था।
इस संग्रहालय को पुराने अल-साद बसिली पाशा पैलेस में स्थापित किया गया है जो अलेक्जेंड्रिया के सबसे अमीर लकड़ी व्यापारियों में से एक थे। इस स्थल पर निर्माण कार्य की शुरुआत सबसे पहले 1926 में की गई थी।
अफ्रीका और मिस्र के शेष हिस्सों की तरह अलेक्जेंड्रियावासियों का रूचिकर मुख्य खेल-कूद भी फुटबॉल ही है। अलेक्जेंड्रिया स्टेडियम, मिस्र के अलेक्जेंड्रिया का एक बहुउद्देशीय स्टेडियम है। वर्तमान में इसका इस्तेमाल ज्यादातर फुटबॉल मैचों के लिए किया जाता है और इसका इस्तेमाल 2006 अफ्रीकन कप ऑफ़ नेशंस के लिए किया गया था। यह स्टेडियम मिस्र और अफ्रीका का सबसे पुराना स्टेडियम है जिस्म निर्माण 1929 में हुआ था। इस स्टेडियम में 20,000 लोगों के लिए जगह है। अलेक्जेंड्रिया, जनवरी 2006 में आयोजित अफ्रीकन कप ऑफ़ नेशंस की मेजबानी में भाग लेने वाले तीन शहरों में से एक था जिसे (अफ्रीकन कप ऑफ़ नेशंस को) मिस्र ने जीता था। सर्फिंग, जेट-स्कींग और वॉटर पोलो जैसे समुद्री खेल-कूदों का अभ्यास बहुत कम पैमाने पर किया जाता है।
अलेक्जेंड्रिया में चार स्टेडियम हैं:
टेनिस और स्क्वैश जैसे अन्य कम लोकप्रिय खेल-कूदों को आम तौर पर निजी सामाजिक और स्पोर्ट्स क्लबों में खेला जाता है, जैसे:
अलेक्जेंड्रिया में साइकिल इजिप्ट ग्रुप द्वारा हर सप्ताह शुक्रवार को साइक्लिंग कार्निवल का भी आयोजन होता है जिसके लिए साइकिल चलाने का शौक रखने वाले लोग हर शुक्रवार की सुबह को वहां इकठ्ठा होते हैं और अल कोउर्निचे से होते हुए अल मोंताज़ा से लेकर अल क़ला तक या गर्मियों में बिब्लियोथेका अलेक्जेंड्रिना तक साइकिल चलाते हैं।
अलेक्जेंड्रिया के आधुनिक साहित्य पर दो लेखकों की छाप है जिनमें से एक, अलेक्जेंड्रिया में जन्म लेने वाले यूनानी कवि, सी.पी. कैवेफी और दूसरे, इन्डियन मूल के अंग्रेज़ और द अलेक्जेंड्रिया क्वार्टेट के लेखक, लॉरेंस डुरेल हैं। कैवेफी ने अपनी कविता में यूनानी इतिहास और पौराणिक कथाओं और अपनी समलैंगिकता को समाविष्ट किया। डुरेल ने मानव इच्छाओं का पता लगाने के लिए एक परिदृश्य के रूप में इस सर्वदेशीय नगर का इस्तेमाल किया। नागुइब महफूज़ का मिरामर, अलेक्जेंड्रिया में सेट किए गए अरबी उपन्यासों के लिए काफी प्रसिद्ध है। 2000 के दशक में, जॉन कॉर्टने ग्रीमवुड, कि लाँगफेलो और कीथ मिलर जैसे लेखकों ने एक काल्पनिक कहानी की सेटिंग के रूप में अलेक्जेंड्रिया का इस्तेमाल किया है।
अलेक्जेंड्रिया, मध्य पूर्व का एक मुख्य ग्रीष्मकालीन रिज़ॉर्ट (घूमने-फिरने की जगह) है जहां धूप और समुद्र का मजा लेने के लिए अन्य सभी शहरों के लोग घूमने आते हैं। गर्मियों में यहां का बीच (समुद्र तट) छतरियों और परिवारों से भर जाता है और शहर में आम तौर पर लोगों की भीड़ इकठ्ठा होने लगती है। इस शहर में सार्वजानिक बीच (जिसका इस्तेमाल कोई भी मुफ्त में कर सकता है और आम तौर पर यहां लोगों की काफी भीड़ जमा होती है) के साथ-साथ निजी बीच (जिसका इस्तेमाल एक छोटा सा शुल्क का भुगतान करके किया जा सकता है) भी उपलब्ध है। यहां कुछ ऐसे भी निजी बीच हैं जो केवल कुछ होटलों के मेहमानों के लिए समर्पित हैं।
निम्न शहरों के साथ अलेक्जेंड्रिया का जुड़वां सम्बन्ध है:
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