फ़्रान्स या फ्रांस (आधिकारिक तौर पर फ़्रान्स गणराज्य ; फ़्रान्सीसी: République française) पश्चिम यूरोप में स्थित एक देश है किन्तु इसका कुछ भूभाग संसार के अन्य भागों में भी हैं। पेरिस इसकी राजधानी है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है, जो उत्तर में बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, पूर्व में जर्मनी, स्विट्ज़रलैण्ड, इटली, दक्षिण-पश्चिम में स्पेन, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्यसागर तथा उत्तर पश्चिम में इंग्लिश चैनल द्वारा घिरा है। इस प्रकार यह तीन ओर सागरों से घिरा है।
फ़्रान्स गणराज्य République française (फ़्रान्सीसी) |
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राष्ट्रवाक्य: Liberté, Égalité, Fraternité "स्वतन्त्रता, समानता, बन्धुत्व" |
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राष्ट्रगान: “ला मर्सेइल्लैसे” | ||||||
महानगरीय फ़्रान्स (गहरे हरे रंग में), यूरोपीय संघ (हरे रंग में), यूरोप (हरे और गहरे भूरे रंग में)
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विश्व में ' के क्षेत्र |
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राजधानी और सबसे बड़ा नगर | पेरिस 48°52′N 2°19.59′E | |||||
राजभाषा(एँ) | फ़्रान्सीसी | |||||
धर्म | 63-66% ईसाई 7-9% मुसलमान 0.5-0.75% बौद्ध 0.5-0.75% यहूदी 0.5-1.0% अन्य 23-28% नास्तिक |
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निवासी | फ्रांसीसी | |||||
सरकार | एकीय अर्द्ध अध्यक्षीय गणराज्य | |||||
- | राष्ट्रपति | एमानुएल मैक्रोन | ||||
- | प्रधानमन्त्री | एडवर्ड फिलिप | ||||
विधान मण्डल | संसद | |||||
- | उच्च सदन | सीनेट | ||||
- | निम्न सदन | राष्ट्रीय परिषद | ||||
गठन | ||||||
- | वेर्दुन सन्धि | ८४३ | ||||
- | फ़्रान्सीसी क्रान्ति | १७८९ | ||||
- | पाँचवां गणराज्य | १९५८ | ||||
क्षेत्रफल | ||||||
- | कुल[1] | ६,७४,८४३ km2 (४३वाँ) | ||||
- | महानगरीय फ़्रान्स | |||||
- आईजीएन[2] | ५,५१,६९५ km2 (४७ वां) | |||||
- कडास्ट्रे[3] | ५,४३,९६५ km2 (४७ वां) | |||||
जनसंख्या | ||||||
(१ जनवरी २००९ अनुमान) | ||||||
- | कुल[1] | ६,५०,७३,४८२[4] (१९ वां) | ||||
- | महानगरीय फ़्रान्स | ६,२४,४८,९७७[5] (२२ वां) | ||||
सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) | २०१५ प्राक्कलन | |||||
- | कुल | २.६४७ लाख करोड़ डॉलर (१०वाँ) | ||||
- | प्रति व्यक्ति | ३३,३३४ डॉलर (१८) | ||||
सकल घरेलू उत्पाद (सांकेतिक) | २०१७ प्राक्कलन | |||||
- | कुल | २४.२० खरब डॉलर (७वां) | ||||
मानव विकास सूचकांक (२०१३) | ०.८८४[6] बहुत उच्च · २०वाँ |
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मुद्रा | यूरो,[7] सीएफपी फ्रेंक[8] (EUR, XPF) |
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समय मण्डल | CET (यू॰टी॰सी॰+१) | |||||
- | ग्रीष्मकालीन (दि॰ब॰स॰) | CEST (यू॰टी॰सी॰+२) | ||||
दूरभाष कूट | ३३1 | |||||
इंटरनेट टीएलडी | .fr[9] | |||||
प्रवासी क्षेत्र और कलेक्टिव्स फ़्रान्सीसी टेलीफोन नम्बर योजना के भाग हैं, लेकिन उनके अपने कालिंग कोड हैं: गुआदेलूप +५९०; मार्तिनीक +५९६; फ्रेंच गुयाना +५९४, रीयूनियन और मायोते +२६२; सेंट पेरी एत मिक्वीलोन +५०८. प्रवासी क्षेत्र जो फ़्रान्सीसी टेलीफोन नम्बर योजना का हिस्सा नहीं हैं, उन देशों के कालिंग कोड हैं: न्यू केलेडोनिया +६८७, फ्रेंच पोलिनेशिया +६८९; वालिस और फुतुना +६८१ |
लौह युग के दौरान, अभी के महानगरीय फ्रांस को कैटलिक से आये गॉल्स ने अपना निवास स्थान बनाया। रोम ने 52 ईसा पूर्व में इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। फ्रांस, गत मध्य युग में सौ वर्ष के युद्ध (1337 से 1453) में अपनी जीत के साथ राज्य निर्माण और राजनीतिक केंद्रीकरण को मजबूत करने के बाद एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति के रूप में उभरा। पुनर्जागरण के दौरान, फ्रांसीसी संस्कृति विकसित हुई और एक वैश्विक औपनिवेशिक साम्राज्य स्थापित हुआ, जो 20 वीं सदी तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थी। 16 वीं शताब्दी में यहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टैंट (ह्यूजेनॉट्स) के बीच धार्मिक नागरिक युद्धों का वर्चस्व रहा। फ्रांस, लुई चौदहवें के शासन में यूरोप की प्रमुख सांस्कृतिक, राजनीतिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरा। 18 वीं शताब्दी के अंत में, फ्रेंच क्रांति ने पूर्ण राजशाही को उखाड़ दिया, और आधुनिक इतिहास के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक को स्थापित किया, साथ ही मानव और नागरिकों के अधिकारों की घोषणा के प्रारूप का मसौदा तैयार किया, जोकि आज तक राष्ट्र के आदर्शों को व्यक्त करता है।
19वीं शताब्दी में नेपोलियन ने वहाँ की सत्ता हथिया कर पहले फ्रांसीसी साम्राज्य की स्थापना की, इसके बाद के नेपोलियन युद्धों ने ही वर्तमान यूरोप महाद्वीपीय के स्वरुप को आकार दिया। साम्राज्य के पतन के बाद, फ्रांस में 1870 में तृतीय फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई, हलाकि आने वाली सभी सरकार लचर अवस्था में ही रही। फ्रांस प्रथम विश्व युद्ध में एक प्रमुख भागीदार था, जहाँ वह विजयी हुआ, और द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र में से एक था, लेकिन 1940 में धुरी शक्तियों के कब्जे में आ गया। 1944 में अपनी मुक्ति के बाद, चौथे फ्रांसीसी गणतंत्र की स्थापना हुई जिसे बाद में अल्जीरिया युद्ध के दौरान पुनः भंग कर दिया गया। पाँचवां फ्रांसीसी गणतंत्र, चार्ल्स डी गॉल के नेतृत्व में, 1958 में बनाई गई और आज भी यह कार्यरत है। अल्जीरिया और लगभग सभी अन्य उपनिवेश 1960 के दशक में स्वतंत्र हो गए पर फ्रांस के साथ इसके घनिष्ठ आर्थिक और सैन्य संबंध आज भी कायम हैं।
फ्रांस लंबे समय से कला, विज्ञान और दर्शन का एक वैश्विक केंद्र रहा है। यहाँ पर यूरोप की चौथी सबसे ज्यादा सांस्कृतिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद है, और दुनिया में सबसे अधिक, सालाना लगभग 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों की मेजबानी करता है। फ्रांस एक विकसित देश है जोकि जीडीपी में दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा क्रय शक्ति समता में नौवीं सबसे बड़ा है। कुल घरेलू संपदा के संदर्भ में, यह दुनिया में चौथे स्थान पर है। फ्रांस का शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन है। फ्रांस, विश्व की महाशक्तियों में से एक है, वीटो का अधिकार और एक आधिकारिक परमाणु हथियार संपन्न देश के साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पाँच स्थायी सदस्यों में से एक है। यह यूरोपीय संघ और यूरोजोन का एक प्रमुख सदस्यीय राज्य है। यह समूह-8, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और ला फ्रैंकोफ़ोनी का भी सदस्य है।
इतिहास
फ्रांस शब्द लातीनी भाषा के फ्रैन्किया (Francia) से आया है, जिसका अर्थ फ्रांक्स की भूमि या फ्रांकलैंड है। आधुनिक फ्रांस की सीमा प्राचीन गौल की सीमा के समान ही है। प्राचीन गौल में सेल्टिक गॉल निवास करते थे। गौल पर पहली शताब्दी में रोम के जुलिअस सीज़र ने जीत हासिल की थी। तदोपरांत गौल ने रोमन भाषा (लातिनी, जिससे फ्रांसीसी भाषा विकसित हुई) और रोमन संस्कृति को अपनाया। ईसाइयत दूसरी शताब्दी और तीसरी शताब्दी में पहुँची और चौथी और पाँचवीं शताब्दी तक स्थापित हो गई।
चौथी सदी में जर्मनिक जनजाति, मुख्यतः फ्रैंक्स ने गौल पर कब्जा जमाया। इस से फ्रांसिस नाम दिखाई दिया। आधुनिक नाम "फ्रांस" पेरिस के आसपास के फ्रांस के कापेतियन राजाओं के नाम से आता है। फ्रैंक्स यूरोप की पहली जनजाति थी, जिसने रोमन साम्राज्य के पतन के बाद आरियानिज्म को अपनाने की बजाए कैथोलिक ईसाई धर्म को स्वीकार किया।
वर्दन संधि (843) के बाद शारलेमेग्ने का साम्राज्य तीन भागों में विभाजित हो गया। इनमें सबसे बड़ा क्षेत्र पश्चिमी फ्रांसिया था, जो आज के फ्रांस के बराबर था।
ह्यूग कापेट के फ्रांस के राजा बनने तक कारोलिंगियन राजवंश ने ९८७ तक फ्रांस पर राज किया। उनके वंशजों ने अनेक युद्धों और पूर्वजों की विरासत के साथ देश को एकीकृत किया। १७ वीं सदी और लुई चौदहवें के शासनकाल के दौरान फ्रांस सबसे अधिक शक्तिशाली था। उस समय फ्रांस की यूरोप में सबसे बड़ी आबादी थी। देश का यूरोपीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और संस्कृति पर एक बड़ा प्रभाव था। फ्रांसीसी भाषा अंतरराष्ट्रीय मामलों में कूटनीति की आम भाषा बन गई। फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने १८ वीं सदी में बड़ी वैज्ञानिक खोज की। फ्रांस ने अमेरिका, अफ्रीका और एशिया में अनेक स्थानों पर विजय आधिपत्य जमाया।
फ्रांस में फ़्रांसीसी क्रांति से पहले १७८९ तक राजशाही मौजूद थी। राजा लुई चौदहवें और उनकी पत्नी, मेरी अन्तोइनेत्ते १७९३ में मार डाला गया। हजारों की संख्या में अन्य फ्रांसीसी नागरिक भी मारे गए थे। नेपोलियन बोनापार्ट ने १७९९ में गणतंत्र पर नियंत्रण ले लिया। बाद में उन्होंने खुद को पहले साम्राज्य (१८०४-१८१४) का महाराज बनाया। उसकी सेनाओं ने महाद्वीपीय यूरोप के अधिकांश भाग पर विजय प्राप्त की।
१८१५ में वाटरलू की लड़ाई में नेपोलियन के अंतिम हार के बाद, दूसरी राजशाही आई। बाद में लुई-नेपोलियन बोनापार्ट ने १८५२ में द्वितीय साम्राज्य बनाया। लुई-नेपोलियन को १८७० के फ्रांसीसी जर्मन युद्ध में हार के बाद हटा दिया गया था। उसके शासन का स्थान तीसरे गणराज्य ने लिया।
फ्रांस के १८ वीं और १९ वीं सदी में एक बड़ा औपनिवेशिक साम्राज्य बनाया। इस साम्राज्य में पश्चिम अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्से भी शामिल थे। इन क्षेत्रों की संस्कृति और राजनीति फ्रांस के प्रभाव में रही। कई भूतपूर्व उपनिवेशों में फ्रांसीसी भाषा आधिकारिक भाषा हैं।
भूगोल
महानगरीय फ्रांस पश्चिमी यूरोप में स्थित है। इसकी सीमा बेल्जियम, लक्सेम्बर्ग, जर्मनी, स्विटजरलैंड, इटली, मोनाको, अंडोरा और स्पेन से मिलती है। फ्रांस की सीमा से लगी हुई दो पर्वत श्रृंखलाएँ हैं, पूर्व में आल्प्स और दक्षिण में प्रेनिस। फ्रांस से प्रवाहित होने वाली कई नदियों में से दो नदियाँ प्रमुख हैं, सेन और लवार।[10] फ्रांस के उत्तर और पश्चिम में निचली पहाड़ियों और नदी घाटियाँ हैं।
यह देश समतल एवं साथ-साथ पहाड़ी भी है। उत्तर में स्थित पैरिस तथा ऐक्विटेन बेसिन बृहद् मैदान के ही भाग हैं। पश्चिम की ओर ब्रिटैनी, यूरोप की उत्तर-पश्चिमी, उच्च पेटीवाली भूमि से संबंधित है। पूर्व की ओर प्राचीन चट्टानों के भूखंडों का क्रम मिलता है, जैसे मध्य का पठार तथा आर्डेन (Ardennes) पर्वत। इस देश के दक्षिण में पिरेनीज़ तथा ऐल्प्स-जूरा पर्वतों का समूह पाया जाता है। इसका दक्षिण-पूर्वी भाग पहाड़ी व ऊबड़ खाबड़ है जो ६,००० फुट से भी अधिक ऊँचा है।
फ्रांस में अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग मौसम का प्रभाव पाया जाता है। उत्तर और पश्चिम में अंध महासागर का मौसम पर गहरा प्रभाव है, जिसकी वजह से क्षेत्र का तापमान साल भर एक जैसा रहता है। पूर्व में सर्दियों ठंडी और मौसम अच्छा है। गर्मी गर्म और तूफानी रहती है। दक्षिण में गर्मी गर्म और सूखी रहती है। सर्दियों का मौसम ठंडा और नमी वाला रहता है।
प्राकृतिक आधार पर इसे आठ भागों में बाँट सकते हैं।
- १. पैरिस बेसिन - यह देश का अति महत्वपूर्ण भाग है, जो यातायात साधनों द्वारा देश के हर भाग से जुड़ा है। यह बेसिन एक कटोरी के रूप में है, जो बीच में गहरा तथा चारों ओर ऊँचा होता गया है। इस भाग को पुन: (१) मध्य का बेसिन, (२) शैपेन एवं वरगंडी के कगार, (३) लोरेन के कगार, (४) पूर्वी प्रदेश तथा रोन घाटी और (५) ल्वार (Loir) प्रदेश तथा नॉरमैंडी, भागों में विभाजित किया गया है।
- २. उत्तर-पश्चिमी प्रदेश - यह एक समतल भाग है। यहाँ पर नॉरमैंडी तथा ब्रिटैनी पहाड़ियाँ अवश्य कुछ ऊँचा नीचा धरातल प्रस्तुत करती हैं। यहाँ दो समांतर श्रेणियाँ दक्षिण-पश्चिम में दाउनिनैज खाड़ी के उत्तर-दक्षिण में फैली हैं। उत्तरी श्रेणी मॉट्स डे आरी कहलाती है, जिसका सर्वोच्च शिखर सेंट माईकेल (१,२८५ फुट) है। यही ब्रिटैनी का सबसे ऊँचा भाग है।
- ३. ऐक्विटेन बेसिन - यह त्रिभुजाकार निम्न भूमि है। इसके सागरतटीय भाग में रेत के टीले मिलते हैं। इसका आंतरिक प्रदेश 'लैडीज़' कहलाता है, जो प्राय: बंजर सा है।
- ४. मध्य का पठार - इस भाग की औसत ऊँचाई २,५०० फुट से भी अधिक है। इसकी ऊँचाई दक्षिण-पूर्व को उठती जाती है और रोन की घाटी में समाप्त हो जाती है। इसकी पूर्वी सीमा पर सेवेन (Cevennes) पर्वत स्थित है। यहाँ क्लेयरमॉन्ट के निकटवर्ती क्षेत्र में अब भी शंकु के आकार की ७० पहाड़ियाँ हैं, जिनका उद्गार प्राचीन समय में हुआ था। पुएज डी डोम ज्वालामुखी चोटी सागरतल से ४,८०५ फुट ऊँची है।
- ५. पूर्वी सीमाप्रदेश - इस प्रदेश में बोज़ तथा आर्डेन पर्वतों का क्रम फैला है। दोनों के बीच में राइन घाटी स्थित है। बोज़ पर्वत १७५ मील की लंबाई में श्रेणी के रूप में फैला है। यहाँ की वर्षा का पानी जमीन के अंदर चला जाता है तथा जमीन के ऊपर धाराएँ कम दिखाई देती हैं।
- ६. रोन सेऑन घाटी - यह मध्य के पठार तथा ऐल्प्स-जूरा-श्रेणियों के मध्य में स्थित है। यह मॉन्टेग्निज डेला कोटि डे ओर, सेऑन तथा ल्वार के खड्ड से प्रारंभ होती है और सेन नदी के उद्गम स्थान तक चली जाती है।
- ७. भूमध्य सागरीय प्रदेश - राइन डेल्टा के पूर्वी भाग में सीधी खड़ी चट्टानें सागरतट के पास तक आ गई हैं। मार्सेई के पश्चिम में अनेक दलदल मिलते हैं। राइन डेल्टा के पश्चिमी तट पर पिरेनीज़ तक तथा पश्चिम की ओर गैरोनि तक लैग्विडॉक का प्रसिद्ध क्षेत्र पाया जाता है। इस क्षेत्र को सेवेन की श्रेणी काटती है। इसका तट निम्न तथा रेतीला है।
- ८. पश्चिमी ऐल्प्स तथा जूरा प्रदेश - फ्रांस की दक्षिणपश्चिमी सीमाएँ पिनाइन, ग्रेनाइन, कोटियान तथा मैरिटाइम ऐल्प्स द्वारा बनी है। सवॉय पर १५,७७५ फुट ऊँचा माउंट ब्लैक स्थित है। समुद्र की ओर औसत ऊँचाई बराबर घटती जाती है। इस भाग में कई प्रमुख दर्रे हैं। जूरा पर्वत फ्रांस में सबसे ऊँचा है। इसकी प्रमुख चोटियाँ क्रेट डि ला नीगे (Cret de La Neige) ५,५०० फुट तथा मॉन्ट डि ओर (Mont de Or) ५,६६० फुट हैं।
जलवायु
यहाँ की जलवायु समुद्री है, जिसका प्रभाव सागर से दूर जाने पर कम होता जाता है। यूरोपीय विचार से पश्चिमी तटीय भाग में निम्न ताप, पर्याप्त वर्षा, शीतल गरमियाँ तथा ठंडी सर्दियाँ जलवायु की विशेषताएँ हैं। पूर्वी तथा मध्य के भाग में महाद्वीपीय जलवायु मिलती है, जहाँ ग्रीष्म में गर्मी, पर्याप्त वर्षा एवं सर्दियों में कड़ी सर्दी पड़ती है। दक्षिणी फ्रांस में, पर्वतीय भागों को छोड़कर शेष में, भूमध्य सागरीय जलवायु मिलती है, जहाँ ठंडी सर्दियाँ, गरम गरमियाँ तथा कम वर्षा होती है। पैरिस का औसत ताप १० डिग्री सेल्सियस तथा वर्षा २२ इंच है। वर्षा ब्रिटैनी, उत्तरी तटीय भाग तथा पहाड़ी भागों में अधिक होती है।
खनिज - कोयला, लोरेन तथा मध्यवर्ती जिलों में मिलता है। कोयला कम होते हुए भी फ्रांस को कोयले में विश्व में तीसरा स्थान प्राप्त है। इसके अतिरिक्त यहाँ ऐंटिमनी, बॉक्साइट, मैग्नीशियम, पाइराइट तथा टंग्स्टन, नमक, पोटाश, फ्लोरस्पार भी मिलता है।
उद्योग - लोरेन तथा मध्यवर्तीय भाग में स्थित लौह इस्पात उद्योग सबसे प्रमुख उद्योग है। उद्योगों के लिए पिरेनीज़ तथा ऐल्प्स से पर्याप्त विद्युत् प्राप्त हो जाती है। लील (Lille), ऐल्सैस तथा नॉरमैंडी में बाहर से रूई मँगाकर सूती कपड़े बनाए जाते हैं। ऊनी वस्त्रों के लिए रूबे (Roubaix) तथा टूरक्वै (Tourcoing) प्रमुख जिले हैं। लेयॉन में रेशमी कपड़ा बनता है। इसके अलावा जलयान निर्माण, स्वचालित यंत्र, चित्रमय परदे, सुगंधित द्रव्य, चीनी मिट्टी के बरतन, शराब, आभूषण, शृंगार की वस्तुओं, फीते, लकड़ी की वस्तुओं के उत्पादन में तो फ्रांस ने विश्व के अन्य देशों को पीछे छोड़ दिया है।
राजनीति और सरकार
फ्रेंच पाँचवें गणतंत्र के फ्रेंच संविधान के द्वारा देश में सरकार की एक अर्द्ध राष्ट्रपति प्रणाली निर्धारित की गई है। इसमें राष्ट्र ने अपने को "एक अविभाज्य, लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और सामाजिक गणराज्य" घोषित किया है। इसमें कहा गया है कि फ्रांस १७८९ की घोषणा के अनुसार, मनुष्य के अधिकार की जिस तरह से घोषणा उससे जुड़ा हुआ है। फ्रांस में 8 मई 2017 को एमनुअल मैक्रोन को नए राष्ट्रपति निर्वाचित किये गए हैं।
प्रशासनिक विभाग (क्षेत्र)
फ्रांस अनेक (प्रशासनिक) क्षेत्रों में विभाजित है, इनमें से २२ क्षेत्र महानगर फ्रांस के अंतर्गत आते हैं:
१ . अलसस |
१२ . ले-दे-फ्रांस |
कोर्स के अन्य 21 महानगरीय क्षेत्रों की तुलना में एक अलग स्थिति है। यह région et département d'outre-mer कहा जाता है।
फ्रांस के चार विदेशी क्षेत्र भी है:
- गुआदेलूप (कैरिबियन में)
- फ्रेंच गयाना (दक्षिण अमेरिका में)
- मार्टीनिक (कैरिबियन में)
- रीयूनियन (हिंद महासागर में)
ये चार विदेशी क्षेत्रों की महानगरीय वाले के रूप में एक ही स्थिति है। वे अलास्का और हवाई के विदेशी अमेरिकी राज्यों की तरह हैं। इसके बाद फ्रांस १०० विभागों में विभाजित है। यह विभाग ३४२ भागो (अर्रोंदिस्सेमेंट्स) में विभाजित हैं। ये अर्रोंदिस्सेमेंट्स ४०३२ भागों (कान्तोंस) में विभाजित है। इस छोटा उपखंड कम्यून है। १ जनवरी २००८ को, फ्रांस में ३६,७८१ कम्यून्स की गिनती की गई थी। इनमें से ३६.५६९ महानगरीय फ्रांस में हैं और इनमें से २१२ विदेशी फ्रांस में हैं।
अर्थव्यवस्था
जी-7 (पूर्व में जी-8) जैसे प्रमुख औद्योगिक देशों के समूह का सदस्य फ़्रांस को क्रय-शक्ति समता के आधार पर दुनिया का नौवां सबसे बड़ा और यूरोपीय संघ की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में दर्जा प्राप्त है। 2015 में दुनिया की 500 सबसे बड़ी कंपनियों में से 31 के साथ, फ़्रांस फॉर्च्यून ग्लोबल 500 में जर्मनी और ब्रिटेन से आगे चौथे स्थान पर है। 1993 में फ्रांस ने 11 अन्य यूरोपीय संघ के सदस्य के साथ मिल कर, एक नई मुद्रा यूरो को अपना कर अपनी पुरानी मुद्रा फ्रेंच फ्रैंक (₣) की जगह यूरो सिक्कों और बैंक नोटों को देश में लागू कर दिया।
फ्रांस में एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है। जहाँ सरकारी हस्तक्षेप के साथ व्यापक निजी उद्यम के साथ ही कई शासकीय उद्यम भी उपस्थित है। प्रशासन रेलवे, बिजली, विमान, परमाणु ऊर्जा और दूरसंचार के बहुसंख्य स्वामित्व के साथ कई बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्रों पर अपना नियंत्रण रखती है। हलाकि 1990 के दशक के शुरूआती दौर से ही यह इन क्षेत्रों पर नियंत्रण काम कर रहा है। प्रशासन धीरे-धीरे सरकारी उद्यम को निजी उद्यम की तरह ढालने की कोशिश कर रही है और साथ ही टेलेकॉम, एयर फ़्रांस, साथ ही बीमा, बैंकिंग और रक्षा उद्योगों में अपनी हिस्सेदारी को बेच रही है। फ़्रांस में यूरोपीय कंसोर्टियम एयरबस के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण एयरोस्पेस उद्योग संचालित है, जिसका अपना एक राष्ट्रीय स्पेसपोर्ट, सेंटर स्पेयरियल गुयानास है।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अनुसार, 2009 में फ्रांस दुनिया का छठा सबसे बड़ा निर्यातक तथा विनिर्मित वस्तुओं का चौथा सबसे बड़ा आयातक था। 2008 में, फ्रांस ओईसीडी देशों के बीच, 118 अरब डॉलर विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का तीसरा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता था, यह लक्ज़मबर्ग (जहां विदेशी प्रत्यक्ष निवेश अनिवार्य रूप से वहाँ स्थित बैंकों के लिए मौद्रिक स्थानान्तरण था) और अमेरिका ($ 316 बिलियन) के पीछे लेकिन ब्रिटेन (96.9 अरब डॉलर), जर्मनी (25 अरब डॉलर) या जापान (24 अरब डॉलर) से ऊपर था। उसी वर्ष, फ्रांस की कंपनियों ने फ्रांस के बाहर 220 अरब डॉलर का निवेश किया, फ्रांस को ओईसीडी में दूसरा सबसे बड़ा बाहरी निवेशक, अमेरिका (311 अरब डॉलर) के पीछे, वही ब्रिटेन (111 अरब डॉलर), जापान (128 अरब डॉलर) और जर्मनी ($ 157 बिलियन) से आगे था।
यहाँ वित्तीय सेवाओं, बैंकिंग और बीमा क्षेत्र अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। पेरिस स्टॉक एक्सचेंज (फ्रेंच: ला बोर्स डे पेरिस) एक पुरानी संस्था है, जिसका निर्माण लुइस XV द्वारा 1724 में किया गया था। 2000 में, पेरिस, एम्स्टर्डम और ब्रुसेल्स के स्टॉक एक्सचेंजों को विलय कर यूरोनेक्स्ट नाम दिया गया। 2007 में यूरोनेक्स्ट, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के साथ विलय कर दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज, एनवाईएसई यूरोनेक्स्ट का निर्माण किया। यूरोनेक्स्ट पेरिस, एनवाईएसई यूरोनेक्स्ट समूह की फ्रांसीसी शाखा, लंदन स्टॉक एक्सचेंज के पीछे यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बाजार है।
फ्रांस यूरोपीय एकल बाजार का हिस्सा है जो 500 मिलियन से अधिक उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करता है। कई घरेलू वाणिज्यिक नीतियाँ यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्यों और यूरोपीय संघ के कानूनों के बीच समझौते से निर्धारित होती हैं। फ़्रांस ने 2002 में आम यूरोपीय मुद्रा, यूरो की शुरुआत की। यह यूरोजोन का सदस्य है जो लगभग 330 मिलियन नागरिकों का प्रतिनिधित्व करता है।
फ्रांसीसी कंपनियों ने बीमा और बैंकिंग उद्योगों में अपना प्रमुख स्थान बनाए रखा है: यहाँ की एएक्सए दुनिया की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। बीएनपी परिबास और क्रेडिट एग्रीओल प्रमुख फ्रांसीसी बैंक हैं, जो 2010 में (परिसंपत्तियों के आधार पर) दुनिया के पहले और छठे सबसे बड़े बैंकों के रूप में जाने जाते हैं, जबकि सोसिएट गेनेराल ग्रुप को 2009 में दुनिया का आठवां सबसे बड़ा स्थान दिया गया था।
कृषि
यहाँ कृषि प्रमुख उद्योग है। यूरोप में कृषिगत वस्तुओं के निर्यात में नीदरलैंड्स के बाद इसका ही स्थान है। कृषि योग्य क्षेत्र अधिकांश उत्तरी भाग में स्थित है। कृषि में गेहूँ, जौ, जई, चुकंदर, पटुआ, आलू तथा अंगूर का स्थान प्रमुख है।
पर्यटन
2012 में अमेरिका (67 मिलियन पर्यटक) और चीन (58 मिलियन पर्यटक) से कही आगे, 83 मिलियन विदेशी पर्यटकों के साथ, फ्रांस को पर्यटन स्थल के रूप में प्रथम स्थान दिया गया हैं। इस 83 मिलियन लोगो के आँकड़े में 24 घंटे से कम समय तक रहने वाले लोगों जैसे की उत्तरी यूरोपीय लोग स्पेन या इटली जाने के लिए फ्रांस को पार करते हैं को शामिल नहीं किया गया हैं। यात्रा की कम अवधि के कारण यह पर्यटन से आय में तीसरा है यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में फ्रांस की 37 स्थल हैं इसके अलावा समुद्र तटों और समुद्र के किनारे के रिसॉर्ट, स्की रिसोर्ट और ग्रामीण क्षेत्रों की सुंदरता और शांति का लोग आनंद लेते हैं। फ़्रांस, सेंट जेम्स और लॉरडेस जाने वाले धार्मिक तीर्थयात्रियों से भी भरा रहता है, जिनकी संख्या एक साल में कई लाख तक पहुँच सकती है।
फ्रांस, विशेष रूप से पेरिस में, दुनिया के बड़े और प्रसिद्ध संग्रहालय हैं, जिनमे से कुछ जैसे की लौवर, जो कि दुनिया में सबसे अधिक देखे जाने वाली कला संग्रहालय है, म्यूसी डी'ओर्से, जोकि प्रभावितवाद को समर्पित है, मोंसोरो महल-समकालीन कला संग्रहालय और ब्यूबुर्ग, जोकि समकालीन कला को समर्पित हैं।[11] डिज़नीलैंड पेरिस यूरोप का सबसे लोकप्रिय थीम पार्क है, २००९ में डिजनीलैंड पार्क और वॉल्ट डिज़नी स्टूडियोज पार्क में आने वाले आगंतुक की संख्या १५ मिलियन थी।[12]
फ्रांस के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में: (प्रति वर्ष 2003 की रैंकिंग[13] आगंतुकों के अनुसार): एफिल टॉवर (6.2 मिलियन), लौवर म्यूजियम (5.7 मिलियन), वर्सेल्स पैलेस (2.8 मिलियन), म्यूसी डी'ओर्से (2.1 मिलियन ), आर्क डे ट्रायम्फे (1.2 मिलियन), सेंटर पोम्पिडौ (1.2 मिलियन), मोंट सेंट-मिशेल (1 मिलियन), शैटे डी चंबर्ड (711,000), सैंट-चैपल (683,000), शैटॉ डु हौथ-केनग्सबर्ग (54 9, 000), पु दे डोमे (500,000), म्यूसी पिकासो (441,000), कार्कासन (362,000) शामिल हैं। 2018 में, फ्रांस ने 88 मिलियन लोगों का स्वागत किया। स्पेन 82 मिलियन आगंतुकों के साथ दूसरा सबसे लोकप्रिय गंतव्य था, इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका (77 मिलियन), चीन (61 मिलियन) और इटली (59 मिलियन) थे।[14]
जनसांख्यिकी
जनवरी 2020 तक फ्रांस की जनसंख्या लगभग 70 मिलियन अनुमानित हैं,[15] जिसमे 64.8 मिलियन लोग महानगरीय फ्रांस में रहते हैं। फ्रांस विश्व में 20वां सबसे आबादी वाला देश है और यूरोप में तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है।
2006 से 2011 तक जनसंख्या वृद्धि औसतन + 0.6% प्रति वर्ष थी।[16] इसमें आप्रवासी भी प्रमुख योगदानकर्ता हैं; 2010 में, मेट्रोपॉलिटन फ्रांस में पैदा हुए 27% नवजात शिशुओं के माता या पिता फ्रांस के बाहर पैदा हुए थे, जबकि कम से कम 24% शिशुओं के माता या पिता यूरोप के बाहर पैदा हुए थे (विदेशी क्षेत्रों में पैदा हुए माता-पिता को भी फ्रांस में पैदा हुए माना जाता है)।[17]
फ्रांस एक बेहद शहरीकृत देश है, इसके सबसे बड़े शहरों में पेरिस (12,405,426), ल्यों (2,237,676), मार्सैय (1,734,277), तुलूज़ (1,291,517), बोर्दो (1,178,335), लिली (1,175,828), नीस (1,004,826) आदि हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से भारी मात्रा में प्रवासन यहाँ की 20 वीं शताब्दी की सबसे बड़ी राजनीतिक मुद्दा रही थी।
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
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