सिंधिया
मराठा साम्राज्य का हिस्सा / From Wikipedia, the free encyclopedia
शिंदे/सिंधिया राजवंश राणोजी सिंधिया, जो महाराष्ट्र के सातारा जिले में कान्हेरखेड गांव के पाटिल जानकोजीराव के पुत्र थे, द्वारा स्थापित किया गया था।
कुर्मी /कुणबी मराठा वंश शिंदे (सिंधिया) |
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उपनाम | शिंदे (सिंधे, सिंधिया, सेंद्रक) | ||
जाति | [1]मराठा (कुर्मी) | ||
कुल | [क्षत्रिय] | ||
शीर्षक | सेंद्रक या प्रभाकरवर्मा | ||
धर्म | हिन्दू. | ||
मूल राज्य | सिंध, रणथंबौर और् पत्तदकल | ||
अन्य राज्य | ग्वालियर, उज्जैन, बादामी. | ||
राजधानी | सातारा गाँव | ||
रंग | लाल | ||
निशान | ध्वज पर सर्प[1][2] | ||
कुल देव | ज्योतिबा (महादेव) kolhapur, Maharashtra. | ||
कुल देवी | तुलजा-भवानी (तुलजापुर, महाराष्ट्र), महाकाली, महागौरी, रामवर्दायिनी. | ||
देवक | मृगवेल/मरिदकाचावेल या आगादा (महाराष्ट्र में पाया जाने वाला एक पौधा), कलंब, रूई और मोरवेल[3] | ||
गुरु | कौन्डिन्य | ||
गोत्र | कौन्डिन्य (वशिष्ठ गोत्र की शाखा) | ||
वेद् | यजुवेद् | ||
मंत्र | गायत्री मंत्र | ||
प्रवर | वशिष्ठ, मित्रावारुण और कौंडीन्य | ||
विजय हथियार | तलवार् | ||
गुह्यसूत्र | पारस्कर | ||
स्थान | महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरातबिहार ,उत्तर प्रदेश ,झारखंड और गोवा | ||
भाषा | मराठी, गुजराती, भोजपुरी ,मैथिली हिन्दी, कन्नड, संस्कृत | ||
उपाधि | पट्टराजा पटेल श्री पाटील, महाराजा, श्रीमंत |