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राधा
हिंदू धर्म की एक प्रसिद्ध देवी, कृष्ण की प्रियतमा / From Wikipedia, the free encyclopedia
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राधा अथवा राधिका हिन्दू धर्म की प्रमुख देवी हैं।[2][3] वह कृष्ण की प्रेमिका[lower-alpha 1][4] और संगिनी के रूप में चित्रित की जाती हैं। इस प्रकार उन्हें राधा कृष्ण के रूप में पूजा जाता हैं। उनके ऊपर कई काव्य रचना की गई है और रास लीला उन्हीं की शक्ति और रूप का वर्णन करती है । वैष्णव सम्प्रदाय में राधा को भगवान कृष्ण की शक्ति स्वरूपा भी माना जाता है , जो स्त्री रूप मे प्रभु के लीलाओं मे प्रकट होती हैं | "गोपाल सहस्रनाम" के 19वें श्लोक मे वर्णित है कि महादेव जी द्वारा जगत देवी पार्वती जी को बताया गया है कि एक ही शक्ति के दो रूप है राधा और माधव (श्रीकृष्ण) तथा ये रहस्य स्वयं श्री कृष्ण द्वारा राधा रानी को बताया गया है। अर्थात राधा ही कृष्ण हैं और कृष्ण ही राधा हैं।[5][6]
सामान्य तथ्य राधाजी, अन्य नाम ...
राधाजी | |
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प्रेम, भक्ति और करुणा की देवी | |
Member of पंच प्रकृति और देवी लक्ष्मी की अवतार | |
![]() राधाजी श्रीकृष्ण की राह देखते हुए | |
अन्य नाम | कृष्णप्रिया, वृषभानुलली, राधिका, किशोरी, माधवी, केशवी, श्रीजी, राधारानी |
संबंध | श्री कृष्ण की ह्लादिनी शक्ति, गोलोक धाम की मुख्य देवी |
निवासस्थान | गोलोक, वृन्दावन, बरसाना |
मंत्र | ॐ वृषभानुजायै विद्महे कृष्णप्रियायै धीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात्॥ |
अस्त्र | कमल |
जीवनसाथी | रायण या अयनघोष |
माता-पिता | वृषभानु (पिता), कीर्ति देवी (माँ) |
सवारी | कमल और सिंहासन |
शास्त्र | पद्म पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, स्कन्द पुराण, मत्स्य पुराण, गीत गोविंद, गर्ग संहिता, शिव पुराण, लिंगपुराण, वाराह पुराण, नारदपुराण[1] |
त्यौहार | राधाष्टमी, जन्माष्टमी, होली, गोपाष्टमी, कार्तिक पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा, फुलेरा दूज (राधा कृष्ण विवाह दिवस), लट्ठमार होली |
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