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भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पुरुषों की राष्ट्रीय संघ फ़ुटबॉल टीम विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
N भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के द्वारा शासित है। 1948 से अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ फीफा द्वारा संबद्ध हो गयी। 1948 से भारतीय फुटबॉल महासंघ एशियाई फुटबॉल संघ के संस्थापक सदस्यों में है। भारतीय फुटबॉल टीम ने पहली और अंतिम बार 1950 में फीफा विश्व कप किया था परन्तु कुछ कारणों से वह इस प्रतियोगिता में हिस्सा न ले पाई।[3] भारतीय टीम ने अब तक दो एशियाई खेलों में स्वर्ण तथा एएफसी एशियाई कप में एक बार रजत जीता है।
उपनाम | ऩील बाघ | ||
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संघ | अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ | ||
क्षेत्रीय उप-संघ | दक्षिण एशियाई फुटबॉल मह्संघ (दक्षिण एशिया) | ||
क्षेत्रीय संघ | एएफसी (एशिया) | ||
मुख्य कोच | इगोर स्टमक | ||
कप्तान | सुनील छेत्री | ||
सर्वाधिक कैप | सुनील छेत्री (112)[1] | ||
शीर्ष स्कोरर | सुनील छेत्री (72)[1] | ||
गृह स्टेडियम | विभिन्न | ||
फीफा कोड | IND | ||
फीफा रैंकिंग | 100 (29 June 2023) | ||
उच्चतम फीफा रैंकिंग | 94 (फ़रवरी 1996) | ||
निम्नतम फीफा रैंकिंग | 173 (मार्च 2015) | ||
एलो रैंकिंग | 156(10 अक्टूबर 2019) | ||
उच्चतम एलो रैंकिंग | 48 (मई 1964) | ||
निम्नतम एलो रैंकिंग | 177 (1977) | ||
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पहला अन्तराष्ट्रीय | |||
अनौपचारिक: ऑस्ट्रेलिया 5–3 भारत (सिडनी, ऑस्ट्रेलिया; 3 सितम्बर 1938) औपचारिक: भारत 1–2 फ़्रान्स (लन्दन, इंग्लैंड; जुलाई 31, 1948)[2] | |||
सबसे बड़ी जीत | |||
ऑस्ट्रेलिया 1–7 भारत (सिडनी, ऑस्ट्रेलिया; 12 दिसंबर 1956) भारत 6–0 कम्बोडिया (नई दिल्ली, भारत; 17 अगस्त 2007) | |||
सबसे बड़ी हार | |||
यूगोस्लाविया 10–1 भारत (हेलसिंकी, फिनलैंड; 15 जुलाई 1952) | |||
एशियाई कप | |||
उपस्थिति(याँ) | 4 (प्रथम 1964 में) | ||
सर्वश्रेष्ठ परिणाम | उपविजेता: 1964 |
भारतीय टीम ने 1930 में ही ऑस्ट्रेलिया, जापान, मलेशिया, इंडोनेशिया और थाईलैंड का दौरा शुरू कर दिया। जल्द ही कई भारतीय फुटबॉल क्लबों की सफलता के बाद, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) 1937 में बनाई गई। 1948 का लन्दन ओलंपिक भारतीय टीम के लिए पहला बड़ा टुर्नामेन्ट था। वहाँ पर टीम को फ़्राँस से 2-1 से हार का सामना करना पड़ा।[4]
भारतीय फुटबॉल टीम ने पहली और अंतिम बार 1950 में फीफा विश्व कप किया था परन्तु कुछ कारणों से वह इस प्रतियोगिता में हिस्सा न ले पाई।[3]
1951 से 1962 के कालखण्ड को भारतीय फुटबॉल का स्वर्ण युग माना जाता है। सैय्यद अब्दुल रहीम के प्रशिक्षण में भारतीय टीम एशिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बन गयी।[5] भारतीय टीम ने 1951 के एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता, जिसकी मेजबानी भारत ने ही की थी।[6] 1954 के एशियाई खेलों, जो कि मनीला में हुए थे, में भारत ने ग्रुप चरण में दूसरा स्थान प्राप्त किया।[7] 1956 के ओलम्पिक खेलों में भारत ने चौथा स्थान प्राप्त किया। यह भारतीय टीम की सबसे बड़ी उपलब्धि थी।[8]
भारतीय टीम ने 1962 के एशियाई खेलों में दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।[9]
1964 एशियाई कप में भारत उपविजेता रहा। यह टुर्नामेन्ट भारतीय टीम के लिए यादगार साबित हुआ।[10]
इसके बाद भारतीय टीम के प्रदर्शन में गिरावट शुरू हो गयी। बहुत से प्रतियोगिताओं में असफल रहने के बाद 1982 के एशियाई खेलों में क्वार्टर फाइनल तक पहुँची, जिसकी मेजबानी दिल्ली ने की थी।[11] इसके बाद भारतीय टीम ने 20 वर्षों बाद 1984 एएफसी एशियाई कप के लिए क्वालीफाई किया।[12]
2003 के एफ्रो-एशियन खेलों, जिसकी मेजबानी हैदराबाद ने की थी, में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता।[13] परिणामस्वरूप भारतीय टीम के तात्कालिक कोच स्टेफेन कोंसटेनटाइन एएफसी मैनेजेर ऑफ़ द मन्थ चुने गए।[13]
2006 में बॉब हॉटन भारतीय टीम के कोच चुने गए। उनके मार्गदर्शन में टीम ने 2007 नेहरु कप जीता। उसके अगले ही साल 2008 एएफसी चैलेंजर्स कप जीता जिसके फलस्वरूप 27 वर्षों बाद एशिया कप में क्वालीफाई किया। टीम ने 2009 में पुनः नेहरु कप जीता।[14]
2011 में भारत ने 2011 एएफसी एशियाई कप में भाग लिया। भारत इस प्रतियोगिता में सभी मैच हार गया परन्तु टीम ने विरोधियों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया।[15]
2012 में भारतीय टीम ने पुनः नेहरु कप जीता।[16] 2019 में भरत के लिए क्वालीफाई किया 2019 एएफसी एशियाई कप इस समय में उन्होंने पहला मैच थाईलैण्ड के बीच एक रोमांचक मैच से जीता।
भारतीय टीम का कोई स्थायी गृह मैदान नहीं है, क्योकि यहाँ (भारत) अधिकांश मैदान फीफा की नियमावली पर खरे नहीं उतरते। फीफा और एफसी से मान्यता प्राप्त मैदानों में अम्बेडकर स्टेडियम, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली, चेन्नई का नेहरु स्टेडियम, पुणे का छत्रपति शिवाजी स्टेडियम, कोलकाता का साल्टलेक स्टेडियम तथा बंगलौर का बंगलौर फुटबॉल स्टेडियम शामिल है।
नाम | पद |
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इगोर स्टमक | कोच |
षणमुगम वेंकटेश | सहायक कोच |
टोमिसलाव रोगिक | गोलकीपिंग कोच |
गिञ जॉर्ज | फ़िज़ियोथेरेपिस्ट |
लुका रदनं | सेहत प्रशिक्षक |
किरण कुमार कुलकर्णी | टीम के डॉक्टर |
शंकर सीगमनी | वीडियो विश्लेषक |
संजय ध्यानी | जर्सी प्रबंधक |
इस सूची में केवल इस वर्ष के मैच प्रदर्शित हैं-
जीत ड्रॉ हार
दिनांक | आयोजक | विरोधी | प्रतियोगिता | परिणाम | भारतीय स्कोरर |
---|---|---|---|---|---|
6 जनवरी 2019 | अल नाहयान स्टेडियम, अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात | थाईलैंड | एशियाई कप | 1–4 जीत लिया | छेत्री 27' (पे.), 46'
थापा 68' लालपेखलुआ 80' |
10 जनवरी 2019 | जायद स्पोर्ट्स सिटी स्टेडियम, अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात | संयुक्त अरब अमीरात | एशियाई कप | 2–0 हार | कोई गोल नहीं |
14 जनवरी 2019 | शारजाह स्टेडियम, अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात | बहरीन | एशियाई कप | 0–1 हार | कोई गोल नहीं |
5 जून 2019 | चांग एरीना, बुरीराम, थाईलैंड | कुराकाओ | किंग्स कप | 3–1 हार | छेत्री 32' (पे.) |
8 जून 2019 | चांग एरीना, बुरीराम, थाईलैंड | थाईलैंड | किंग्स कप | 0–1 जीत लिया | थापा 17' |
7 जुलाई 2019 | ट्रांसस्टेडिया एरीना, अहमदाबाद, भारत | ताजिकिस्तान | इंटरकांटिनेंटल कप | 2–4 हार | छेत्री 4' (पे.), 41' |
13 जुलाई 2019 | ट्रांसस्टेडिया एरीना, अहमदाबाद, भारत | उत्तर कोरिया | इंटरकांटिनेंटल कप | 2–5 हार | छांगते 51'
छेत्री 71' |
16 जुलाई 2019 | ट्रांसस्टेडिया एरीना, अहमदाबाद, भारत | सीरिया | इंटरकांटिनेंटल कप | 1–1 ड्रॉ | गहलोत 52' |
5 सितंबर 2019 | इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम, गुवाहाटी, भारत | ओमान | 2022 फीफा विश्व कप क्वालीफ़ायर | 1–2 हार | छेत्री 24' |
10 सितंबर 2019 | जसीम बिन हमद स्टेडियम, दोहा, कतर | क़तर | 2022 फीफा विश्व कप क्वालीफ़ायर | 0–0 ड्रॉ | कोई गोल नहीं |
15 अक्टूबर 2019 | युवा भारती क्रीडांगन, कोलकाता, भारत | बांग्लादेश | 2022 फीफा विश्व कप क्वालीफ़ायर | ||
14 नवंबर 2019 | [[]], दुशान्बे, तजाकिस्तान | अफ़ग़ानिस्तान | 2022 फीफा विश्व कप क्वालीफ़ायर | ||
19 नवंबर 2019 | सुल्तान कबूस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, मस्कट, ओमान | ओमान | 2022 फीफा विश्व कप क्वालीफ़ायर | ||
26 मार्च 2020 | [[]], [[]], भारत | क़तर | 2022 फीफा विश्व कप क्वालीफ़ायर | ||
4 जून 2020 | बंगबंधु नेशनल स्टेडियम, ढाका, बांग्लादेश | बांग्लादेश | 2022 फीफा विश्व कप क्वालीफ़ायर | ||
9 जून 2020 | [[]], [[]], भारत | अफ़ग़ानिस्तान | 2022 फीफा विश्व कप क्वालीफ़ायर |
कोच | समयावधि | खेले | जीते | ड्रा | हारे | जीत % |
---|---|---|---|---|---|---|
बलाईदास चटर्जी | 1948 | 1 | 0 | 0 | 1 | 0.0 |
सैय्यद अब्दुल रहीम | 1950–1963 | 42 | 26 | 3 | 13 | 61.9 |
हैरी राईट | 1963–1964 | 7 | 5 | 1 | 1 | 71.4 |
1964–1972 के बीच कोई स्थायी कोच नहीं रहा[टीप 1] | ||||||
प्रदीप कुमार बनर्जी | 1972–1981 | 40 | 11 | 5 | 24 | 27.5 |
बॉब बूटलैंड | 1982 | 13 | 2 | 5 | 6 | 15.4 |
जोए किन्नेअर | 1983 | 13 | 4 | 0 | 9 | 30.8 |
मिलोवन सीरिक | 1984–1985 | 11 | 2 | 4 | 5 | 18.2 |
प्रदीप कुमार बनर्जी | 1985 | 2 | 2 | 0 | 0 | 100.0 |
सैय्यद नईमुद्दीन | 1986 | 6 | 0 | 1 | 5 | 0.0 |
अमल दत्त | 1987–1988 | 8 | 2 | 3 | 3 | 25.0 |
जोसेफ गेली | 1989–1991 | 6 | 2 | 2 | 2 | 33.3 |
जिरी पेसेक | 1993–1994 | 22 | 5 | 6 | 11 | 22.7 |
रुस्तम अखरामोव | 1995–1997 | 20 | 7 | 5 | 8 | 35.0 |
सैय्यद नईमुद्दीन | 1997–1998 | 8 | 1 | 1 | 6 | 12.5 |
सुखविंदर सिंह | 1998–2001 | 24 | 11 | 5 | 8 | 45.8 |
स्टेफेन कोंसटेनटाइन | 2002–2005 | 21 | 6 | 5 | 10 | 28.6 |
सुखविंदर सिंह | 2005 | 5 | 1 | 1 | 3 | 20.0 |
सैय्यद नईमुद्दीन | 2005–2006 | 8 | 4 | 2 | 2 | 50.0 |
बॉब हॉटन | 2006–2011 | 45 | 20 | 5 | 20 | 44.4 |
अरमांडो कोलाको | 2011 | 6 | 1 | 2 | 3 | 16.7 |
सैवियो मेडीरा | 2011–2012 | 15 | 5 | 2 | 8 | 33.3 |
विम कोवरमांस | 2012–2015 | 11 | 5 | 1 | 5 | 45.5 |
स्टेफेन कोंसटेनटाइन | 2015–2019 | 43 | 24 | 6 | 13 | 55.8 |
इगोर स्टमक | 2019–वर्तमान | 7 | 1 | 2 | 4 | 14.3 |
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