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पश्चिम एशिया में देश विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
इस्राइल (इब्रानी: יִשְׂרָאֵל) मध्य पूर्व में स्थित एक देश है। यह दक्षिणपूर्व भूमध्य सागर के पूर्वी छोर पर स्थित है। इसके उत्तर में लेबनान, पूर्व में सीरिया और जॉर्डन तथा दक्षिण-पश्चिम में मिस्र है।
इस्राइल राष्ट्र מְדִינַת יִשְׂרָאֵל |
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राष्ट्रगान: הַתִּקְוָה (आशा) |
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राजधानी | यरुशलम 31°47′N 35°13′E | |||||
राजभाषा(एँ) | इब्रानी | |||||
मानवजातीय वर्ग | 73.5% यहूदी
21.1% अरब 5.4% अन्य |
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निवासी | इस्राएली | |||||
सरकार | संसदीय लोकतन्त्र | |||||
- | राष्ट्रपति | इसाक हर्ज़ोग | ||||
- | प्रधानमन्त्री | बेंजामिन नेतन्याहू | ||||
स्वतन्त्रता फिलिस्तीन का ब्रिटिश जनादेश से | ||||||
- | घोषणा | १४ मई १९४८ (05 Iyar 5708) | ||||
क्षेत्रफल | ||||||
- | कुल | 20,770–22,072 km2 (150वाँ) | ||||
- | जल (%) | ~2% | ||||
जनसंख्या | ||||||
- | 2008 जनगणना | 72,82,000 2 (96 वां) | ||||
- | 1995 जनगणना | 55,48,523 | ||||
सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) | 2007 प्राक्कलन | |||||
- | कुल | 188.963 अरब $ | ||||
- | प्रति व्यक्ति | 27,146 $ | ||||
मानव विकास सूचकांक | 0.919[1] बहुत उच्च · 19वाँ |
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मुद्रा | इजरायली नई शेकेल (ILS) | |||||
समय मण्डल | इमास (यू॰टी॰सी॰+2) | |||||
- | ग्रीष्मकालीन (दि॰ब॰स॰) | (यू॰टी॰सी॰+3) | ||||
यातायात चालन दिशा | दाएँ | |||||
दूरभाष कूट | +972 | |||||
इंटरनेट टीएलडी | .il | |||||
1. | गोलान हाईट्स तथा पूर्वी यरुशलम को लेकर/छोड़कर नीचे देखें. | |||||
2. | इज़राइल, गोलान हाईट्स व पूर्वी यरुशलम के सारे स्थायी निवासी शामिल। वेस्ट बैंक की इज़राइली आबादी भी सम्मिलित। |
इस्राइल विश्व राजनीति और इतिहास की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इतिहास और प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार यहूदियों का मूल निवास रहे इस क्षेत्र का नाम ईसाइयत, इस्लाम और यहूदी धर्मों में प्रमुखता से लिया जाता है। यहूदी, मध्य पूर्व और यूरोप के कई क्षेत्रों में फैल गए थे। उन्नीसवीं सदी के अन्त में तथा फिर बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में यूरोप में यहूदियों के ऊपर किए गए अत्याचार के कारण यूरोपीय (तथा अन्य) यहूदी अपने क्षेत्रों से भाग कर यरुशलम और इसके आसपास के क्षेत्रों में आने लगे। सन् 1948 में आधुनिक इस्राइल राष्ट्र की स्थापना हुई।
यरूशलम इस्राइल की राजधानी है पर अन्य महत्वपूर्ण शहरों में हाइफ़ा का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। यहाँ की प्रमुख भाषा इब्रानी है, जो दाएँ से बाँए लिखी जाती है। यहाँ के निवासियों को इस्राइली कहा जाता है। 2010 से इस्राइल ओईसीडी का सदस्य है, जीडीपी के हिसाब से इसका स्थान 29वाँ और प्रति व्यक्ति जीडीपी के हिसाब से 13वाँ है। [2][3]
'इस्राइल' ब्द का प्रयोग बाईबल और उससे पहले से होता रहा है। बाईबल के अनुसार ईश्वर के फ़रिश्ते के साथ युद्ध लड़ने के बाद जैकब का नाम इस्राइल रखा गया था। इस शब्द का प्रयोग उसी समय (या पहले) से यहूदियों की भूमि के लिए किया जाता रहा है।
इस्राइल दक्षिण पश्चिम एशिया का एक स्वतंत्र यहूदी राज्य है, जो 14 मई 1948 ई. को फ़िलिस्तीन से ब्रिटिश सत्ता के समाप्त होने पर बना। यह राज्य रूम सागर के पूर्वी तट पर स्थित है। इसके उत्तर तथा उत्तर पूर्व में लेबनान एवं सीरिया, पूर्व में जॉर्डन, दक्षिण में अकाबा की खाड़ी तथा दक्षिण पश्चिम में मिस्र है (क्षेत्रफल 20,700 वर्ग किलोमीटर)। इसकी राजधानी तेल अवीव एवं हैफा इसके अन्य मुख्य नगर हैं। राजभाषा इब्रानी है।
इस्राइल के तीन प्राकृतिक भाग हैं जो एक दूसरे के समान्तर दक्षिण से उत्तर तक फैले हैं :
इस्राइल े दक्षिणी भाग में नेजेव नामक मरुस्थल है जिसके उत्तरी भाग में सिंचाई द्वारा कृषि का विकास किया जा रहा है। यहाँ जौ, सोरघम, गेहूँ, सूर्यमुखी, सब्जियाँ एवं फल होते हैं। सन् 1955 ई. में नेजेव के हेलेट्ज़ नामक स्थान पर इस्राइल मेंसर्वप्रथम खनिज तेल पाया गया। इस राज्य के अन्य खनिज पोटाश, नमक इत्यादि हैं।
प्राकृतिक साधनों के अभाव में इज़रायल की आर्थिक स्थिति विशेषत: कृषि तथा विशिष्ट एवं छोटे उद्योगों पर आश्रित है। सिंचाई के द्वारा सूखे क्षेत्रों को कृषियोग्य बनाया गया है। अत: कृषि का क्षेत्रफल, सन् 1969-70 में 10,58,000 एकड़ था।
तेल अवीव इस्राइल का प्रमुख उद्योगकेंद्र है जहाँ कपड़ा, काष्ठ, औषधि, पेय तथा प्लास्टिक आदि उद्योगों का विकास हुआ है। हैफा क्षेत्र में सीमेंट, मिट्टी का तेल, मशीन, रसायन, काँच एवं विद्युत् वस्तुओं के कारखाने हैं। जेरूसलम हस्तशिल्प एवं मुद्रण उद्योग के लिए विख्यात है। नथन्या जिले में हीरा तराशने का काम होता है।
हैफा तथा तेल अवीव रूम सागरतट के पत्तन (बन्दरगाह) हैं। इलाथ अकाबा की खाड़ी का पत्तन है। मुख्य निर्यात सूखे एवं ताजे फल, हीरा, मोटरगाड़ी, कपड़ा, टायर एवं ट्यूब हैं। मुख्य आयात मशीन, अन्न, गाड़ियाँ, काठ एवं रासायनिक पदार्थ हैं।
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य ने स्वयं को एक विकत परिस्तिथि में पाया जहाँ उनका विवाद यहूदी समुदाय के साथ दो तरह की मानसिकता में बाँट चुका था। जहाँ एक तरफ हगना, इरगुन और लोही नाम के संगठन ब्रिटिश के विरुद्ध हिंसात्मक विद्रोह कर रहे थे वहीं हजारो यहूदी शरणार्थी इजराइल में शरण माँग रहे थे। तभी सन 1947 में ब्रिटिश साम्राज्य ने ऐसा उपाय निकलने की घोषणा की जिस से अरब और यहूदी दोनों सम्प्रदाय के लोग सहमत हो। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा फिलिस्तीन के विभाजन को (संयुक्त राष्ट्र संघ के 181 घोषणा पत्र) नवम्बर 29, 1947 मान्यता दे दी गयी, जिसके अन्तर्गत राज्य का विभाजन दो राज्यों में होना था एक अरब और एक यहूदी। जबकि जेरुसलेम को संयुक्त राष्ट्र द्वारा राज्य करने की बात कहीं गयी इस व्यवस्था में जेरुसलेम को " सर्पुर इस्पेक्ट्रुम "(curpus spectrum) कहा गया !
इस व्यवस्था को यहूदियों द्वारा तुरन्त मान्यता दे दी गयी वहीं अरब समुदाय ने नवेम्बर 1, 1947 तीन दिनों के बन्द की घोषणा की। इसी के साथ गृह युद्ध की स्तिथि बन गए और करीब 2,50,000 फिलिस्तीनी लोगो ने राज्य छोड़ दिया। 14 मई 1948 को यहूदी समुदाय ने ब्रिटिश से पहले स्वतन्त्रता की घोषणा कर दी और इजराइल को राष्ट्र घोषित कर दिया, तभी सिरिया, लीबिया तथा इराक ने इजराइल पर हमला कर दिया और तभी से 1948 के अरब - इजराइल युद्ध की शुरुआत हुई। सउदी अरब ने भी तब अपनी सेना भेजकर और मिस्त्र की सहायता से आक्रमण किया और यमन भी युद्ध में शामिल हुआ, लगभग एक वर्ष के बाद युद्ध विराम की घोषणा हुयी और जोर्डन तथा इस्राइल के बीच सीमा रेखा अवतरित हुयी जैसे green line (हरी रेखा) कहा गया और मिस्त्र ने गाज़ा पट्टी पर अधिकार किया, करीब 7,00,000 फिलिस्तीन इस युद्ध के दौरान विस्थापित हुए। इजराइल ने 11 मई 1949 में सयुक्त राष्ट्र की मान्यता हासिल की।
अरब समुदाय तथा मिस्र के राष्ट्रपति गमाल अब्देल नसीर ने इजराइल को मान्यता नहीं दी और 1966 में इजराइल - अरब युद्ध हुआ ! 1967 में मिस्त्र ने संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी दल को सनाई पनिसुलेना (1957) को बहार निकल दिया और लाल सागर में इजराइल की आवागमन बन्द कर दी। जून 5, 1967 को इजराइल ने मिस्त्र जोर्डन सीरिया तथा इराक के विरुद्ध युद्ध घोषित किया और महज 6 दिनों में अपने अरब दुश्मनों को पराजित कर क्षेत्र में अपनी सैनिक प्रभुसत्ता कायम की। इस युद्ध के दौरान इजराइल को अपने हे राज्य में उपस्तिथ फलिस्तीनी लोगो का विरोध झेलना पड़ा इसमें प्रमुख था फिलिस्तीन लिबरेशन ओर्गानिज़शन (पी॰ एल॰ ओ॰) जो 1964 में बनया गया था। 1960 के अंत से 1970 तक इजराइल पर कई हमले हुए जिसमें 1972 में इजराइल के प्रतिभागियों पर मुनिच ओलंपिक में हुआ हमला शामिल है।
6 अक्टूबर, 1973 को सिरिया तथा मिस्त्र द्वारा इजराइल पर अचानक हमला किया गया जब इजराइली योम नमक त्यौहार मन रहे थे, जिसके जवाब में सिरिया तथा मिस्त्र को बहुत भरी नुक्सान उठाना पड़ा।
1976 के दौरान इजराइल के सैनिको ने बड़ी बहादुरी से 95 बन्धको को छुड़ाया।
1977 के आम चुनावो में लेबर पार्टी की हार हुयी और इसी के साथ मेनाचिम बेगिन सत्ता में आये तभी अरब नेता अनवर सद्दात ने इस्रैल की यात्रा को जिस से इजराइल-मिस्त्र समझोते (1979) की नीव पड़ी।
मार्च 11, 1978 में लेबनान से आये पी॰ एल॰ ओ॰ के आतंकियों ने 35 इजराइली नागरिकों की हत्या कर दे और 75 को घायल कर दिया जवाब में इजराइल ने लेबनान पर हमला किया और प॰एल.ओ के सदस्य भाग खड़े हुए।
1980 में इज़रायल ने जेरुसलेम को अपनी राजधानी घोषित किया जिस से अरब समुदाय नाराज़ हो गया।
जून 7, 1981 में इज़रायल ने इराक का सोले परमाणु सयन्त्र तबाह कर दिया।
इज़रायल एक प्रभुसत्तासम्पन्न गणराज्य है जिसकी स्थापना 14 मई 1948 ई. के घोषणा के आधार पर हुई है। 1949 ई. में इज़रायली संसद (सीनेट) ने संक्रमण कानून पारित किया जो समान्य शब्दावली के माध्यम से संसद, राष्ट्रपति तथा मन्त्रिमण्डल के अधिकारों की व्याख्या करता है। 1950 ई. में संसद ने समय-समय पर मूल नियमों को अधिनियमित करने का प्रस्ताव पारित किया। ये ही अधिनियमित मूल नियम समग्र रूप में इज़रायल के संविधान के नियामक हैं। संसद्, इज़रायली राष्ट्र तथा राष्ट्रपति से संबद्ध इन मूल नियमों को क्रमश: 1958, 1960, तथा 1964 ई. में पारित किया गया।
इज़रायली संसद को सर्वोच्च अधिकार प्राप्त हैं और 120 सदस्योंवाली इस एकसदनी संसद् का चुनाव सार्वदेशिक मताधिकार के आधार पर अनुपाती-प्रतिनिधित्व-पद्धति से प्रति चार वर्ष के लिए कराया जाता है। राष्ट्रपति राष्ट्राध्यक्ष होता है और संसद पाँच वर्ष के लिए इसका चुनाव करती है। प्रधानमन्त्री के नेतृत्व में गठित मन्त्रिमण्डल संसद के प्रति उत्तरदायी होता है। मन्त्री सामान्यत: संसद सदस्यों में से ही बनाए जाता हैं लेकिन इनकी नियुक्ति सदस्येतर व्यक्तियों में से भी की जा सती है। पूरा देश छह मण्डलों में विभक्त है। संसदीय निर्वाचन के साथ-साथ स्थानीय अधिकारियों का चुनाव भी सम्पन्न होता है जिनका कार्यकाल चार वर्ष तक रहता है। 27 नगरपालिकाएँ (दो अरबों की), 117 स्थानीय परिषदें (45 अरबों तथा सीरियाई देशों की) तथा 47 क्षेत्रीय परिषदें (एक अरबों की) 674 गाँवों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
इज़राइल को आर्थिक और औद्योगिक विकास में दक्षिण पश्चिम एशिया और मध्य पूर्व में सबसे उन्नत देश माना जाता है। इज़राइल की अत्याधुनिक विश्वविद्यालय और गुणवत्ता शिक्षा, देश की उच्च प्रौद्योगिकी उछाल और तेजी से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए ज़िम्मेदार है। सीमित प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद, पिछले दशकों में कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों के गहन विकास ने अनाज और बीफ के अलावा, इजरायल को खाद्य उत्पादन में काफी हद तक आत्मनिर्भर बना दिया है। 2016 में कुल 57.9 अरब अमरीकी डालर का आयात किया गया था, जिसमें कच्चे माल, सैन्य उपकरण, निवेश सामान, कच्चे हीरे, ईंधन, अनाज और उपभोक्ता सामान शामिल हैं। 2016 में, इजरायल का निर्यात 51.61 अरब डॉलर तक पहुँच गया। प्रमुख निर्यात में, मशीनरी और उपकरण, सॉफ्टवेयर, कटे हीरे, कृषि उत्पादों, रसायन और वस्त्र और परिधान शामिल हैं।
सॉफ़्टवेयर, संचार और जीवन विज्ञान में अत्याधुनिक तकनीकों के इज़राइल के विकास ने सिलिकॉन वैली के साथ तुलना को जन्म दिया है। 2019 ब्लूमबर्ग इनोवेशन इण्डेक्स में इज़राइल 5 वें स्थान पर है, और जीडीपी के प्रतिशत के रूप में अनुसन्धान और विकास पर खर्च में दुनिया में पहला है। इज़राइल में प्रति 10,000 कर्मचारियों पर 140 वैज्ञानिक, तकनीशियन और इंजीनियर हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक है (तुलना में, यू.एस. के लिए यह 85 है)। इज़राइल ने 2004 से छह नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिकों का उत्पादन किया है और इसे दुनिया में प्रति व्यक्ति वैज्ञानिक पत्रों के उच्चतम अनुपात वाले देशों में से एक के रूप में स्थान दिया गया है। इज़राइल ने 2000 से प्रति व्यक्ति स्टेम-सेल शोध पत्रों में दुनिया का नेतृत्व किया है। इज़राइली विश्वविद्यालयों को कम्प्यूटर विज्ञान (तकनीक और तेल अवीव विश्वविद्यालय), गणित (यरूशलेम के हिब्रू विश्वविद्यालय) और रसायन विज्ञान (वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंसेज) में शीर्ष 50 विश्व विश्वविद्यालयों में स्थान दिया गया है।
2012 में, फ़्यूट्रॉन के अन्तरिक्ष प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक द्वारा इज़राइल को दुनिया में नौवें स्थान पर रखा गया था। इज़राइल अंतरिक्ष एजेंसी वैज्ञानिक और वाणिज्यिक लक्ष्यों के साथ सभी इज़राइली अन्तरिक्ष अनुसन्धान कार्यक्रमों का समन्वय करती है, और स्वदेशी रूप से कम से कम 13 वाणिज्यिक, अनुसन्धान और जासूसी उपग्रहों का डिजाइन और निर्माण किया है। इज़राइल के कुछ उपग्रहों को दुनिया की सबसे उन्नत अन्तरिक्ष प्रणालियों में स्थान दिया गया है। शावित एक अन्तरिक्ष प्रक्षेपण यान है जिसे इज़राइल द्वारा छोटे उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में लॉन्च करने के लिए बनाया गया है। इसे पहली बार 1988 में लॉन्च किया गया था, जिससे इजरायल अन्तरिक्ष प्रक्षेपण क्षमता वाला आठवाँ देश बन गया। 2003 में, इलान रेमन इज़राइल के पहले अन्तरिक्ष यात्री बने, जो अन्तरिक्ष शटल कोलम्बिया के घातक मिशन एसटीएस-107 के पेलोड विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत थे।
देश में पानी की चल रही कमी ने जल संरक्षण तकनीकों में नवाचार को बढ़ावा दिया है, और एक पर्याप्त कृषि आधुनिकीकरण, ड्रिप सिंचाई, का आविष्कार इज़राइल में किया गया था। इज़राइल अलवणीकरण और जल पुनर्चक्रण के तकनीकी मोर्चे पर भी है। सोरेक डिसेलिनेशन प्लाण्ट दुनिया में सबसे बड़ा समुद्री जल रिवर्स ऑस्मोसिस (एसडब्ल्यूआरओ) विलवणीकरण सुविधा है। 2014 तक, इज़राइल के विलवणीकरण कार्यक्रमों ने इज़राइल के पीने के पानी का लगभग 35% प्रदान किया और यह 2015 तक 40% और 2050 तक 70% की आपूर्ति करने की उम्मीद है। 2015 तक, इजरायल के घरों, कृषि और उद्योग के लिए 50 प्रतिशत से अधिक पानी कृत्रिम रूप से उत्पादित किया जाता है। देश एक वार्षिक जल प्रौद्योगिकी और पर्यावरण नियन्त्रण प्रदर्शनी और सम्मेलन (WATEC) की मेजबानी करता है जो दुनिया भर से हजारों लोगों को आकर्षित करता है। 2011 में, इज़राइल का जल प्रौद्योगिकी उद्योग सालाना लगभग 2 अरब डॉलर का था, जिसमें उत्पादों और सेवाओं का वार्षिक निर्यात लाखों डॉलर में होता था। रिवर्स ऑस्मोसिस तकनीक में नवाचारों के परिणामस्वरूप, आने वाले वर्षों में इज़राइल पानी का शुद्ध निर्यातक बनने के लिए तैयार है।
इज़राइल ने सौर ऊर्जा को अपनाया है; इसके इंजीनियर सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी हैं और इसकी सौर कम्पनियाँ दुनिया भर में परियोजनाओं पर काम करती हैं। इज़राइल के 90% से अधिक घर गर्म पानी के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं, जो दुनिया में प्रति व्यक्ति सबसे अधिक है।
इजरायल की विविध संस्कृति इसकी आबादी की विविधता के कारण उत्पन्न होती है: चूकि दुनिया भर से यहूदि आकर इजरायल को अपना घर बनाया, तो साथ अपने देश से वहाँ की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को अपने साथ ले आये, जिससे यहूदी परंपराओं और मान्यताओं का एक मिला-जुला स्वरुप निर्मित हो गया है। इज़राइल दुनिया का एकमात्र देश है जहां जीवन हिब्रू कैलेंडर के अनुसार व्यतीत होता है। काम और स्कूल की छुट्टियाँ, यहूदी छुट्टियों द्वारा निर्धारित होती है, और हफ्तें का आधिकारिक अवकाश दिवस शनिवार होता है, जिस दिन यहूदी सब्त होता है। इज़राइल की अरब अल्पसंख्यकों ने वास्तुकला, संगीत और व्यंजन जैसे क्षेत्रों में, वहाँ की संस्कृति पर अपनी छाप छोड़ी है। इजरायल के व्यंजनों में स्थानिय व्यंजन और साथ ही साथ प्रवासी यहूदियों द्वारा उनके देश से लाये व्यंजन भी शामिल हैं। इज़राइली व्यंजनों में संयोजन देखने को मिलता है।
इसराइल में सबसे लोकप्रिय खेल फुटबॉल और बास्केटबॉल हैं। 1994 में, यूईएफए ने इजरायल की फुटबॉल टीम को यूरोपीय टीमों से प्रतिस्पर्धा करने की स्वीकृति प्रदान की। शतरंज इजराइल में एक प्रमुख खेल है और सभी उम्र के लोगों द्वारा खेला जाता है। कई इज़राइली ग्रैंडमास्टर और इज़राइली शतरंज खिलाड़ी, कई युवा विश्व चैंपियनशिप जीत चुके हैं। इज़राइल ने एक वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय चैम्पियनशिप आयोजित किया था और 2005 में विश्व टीम शतरंज चैंपियनशिप की मेजबानी भी की थी। 1992 में इज़राइल ने अपनी पहली जीत के बाद से नौ ओलंपिक पदक जीते हैं, जिसमें 2004 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में विंडसर्फिंग में स्वर्ण पदक भी शामिल है।
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