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ग्रेट ब्रिटेन राजशाही या ग्रेट ब्रिटेन राजतंत्र, आधिकारिक रूपसे:ग्रेट ब्रिटेन, पश्चिमी यूरोप में १ मई १७०७ से १३ दिसंबर १८०० तक विद्यमान, यूनाइटेड किंगडम का पूरक राज्य था। ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना १७०६ को अंग्रेज़ी राजशाही और स्कोटियाई राजशाही के बीच तय किये गए विलयके समझौतेका १७०७में विलय के अधिनियमों के रूपमें पारित होनेके कारण हुआ था। इन अधिनोइयमोंके कारण, पूर्व आंग्ल राजतंत्र और स्कॉट राजतंत्रका एक शासक, एक संसद तथा एक व्यवस्था के साथ, एकही राजतांत्रिक इकाईके रूपमें विलय होगया, जिसका विस्तार पूरे ग्रेट ब्रिटेन और उसके निकट के द्वीपों पर अधिपत्य था। इस राजतंत्र का अधिआसन, लंदन का वेस्टमिंस्टर शहर था। यह एक पूर्णतः एकात्मक राज्य राज्य था, और इसकी राजनीतिक व्यवस्था में स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के बीच किसी प्रकार का संघीय या महासंघिया संबंध नहीं था। इंग्लैंड और स्कॉटलैंड (और आयरलैंड) सन् १६०३ में एलिज़ाबेथ प्र॰ के देहांत पश्चात् जेम्स प्रथम की सिंघासन-उत्तराधिकृति से एक व्यक्तिगत विलय की स्थिती में थे। हालाँकि, इंग्लैंड और आयरलैंड का विलय हो गया था, परंतु आईरिस राज्य, ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा नहीं था, और वह एक स्वतंत्र प्रदेश था।
ग्रेट ब्रिटेन
Great Britain
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ग्रेट ब्रिटेन, १८०८ (green) की अवस्थिति यूरोपीय महाद्वीप (green & grey) में | ||||||||||||
राजधानी | लंदन 51°30′N 0°7′W | |||||||||||
भाषाएँ | अंग्रेज़ी (आधिकारिक), स्कॉट्स, नॉर्ण, वेल्श कॉर्निश, स्कोटिश गैलिक, एंग्लोरोमानी | |||||||||||
शासन | ऐकिक संसदीय संवैधानिक एकराट्तंत्र | |||||||||||
एकादिदारुक | ||||||||||||
- | 1707–1714 | ऐनी | ||||||||||
- | 1714–1727 | जॉर्ज प्र॰ | ||||||||||
- | 1727–1760 | जॉर्ज द्वि॰ | ||||||||||
- | 1760–1801 | जॉर्ज त्रि॰ | ||||||||||
प्रधानमंत्री | ||||||||||||
- | 1721–1742 | रॉबर्ट वालपोल(प्रथम) | ||||||||||
- | 1783–1801 | विलियम पिट (युवा)(अंतिम) | ||||||||||
विधायिका | संसद | |||||||||||
- | उच्च सदन | हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स | ||||||||||
- | निम्न सदन | हाउस ऑफ़ कॉमन्स | ||||||||||
इतिहास | ||||||||||||
- | विलय की संधि | 22 जुलाई 1706 | ||||||||||
- | विलय के अधिनियम | 1 मई 1707 | ||||||||||
- | आयरलैंड के साथ विलय | 1 जनवरी 1801 | ||||||||||
क्षेत्रफल | ||||||||||||
- | कुल | 2,30,977 किमी ² (89,181 वर्ग मील) | ||||||||||
जनसंख्या | ||||||||||||
- | 1707 est. | 70,00,000 | ||||||||||
| 30.3 /किमी ² (78.5 /वर्ग मील) | |||||||||||
- | 1800 est. | 1,05,00,000 | ||||||||||
| 45.5 /किमी ² (117.7 /वर्ग मील) | |||||||||||
मुद्रा | पाउण्ड-स्टर्लिंग | |||||||||||
आज इन देशों का हिस्सा है: | ब्रिटेन | |||||||||||
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१ जनवरी १८०१, को ग्रेट ब्रिटेन राजशाही का आयरिश राजशाही के साथ विलय होगया और ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड का यूनाइटेड किंगडम की स्थापना हुई। १९२२ में, आयरलैंड का पांच-छ्याई भाग, इस यूनाइटेड किंगडम से निकल गया और इस राज्य का पुनःनामकरण कर, इसका नाम ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की यूनाइटेड किंगडम कर दिया गया, जोकि आज विद्यमान है।
इस संयुक्त राज्य के शुरूआती वर्ष, जकॉबियाइ जागरणों से भरे थे, जो १७४६ में स्टुअर्टवंशी चार्ल्स एडवर्ड स्टुअर्ट की हार के साथ समाप्त हुए। तत्पश्चात् १७६३ में सप्तवर्षीय युद्ध में विजय ने सर्वप्रथम वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया, जोकि अगले १०० वर्षों में इतिहास के बृहत्तम् साम्राज्य के रूप में विकसित हुई।
विलय की संधि तथा विलय के अधिनियमों में इंग्लैंड और स्कॉटलैंड को "ग्रेट ब्रिटेन के नाम से एक राजशाही के रूप में संयुक्त" करने की बात की गयी है।[1] जिससे यह प्रतीत होता है की आधिकारिक नाम ग्रेट ब्रिटेन ही था। हालाँकि, दो अधिनियमों तथा संदिग्ध के दस्तावेज़ में "यूनाइटेड किंगडम"("यूनाइटेड किंगडम") और उसका लंबा रूप "ग्रेट ब्रिटेन की यूनाइटेड किंगडम"(यूनाइटेड किंगडम ऑफ़ ग्रेट ब्रिटेन) के भी उल्लेख कई बार मिलता है।[2][3][4][5][6][7][8][9] इसके अलावा यूनाइटेड किंगडम नाम और भी कई दस्तावेज़ों में पाया जा सकता है तथा इस बात का भी प्रमाण है की इस देश को अनौपचारिक रूप से भी "यूनाइटेड किंगडम" कहा जाता था।[10][11]
वर्ष १७०७ तक स्कॉटलैंड और इंग्लैंड करीब १०० सालों से एक ही शासक को साझा कर रहे थे। यह सिलसिला 1603 में स्कॉटलैंड के जेम्स षष्टम् द्वारा अपनी चचेरी बहन इंग्लैंड की एलिजाबेथ प्रथम की मृत्यु के बाद अंग्रेजी सिंहासन को उत्तराधिकृत करने तथा दोनों राजमुकुटों के विलय द्वारा शुरू हुआ था। हालाँकि, इसे राजमुकुटों का विलय कहा गया था, परंतु वास्तविक तौर पर, दोनों देशों के शासक एक ही थे, परंतु दोनों की सरकार और प्रशासनिक व्यवस्थापिका बिलकुल विभक्त और भिन्न था। इन दोनों राष्ट्रों का एक ही देश में विलय करवाने का प्रयास इससे पहले भी कई बार किया जा चूका था, परंतु १८वीं सदी से पहले तक इस सुझाव को दोनों पक्षों की राजनीतिक व्यवस्थापिक का समर्थन प्राप्त नहीं था। परंतु १८वीं सदी में हुए विभिन्न अंदरुनी राजनैतिक परिवर्तनों के कारण विलय की यूजन को बाल मिला, और स्कॉटलैंड और इंग्लैंड की संसद में विलय के अधिनियमों को पारित किया गया। इन्हें दोनों सांसदों के प्रतिनिधियों द्वारा 22 जुलाई १७०६ को हस्ताक्षर किए गए विलय की संधि(ट्रीटी ऑफ़ यूनियन) को लागू करने के लिए पारित किए गए थे।
ये अधिनियम १ मई १७०७ से लागू हुए। उस दिन से स्कोटियाई संसद और अंग्रेज़ी संसद का विलय होकर ग्रेट ब्रिटेन की संसद की स्थापना हुई। साथ ही इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के विलय से ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना हुई। इस विलायकृत संसद का आसान लंदन का वेस्टमिंस्टर का महल था, जिसमें पूर्वतः अंग्रेज़ी संसद बैठ करती थी। रानी ऐनी इस संयुक्त राजतंत्र की पहली शासक तथा स्टुअर्ट वंश की अंतिम शासक बनीं। उनके निधन के बाद, ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१ के शर्तों के अंतर्गत हॅनोवर की निर्वाचिका, सोफ़िया के पुत्र, राजा जॉर्ज प्रथम ने सिंघासन पर विराजमान होकर ग्रेट ब्रिटेन पर हनोवर वंश के राज की शुरुआत की।
सन् १७०० में स्पेन के राजा चार्ल्स द्वितीय की मृत्यु के बाद, स्पेनियाइ सिंघासन फ्रांस के राजा के पोते, फ़िलिप के हाथ चला गया। फिलिप के स्पेनिश सिंघासन हासिल करने के कारण, फ्रांस और स्पेन तथा उनके उपनिवेशों के विलय की संभावना बढ़ गयी। इस संभावना के साथ ब्रिटेन की औपनिवेशिक सुरक्षा और उसकी वैश्विक शक्ति पर खतरा बढ़ गया। अतः ब्रिटेन ने डच गणराज्य और पुर्तगाल के साथ, स्पेन और फ्रांस तथा उनके मित्रदेशों के खिलाफ, स्पेनिश उत्तराशिकर के युद्ध में पवित्र रोमन साम्राज्य के साथ मैत्री कर ली। इस युद्ध में पराजय के कारण फ़िलिप ने स्पेनिश गद्दी पर अपना दावा छोड़ दिया, और स्पेन को अपने यूरोपीय प्रदेशों से हाथ धोना पड़ा। हालाँकि, उसकी अमेरिकी उपनिवेश स्पेन के पास थे, परंतु इस पराजय के कारण वैश्विक स्टार पर उसकी शक्ति अपरिवर्तनीय रूप से समाप्त हो गयी।
सप्तवर्षीय युद्ध दुनिया का पहला वैश्विक स्तर का युद्ध था जो 1754 तथा 1763 के बीच लड़ा गया। इसमें 1756 से 1763 तक की सात वर्ष अवधि में युद्ध की तीव्रता अधिक थी। इसमें यूरोप के तमाम प्रमुख राजनीतिक तथा सामरिक रूप से शक्तिशाली देश शामिल थे। इसका प्रभाव योरप, उत्तरी अमेरिका, केंद्रीय अमेरिका, पश्चिमी अफ्रीकी समुद्रतट, भारत तथा फिलीपींस पर पड़ा। अमेरिका में फ्रांस ने अपनी उपनिवेशिक संपदा (नई फ्रांस) को लगभग पूर्णतः ब्रिटेन को सौंप दिया, और लुइज़िआना को स्पेन के हाथों सौंप दिया। वहीँ भारत में इसे तृतीय कर्नाटक युद्ध में फ्रांस की पराजय और प्लासी की युद्ध में सिराजुद दौलह की पराजय के बाद ग्रेट ब्रिटेन भारत में सबसे ताकतवर सैन्य शक्ति के रूपमें स्थापित हुआ। इस युद्ध में फ्रांस पर विभिन्न खण्डों में विजय के कारण ब्रिटेन फ्रांस के भी उपनिवेशिक विस्तार पर रोक लगाने में सक्षम रहा
अमेरिकी क्रान्ति से आशय अठ्ठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में घटित घटनाओं से है जिसमें तेरह कालोनियाँ ब्रितानी साम्राज्य से आजाद होकर संयुक्त राज्य अमेरिका के नाम से एक देश के रूप में स्थापित हुआ।। इस क्रान्ति में सन १७७५ एवं १७८३ के बीच तेरह कालोनियाँ मिलकर ब्रितानी साम्राज्य के साथ सशस्त्र संग्राम में शामिल हुईं। इस संग्राम को 'क्रान्तिकारी युद्ध' या 'अमेरिका का स्वतन्त्रता संग्राम' कहते हैं। इस क्रान्ति के फलस्वरूप सन १७७६ में अमेरिका के स्वतन्त्रता की घोषणा की गयी एवं अन्ततः सन १७८१ के अक्टूबर माह में युद्ध के मैदान में क्रान्तिकारियों की विजय हुई।
इस काल के दौरान ग्रेट ब्रिटेन की औपनिवेशिक संपदाओं में निर्णयात्मक परिवर्तन आया; सन् १७७० के दशक में पूर्वी अमेरिकी तट पर १६वीं सदी से बसी इंग्लैंड की १३ कॉलोनयों ने अंग्रेज़ी अधिपत्यता के ख़िलाफ़ विद्रोह कर दिया। राजमुकुट के वफादारों और विद्रोहियों के बीच हुये जंगों के बाद, विद्रोही विजयी रहें और इन तेरह उपनिवेशों ने सम्मिलित रूप से १७७६ में संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना की। वहीँ उत्तर की और ब्रिटेन ने फ़्रांसिसी उपनिवेशों को युद्ध में हरा कर फ्रांस की कैनडा और कुबेक जैसे उपनिवेशों पर अपना अधिकार जमा लिया। अमेरिका में हुए पतन के बाद ग्रेट ब्रिटेन ने अपना ध्यान एशिया और अफ़्रीका की ओर केंद्रित किया, तथा ब्रिटेन ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड में नई भूमियों का आविष्कार किया और नए उपनिवेश स्थापित किये। वहीं भारत में प्लासी की लड़ाई में विजय और पानीपत की तीसरी लड़ाई में मराठा साम्राज्य की हार के बाद, अंग्रज़ों ने भारत में स्वयं को श्रेष्ठम् शक्ति के रूप में स्थापित कर लिया, और ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी, जो अबतक केवल व्यापार से संबंधित थी, ने भूमि पर अधिकार जमाना शुरू कर दिया। प्रथम ब्रिटिश साम्राज्य के पतन के बाद द्वितीय ब्रिटिश साम्राज्य का उदय इसी काल के दौरान हुआ।
रानी ऐनी इस संयुक्त राजतंत्र की पहली शासक तथा स्टुअर्ट वंश की अंतिम शासक बनीं। उनके निधन के बाद, ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१ के शर्तों के अंतर्गत हॅनोवर की निर्वाचिका, सोफ़िया के पुत्र, राजा जॉर्ज प्रथम ने सिंघासन पर विराजमान होकर ग्रेट ब्रिटेन पर हनोवर वंश के राज की शुरुआत की। ग्रेट ब्रिटेन के शासकों की सूचि निम्न है:
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