तुलसीदास
श्रीरामचरितमानस एवं विनय पत्रिका जैसे महाकाव्यों के रचयिता, हिन्दू कवि-सन्त ( 1511-1623 ) / From Wikipedia, the free encyclopedia
गोस्वामी तुलसीदास (११ अगस्त १५११ - १६२३) हिन्दी साहित्य के महान भक्त कवि थे। रामचरितमानस इनका गौरव ग्रन्थ है। इन्हें आदिकाव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है।
सामान्य तथ्य गोस्वामी तुलसीदास, जन्म ...
गोस्वामी तुलसीदास | |
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तुलसीदास रामचरितमानस की रचना करते हुए | |
जन्म |
रामबोला ११ अगस्त १५११ (सम्वत्- 1568 वि०, श्रावण शुक्ल सप्तमी, शुक्रवार)[1] सोरों शूकरक्षेत्र, जनपद- कासगंज, उत्तर प्रदेश, भारत |
मृत्यु |
३० अगस्त १६२३ (सम्वत १६८० वि०, श्रावण शुक्ल सप्तमी, गुरुवार) वाराणसी |
गुरु/शिक्षक | शूकरक्षेत्र सोरों निवासी पंडित नृसिंह चौधरी (स्मार्त-वैष्णव) |
खिताब/सम्मान | गोस्वामी, अभिनववाल्मीकि, इत्यादि |
साहित्यिक कार्य | रामचरितमानस, विनयपत्रिका, दोहावली, कवितावली, हनुमान चालीसा, वैराग्य सन्दीपनी, जानकी मंगल, पार्वती मंगल, इत्यादि |
कथन |
सीयराममय सब जग जानी। करउँ प्रनाम जोरि जुग पानी ॥ (रामचरितमानस १.८.२) |
धर्म | हिन्दू |
दर्शन | स्मार्त वैष्णव |
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श्रीरामचरितमानस का कथानक रामायण से लिया गया है। ब्रजावधी में रचित श्रीरामचरितमानस लोकग्रन्थ है और इसे उत्तर भारत में बड़े भक्तिभाव से पढ़ा जाता है। इसके बाद ब्रजभाषा में रचित विनय पत्रिका उनका एक अन्य महत्त्वपूर्ण काव्य है। महाकाव्य श्रीरामचरितमानस को विश्व के १०० सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यों में ४६वाँ स्थान दिया गया। तुलसीदास जी स्मार्त वैष्णव थे।[2]