इब्न अरबी
From Wikipedia, the free encyclopedia
इब्न अरबी (अरबी: ابن عربي, पूरा नाम: أبو عبد الله محـمـد بن علي بن محمـد بن العربي; हिन्दी: अबू अब्द बिन अल्लाह मोहम्मद इब्न अली इब्न मोहम्मद इब्न अल-अरबी अल-हातिमी अल-ताई अल-आंदालूसी अल-मूशी अल-दिमश्की; ११६५-१२४०), जिन्हें अल-कुशैरी और सुल्तान अल-अरीफ़िन के नाम से भी जाना जाता था, एक अरब अंदलुसी मुसलमान विद्वान, रहस्यवादी, कवि और दार्शनिक थे जो इस्लामी विचारों के भीतर बेहद प्रभावशाली थे। उनके ८५० कार्यों में से कुछ ७०० प्रामाणिक हैं जबकि ४० से अधिक अभी भी मौजूद हैं। उनकी ब्रह्मांड संबंधी शिक्षाएँ इस्लामी दुनिया के कई हिस्सों में प्रमुख विश्वदृष्टि बन गईं।
![]() इब्न अरबी | |
व्यक्तिगत जानकारी | |
---|---|
अन्य नाम | अल-कुशैरी सुल्तान अल-अरीफ़िन |
जन्म | अबू अब्द बिन अल्लाह मोहम्मद इब्न अली इब्न मोहम्मद इब्न अल-अरबी अल-हातिमी अल-ताई अल-आंदालूसी अल-मूशी अल-दिमश्की ११ जुलाई ११६५ मूरसिया, स्पेन |
मृत्यु | १६ नवंबर १२४० (उम्र ७५ वर्ष) अल सलिहिया, दमिश्क, अयूबिद सल्तनत |
जीवनसाथी(याँ) | मरयम |
वृत्तिक जानकारी | |
युग | मध्यकाल दर्शन |
विचार सम्प्रदाय (स्कूल) | अकबरिया के संस्थापक |
राष्ट्रीयता | अंदालुसी |
मुख्य विचार | रहस्यवाद सत्तामीमांसा |
वह सूफीवाद के अभ्यासियों के बीच अश-शेख अल-अकबर (الشيخ الأكبر 'महानतम शेख; यहाँ से अकबरिया या "अकबेरियन" स्कूल का नाम निकला है) और मुही अद-दीन (محيي الدين, 'विश्वास का नवीनीकरण') इब्न 'अरबी की सम्मानित उपाधियों से प्रसिद्ध हैं,[1][2][lower-alpha 1] और एक संत माना जाता था।[4][5] मध्ययुगीन यूरोप में उन्हें डॉक्टर मैक्सिमस (लैटिन: Doctor Maximus, अर्थात 'महानतम शिक्षक') के रूप में जाना जाता था।[6]