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भारतीय सशस्त्र बलों की समुद्री सेवा शाखा विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
भारतीय नौसेना (अंग्रेज़ी: Indian Navy) भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है जो कि 400 वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास के साथ न केवल भारतीय सामुद्रिक सीमाओं अपितु भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की भी रक्षक है। भारत के राष्ट्रपति इस सेना के सेनापति।
भारतीय नौसेना | |
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सक्रिय | 26 जनवरी 1950 से वर्तमान |
देश | भारत |
प्रकार | नौसेना |
भूमिका | नौसैनिक युद्ध, बल प्रक्षेपण, सीलिफ्ट, परमाणु निरोध |
विशालता | 67,252 सक्रिय कर्मिक[1][2] 75,000 रिजर्व सेना[3] 150 जहाज[4][5] (295 सहायक) 300 वायुयान |
का भाग | भारतीय सशस्त्र सेनाएँ |
मुख्यालय | नौसेना विभाग (रक्षा मंत्रालय) |
आदर्श वाक्य | शं नो वरुण (Sanskrit) Sham No Varunaḥ (IAST) जल के देवता वरुण हमारे लिए मंगलकारी रहें (Hindi) |
Colours | नेवी ब्लू, सुनहरा और सफेद |
मार्च (सीमा रक्षा) | जय भारती |
वर्षगांठ | नौसेना दिवस: 4 दिसम्बर |
परिचालन बेड़े | March 2020 के अनुसार [update]
2 विमान वाहक
1 उभयचर युद्ध पोत 8 लैंडिंग शिप टैंक 10 युद्धपोत 13 फ़्रिगट 23 कॉर्वेट 1 माइन काउंटर वेसल 3 परमाणु पनडुब्बी 15 डीजल पनडुब्बी 140 पेट्रोल वेसल 4 रिप्लेनिशमेंट ऑयलर और सहायक जहाज |
युद्ध के समय प्रयोग | प्रमुख युद्ध और सैन्य अभियान
प्रथम अफ़ीम युद्ध
द्वितीय अफीम युद्ध पहला विश्व युद्ध द्वितीय विश्वयुद्ध गोवा का विलय १९६५ का भारत-पाक युद्ध १९७१ का भारत-पाक युद्ध ऑपरेशन लाल डोरा ऑपरेशन कैक्टस कारगिल युद्ध ऑपरेशन ओशन शील्ड |
जालस्थल | भारतीय नौसेना |
सेनापति | |
राष्ट्रपति | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू |
भारत के नौसेनाध्यक्ष | एडमिरल आर हरि कुमार[6] |
भारत के उप-नौसेनाध्यक्ष | वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह |
नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख (DCNS) | वाइस एडमिरल रवनीत सिंह[7] |
प्रसिद्ध सेनापति | एडमिरल एस. एम. नंदा , एडमिरल राम दास कटारी |
बिल्ला | |
भारतीय नौसेना का प झंडा | |
नौसेना जैक | |
प्रयुक्त वायुयान | |
लड़ाकू | मिग-29के |
हैलीकॉप्टर | ध्रुव, का-28, का-31, सी किंग एमके.42सी, यूएच-3 सी किंग, चेतक |
यूटिलिटी हैलीकॉप्टर | ध्रुव |
गश्ती | बोइंग पी-8 पोसाइडन, इल्यूशिन आईएल-38, डोर्नियर 228 |
आवीक्षी | आईएआई हेरोन, आईएआई सर्चर एमके II, जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9बी सीगार्डियन |
प्रशिक्षक | बीएई हॉक, एचएएल एचजेटी-16, पिपस्ट्रेल वायरस, मिग-29केयूबी |
भारतीय नौसेना सन् 1612 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी की युद्धकारिणी सेना के रूप में "इंडियन मेरीन" संगठित की गई। 1685 ई. में इसका नामकरण "बंबई मेरीन" हुआ, जो 1830 ई. तक चला। 8 सितंबर 1934 ई. को भारतीय विधानपरिषद् ने भारतीय नौसेना अनुशासन अधिनियम पारित किया और रॉयल इंडियन नेवी का प्रादुर्भाव हुआ।
जून 2019, भारतीय नौसेना के पास 67,252 सक्रिय सैनिक और 75,000 रिजर्व सैनिक है और 150 जहाजों और पनडुब्बियों का बेड़ा हैं और 300 विमान हैं।[4][5] अक्टूबर 2020 के अनुसार ऑपरेशनल बेड़े में 2 विमान वाहक, 1 और तैयार हैं (परीक्षण में), 1 उभयचर युद्ध पोत, 8 लैंडिंग शिप टैंक, 10 युद्धपोत, 13 फ्रिगेट, 23 कॉर्वेट, 1 माइन काउंटर वेसल, 3 परमाणु पनडुब्बी, 15 डीजल पनडुब्बी, 140 पेट्रोल वेसल, 4 रिप्लेनिशमेंट ऑयलर, और सहायक जहाज हैं। इसे एक रीजनल पॉवर के तौर पर देखा जाता है जो एक ब्लू-वाटर नवी बनाने में सक्षम हैं।[8][9][10]
स्वतंत्रताप्राप्ति के समय भारत की नौसेना नाम मात्र की थी। विभाजन की शर्तों के अनुसार लगभग एक तिहाई सेना पाकिस्तान को चली गई। कुछ अतिशय महत्व के नौसैनिक संस्थान भी पाकिस्तान के हो गए। भारत सरकार ने नौसेना के विस्तार की तत्काल योजना बनाई और एक वर्ष बीतने के पहले ही ग्रेट ब्रिटेन से 7, 030 टन का क्रूजर " दिल्ली" खरीदा। इसके बाद ध्वंसक " राजपूत", " राणा", " रणजीत", " गोदावरी", " गंगा" और " गोमती" खरीदे गए। इसके बाद आठ हजार टन का क्रूजर खरीदा गया। इसका नामकरण " मैसूर" हुआ। 1964 ई. तक भारतीय बेड़े में वायुयानवाहक, " विक्रांत" (नौसेना का ध्वजपोत), क्रूजर "दिल्ली" एवं "मैसूर" दो ध्वंसक स्क्वाड्रन तथा अनेक फ्रिगेट स्कवाड्रन थे, जिनमें कुछ अति आधुनिक पनडुब्बीनाशक तथा वायुयाननाशक फ्रिगेट सम्मिलित किए जा चुके थे। " ब्रह्मपुत्र", " व्यास", " बेतवा ", " खुखरी," " कृपाण", " तलवार" तथा " त्रिशूल" नए फ्रिगेट हैं,[11] जिनका निर्माण विशेष रीति से हुआ है। " कावेरी", " कृष्ण" और " तीर" पुराने फ्रिगेट हैं जिनका उपयोग प्रशिक्षण देने में होता है। "कोंकण", "कारवार", "काकीनाडा" "कणानूर", "कडलूर", "बसीन" तथा "बिमलीपट्टम" से सुंरग हटानेवाले तीन स्क्वाड्रन तैयार किए गए हैं। छोटे नौसैनिक जहाजों के नवनिर्माण का कार्य प्रारंभ हो चुका है और तीन सागरमुख प्रतिरक्षा नौकाएँ, "अजय", "अक्षय" तथा "अभय" और एक नौबंध "ध्रुवक" तैयार हो चुके हैं। कोचीन, लोणावला, तथा जामनगर में भारतीय नौसेना के प्रशिक्षण संस्थान हैं। आई एन एस अरिहन्त भारत की नाभिकीय उर्जा पनडुब्बी है
In 2022 September 2 India's first Indigenious aircraft vehicle launch name INS VIKRANT
वर्तमान में एडमिरल राधाकृष्णन हरि कुमार (आर. हरी कुमार) भारत के नौसेनाध्यक्ष हैं। उन्होंने यह पद 30 नवम्बर 2021 से संभाला हैं।
भारतीय नौसेना के बेड़े में निम्न पोत शामिल हैं[12]-
प्रकार | पोत के नाम |
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विमान वाहक | |
विध्वंसक/विनाशक | |
फ्रिगेट |
|
कॉर्वेट |
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पनडुब्बियाँ |
|
परमाणु पनडुब्बियाँ | |
उभयचर युद्ध पोत |
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गश्त यान/छोटे युद्धक जहाज |
|
सहायक पोत |
|
ट्रेनिंग/शोध | तीर, तरंगिनी, सुदर्शिनी, म्हादे, सागरध्वनि |
समकक्ष NATO कोड | OF-10 | OF-9 | OF-8 | OF-7 | OF-6 | OF-5 | OF-4 | OF-3 | OF-2 | OF-1 | OF(D) & Student officer | |||||||||||||||||||||||||
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भारतीय नौसेना (Edit) |
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एडमिरल ऑफ़ द फ्लीट1 | एडमिरल2 | वाइस एडमिरल | रियर एडमिरल | कमोडोर | कैप्टन (भारतीय नौसेना ) | कमांडर | लेफ्टिनेंट कमांडर | लेफ्टिनेंट | सब-लेफ्टिनेंट |
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