स्कॉटिश संसद
From Wikipedia, the free encyclopedia
आधुनिक स्कॉटिश संसद (गैलिक: Pàrlamaid na h-Alba; स्कॉट्स: Scots Pairlament)[4][5][6] स्कॉटलैंड की एकसदनीय विधायिका है। यह राजधानी एडिनबर्ग के होलीरूड क्षेत्र में स्थित है, इसे अक्सर होलीरूड उपलक्षण द्वारा संदर्भित किया जाता है।[7]
स्कॉटिश संसद Pàrlamaid na h-Alba Scots Pairlament Scottish Parliament | |
---|---|
पंचम संसद | |
प्रकार | |
प्रकार | |
इतिहास | |
स्थापना | 12 मई 1999 (1999-05-12) |
पूर्व वर्ती |
स्कॉटलैंड राज्य की संसद (1707 पूर्व) ब्रिटिश संसद (अवक्रमण पूर्व) |
नेतृत्व | |
अध्यक्ष |
केन मैकिनतोश 12 मई 2016 |
निकोला स्टर्जन, स्कॉटिश नेशनल पार्टी 20 नवम्बर 2014 | |
विपक्ष समूह |
जैक्सन कारलौ, कंज़र्वेटिव पार्टी रिचर्ड लेनर्ड, लेलेबर पार्टी पैट्रिक हार्वी, स्कॉटिश ग्रीन्स विल्ली रेनी, लिबरल-डेमोक्रेटिक पार्टी |
संरचना | |
सीटें | 129 |
राजनैतिक गुट |
सत्ता पक्ष (61)[1]
सहायक सांसद (6)[2]
विपक्ष (61)
अध्यक्ष (1)
|
समितियाँ | १६ |
चुनाव | |
अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली | |
5 मई 2016 | |
6 मई 2021 या पूर्व[3] | |
बैठक स्थान | |
होलिरूड, एडिनबर्ग | |
जालस्थल | |
www |
यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया द्वारा निर्वाचित निकाय है जिसमें 129 सदस्य होते हैं जिन्हें स्कॉटिश सांसद (MSP) कहा जाता है, जो मिश्रित अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत चार साल के लिए चुने जाते हैं: जिनमें 73 MSP बहुमत (फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट प्रणाली) द्वारा व्यक्तिगत निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि अतिरिक्त 56 सांसदों को आठ अतिरिक्त निर्वाचन क्षेत्रों से अनुपातिक प्रतिनिधित्व के तहत चुना जाता है, जहाँ प्रत्येक क्षेत्र से सात संसद चुने जाते है।[8] संसद का सबसे हालिया आम चुनाव 5 मई 2016 को आयोजित किया गया था, जिसमें स्कॉटिश नेशनल पार्टी ने बहुमत हासिल की थी।
ऐतिहासिक तौरपर स्कॉटलैंड राजशाही की राष्ट्रीय विधायिका को संसद कहा जाता था, जो 13 वीं शताब्दी की शुरुआत से स्कॉटलैंड राजशाही और इंगलैंड राजशाही के विलय तक अस्तित्व में रही, जिसे विलय के अधिनियम, 1707 द्वारा दोनों सांसदों में पारित कर संयुक्त ग्रेट ब्रिटेन राजशाही स्थापित की गयी थी, जिकसे बाद स्कॉटलैंड की संसद और इंग्लैंड की संसद दोनों का अस्तित्व समाप्त हो गया।[9] यह संयुक्त संसद लंदन में स्थापित हुई।[9]
1997 में एक जनमत संग्रह, के बाद एक नयी नियागत विधायिका की शक्तियां स्कॉटलैंड अधिनियम 1998 द्वारा निर्दिष्ट की गईं। इस जनमत में जिसमें स्कॉटिश मतदाताओं ने विधायी शक्तियों के अवक्रमण के लिए मतदान किया था। यह स्कॉटलैंड अधिनियम के तहत स्कोटिश संसद उन सभी विषयों के मामलों में विधान बना सकता है, सिवाय उनके जो, स्पष्ट रूप से यूनाइटेड किंगडम की संसद के लिए " आरक्षित" हैं।[10]
स्कॉटिश संसद के पास सभी क्षेत्रों में कानून बनाने की शक्ति है जो स्पष्ट रूप से वेस्टमिंस्टर के लिए आरक्षित नहीं हैं। बहरहाल, सैद्धान्तिक तौरपर ब्रिटिश संसद एकमत से कभी भी स्कॉटिश संसद के संदर्भ की शर्तों को संशोधित करने की क्षमता रखती है, और जिन क्षेत्रों में यह कानून बना सकती है, उन्हें विस्तारित या कम कर सकती है।[11] बहरहाल, स्कॉटलैंड की संसद की विधायी क्षमता में तब से कई बार विस्तार किया गया है, विशेषकर कराधान और जान कल्याण पर। नई संसद की पहली बैठक 12 मई 1999 को हुई थी।