ईस्ट इंडिया कंपनी
16वीं- से 19वीं- सदी के ब्रिटिश ट्रेडिंग कंपनी / From Wikipedia, the free encyclopedia
ईस्ट इंडिया कंपनी (अंग्रेजी: East India Company), संछेप में ईआईसी (EIC), एगो अंग्रेज आ बाद में ब्रिटिश कंपनी रहे जवन भारत आ एशिया के कुछ अउरी देस सभ के साथे ब्यापार करे खातिर 1600 में अस्थापित भइल आ 1874 एकर अंत भ गइल। 1858 में भारत पर से कंपनी के शासन हट गइल आ भारत सीधे इंग्लैंड की रानी की अधिकार में आ गइल।
मूलभासा में | East India Company |
---|---|
प्रकार | पब्लिक राज्य-मलिकाई वाला एंटरप्राइज[1] |
इंडस्ट्री | इंटरनेशनल ट्रेड |
Fate | राष्ट्रीयकरण:
|
स्थापित | 31 दिसंबर 1600; 423 साल पहिले (1600-12-31) |
संस्थापक |
|
Defunct | 1 जून 1874; 150 साल पहिले (1874-06-01) |
मुख्यालय | ईस्ट इंडिया हाउस, लंदन, ग्रेट ब्रिटेन |
प्रोडक्ट | कपास (रुई), रेशम, नील, चीनी, नून (नमक), मसाला, शोरा, चाय, दास ब्यापार आ अफीम |
एकर गठन हिंद महासागर क्षेत्र में बाणिज्य-ब्यापार करे खातिर भइल रहे, सुरुआत में ईस्ट इंडीज (भारत उपमहादीप आ दक्खिन-पूरबी एशिया) के साथे, आ बाद में पूरबी एशिया के साथे। कंपनी भारतीय उपमहाद्वीप के मजिगर बड़हन हिस्सा प कंट्रोल क लिहलस आ दक्खिन पूर्व एशिया अउरी हांगकांग के कुछ हिस्सा प उपनिवेश बना लिहलस। अपना चरम पर ई कंपनी कई तरह के माप के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़ कार्पोरेशन रहे। ईआईसी के आपन खुद के सशस्त्र बल कंपनी के तीन गो प्रेसिडेंट सेना के रूप में रहल, कुल मिला के लगभग 2,60,000 सैनिक एकरा लगे रहलें, जवन ओह समय के ब्रिटिश सेना से करीबन दुगुन्ना रहे। कंपनी के ऑपरेशन सभ के ब्यापार के वैश्विक संतुलन पर गहिरा परभाव पड़ल, लगभग एक्के-हाथे ई कंपनी रोमन काल से चलत आ रहल ब्यापार के पूरुब के पक्ष में रहे वाला बहाव के उलट दिहलस।