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शङ्कराचार्य
अद्वैत मतका प्रचारक भगवद शंकराचार्य / From Wikipedia, the free encyclopedia
आदि शंकराचार्य, जसलाई शंकर भगवद्पादाचार्यको नामले पनि जानिन्छ, वेदान्तका अद्वैत मतका प्रणेता थिए। उनको विचारोपदेश आत्मा र परमात्माको एकरूपतामा आधारित छन् जसको अनुसार परमात्मा एउटै समयमा सगुण र निर्गुण दुइटै स्वरूपमा रहन्छ। आदि शंकराचार्यलाई शिवको अवतार मानिन्छ।
छरितो तथ्यहरू शङ्कराचार्य, व्यक्तिगत ...
शङ्कराचार्य | |
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![]() राजा रवि वर्मा द्वारा शिष्यहरु संग अद्वैत वेदान्त को प्रतिपादक आदि शंकर को चित्रकला | |
व्यक्तिगत | |
जन्म | शंकर १२३५ ईसा पूर्व (disputed)[note 1]; |
मृत्यु | c. 750 CE (disputed) [note 1] |
धर्म | हिन्दू धर्म |
परिचित | अद्वैत वेदान्तको विस्तार पूर्वक व्याख्या |
दर्शन | अद्वैत वेदान्त |
पदस्थापना | |
गुरु | Govinda Bhagavatpada |
सम्मान | जगदगुरु |
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