कल्प
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कल्प हे वेदांमधील म्हणजेच संहितांमधील विविध संकल्पना समजावून सांगण्यासाठी रचले गेलेले सूत्रग्रंथां होय. शिक्षा, कल्प.व्याकरण,निरुक्त,छन्द आणि ज्योतिष अशी शा वेदांगे आहेत. त्यातील कल्प हे दुसरे वेदांग आहे.कल्पो वेद विहितानां कर्मणामानुपूर्व्येण कल्पना शास्त्रम | कल्प म्हणजे वेदविहित कर्माची क्रमबद्ध मांडणी किंवा शास्त्र होय.[1]
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हा लेख कल्प नावाचे वेदांग याबद्दल आहे. या शब्दाच्या इतर उपयोगांसाठी पाहा, कल्प (आयुर्वेद).
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सद्यस्थितीत ४० कल्पसूत्रे उबलब्ध असून १४ श्रौतयज्ञ,७ गृहयज्ञ, ५ महायज्ञ व १६ संस्कार अहा एकून ४२ कर्माबद्दलचे प्रतिपादन आहे.