हो (जनजाति)
भारतीय आदिवासी समूह / From Wikipedia, the free encyclopedia
हो (जनजाति), भारत की मुंडा जातीय समूह है जो भारत के झारखण्ड राज्य के सिंहभूम जिले तथा पड़ोसी राज्य ओडिशा के क्योंझर, मयूरभंज, जाजपुर जिलों में निवास करती है। ब्रिटिश काल में इन्हें "लड़ाका कोल" भी कहा जाता था।
कुल जनसंख्या | |
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1,998,104 (2011 census)[1] | |
विशेष निवासक्षेत्र | |
भारत | |
झारखण्ड | 928,289[1] |
ओड़ीशा | 805,618[1] |
पश्चिम बंगाल | 123,483[1] |
बिहार | 5715[1] |
भाषाएँ | |
हो भाषा | |
धर्म | |
सरना धर्म | |
सम्बन्धित सजातीय समूह | |
मुण्डा • खड़िया • भूमिज • संथाल | |
Odisha population figures include Kolha,Mundari,Kolah,Munda& kol who although listed as a separate Scheduled Tribe, are another name for the Hos |
‘हो’ समुदाय की अपनी संस्कृति और रीति-रिवाज हैं। ये प्रकृति के उपासक होते हैं। इनके अपने-अपने गोत्र के कुल-देवता होते हैं। 'हो' लोग मन्दिर मे स्थापित देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना नहीं करते बल्कि अपने ग्राम देवता ‘देशाउलि’ को अपना सर्वेसर्वा मानते हैं। अन्य अवसरों के अलावा प्रति वर्ष मागे परब के अवसर पर बलि चढ़ा कर ग्राम पुजारी “दिउरी” के द्वारा इसकी पूजा-पाठ की जाती है तथा गाँव के सभी लोग पूजा स्थान पर एकत्रित हो कर ग्राम देवता से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
हो भाषा इनकी मुख्य भाषा है जो आस्ट्रो-एशियाई भाषा परिवार की मुण्डा भाषा परिवार की एक भाषा है। उसकी लिपि ह्वारङ क्षिति [2] है ।