सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय
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सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के वाराणसी नगर में स्थित एक संस्कृत विश्वविद्यालय है। यह पूर्वात्य शिक्षा एवं संस्कृत से सम्बन्धित विषयों पर उच्च शिक्षा का केन्द्र है।
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय | |
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सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय | |
चित्र:Sampurnanand Sanskrit University logo.JPG | |
आदर्श वाक्य: | श्रुतं मे गोपाय "मेरी शिक्षा रक्षा के काम आये।" |
स्थापित | 1791 |
प्रकार: | विश्वविद्यालय |
कुलपति: | हरेराम त्रिपाठी |
अवस्थिति: | वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
परिसर: | बहुनगरीय |
सम्बन्धन: | विश्वविद्यालय अनुदान आयोग।(UGC) |
जालपृष्ठ: | www |
यह विश्वविद्यालय मूलतः 'शासकीय संस्कृत महाविद्यालय' था जिसकी स्थापना सन् १७९१ में की गई थी। वर्ष 1894 में सरस्वती भवन ग्रंथालय नामक प्रसिद्ध भवन का निर्माण हुआ जिसमें हजारों पाण्डुलिपियाँ संगृहीत हैं। 22 मार्च 1958 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ सम्पूर्णानन्द के विशेष प्रयत्न से इसे विश्वविद्यालय का स्तर प्रदान किया गया। उस समय इसका नाम 'वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय' था। सन् १९७४ में इसका नाम बदलकर 'सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय' रख दिया गया।
भारत और नेपाल के महाविद्यालय इसके विश्वविद्यालय बनने के पहले से ही इससे सम्बद्ध थे। केवल उत्तर प्रदेश के सम्बद्ध महाविद्यालयों की संख्या 1441 थी। इस प्रकार यह संस्थान न केवल भारत के लिए बल्कि दूसरे देशों के महाविद्यालयों के लिए भी विश्वविद्यालय के समान ही था।