शैलपुत्री
माँ नव-दुर्गा मे प्रथम दुर्गा / From Wikipedia, the free encyclopedia
शैलपुत्री देवी दुर्गा के नौ रूप में पहले स्वरूप में जानी जाती हैं।[1] ये ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम 'शैलपुत्री' पड़ा[2]। नवरात्र-पूजन में प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा और उपासना की जाती है। इस प्रथम दिन की उपासना में योगी अपने मन को 'मूलाधार' चक्र में स्थित करते हैं। यहीं से उनकी योग साधना का प्रारंभ होता है।
सामान्य तथ्य शैलपुत्री, देवनागरी ...
शैलपुत्री | |
---|---|
हिमालय की बेटी (यानी पार्वती) | |
शैलपुत्री- नवदुर्गाओं में प्रथम | |
देवनागरी | शैलपुत्री |
संबंध | हिन्दू देवी, शक्ति, पार्वती |
निवासस्थान | हिमालय, कैलाश |
मंत्र |
ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥ वंदे वाद्द्रिछतलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम | वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीम् || देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः| |
अस्त्र | त्रिशूल, कमल |
जीवनसाथी | शिव |
सवारी | वृषभ |
बंद करें