शिशुपाल
महाभारत में चेदी के राजा / From Wikipedia, the free encyclopedia
शिशुपाल (संस्कृत: शिशुपाल, शाब्दिक अर्थ बच्चों का रक्षक, IAST: शिशपाल) चेदि राज्य के राजा थे एवम उनकी राजधानी चन्देरी, सुक्तिमती में थी। वे भगवान विष्णु के द्वारपाल जय के तीसरे और अंतिम जन्म थे। वह महाभारत में महत्वपूर्ण एवं एक शक्तिशाली विरोधी थे। श्री कृष्ण के अलावा उन्हें न कोई मार न हरा सकता था।
सामान्य तथ्य शिशुपाल, अन्य नाम ...
शिशुपाल | |
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Member of वैकुंठ के प्रमुख द्वारपाल राजा, स्वयं जय | |
अन्य नाम | जय, श्रुत, शिशुपाल |
संबंध | जय, वैष्णववाद |
निवासस्थान | वैकुंठ |
अस्त्र | चन्द्रहास खड़क, धनुष और गदा। |
वर्ण | गोरा। |
जीवनसाथी | कौशल्या द्वितीय (इक्ष्वाकुवंशी) |
माता-पिता |
पिता
मां
पालक पिता |
भाई-बहन |
बहन
ममेरा भाई ममेरी बहन सुभद्रा |
संतान |
पुत्र
बेटी
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सेना | काशी, मत्स्य, चेदि-चन्देल, अवन्ति, कशिश। |
क्षेत्र | विंध्य |
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वह राजा दमघोष और श्रुतशुभा (श्रुतश्रवा) (वसुदेव और कुंती की बहन) के पुत्र थे। युधिष्ठिर के राज्याभिषेक समारोह में, उनके ममेरे भाई कृष्ण (विष्णु के अवतार) द्वारा उनका वध युद्ध में सुदर्शन चक्र द्वारा कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने अपने 100वें दुर्व्यवहार को पार कर लिया था और वरदान की अवधि वही थी।[1]