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विश्वकर्मा
वास्तुकला इत्यादी के देवता । / From Wikipedia, the free encyclopedia
हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा को निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है। मान्यता है कि सोने की लंका का निर्माण उन्होंने ही किया था। इनकी ऋद्धि सिद्धि और संज्ञा नाम की तीन पुत्रियाँ थी जिनमें से ऋद्धि सिद्धि का विवाह भगवान चंद्रशेखर और माता पार्वती के सबसे छोटे पुत्र भगवान गणेश से हुआ था तथा संज्ञा का विवाह महर्षि कश्यप और देवी अदिति के पुत्र भगवान सूर्यनारायण से हुआ था यमराज , यमुना , कालिंदी और अश्वनीकुमार इनकी ही संताने हैं।
सामान्य तथ्य भगवान विश्वकर्मा, अन्य नाम ...
भगवान विश्वकर्मा | |
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सृजन, निर्माण, वास्तुकला, औजार, शिल्पकला, मूर्तिकला एवं वाहनों समेत समस्त संसारिक वस्तुओं के अधिष्ठात्र देवता | |
![]() भगवान विश्वकर्मा अपने सिंहासन पर विराजमान और अपने भक्तों से घिरे हुए | |
अन्य नाम | विश्वकर्मा, देव शिल्पी, जगतकर्ता और शिल्पेश्वर |
निवासस्थान | विश्वकर्मा लोक |
अस्त्र | कमंडल, पाश, |
प्रतीक | औजार |
माता-पिता | वास्तुदेव (पिता), अंगिरसी (मां) |
संतान | बृहस्मति, नल-निल, संध्या, रिद्धि, सिद्धि और चित्रांगदा |
त्यौहार | विश्वकर्मा पूजा (१७ सितंबर हर साल) |
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