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राम मंदिर, अयोध्या
अयोध्या, उत्तर प्रदेश में स्थित हिन्दू मंदिर / From Wikipedia, the free encyclopedia
राम मंदिर एक महत्वपूर्ण अर्ध निर्मित हिंदू मंदिर है जो वर्तमान में भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में है। जनवरी २०२४ में इसका गर्भगृह तथा प्रथम तल बनकर तैयार है और २२ जनवरी २०२४ को इसमें श्रीराम के बाल रूप में विग्रह की प्राणप्रतिष्ठा की गई।
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राम मन्दिर, अयोध्या | |
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![]() २२ जनवरी २०२४ को प्राणप्रतिष्ठा के समय श्री राम मंदिर | |
धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
देवता | राम लल्ला (श्री राम का बालरूप) |
त्यौहार | राम नवमी, दीपावली, दशहरा |
वर्तमान स्थिति | निर्माणाधीन |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | बाबरी मस्जिद, अयोध्या, उत्तर प्रदेश, भारत |
भौगोलिक निर्देशांक | 26.7956°N 82.1943°E / 26.7956; 82.1943 |
वास्तु विवरण | |
वास्तुकार | सोमपुरा परिवार (चन्द्रकांत सोमपुरा[1] निखिल सोमपुरा और अशीष सोमपुरा[2]) |
प्रकार | हिंदू मंदिर वास्तुकला |
शैली | नागर शैली |
निर्माता | श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र लार्सन एंड टूब्रो द्वारा निर्माण (सीबीआरआई, राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान और आईआईटी द्वारा सहायता प्राप्त) |
स्थापित | 22 जनवरी 2024 |
शिलान्यास | 5 अगस्त 2020; 3 वर्ष पूर्व (2020-08-05)[3] |
निर्माण पूर्ण | 4 साल, 3 माह, 3 सप्ताह और 4 दिन से निर्माणाधीन |
मंदिर संख्या | 1 केंद्रीय मंदिर जिसके चारों ओर 6 और मंदिर है जो एक मंदिर परिसर के रूप में जुड़े हुए हैं |
वेबसाइट | |
https://srjbtkshetra.org/ |
यह मंदिर उस स्थान पर स्थित है जिसे हिंदू धर्म के प्रमुख देवता राम का जन्मस्थान माना जाता है।[4][5] पहले, इस स्थान पर बाबरी मस्जिद थी, जिसका निर्माण एक मौजूदा गैर-इस्लामी ढांचे को ध्वस्त करने के बाद किया गया था, जिसे बाद में ध्वस्त कर दिया गया था।[6] 2019 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने विवादित भूमि पर फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया था कि यह भूमि हिंदुओं की है और इस पर राम मंदिर का निर्माण कर सकते हैं। मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए ज़मीन का एक अलग टुकड़ा दिया जाएगा। इसके बाद जिस जज ने यह फैसला सुनाया था उसे सरकार ने राज्यसभा का सांसद बनाया था। जिस से इस फैसले पर शंका जाती है, जब सब कुछ मस्जिद के पक्ष में है तो सिर्फ आस्था को ध्यान में रख कर फैसला देना न्याय नहीं है। यहाँ पर मुसलमानों के साथ अन्या हुआ है।[7] अदालत ने साक्ष्य के रूप में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें ध्वस्त की गई बाबरी मस्जिद के नीचे एक गैर-इस्लामिक संरचना की मौजूदगी का सुझाव देने वाले सबूत दिए गए थे।[8]
राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के लिए भूमिपूजन 5 अगस्त 2020 को किया गया था। [9] वर्तमान में निर्माणाधीन मंदिर की देखरेख श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा की जा रही है। मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को निर्धारित है। [10]
दान के कथित दुरुपयोग, अपने प्रमुख कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने और भाजपा द्वारा मंदिर का राजनीतिकरण करने के कारण मंदिर कई विवादों में घिरा हुआ है। [11] [12] [13] [14]
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/b/b5/Uttar_Pradesh_tableau_on_Rajpath_at_the_72nd_Republic_Day.jpg/640px-Uttar_Pradesh_tableau_on_Rajpath_at_the_72nd_Republic_Day.jpg)