![cover image](https://wikiwandv2-19431.kxcdn.com/_next/image?url=https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/a/aa/Map_rajasthan_mewar.png/640px-Map_rajasthan_mewar.png&w=640&q=50)
मेवाड़
राजस्थान का क्षेत्र / From Wikipedia, the free encyclopedia
मेवाड़ राजस्थान के दक्षिण-मध्य में स्थित एक रियासत थी। इसे 'उदयपुर राज्य' ( 'चित्तौडगढ राज्य’ ) के नाम से भी जाना जाता है। इसमें आधुनिक भारत के राजस्थान के उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमन्द, चित्तौडगढ़,तथा प्रतापगढ़ जिले और मध्य प्रदेश के नीमच तथा मंदसौर जिले थे। मेवाड़ के राजचिह्न में राजपूत और भील योद्धा अंकित है । सैकड़ों वर्षों तक यहाँ शासन रहा और इस पर गुहिल तथा सिसोदिया राजाओं ने 1200 वर्ष तक राज किया ।
![]() | इस लेख में अनेक समस्याएँ हैं। कृपया इसे सुधारने में मदद करें या वार्ता पृष्ठ पर इन समस्याओं पर चर्चा करें।
|
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/a/aa/Map_rajasthan_mewar.png/640px-Map_rajasthan_mewar.png)
१५५० के आसपास मेवाड़ की राजधानी थी ( कालक्रम अनुसार - नागदा, आहड़,कल्याणपुर,चितौड़गढ़,कुंभलगढ़,चावंड,उदयपुर) (आहड़)[चित्तौड़गढ़|चित्तौड़]]। महाराणा प्रताप यहीं के राजा थे। अकबर की भारत विजय में केवल मेवाड़ के राणा प्रताप बाधक बना रहे। अकबर ने सन् 1576 से 1586 तक पूरी शक्ति के साथ मेवाड़ पर कई आक्रमण किए, पर उसका राणा प्रताप को अधीन करने का मनोरथ सिद्ध नहीं हुआ स्वयं अकबर, प्रताप की देश-भक्ति और दिलेरी से इतना प्रभावित हुआ कि प्रताप के मरने पर उसकी आँखों में आंसू भर आये। हल्दी घाटी के युद्ध में मुगलों का पलड़ा भारी होता देखकर मेवाड़ के सैनिकों ने राणा प्रताप को युद्ध भूमि से भगा दिया था। उसने स्वीकार किया कि विजय निश्चय ही राणा की हुई। महाराणा प्रताप की मृत्यु पर उनके उत्तराधिकारी अमर सिंह ने मुगल सम्राट जहांगीर से सन् 1615 में संधि कर ली। [1]