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महाराज गुलाब सिंह
जम्मू-कश्मीर रियासत के पहले डोगरा (कश्यप) महाराज / From Wikipedia, the free encyclopedia
महाराज गुलाब सिंह (१७९२-१८५७) डोगरा राजवंश एवं जम्मू और कश्मीर राजघराने के संस्थापक और जम्मू और कश्मीर रियासत के पहले महाराज थे। उनका जन्म सन् १७९२ में जम्वाल कुल के एक डोगरा राजपूत परिवार में हुआ था, जो जम्मू के राजपरिवार से सम्बंध रखते थे। वे कटड़ा (जम्मू) में माता वैष्णो देवी का मंदिर बनवाने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी क्षत्रिय जीवन का आरंभ महाराज रणजीत सिंह की सेना में एक पैदल सैनिक के रूप में की थी पर आगे चल कर वे स्वतंत्र जम्मू और कश्मीर रियासत के पहले स्वतंत्र नरेश बन कर उबरे थे। उन्हें ,सिख साम्राज्य के अधिपत्य, "जम्मू के राजा" का पद राजा जीत सिंह से उत्तराधिकृत किया था और प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध में, जिसमें उन्होंने अंग्रेज़ों के साथ संधी कर ली थी, सिख साम्राज्य की पराजय के बाद स्वतंत्र जम्मू और कश्मीर रियासत की स्थापना की और महाराज के पद पर ख़ुद को विराजमान किया था। १८४६ की अमृतसर संधि के आधार पर आधिकारिक तौर पर महाराज ने ७५,००,००० नानकशाही रुपययों के भुकतान के बाद कश्मीर का पूरा भूखंड अंग्रेज़ों से खरीद लिया था जिसे अंग्रेज़ों ने लाहौर संधि द्वारा हासिल की थी। इसके अतिरिक्त भी महाराज गुलाब सिंह ने अपनी जीवनकाल के दौरान कई प्रदेशों और रियासतों पर विजय प्राप्त की। [1]
महाराज गुलाब सिंह | |
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जम्मू और कश्मीर के महाराज | |
![]() महाराज गुलाब सिंह, जम्मू और कश्मीर के महाराज | |
पूर्ववर्ती | राजा जीत सिंह(जम्मू के राजा के रूप में |
उत्तरवर्ती | महाराज रणबीर सिंह |
जन्म | २१ अकटूवर १७९२ जम्मू, ![]() |
निधन | ३० जून १८५७ |
संतान | रणबीर सिंह |
घराना | राजवंश |
पिता | किशोर सिंह |