डोगरा राजवंश
From Wikipedia, the free encyclopedia
डोगरा राजवंश, उत्तर भारत का एक क्षत्रिय राजपूत राजवंश था। इसकी स्थापना महाराजा गुलाब सिंह ने की थी।
![]() | इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (अगस्त 2016) स्रोत खोजें: "डोगरा राजवंश" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
15 जून 1819 को कश्मीर में सिख शासन की स्थापना हुई। महाराजा रणजीत सिंह ने जम्मू को पंजाब में मिला लिया था। बाद में उन्होंने गुलाब सिंह को जम्मू सौंप दिया। 1839 में रणजीत सिंह की मृत्यु के साथ लाहौर का सिख साम्राज्य बिखरने लगा। अंग्रेज़ों के लिए यह अफगानिस्तान की खतरनाक सीमा पर नियंत्रण का मौका था तो जम्मू के राजा गुलाब सिंह के लिए खुद को स्वतंत्र घोषित करने का।
- जम्मू और कश्मीर के महाराजा-
- महाराजा गुलाब सिंह (1822 से 1856 तक)
- महाराजा रणबीर सिंह (1856 से 1885 तक)
- महाराजा प्रताप सिंह (1885 से 1925 तक)
- महाराजा हरि सिंह (1925 से 1947 तक)।
सन् 1947 तक जम्मू और कश्मीर पर डोगरा शासकों का शासन रहा। इसके बाद महाराज हरि सिंह ने 26 अक्तूबर 1947 को भारतीय संघ में विलय के समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए। देश की नई प्रशासनिक व्यवस्था में जम्मू-कश्मीर रियासत का विलय अंग्रेजों के चले जाने के लगभग 2 महीने बाद 26 अक्तूबर 1947 को हुआ।