प्रगुहा
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प्रगुहा [1] अधिकांश प्राणियों में मध्यजनस्तर से आच्छादित मुख्य शारीरिक गुहा है [2] और पाचन तंत्र और अन्य अंगों को घेरने और समाहित करने हेतु शरीर के भीतर स्थित है।
शरीर भित्ति तथा आहार नाल के बीच में गुहा की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति वर्गीकरण का महत्त्वपूर्ण आधार है। इससे युक्त प्राणी को प्रगुही प्राणी कहते हैं। उदाहरण- ऐनेलिड, मोलस्का, सन्धिपाद शूलचर्मी, अर्धरज्जुकी तथा रज्जुकी। कुछ प्राणियों में यह गुहा मध्यजनस्तर से आच्छादित नहीं होती, बल्कि यह बाह्यत्वक् एवं अन्तस्त्वक् के मध्य बिखरी हुई थैली के रूप में पाई जाती है, उन्हें कूटगुहिक कहते हैं जैसे- ऐशेल्मिन्थ। जिन प्राणियों में प्रगुहा नहीं पाई जाती हैं उन्हें अगुहीय कहते हैं, जैसे- पट्टकृमि