पद की अवधि
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कार्यकाल अथवा पदावधि किसी चुने गये विशिष्ट कार्यालय में किसी व्यक्तिगत सेवा समय की लम्बाई को निरुपित करने वाला शब्द-संग्रह है। विभिन्न अधिकारक्षेत्रों में इस अवधि की सीमा सीमित होती है और व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए सम्बंधित कार्यालय के लिए पुनः चुनकर आना होता है। विश्व के तमाम राजनैतिक प्रणालियों में राष्ट्राध्यक्ष, शासनाध्यक्ष जैसे उच्चाधिकारियों तथा राष्ट्रिय अथवा उपराष्ट्रीयताओं स्तर के विधायिकाओं के कार्यकाल पर कुछ वर्षों की समय सीमा होती है, जिसके बाद पदाधिकारी/सदन को निष्कासित कर अथवा भंग क्र पुनःनियुक्ति, व नवीन चुनाव आयोजित किये जाते हैं। विधिक तौरपर, ऐसी समयसीमा संवैधकिन बाध्यता या विधि अथवा पदावधि की सीमा परंपरानुसार भी लागु हो सकता है। राष्ट्रपति अथवा प्रधानमंत्री पद हेतु पदाधिकारियों पर सामान्यतः कुछ नियत समय सीमा होती है, जबकि संप्रभु जैसे संवैधानिक पदों पर पदाधिकारियों को कई बार "जीवन-पर्यन्त कार्यकाल" हेतु नियुक्त किया जाता है। जीवन-पर्यन्त कार्यकाल, कई देशों में न्यायाधीशों [1] और अनेकों बार तानाशाही सरकारों के अधिनायकों पर भी लगाया जाता है।[2]