Loading AI tools
भारत का तीसरा चंद्र खोजबीन अभियान विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
चंद्रयान-3 चाँद पर खोजबीन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा भेजा गया तीसरा भारतीय चंद्र मिशन है।[4][5] इसमें चंद्रयान-2 के समान एक लैंडर और एक रोवर है, लेकिन इसमें कक्षित्र (ऑर्बिटर) नहीं है।[6][7]
चंद्रयान-3 का एकीकृत मॉड्यूल, कैप्सूल में भरे जाने से ठीक पहले | |||||
मिशन प्रकार | चंद्र लैंडर तथा रोवर | ||||
---|---|---|---|---|---|
संचालक (ऑपरेटर) | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) | ||||
वेबसाइट | चंद्रयान 3 | ||||
मिशन अवधि |
विक्रम लैंडर: <14 दिन प्रज्ञान रोवर: <14 दिन | ||||
अंतरिक्ष यान के गुण | |||||
बस | चंद्रयान | ||||
निर्माता | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) | ||||
पेलोड वजन |
प्रणोदक भाग: 2148 किग्रा लैंडर भाग (विक्रम): 26 किग्रा के (प्रज्ञान) रोवर सहित 1752 किग्रा कुल: 3900 किग्रा | ||||
ऊर्जा |
प्रणोदक भाग: 758 W लैंडर भाग: 738 W रोवर: 50 W | ||||
मिशन का आरंभ | |||||
प्रक्षेपण तिथि | 14 जुलाई 2023 14:35 भामास, (9:05 UTC)[1] | ||||
रॉकेट | एलवीएम3-एम4 | ||||
प्रक्षेपण स्थल | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र | ||||
ठेकेदार | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन | ||||
चंद्रमा ऑर्बिटर | |||||
अंतरिक्ष यान कम्पोनेंट | लैंडर | ||||
कक्षीय निवेशन | 5 अगस्त 2023 | ||||
चंद्रमा लैंडर | |||||
अंतरिक्ष यान कम्पोनेंट | रोवर | ||||
लैंडिंग तारीख | 23 अगस्त 2023 18:04 आईएसटी[2] | ||||
लैंडिंग साइट | 69.367621°S 32.348126°E (मैनज़ीनस और सिमपेलिनस गड्ढों के बीच)[3] | ||||
|
यह मिशन चंद्रयान-2 की अगली कड़ी है, क्योंकि पिछला मिशन सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के बाद अंतिम समय में मार्गदर्शक सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण उतरने की नियंत्रित प्रकिया में विफल हो गया था, सॉफ्ट लैंडिंग का पुनः सफल प्रयास करने हेतु इस नए चंद्र परियोजना को प्रस्तावित किया गया था।[8]
चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (शार), श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई, 2023 शुक्रवार को भारतीय समय अनुसार दोपहर 2:35 बजे हुआ था।[9] यह यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास की सतह पर 23 अगस्त 2023 को भारतीय समय अनुसार सायं 06:04 बजे के आसपास सफलतापूर्वक उतर चुका है।[2] इसी के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला और चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन गया।[10][11]
चंद्रमा पर उतरने की नियंत्रित प्रक्रिया (सॉफ्ट लैंडिंग) की क्षमता प्रदर्शित करने के लिए चंद्रयान कार्यक्रम के दूसरे चरण में, इसरो ने एक कक्षित्र (ऑर्बिटर), एक लैंडर और एक रोवर से युक्त लॉन्च वाहन मार्क -3 (एलवीएम 3) नामक प्रक्षेपण वाहन पर चंद्रयान-2 को प्रक्षेपित किया।[12] प्रज्ञान रोवर को तैनात करने के लिए लैंडर को सितंबर, 2019 को चंद्र सतह पर उतरना था।[13][14]
इससे पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक अभियान की जापान के साथ सहयोग के बारे में खबरें सामने आई थीं, जहां भारत लैंडर प्रदान करता जबकि जापान प्रक्षेपक और रोवर दोनों प्रदान करने वाला था। अभियान में स्थान से नमूने लेना और चंद्रमा पर रात के समय जीवित रहने की तकनीक शामिल करने की भी संभावनाएँ थीं।[15] [16]
विक्रम लैंडर की बाद की विफलता के कारण 2025 के लिए जापान के साथ साझेदारी में प्रस्तावित चंद्र ध्रुवीय खोजबीन मिशन (LUPEX) के लिए आवश्यक लैंडिंग क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक और अभियान (चंद्रयान-3) करने का प्रस्ताव दिया गया।[17] मिशन के महत्वपूर्ण फ्लाइट ऑपरेशन के दौरान, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) द्वारा संचालित यूरोपीय अंतरिक्ष ट्रैकिंग (एस्ट्रैक) एक अनुबंध के अंतर्गत इस मिशन को सपोर्ट प्रदान करेगी।[18]
चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर 2:35 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया।
इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन के लिए तीन मुख्य उद्देश्य निर्धारित किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
चंद्रयान 3 के तीन प्रमुख हिस्से हैं - प्रोपल्शन मॉड्यूल, विक्रम लैंडर, प्रज्ञान रोवर
इसका प्रोपल्शन मॉड्यूल, संचार रिले उपग्रह की तरह व्यवहार करेगा। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर युक्त ढांचे को तब तक अंतरिक्ष में धकेलता रहेगा जब तक कि अंतरिक्ष यान 100 किमी ऊंचाई वाली चंद्र कक्षा में न पहुँच जाए। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर के अलावा, चंद्र कक्षा से पृथ्वी के वर्णक्रमीय (स्पेक्ट्रल) और पोलारिमेट्रिक माप का अध्ययन करने के लिए स्पेक्ट्रो-पोलारीमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लानेट अर्थ (SHAPE) नामक एक पेलोड भी ले जा रहा है।[7][6]
चंद्रयान-2 के विक्रम के विपरीत, जिसमें पांच 800 न्यूटन इंजन थे और पांचवां एक निश्चित थ्रस्ट के साथ केंद्रीय रूप से लगाया गया था। चंद्रयान-3 के लैंडर में केवल चार थ्रॉटल-सक्षम इंजन होंगे,[19] इसके अतिरिक्त, चंद्रयान-3 लैंडर लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर (एलडीवी) से लैस होगा। [20] चंद्रयान-2 की तुलना में इम्पैक्ट लेग्स को मजबूत बनाया गया है और उपकरण की खराबी का सामना करने के लिए एक से अधिक उपाय किए गए हैं।[21] लैंडर पर तापीय चालकता और तापमान को मापने के लिए चंद्रा सरफेस थर्मोफिज़िकल एक्सपेरिमेंट (ChaSTE, चास्टे), लैंडिंग साइट के आसपास भूकंपीयता को मापने के लिए इंस्ट्रूमेंट फॉर लूनर सेसमिक ऐक्टिविटी (ILSA) व प्लाज्मा घनत्व और इसकी विविधताओं का अनुमान लगाने के लिए लेंगमुइर प्रोब (RAMBHA-LP) नामक भारतीय पेलोड शामिल हैं। इसके अतिरिक्त नासा से एक निष्क्रिय लेजर रिट्रोरिफ्लेक्टर ऐरे को चंद्र लेजर रेंजिंग अध्ययनों के लिए इसमें समायोजित किया गया है।[22]
प्रज्ञान 6 पहियों वाला लगभग 26 किलोग्राम वज़नी एक रोवर है जो 500 मीटर के दायरे में कार्य करने की क्षमता रखता है। प्रज्ञान रोवर उतरने वाले स्थान के आसपास तत्व संरचना का पता लगाने के लिए अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (APXS) औरलेज़र इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) नामक पेलोड से युक्त है।[22]
उपग्रह को एलवीएम 3 -M4 रॉकेट पर 14 जुलाई 2023 की दोपहर 2:35 बजे भारतीय मानक समय पर 170 कि॰मी॰ (106 मील) की ईपीओ उपभू (पेरीजी) और 36,500 कि॰मी॰ (22,680 मील) का अपभू (अपोजी) पर लॉन्च किया गया था। इसके बाद ऑन-बोर्ड एलएएम (लिक्विड अपोजी मोटर) और रासायनिक प्रक्षेपकों (थ्रस्टर्स) का उपयोग करके उपग्रह को ट्रांस-लूनर इंजेक्शन (चंद्रमा की ओर जाने वाला रास्ता) कक्षा में स्थापित करने के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं को शृंखलाबद्ध तरीके से किया गया।
# | तारीख/ समय (UTC) |
एलएएम जलने का समय | ऊँचाई हासिल की | कक्षीय अवधि | नतीजा | संदर्भ | |
---|---|---|---|---|---|---|---|
अपोजी/अपोलून | पेरिजी/पेरीलून | ||||||
पृथ्वी से जुड़े कक्षीय बदलाव | |||||||
1 | 15 जुलाई 2023 | — | 41,762 कि॰मी॰ (25,950 मील) | 173 कि॰मी॰ (107 मील) | — | सफल | [23] |
2 | 17 जुलाई 2023 | — | 41,603 कि॰मी॰ (25,851 मील) | 226 कि॰मी॰ (140 मील) | — | सफल | [23] |
3 | 18 जुलाई 2023 | — | 51,400 कि॰मी॰ (31,900 मील) | 228 कि॰मी॰ (142 मील) | — | सफल | |
4 | 20 जुलाई 2023 | — | 71,351 कि॰मी॰ (44,335 मील) | 233 कि॰मी॰ (145 मील) | — | सफल | [23] |
5 | 25 जुलाई 2023 | — | 127,603 कि॰मी॰ (79,289 मील) | 236 कि॰मी॰ (147 मील) | — | सफल | |
चंद्रमा की ओर भेजना | |||||||
1 | 31 जुलाई 2023 | — | 369,328 कि॰मी॰ (229,490 मील) | 288 कि॰मी॰ (179 मील) | — | सफल | |
चंद्रमा के पास कक्षीय बदलाव | |||||||
1 | 5 अगस्त 2023 | 1,835 sec[convert: unknown unit] | 18,074 कि॰मी॰ (11,231 मील) | 164 कि॰मी॰ (102 मील) | लगभग 21 घंटा | सफल | |
2 | 6 अगस्त 2023 | — | 4,313 कि॰मी॰ (2,680 मील) | 170 कि॰मी॰ (110 मील) | — | सफल | |
3 | 9 अगस्त 2023 | — | 1,437 कि॰मी॰ (893 मील) | 174 कि॰मी॰ (108 मील) | — | सफल | |
4 | 14 अगस्त 2023 | — | 177 कि॰मी॰ (110 मील) | 150 कि॰मी॰ (93 मील) | — | सफल | |
5 | 16 अगस्त 2023 | — | 163 कि॰मी॰ (101 मील) | 153 कि॰मी॰ (95 मील) | — | सफल | |
लैंडर का प्रणोदक मॉड्यूल से अलग होना | |||||||
1 | 17 अगस्त 2023 | — | 163 कि॰मी॰ (101 मील) | 153 कि॰मी॰ (95 मील) | — | सफल | |
लैंडर की कक्षा को घटाने के लिए बदलाव | |||||||
1 | 18 अगस्त 2023 | — | 157 कि॰मी॰ (98 मील) | 113 कि॰मी॰ (70 मील) | — | सफल | |
2 | 19 अगस्त 2023 | 60 sec[convert: unknown unit] | 134 कि॰मी॰ (83 मील) | 25 कि॰मी॰ (16 मील) | — | सफल | |
उतरना | |||||||
1 | 23 अगस्त 2023 | 06:00PM | — | — | — | सफल | |
रोवर की चहलकदमी | |||||||
1 | 23 अगस्त 2023 | 10:42 PM | — | — | — | सफल |
™
दिसंबर 2019 में, यह बताया गया कि इसरो ने परियोजना की प्रारंभिक निधिबंधन (फंडिंग) के लिए ₹75 करोड़ (US$10.95 मिलियन) का अनुरोध किया था, जिसमें से ₹60 करोड़ (US$8.76 मिलियन) मशीनरी, उपकरण और अन्य पूंजीगत व्यय की पूर्ति के लिए होगा, जबकि शेष ₹15 करोड़ (US$2.19 मिलियन) राजस्व व्यय मद में माँगा गया है।[26]
परियोजना के अस्तित्व की पुष्टि करते हुए, इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि अनुमानित लागत लगभग ₹615 करोड़ (US$89.79 मिलियन) होगी।[6]
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.