क्रायोजेनिक इंजन-20
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क्रायोजेनिक इंजन-२० (Cryogenic engine-20 या CE-20) भारत का दूसरा क्रायोजेनिक इंजन है जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जीएसएलवी मार्क-3 के ऊपरी चरण के लिए विकसित किया गया है।.[2] यह इंजन क्रायोजेनिक ऊपरी चरण परियोजना के तहत विकसित किया गया है। यह भारत का पहला गैस जेनरेटर चक्र वाला इंजन है। इसकी पहली उड़ान जीएसएलवी मार्क-3 के साथ 5 जून 2017 को होनी है।[3]
सामान्य तथ्य मूल देश, तारीख ...
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मूल देश |
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तारीख | 2015 |
डिजाइनर | द्रव नोदन प्रणाली केंद्र(LPSC), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन |
निर्माता | हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड[1] |
अनुप्रयोग | ऊपरी चरण बूस्टर |
स्थिति | विकासाधीन |
शुष्क वजन | 588 कि॰ग्राम (1,296 पौंड) |
तरल ईंधन मोटर इंजन | |
ईंधन | तरल ऑक्सीजन / तरल हाइड्रोजन |
चक्र | गैस जेनरेटर |
विन्यास | |
चैंबर | 1 |
नोजल अनुपात | 100 |
प्रदर्शन | |
थ्रस्ट (निर्वात) | 200 कि॰न्यू. (45,000 पौंड-बल) |
चैंबर दबाव | 6.000 मेगा॰पास्कल (60.00 bar) |
विशिष्ट आवेग(Isp) (निर्वात) | 443 second (4.34 km/s) |
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इसरो ने 19 फरवरी 2016 को ‘क्रायो सीई-20’ का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण 640 सेकेंड की उड़ान अवधि के लिए किया गया।