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कीनिया गणतंत्र पूर्वी अफ्रीका में स्थित एक देश है। भूमध्य रेखा पर हिन्द महासागर के सटे हुए इस देश की सीमा उत्तर में इथियोपिया, उत्तर-पूर्व में सोमालिया, दक्षिण में तंजानिया, पश्चिम में युगांडा व विक्टोरिया झील और उत्तर पश्चिम में सूडान से मिलती है। देश की राजधानी नैरोबी है। केन्या में 581,309 km2 (224,445 वर्ग मील) शामिल हैं और जुलाई 2012 तक इसकी जनसंख्या लगभग 4.4 करोड़ है।[5]
जम्हूरी या कीनिया कीनिया गणराज्य |
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राष्ट्रवाक्य: "हरमबी"(स्वाहिली) "आइए हम सब आगे बढ़े" |
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राष्ट्रगान: ई मुंगू एन्गुवू येतू "सबके रचियता हे! भगवान" |
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कीनिया (गहरा नीला) की अवस्थिति – अफ़्रीका (हल्का नीला & गहरा धूसर) में |
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राजधानी | नैरोबी 1°16′S 36°48′E | |||||
सबसे बड़ा नगर | नैरोबी | |||||
राजभाषा(एँ) | स्वाहिली, अंग्रेजी | |||||
निवासी | कीनियाई | |||||
सरकार | अर्द्ध-अध्यक्षीय गणराज्य | |||||
- | राष्ट्रपति | उहुरु कीनियाता | ||||
- | प्रधानमंत्री | रायला ओडिंगा | ||||
स्वतंत्रता यूनाइटेड किंगडम से | ||||||
- | दिनांक | 12 दिसम्बर 1963 | ||||
- | गणराज्य घोषित | 12 दिसम्बर 1964 | ||||
क्षेत्रफल | ||||||
- | कुल | 580,367 km2 (47 वां) | ||||
- | जल (%) | 2.3 | ||||
जनसंख्या | ||||||
- | 2013 जनगणना | 44,037,656[1] (31 वाँ) | ||||
- | 2009 जनगणना | 38,610,097[2] | ||||
सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) | 2012 प्राक्कलन | |||||
- | कुल | $77.14 बिलियन[3] | ||||
- | प्रति व्यक्ति | $1,802[3] | ||||
सकल घरेलू उत्पाद (सांकेतिक) | 2012 प्राक्कलन | |||||
- | कुल | $41.117 बिलियन[3] | ||||
- | प्रति व्यक्ति | $976[3] | ||||
गिनी (2014) | 42.5[4] मध्यम · 48th |
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मानव विकास सूचकांक (2013) | 0.535[4] निम्न · 147 वाँ |
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मुद्रा | कीनियन शिलिंग (KES) | |||||
समय मण्डल | ईएटी (यू॰टी॰सी॰+3) | |||||
- | ग्रीष्मकालीन (दि॰ब॰स॰) | (यू॰टी॰सी॰+3) | ||||
दूरभाष कूट | 254 | |||||
इंटरनेट टीएलडी | .ke | |||||
[5] सीआईए के अनुसार, एडस के कारण इस देश में मृत्यु जल्दी हो जाती है जिसके कारण यहाँ की औसत मृत्यु दर बहुत कम है। यहाँ की शिशु मृत्यु दर भी उच्च है और जीवन वृद्धि दर कम है। |
इस देश का नाम माउंट केन्या पर रखा गया है, जो एक महत्वपूर्ण भौगोलिक प्रतीक है और अफ्रीका महाद्वीप की दूसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। 1920 से पहले, जिस क्षेत्र को अब कीनिया के नाम से जाना जाता है, उसे 'ब्रिटिश ईस्ट अफ्रीका संरक्षित राज्य' के नाम से जाना जाता था।
कीनिया अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी तट पर स्थित है और इस प्रकार पूर्वी अफ्रीका का देश कहलाता है। भौगोलिक निर्देशांकों में इसका विस्तार लगभग 5° उत्तरी से 5° दक्षिणी अक्षांशों तक और 34° से 42° पूर्वी देशान्तर के मध्य है। कीनिया का कुल क्षेत्रफल 580,367 वर्ग कि॰मी॰ है और यह क्षेत्रफल के अनुसार विश्व का 49वाँ बड़ा देश है। इस में स्थलीय भाग 569,140 वर्ग कि॰मी॰ और जलीय क्षेत्र (विक्टोरिया झील और अन्य) 11,227 वर्ग कि॰मी॰ हैं।[6]
कीनिया की स्थलीय सीमा 3,447 कि॰मी॰ लम्बी है जिसमें द॰ सूडान के साथ 232 कि॰मी॰, इथियोपिया के साथ 861 कि॰मी॰, सोमालिया के साथ 682 कि॰मी॰, तंजानिया के साथ 769 कि॰मी॰ और युगांडा के साथ 933 कि॰मी॰ हिस्सा है। समुद्र तट की लम्बाई हिन्द महासागर के सहारे 536 कि॰मी॰ है।[7]
कीनिया को स्थलाकृतिक विशेषताओं के आधार पर छह प्रमुख भौगोलिक प्रदेशों में बाँटा जाता है।[8]
समुद्र तटीय क्षेत्र हिन्द महासागर के किनारे के सहारे उत्तर से दक्षिण की ओर फैला हुआ है और यहाँ विविध तटीय स्थलरूप पाए जाते हैं। छोटी खाड़ियाँ और मूँगे की चट्टानें तट के सहारे और एक लगभग सतत अवरोधक प्रवाल भित्ति तट के साथ पायी जाती है। उत्तरी हिस्से में लामू द्वीप चाप (Lamu Archipelago) है जो समुद्र तल में वृद्धि के परिणाम स्वरूप समुद्र में डूबे तट का उच्च भूमि वाला हिस्सा है जो समुद्र से ऊपर द्वीप के रूप में उभरा हुआ है।
मैदानी क्षेत्र के अंतर्गत दक्षिण तटीय पश्चभूमि एक उच्चावच विहीन अपरदनात्मक मैदान है जिसमें कहीं कहीं छोटी पहाड़ियां परिलक्षित होती हैं और ताना मैदान, ताना नदी द्वारा जमा किये गये निक्षेपों से निर्मित है।
उत्तरी मैदानी-क्षेत्र पश्चिम में युगांडा की सीमा से पूर्व में सोमालिया की सीमा तक फैला है। यह बहुधा लावा निर्मित मैदान है। रुडोल्फ झील और चाल्बी रेगिस्तान इसी क्षेत्र का हिस्सा हैं। यहाँ शुष्क प्रदेशों में पायी जाने वाली स्थल रूप निर्माण के प्रक्रम क्रियाशील हैं क्योंकि यह प्रदेश शुष्क जलवायु वाला है।
कीनियाई उच्च भूमि को यूरोपीयन लोग श्वेत उच्च भूमि भी कहते थे। यह भ्रंश घाटी के पश्चिम और पूर्व दो हिस्सों में विभक्त होकर अवस्थित है। माउंट केन्या पूर्वी हिस्से में स्थित है।
भ्रंशघाटी प्रदेश पूर्वी अफ़्रीकी भ्रंश का हिस्सा है और यह रुडोल्फ झील के इलाके से लेकर दक्षिण में तंजानिया की सीमा तक है। कीनियाई उच्च भूमि इसके द्वारा द्विभाजित की जाती है।
पश्चिमी पठार प्रदेश एक बड़े बेसिन के आकार में विक्टोरिया झील के सहारे स्थित है और बहुधा भ्रन्शित पठारों वाला है।
कीनिया की जलवायु इसकी अक्षांशीय स्थिति से काफ़ी प्रभावित है। विषुवत रेखा पर स्थित होने के कारण यहाँ विषुवतीय जलवायु पाई जाती है जिसमें वर्ष भर मौसम लगभग एक सा रहता है। तटीय भागों में वर्ष भर वर्षा इसका प्रमुख उदहारण है और तापमान तथा आर्द्रता में दैनिक चक्र स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है। पश्चिमी और भीतरी भागों में उत्तरी हिस्से में रेगिस्तानी जलवायु या अर्ध-शुष्क जलवायु पाई जाती है। कीनिया के लगभग 70% से अधिक भागों में अर्ध-शुष्क जलवायु का ही विस्तार है जहाँ 51 सेमी से कम वार्षिक वर्षा होती है।[9] कम वर्षा वाले क्षेत्रों में वर्षा अनियमित भी होती है और वर्षा की मात्रा की औसत से विचारंशीलता अधिक पायी जाती है।
कीनियाई उच्च भूमि पर ऊंचाई का जलवायु के ऊपर स्पष्ट प्रभाव है और भूमध्य रेखा पर अवस्थिति के कारण वर्ष भर में कोई विशेष ऋत्विकता नहीं पायी जाती।
हिन्द महासागर के तट पर स्थित मोम्बासा शहर की जलवायु सांख्यिकी[10] | |||||||||||||||
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NOAA कूट | सांख्यिकी | Jan | Feb | Mar | Apr | May | Jun | Jul | Aug | Sep | Oct | Nov | Dec | औसत | |
0101 | औसत तापमान F | 81.7 | 82.6 | 82.9 | 81.7 | 79.2 | 76.6 | 75.2 | 75.2 | 76.5 | 78.3 | 80.4 | 81.3 | 79.3 | |
0201 | उच्च॰ तापमान F | 91.8 | 92.7 | 92.7 | 90.5 | 87.6 | 84.9 | 83.7 | 83.8 | 85.5 | 86.9 | 88.9 | 91 | 88.3 | |
0301 | न्यून॰ तापमान F | 71.6 | 72.5 | 73.2 | 72.9 | 70.9 | 68.2 | 66.7 | 66.7 | 67.5 | 69.6 | 71.8 | 71.6 | 70.3 | |
0615 | वर्षा (इंच में)[10] | 1.4 | 0.6 | 2.3 | 6.3 | 9.7 | 3.6 | 2.9 | 2.8 | 2.8 | 4.2 | 4.3 | 3.1 | 3.7 | |
0101 | औसत तापमानC | 27.6 | 28.1 | 28.3 | 27.6 | 26.2 | 24.8 | 24.0 | 24.0 | 24.7 | 25.7 | 26.9 | 27.4 | 26.27 | |
0201 | उच्च॰ तापमान C | 33.2 | 33.7 | 33.7 | 32.5 | 30.9 | 29.4 | 28.7 | 28.8 | 29.7 | 30.5 | 31.6 | 32.8 | 31.29 | |
0301 | न्यून॰ तापमान C | 22.0 | 22.5 | 22.9 | 22.7 | 21.6 | 20.1 | 19.3 | 19.3 | 19.7 | 20.9 | 22.1 | 22.0 | 21.26 | |
0615 | वर्षा (मि॰ मी॰)[10] | 33.9 | 14.0 | 55.6 | 154.3 | 246 | 88.3 | 71.8 | 68.2 | 67.2 | 103.4 | 104.7 | 75.8 | 89.39 | |
1109 | अधि॰ आर्द्रता % | 76.0 | 76.0 | 78.0 | 82.0 | 85.0 | 84.0 | 86.0 | 85.0 | 82.0 | 81.0 | 80.0 | 78.0 | 81.08 | |
1110 | न्यून॰ आर्द्रता[10]% | 62.0 | 59.0 | 61.0 | 66.0 | 70.0 | 67.0 | 67.0 | 66.0 | 65.0 | 66.0 | 68.0 | 65.0 | 65.17 |
कीनिया में प्राकृतिक वनस्पतियों का वितरण जलवायु और उच्चावच का अनुसरण करता है। समुद्र तटीय भागों में मैंग्रोव वनस्पति पायी जाती है और तटीय मैदानों में आर्द्र भागों में पाम और अन्य उष्ण कटिबंधीय वनस्पतियाँ प्रमुख हैं।
अंदरूनी क्षेत्रों में वर्षा की मात्रा क्रमशः कम होते जाने के कारण यहाँ घास के मैदान और खुले वन का फैलाव है। और अधिक शुष्क भागों में कटीली झाडियाँ और मरुस्थली वनस्पतियाँ पायी जाती हैं। चूँकि कीनिया का 70% से अधिक भाग अर्धशुष्क या शुष्क है अतः यहाँ झाडियों वाले घास के मैदानों की बहुलता है जिनमें छिटपुट बड़े वृक्ष पाए जाते हैं। ऐसे मैदानों को wooded and bushed grassland अथवा woodland and bushland कहा जाता है।
पहाड़ी इलाकों में जहाँ वर्षा की मात्रा आधिक होती है वहाँ काफ़ी लम्बी घास के क्षेत्र पाए जाते हैं। ऐसे क्षेत्रों में बाँस (Arundinalia alpina) लगभग 3000 मीटर की ऊंचाई तक मिलता है। अन्य वृक्षों में कैम्फर, जैतून, पोडो और सीडर इत्यादि हैं।[11]
वर्तमान समय में वनों का तेजी से हो रहा दोहन कीनिया की कुछ प्रमुख पर्यावरणीय समस्याओं में से एक है। नोबल पुरस्कार प्राप्त कार्यकत्री वंगारी मथाई ने इन वनों के संरक्षण के लिये काफ़ी काम किया और उनके जैसे अन्य पर्यावरण कार्यकर्ता अब भी यहाँ के वनों को संरक्षित करने हेतु जनांदोलन चला रहे हैं।
कीनिया का नवीनकालिक भूगर्भिक परिदृश्य मुख्यतः ज्वालामुखीयता द्वारा प्रभावित रहा है। यहाँ प्लेट विवर्तनिकी की सक्रियता रिफ्ट घाटियों के रूप में इस पूरे क्षेत्र की संरचना को निर्धारित करती है। यहाँ पूर्वी अफ़्रीकी रिफ्ट कीनिया की सबसे उत्तरी झील तुरकाना से लेकर, माउंट केन्या होते हुए दक्षिण में किलिमांजारो पर्वत तक और आगे तंजानिया में फैली है।
कीनिया के पश्चिमी भाग का ज्यादातर हिस्सा प्लायोसीन-प्लीस्टोसीन काल के ज्वालामुखियों द्वारा आच्छादित है जिसके नीचे प्रीकैम्ब्रियन चट्टानें पायी जाती है।[12] वहीं कीनिया का दक्षिणी-पूर्वी हिस्सा कारू नदी तन्त्र द्वारा जमा किये तलछट से निर्मित है जो पर्मियन से लेकर बाद के ट्रियासिक काल के अवसाद हैं। अन्जा द्रोणी का दिग्विन्यास उतर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर है और यह रिफ्ट गोंडवानालैण्ड के विभाजन के समय उत्पन्न हुयी थी।[13][14]
कीनिया में प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दों और चुनौतियों में निर्वनीकरण, जल संसाधन का न्यूनीकरण, मरुस्थलीकरण और औद्योगिक प्रदूषण इत्यादि हैं।
जल संसाधनों की उपलब्धता और गुणवत्ता में गिरावट एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में उभरा है।[15] कई झीलों में जलकुम्भी (Eichhornia crassipes) जैसे पौधों का अतिक्रमण उनके प्राकृतिक पारितंत्र को नष्ट कर रहा है और इन झीलों के मछली उत्पादन तथा जल की सामान्य गुणवत्ता में भी कमी आयी है। नदियों के जलधारण में भी सिकुड़ाव दर्ज किया गया है जो इनके बेसिन में भूजल के नीचे चले जाने का परिणाम माना जा रहा है।
केन्या एक राष्ट्रपति प्रतिनिधि लोकतांत्रिक गणराज्य है। राष्ट्रपति, राज्य का प्रमुख और सरकार का मुखिया दोनों है, जो एक बहुदलीय प्रणाली के साथ हैं। कार्यकारी शक्ति सरकार द्वारा प्रयोग की जाती है। विधायी शक्ति सरकार और राष्ट्रीय सभा या के संसदीय निचले सदन, में निहित है। न्यायपालिका कार्यपालिका और विधायिका से स्वतंत्र है।
केन्या में विविध आबादी रहती हैं जिसमें अफ्रीका में पाए जाने वाले अधिकांश प्रमुख जातीय, नस्लीय और भाषाई समूहों शामिल हैं। एक अनुमान के अनुसार 42 अलग-अलग समुदाय केन्या में रहते हैं, जिसमें बांटु लोग (67%) और निलोत लोग (30%) बहुमत में हैं। अरब लोग, भारतीय और यूरोपीय लोग केन्या में अल्पसंख्यक के रूप में रहते हैं।
यह देश एक युवा आबादी वाला है, 73% लोग 30 साल से कम उम्र के हैं, तेज़ी से जनसंख्या वृद्धि की वजह से। पिछली सदी से केन्या की आबादी 29 लाख से 4 करोड़ हो गई हैं।
केन्या के विभिन्न जातीय समूह आम तौर पर अपने समुदाय के भीतर अपनी मातृभाषा में बोलते हैं। दो आधिकारिक भाषाएँ, अंग्रेजी और स्वाहिली, अन्य आबादी के साथ संचार के लिए, विविध स्तर में उपयोग की जाती हैं। अंग्रेजी व्यापक रूप से वाणिज्य, स्कूली शिक्षा और सरकार में बोली जाती है।