कश्मीरी साहित्य
परम्परागत रूप से कश्मीर का साहित्य संस्कृत में था। / From Wikipedia, the free encyclopedia
परम्परागत रूप से कश्मीर का साहित्य संस्कृत में था। नीचे काश्मीर के संस्कृत के प्रमुख साहित्यकारों के नाम दिये गये हैं-
- लगध,[1][2][3][4][5][6] इनका जीवनकाल 1400 ईसापूर्व से लेकर 1200 ईसापूर्व तक सम्भावित है। इन्होंने वेदाङ्ग ज्योतिष नामक ग्रन्थ की रचना की जो खगोलिकी के सबसे प्राचीन भारतीय ग्रन्थों में से एक है।
- चरक,[7][8][9][10] 300 ईसापूर्व ; आयुर्वेद के महानतम लेखकों में से एक ।
- नागसेन,[11][12] द्वितीय शताब्दी ईसापूर्व ; महान बौद्ध भिक्षु जिन्होंने हिन्दू-ग्रीक राजा मिलिन्द के धर्मसम्बन्धी प्रश्नों का उत्तर देकर उसे सन्तुष्ट किया था। मिलिन्दपन्ह नामक ग्रन्थ में इसका वर्णन है।
- तिसत, ५०० ई। आयुर्वेद ग्रन्थों के रचयिता[13]
- जैज्जट, ५वीं शताब्दी ; इन्होंने सुश्रुत संहिता पर टीका लिखी है जो इसकी सम्भवतः सबसे पहली (ज्ञात) टीका है। डल्हण ने इस टिकाग्रन्थ का उल्लेख किया है।[14]
- वाग्भट,[15][16] ७वीं शताब्दी। आयुर्वेद के तीन महानतम लेखको में से एक (अन्य दो चरक और सुश्रुत हैं।)
- भामह,[17][18][19][20] ७वीं शताब्दी
- रविगुप्त, 700-725. रविगुप्त सम्भवतः कश्मीर के सबसे पुराने दार्शनिकों में से एक हैं।[21]
- आनन्दवर्धन, 820-890
- वसुगुप्त, 860-925
- सोमानन्द, 875-925
- वटेश्वर,[22][23] b. 880, author of Vaṭeśvara-siddhānta.
- रुद्रट, c. 9th century
- जयन्त भट्ट, c. 9th century
- भट्ट नायक, c. 9th-10th century, considered by Sheldon Pollock as the greatest author on aesthetics in the pre-modern period
- मेधातिथि, c. 9th-10th century, one of the most influential commentators of the Manusmriti
- उत्पलदेव, 900-950
- अभिनवगुप्त, c. 950-1020
- वल्लभदेव,[24][25] c. 10th century. Wrote, amongst other works, Raghupanchika, the earliest commentary on the Raghuvamsa of Kalidasa.
- उत्पल,[26][27][28][29] c. 10th century. An important mathematician.
- क्षेमेन्द्र, c. 990-1070
- क्षेमराज, c. late 10th century/early 11th century
- कथासरित्सागर, c. 11th century
- बिल्हण, c. 11th century
- कल्हण, c. 12th century
- जल्हण,[24] c. 12th century. He wrote the Suktimuktavali, an anthology quoting the work of 380 Sanskrit poets.
- शारंगदेव, c. 13th century. A musicologist, he wrote Sangita Ratnakara, one of the most important text when it comes to Indian music.
- Kesava Kashmiri Bhattacharya, c. 14th century, a major Vedantic philosopher.
- मम्मट
- कैहट
- जैहट
- रल्हण
- शिल्हण
- मल्हण
- रुय्यक
- कुन्तक
- रुचक
- उद्भट्ट
- शंकुक
- गुणाढ्य
- सोमदेव
- पिंगल
- जयदत्त
- वामन
- क्षीरस्वामी
- मंख
- पुष्पदन्त
- जगधर भट्ट
- रत्नाकर
- माणिक्यचन्द्र
पिछले ८०० वर्ष कश्मीरी भाषा और अब उर्दू और हिन्दी में भी यहां साहित्य की रचना हुई है।