ओम नमो भगवते वासुदेवाय
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय सबसे लोकप्रिय हिंदू मंत्रों में से एक है और वैष्णव सम्प्रदाय में सबसे महत्वपूर्ण मंत्र है। इसे द्वादसाक्षरी मंत्र या बस द्वादसाक्षरी कहा जाता है, जिसका अर्थ है बारह-अक्षर वाला मंत्र'। यह मंत्र विष्णु और भगवान कृष्ण दोनों को समर्पित है। [1][2] इसकी दो परंपराएं हैं- तांत्रिक और पुराण। तांत्रिक परम्परा में मंत्र के ऋषि प्रजापति हैं; पौराणिक परंपरा में ऋषि नारद हैं। हालांकि, दोनों कहते हैं कि यह सर्वोच्च विष्णु मंत्र है। शारदा तिलक तंत्रम कहते हैं:
"द्वादशर्णो महामंत्र प्रधानो वैष्णवगामे" - बारह अक्षरों वाला मंत्र वैष्णव मंत्रों में प्रमुख है।
इसी प्रकार, श्रीमद्भागवतम् में यह परम मंत्र है। यह बारह अक्षर मंत्र मुक्ति (मुक्ति) मंत्र[3] और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए एक आध्यात्मिक सूत्र के रूप में जाना जाता है।[4] मंत्र विष्णु पुराण में भी पाया जा सकता है।