![cover image](https://wikiwandv2-19431.kxcdn.com/_next/image?url=https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/3/30/Rashidun_Caliph_Uthman_ibn_Affan_-_%25D8%25B9%25D8%25AB%25D9%2585%25D8%25A7%25D9%2586_%25D8%25A8%25D9%2586_%25D8%25B9%25D9%2581%25D8%25A7%25D9%2586_%25D8%25AB%25D8%25A7%25D9%2584%25D8%25AB_%25D8%25A7%25D9%2584%25D8%25AE%25D9%2584%25D9%2581%25D8%25A7%25D8%25A1_%25D8%25A7%25D9%2584%25D8%25B1%25D8%25A7%25D8%25B4%25D8%25AF%25D9%258A%25D9%2586.svg/langhi-640px-Rashidun_Caliph_Uthman_ibn_Affan_-_%25D8%25B9%25D8%25AB%25D9%2585%25D8%25A7%25D9%2586_%25D8%25A8%25D9%2586_%25D8%25B9%25D9%2581%25D8%25A7%25D9%2586_%25D8%25AB%25D8%25A7%25D9%2584%25D8%25AB_%25D8%25A7%25D9%2584%25D8%25AE%25D9%2584%25D9%2581%25D8%25A7%25D8%25A1_%25D8%25A7%25D9%2584%25D8%25B1%25D8%25A7%25D8%25B4%25D8%25AF%25D9%258A%25D9%2586.svg.png&w=640&q=50)
उस्मान बिन अफ़्फ़ान
मुसलमानो के तीसरे ख़लीफ़ा / From Wikipedia, the free encyclopedia
उसमान बिन अफ़्फ़ान (576-656) उमर बिन खत्ताब के बाद मुसलमानों के तीसरे ख़लीफ़ा चुने गये। पहले वो एक धनी व्यापारी हुआ करते थे लेकिन बाद में वह मुहम्मद साहब के प्रमुख साथी बने।
सामान्य तथ्य उसमान बिन अफ़्फ़ान عثمان بن عفان, राशिदून ख़लीफ़ा में से 3 वें ख़लीफ़ा ...
उसमान बिन अफ़्फ़ान عثمان بن عفان | |||||
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ज़ुन्नूरैन (दो दीप वाले) (ذو النورين) "अल-ग़नी" ("दान धनी") अमीरुल मूमिनीन | |||||
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राशिदून ख़लीफ़ा में से 3 वें ख़लीफ़ा | |||||
शासनावधि | 6 नवम्बर 644 – 17 जून 656 | ||||
पूर्ववर्ती | हजरत उमर | ||||
उत्तरवर्ती | अली इब्न अबी तालिब | ||||
जन्म | 576 ई (47 हिज्री पूर्व) ताइफ़, सऊदी अरबਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ | ||||
निधन | 17 जून 656 ई (18 ज़ुल हज्जा 35 हिज्री)[1][2][3] (आयु 79) मदीना, अरब, राशिदून ख़िलाफ़तਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ | ||||
समाधि | जन्नतुल बकी, मदीना ਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ | ||||
जीवनसंगी |
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संतान (among others) | अबान बिन उस्मान | ||||
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जाति | क़ुरैश (बनू उमय्या) | ||||
पिता | अफ्फ़ान इब्न अबी अल-आस | ||||
माता | अरवा बिन्त कुरैज़ |
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अपने धन के कारण उनको अल-ग़नी भी कहते हैं - इनके पिता मक्का के प्रभावशाली व्यापारी थे, जबकि ये ख़ुद कारोबारी सिलसिले में इथियोपिया में रहने लगे थे। इनके परिवार के अन्य सदस्यों ने अगले ७० सालों के इस्लामी साम्राज्य-विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की एवं संपुर्ण उत्तरी अफ्रिका पर विजय प्राप्त की। बाद के उमय्या वंश के शासक इनके वंश से संबंधित थे। कुख्यात अरब जनरल अबू सुफ़ियान, और बाद में स्पेन में राज करने वाले मूसा भी इनके ख़ून के रिश्तेदार थे।