समोसा एक तला हुआ या बेक किया हुआ भरवां अल्पाहार व्यंजन है। इसमें प्रायः मसालेदार भुने या पके हुए सूखे आलू, या इसके अलावा मटर, प्याज, दाल, कहीम कहीं मांसा भी भरा हो सकता है। इसका आकार प्रायः तिकोना होता है किन्तु आकार और नाप भिन्न-भिन्न स्थानों पर बदल सकता है। अधिकतर ये चटनी के संग परोसे जाते हैं।[1] ये अल्पाहार या नाश्ते के रूप में भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, दक्षिण पश्चिम एशिया, अरब प्रायद्वीप, भूमध्य सागर क्षेत्र, अफ़्रीका का सींग, उत्तर अफ़्रीका एवं दक्षिण अफ़्रीका में प्रचलित हैं।

सामान्य तथ्य समोसा, उद्भव ...
समोसा  

समोसा
उद्भव
वैकल्पिक नाम समोसा, सौमसा, सम्बोसक, सम्बूसा, समूसा, सिङाड़ा, सिंगड़ा, समूज़ा, आदि
संबंधित देश भारत
देश का क्षेत्र भारतीय उपमहाद्वीप, मध्य एशिया, पश्चिम एशिया, अफ़्रीका का सींग, उत्तर अफ़्रीका, दक्षिण अफ़्रीका
व्यंजन का ब्यौरा
परोसने का तापमान गरम
मुख्य सामग्री मैदा, आलू, प्याज, मसाले, हरी मिर्च, पनीर
अन्य प्रकार चमुचा
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नाम अंतरण

समोसा (/səˈmsə/; अंग्रेज़ी: Samosa) नम प्रायः भारतीय उपमहाद्वीप एवं दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में प्रयोग किया जाता है। अन्य क्षेत्रों में इसके नाम के अंतरण हैं: (अरबी: [سمبوسك] Error: {{Lang}}: text has italic markup (help) सम्बुसक), (बांग्ला: সিঙাড়া ,सिङाड़ा'), असमिया में सिंगाड़ा, ओड़िया: ସିଙ୍ଗଡ଼ା ,सिंगड़ा', पंजाबी: ਸਮੋਸਾ, गुजराती: સુમૉસ‌ सुमोस, कन्नड़: ಸಮೋಸಾ समोसा', मलयालम: സമോസ, मराठी: समोसा, फ़ारसी: سمبوسه, तमिल: சமோசா, उर्दू: سموسه, सम्बुसक, तुर्की एवं मध्य एशिया में सम्सा (उच्चारण [ˈsamsə]) या सोम्सा in (कज़ाख: самса, [sɑmsɑ́], किर्घिज़: самса, [sɑ́msɑ];, उज़्बेक: ['somsa'] Error: {{Lang}}: text has malformed markup (help), [sɒmsa], उय्घुर: سامسا, [sɑmsɑ́]), इसके अलावा विशेष रूप से तुर्की में (तुर्कीयाई: सम्सा बोरेगी ), अरब, ईरीट्रिया, इथियोपिया, सोमालिया आदि में सम्बुसा (सोमाली: 'sambuusa') एवं तजाकिस्तान में (साँचा:Lang-tg), ईरान में सन्बुसे (फ़ारसी: [سنبوسه] Error: {{Lang}}: text has italic markup (help)), समुज़ा (बर्मी: စမူဆာ, बर्मा में IPA: [sʰəmùzà]) या लुसोफ़ोन में चमुचा

समोसा दक्षिण एशिया का एक लोकप्रिय व्यंजन है। इस लज़ीज़ त्रिभुजाकार व्यंजन को आटा या मैदा के साथ आलू के साथ बनाया जाता है और चटनी के साथ परोसा जाता है। ऐसा माना जाता है कि समोसे की उत्पत्ति उत्तरी भारत में हुई और फिर यह धीरे-धीरे पूरे भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित आस-पास के क्षेत्रों में भी काफी लोकप्रिय हुआ। यह भी माना जाता है कि समोसा मध्यपूर्व से भारत आया और धीरे-धीरे भारत के रंग में रंग गया। कुछ इतिहासकारों का कहना है कि दसवीं शताब्दी में मध्य एशिया में समोसा एक व्यंजन के रूप में सामने आया था। 13-14वीं शताब्दी में व्यापारियों के माध्यम से समोसा भारत पहुँचा। महान कवि अमीर खुसरो (1253-1325) ने एक जगह जिक्र किया है कि दिल्ली सल्तनत में उस दौरान स्टड मीट वाला घी में डीप फ्राई समोसा शाही परिवार के सदस्यों व अमीरों का प्रिय व्यंजन था। १४ वीं शताब्दी में भारत यात्रा पर आये इब्नबतूता ने मो0 बिन तुगलक के दरबार का वृतांत देते हुए लिखा कि दरबार में भोजन के दौरान मसालेदार मीट, मंूगफली और बादाम स्टफ करके तैयार किया गया लजीज समोसा परोसा गया, जिसे लोगों ने बड़े चाव से खाया। यही नहीं 16वीं शताब्दी के मुगलकालीन दस्तावेज आईने अकबरी में भी समोसे का जिक्र बकायदा मिलता है।[उद्धरण चाहिए]

Thumb
समोसा, चटनी के संग, रायपुर, मिस्र

समोसे का यह सफर बड़ा निराला रहा है। समोसे की उम्र भले ही बढ़ती गई पर पिछले एक हजार साल में उसकी तिकोनी आकृति में जरा भी परिवर्तन नहीं हुआ। आज समोसा भले ही शाकाहारी-मांसाहारी दोनों रूप में उपलब्ध है पर आलू के समोसों का कोई सानी नहीं है और यही सबसे ज्यादा पसंद भी किया जाता है। इसके बाद पनीर एवं मेवे वाले समोसे पसंद किये जाते हैं। अब तो मीठे समोसे भी बाजार में उपलब्ध हैं। समोसे का असली मजा तो उसे डीप फ्राई करने में है, पर पाश्चात्य देशों में जहाँ लोग कम तला-भुना पसंद करते हैं, वहां लोग इसे बेक करके खाना पसंद करते हैं। भारत विभिन्नताओं का देश है, सो हर प्रांत में समोसे के साथ वहाँ की खूबियाँ भी जुड़ती जाती हैं। उत्तरप्रदेश व बिहार में आलू के समोसे खूब चलते हैं तो गोवा में मांसाहारी समोसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। पंजाबी समोसा खूब चटपटा होता है तो चाइनीज क्यूजीन पसंद करने वालों के लिए नूडल्स स्टड समोसे भी उपलब्ध हैं। बच्चों और बूढ़ों दोनों में समोसे के प्रति दीवानगी को भुनाने के लिए तमाम बहुराष्ट्रीय कम्पनियां इसे फ्रोजेन फूड के रूप में भी बाजार में प्रस्तुत कर रही हैं।

व्यंजन विधि

आवश्यक सामग्री- मैदा – ३०० ग्राम, रिफाइन्ड तेल – ७० ग्राम, नमक - स्वादानुसार, आलू – आधा किलो, हरे मटर के दाने - ५० ग्राम, काजू - २५ ग्राम, किसमिस — २५ ग्राम, धनियाँ पाउडर - एक छोटी चम्मच, गरम मसाला – एक चौथाई छोटी चम्मच, अमचूर पाउडर — एक चौथाई छोटी चम्मच, तलने के लिये – तेल

विधि- सबसे पहले आलू को उबाल लें। मैदा में तेल और नमक डालिये उन्हैं अच्छी तरह मिला लें। पानी की सहायता से गूथिंये थोड़ा सख्त आटा गूदना है। इसे 20 मिनिट के लिये रख दें। समोसों में भरने के लिये पिट्ठी तैयार करें- उबाले हुये आलुओं को छील लें और हाथ से मोटा मोटा फोड़ लें. अब एक कढ़ाई में एक टेबिल स्पून तेल गरम करें उसमें धनियाँ पाउडर डालें भूनें और आलू डाल दें. इसके बाद उसमें गरम मसाला, नमक और अमचूर पाउडर डाल दें, कलछी से चलाये और भूनें मसाला अच्छी तरह मिल जाय गैस बन्द कर दें और आलू नीचे उतार लें, ठंडा करें ओर काजू किसमिस मिला दें. यह पिट्ठी समोसों में भरने के लिये तैयार है। अब जो गुंथा हुआ मैदा है उसके दस बराबर के आकार के गोले बना लें. एक गोला लेकर बेलन से करीब 8 इंच के व्यास का बेल लें . अब इस बेले गये पूरी को दो बराबर के भागों में चाकू की सहायता से काट लें. एक भाग को तिकोन बनाते हुये मोड़ें और उसमें आलू की पिट्ठी भरें.और दोनों सिरों को पानी की सहायता से चुपका दें, इसी तरह से सारे समोसे तैयार करलें. इन्हैं तलने के कढ़ाई गैस पर रखें और उसमें तेल भरकर गरम करें.गरम तेल में चार समोसे डाले और ब्राउन होने तक तलें. एक प्लेट में नैपकिन पेपर बिछाकर उस पर रखें. सभी समोसों को इसी तरह तल कर निकाल लें .गरमा गरम समोसे तैयार हैं। हरे धनिये की चटनी के साथ खाइये.[2]

चित्र दीर्घा

सन्दर्भ

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