Loading AI tools
हिंदी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
मुमताज़ (अपनी शादी के बाद मुमताज़ माधवानी के नाम से जानी जाती हैं; जन्म: 31 जुलाई 1947) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं।[1] उन्होंने 1971 में खिलौना में अपने किरदार के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। हालांकि उन्होंने छोटी सहायक भूमिकाओं के साथ शुरुआत की, बाद में उन्होंने तरक्की की और अपने समय के सभी शीर्ष अभिनेताओं के साथ मुख्य भूमिकाओं में काम किया। उन्हें 60 और 70 के दशक की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों और नर्तकियों में से एक के रूप में याद किया जाता है।[2]
मुमताज़ | |
---|---|
जन्म |
31 जुलाई 1947 Mumbai, Maharashtra, India |
नागरिकता | Indian (1947-present) |
पेशा | अभिनेत्री |
कार्यकाल | 1958–1977 |
जीवनसाथी | मयूर माधवानी (वि॰ 1974) |
बच्चे | 2 (Natasha and Tanya) |
संबंधी |
Shahrukh Askari (Brother) Shahzat Askari (Brother) Malika (Sister) रंधावा (brother-in-law) Shaad Randhawa (nephew) फ़रदीन ख़ान (son-in-law) फ़िरोज़ ख़ान (in-law) |
मुमताज़ का जन्म अब्दुल सलीम अस्करी (मेवे के विक्रेता) और शदी हबीब आगा के यहाँ हुआ था जो ईरान से थे। उनके जन्म के ठीक एक साल बाद उनका तलाक हो गया। उनकी छोटी बहन अभिनेता मल्लिका है जिनकी शादी पहलवान और भारतीय अभिनेता रंधावा से हुई थी - जो पहलवान और अभिनेता दारा सिंह के छोटे भाई थे।
मुमताज़ सोने की चिड़िया (1958) में एक बाल अभिनेत्री के रूप में दिखाई दीं। किशोरी के रूप में उन्होंने 1960 के दशक की शुरुआत में वल्लाह क्या बात है, स्त्री और सेहरा में अतिरिक्त अभिनेत्री के रूप में काम किया। वयस्क के रूप में, ए-ग्रेड फिल्मों में उनकी पहली भूमिका 1963 की गहरा दाग़ में थी। इसमें उन्होंने नायक की बहन की भूमिका निभाई थी। मुझे जीने दो जैसी सफल फिल्मों में उन्हें छोटी भूमिकाएँ मिलीं। बाद में, उन्होंने 16 एक्शन फिल्मों में मुख्य नायिका की भूमिका निभाई, जिसमें फ़ौलाद वीर भीमसेन, टार्ज़न कम्स टू देल्ही, सिकंदर-ए-आज़म, रूस्तम-ए-हिंद, राका, और डाकू मंगल सिंह, शामिल हैं।[3] इन सब में पहलवान दारा सिंह उनके साथ मुख्य भूमिका में थे और वह स्टंट-फिल्म नायिका के रूप में मानी जाने लगीं।[4]
वह राज खोसला की ब्लॉकबस्टर दो रास्ते (1969) थी, जिसने मुमताज़ को पूर्ण फिल्मी सितारा बना दिया। इसमें राजेश खन्ना ने अभिनय किया था। हालाँकि मुमताज़ की फिल्म में छोटी भूमिका थी, फिर भी निर्देशक राज खोसला ने उनके साथ चार गाने फिल्माए। 1969 में, राजेश खन्ना के साथ उनकी फिल्में दो रास्ते और बंधन, वर्ष की शीर्ष कमाई करने वाली फिल्म बनी थी। उन्होंने राजेन्द्र कुमार की ताँगेवाला में प्रमुख नायिका की भूमिका निभाई। शशि कपूर, जिन्होंने पहले सच्चा झूठा (1970) में उनके साथ काम करने से इनकार कर दिया था, अब वह चाहते थे कि वह चोर मचाये शोर (1974) में उनकी नायिका बनें। उन्होंने लोफर और झील के उस पार (1973) जैसी फिल्मों में प्रमुख नायिका के रूप में धर्मेन्द्र के साथ काम किया।
मुमताज ने फ़िरोज़ ख़ान के साथ अक्सर काम किया जिसमें हिट फिल्में मेला (1971), अपराध (1972) और नागिन शामिल हैं। राजेश खन्ना के साथ उनकी जोड़ी कुल 10 फिल्मों में सबसे सफल रही।[5] उन्होंने अपने परिवार पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए फिल्म आईना (1977) के बाद फिल्मों में काम करना छोड़ दिया। उन्होंने 1990 में आँधियां से फिर वापसी की थी।
मुमताज ने 1974 में बिजनेसमैन मयूर माधवानी से शादी की। उनकी दो बेटियां हैं, जिनमें से एक नताशा ने 2006 में अभिनेता फिरोज खान के बेटे फरदीन खान से शादी की।
शम्मी कपूर उससे प्यार करते थे और उससे शादी भी करना चाहते थे लेकिन मुमताज कम उम्र में अपना फिल्मी करियर छोड़ने के लिए तैयार नहीं थीं क्योंकि कपूर नहीं चाहते थे कि उनकी पत्नी शादी के बाद फिल्म उद्योग में काम करें।[6][7]
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.