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1969 की राज खोसला की फ़िल्म विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
दो रास्ते 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन और निर्माण राज खोसला ने किया। इसमें राजेश खन्ना जिम्मेदार पुत्र और मुमताज़ को उनकी प्रेमिका के रूप में चित्रित किया गया है। बलराज साहनी और कामिनी कौशल बड़े बेटे और उनकी पत्नी की भूमिका निभाते हैं। प्रेम चोपड़ा हठी बेटे और बिन्दू उनकी पत्नी की भूमिका को निभाते हैं जो विवादों को जन्म देते हैं।
दो रास्ते | |
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दो रास्ते का पोस्टर | |
निर्देशक | राज खोसला |
लेखक | अख्तर रूमानी (संवाद) |
निर्माता | राज खोसला |
अभिनेता |
राजेश खन्ना, मुमताज़, बलराज साहनी, प्रेम चोपड़ा, बिन्दू |
संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
प्रदर्शन तिथियाँ |
5 दिसम्बर, 1969 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
यह गुप्ता परिवार की कहानी है।गुप्ता परिवार श्रीमती गुप्ता (वीना), बड़ा बेटा नवेन्द्रू गुप्ता (बलराज साहनी), नवेन्द्रू की पत्नी माधवी (कामिनी कौशल); दूसरा बेटा बिरजू गुप्ता (प्रेम चोपड़ा); तीसरा बेटा, सत्येन गुप्ता (राजेश खन्ना); एक बेटी गीता (कुमुद बोले), और नवेन्द्रू का बेटा, राजू (जूनियर महमूद) से मिलकर बना है। परिवार को बिरजू के लिए प्रसाद (असित सेन) और उनकी पत्नी भागवंती (लीला मिश्रा) से शादी का प्रस्ताव मिलता है, जिसे परिवार स्वीकार कर लेता है। दुल्हन बनने वाली नीलू (बिन्दू) विदेश में रही है और उसका दृष्टिकोण गैर-पारंपरिक है, और यह गुप्ता परिवार के साथ पहली बैठक में वह जता देती है।
श्रीमती गुप्ता इसको बिल्कुल पसंद नहीं करती हैं, लेकिन नवेन्द्रू उन्हें मना लेता है, और शादी हो जाती है। नीलू की एक सुंदर और तेजस्वी छोटी बहन रीना (मुमताज़) है। वह भी सत्येन के समान कॉलेज में जाती है और दोनों गलतफहमी के बीच मिलते हैं और अंततः दोनों एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं। नवेन्द्रू ने एक साहूकार से बड़ी राशि का ऋण ले रखा है, और जब भुगतान करने का समय आता है, तो नवेन्द्रु के पास पर्याप्त धन नहीं होता है। बिरजू की पत्नी नवेन्द्रू से धन साझा करने से इंकार कर देती है। घर में गलतफहमी और झगड़े होते हैं, और अंततः नीलू और बिरजू अपने अलग घर पर चले जाते हैं। गुप्ता परिवार अपने लेनदारों को घर खो देता है, जबकि बिरजू और नीलू विलासिता का जीवन जीते हैं। इस बीच, सत्येन ने अपनी प्रेमिका रीना के साथ खुशहाल वैवाहिक जीवन की उम्मीद छोड़ दी है। इन समस्याओं को परिवार कैसे हल करेगा, यह फिल्म में दिखाया गया है।
सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "छुप गये सारे नजारें" | लता मंगेश्कर, मोहम्मद रफ़ी | 5:29 |
2. | "ये रेशमी जुल्फें" | मोहम्मद रफ़ी | 5:20 |
3. | "मेरे नसीब में ऐ दोस्त" | किशोर कुमार | 4:39 |
4. | "बिंदिया चमकेगी" | लता मंगेश्कर | 5:47 |
5. | "दो रंग दुनिया के" | मुकेश | 4:14 |
6. | "अपनी अपनी बीवी पे" | लता मंगेश्कर | 3:37 |
प्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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राज खोसला | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | नामित |
राज खोसला | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार | नामित | |
बिन्दू | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
चन्द्रकान्त काकोडकर | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कथा पुरस्कार | जीत | |
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार | नामित | |
आनंद बख्शी ("बिंदिया चमकेगी") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित | |
लता मंगेश्कर ("बिंदिया चमकेगी") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार | नामित |
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