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रूस के राष्ट्रपति (1999-2008, 2012-वर्तमान) विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
व्लादिमीर व्लादिमीरोविच पुतिन (रूसी: Влади́мир Влади́мирович Пу́тин (सहायता·सूचना)) (जन्म: 7 अक्टूबर 1952) रूसी राजनीतिज्ञ हैं। वे 7 मई 2012 से रूस के राष्ट्रपति हैं तथा 2018 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में 76% वोट हासिल करने के पश्चात अगले कार्यकाल के लिए भी निर्वाचित हुए हैं। इससे पहले सन् 2000 से 2008 तक रूसी संघ के राष्ट्रपति तथा 1999 से 2000 एवं 2008 से 2012 तक रूस के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान वे रूस की संयुक्त रूस पार्टी के अध्यक्ष भी थे।
व्लादिमीर पुतिन Владимир Путин | |
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'2021 में पुतिन'up | |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 7 मई 2012 | |
प्रधानमंत्री | विक्टर जुबकोव दिमित्री मेदवेदेव |
पूर्वा धिकारी | दिमित्री मेदवेदेव |
पद बहाल 7 मई 2000 – 7 मई 2008 कार्यवाहक: 31 दिसम्बर 1999 – 7 मई 2000 | |
प्रधानमंत्री | मिखाइल कास्यानोव मिखाइल फ्रदकोव विक्टर जुबकोव |
पूर्वा धिकारी | बोरिस येल्तसिन |
उत्तरा धिकारी | दिमित्री मेदवेदेव |
रूस के प्रधानमंत्री | |
पद बहाल 8 मई 2008 – 7 मई 2012 | |
राष्ट्रपति | दिमित्री मेदवेदेव |
सहायक | इगोर शुवलोव |
पूर्वा धिकारी | विक्टर जुबकोव |
उत्तरा धिकारी | विक्टर जुबकोव |
पद बहाल 9 अगस्त 1999 – 7 मई 2000 कार्यवाहक: 9 अगस्त 1999 – 16 अगस्त 1999 | |
राष्ट्रपति | बोरिस येल्तसिन |
सहायक | विक्टर ख्रिस्तेन्को मिखाइल कास्यानोव |
पूर्वा धिकारी | सर्गेई स्टेपाशिन |
उत्तरा धिकारी | मिखाइल कास्यानोव |
संयुक्त रूस पार्टी नेता | |
पद बहाल 1 जनवरी 2008 – 30 मई 2012 | |
पूर्वा धिकारी | बोरिस ग्रीज़लोव |
उत्तरा धिकारी | दिमित्री मेदवेदेव |
संघीय सुरक्षा सेवा के निदेशक | |
पद बहाल 25 जुलाई 1998 – 29 मार्च 1999 | |
राष्ट्रपति | बोरिस येल्तसिन |
पूर्वा धिकारी | निकोलाय कोवालेव |
उत्तरा धिकारी | निकोलाय पात्रुशेव |
जन्म | 7 अक्टूबर 1952 लेनिनग्रेड, रूसी गणराज्य, सोवियत संघ |
जन्म का नाम | Vladimir Vladimirovich Putin |
राजनीतिक दल | सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी (1975-1991) नास दोम(1995–1999) एकता (येदिन्स्त्वो)(1999–2001) निर्दलीय (1991–1995; 2001–2008) संयुक्त रूस (येदिनय रसिया)(2008–वर्तमान) |
अन्य राजनीतिक संबद्धताऐं |
पीपल'स फ्रंट फॉर रूस (2011–वर्तमान) |
जीवन संगी | ल्यूडमिला पुतिन (वि॰ 1983–2014)[1] |
बच्चे | मारिया येकटेरिना |
शैक्षिक सम्बद्धता | सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी |
धर्म | रूसी पारम्परिक |
पुरस्कार/सम्मान | |
हस्ताक्षर | |
जालस्थल | औपचारिक जालस्थल |
सैन्य सेवा | |
निष्ठा | सोवियत संघ |
सेवा/शाखा | केजीबी |
सेवा काल | 1975–1991 |
पद | लेफ्टिनेंट कर्नल |
पुतिन ने 16 साल तक सोवियत संघ की गुप्तचर संस्था केजीबी में अधिकारी के रूप में सेवा की, जहाँ वे लेफ्टिनेंट कर्नल के पद तक पदोन्नत हुए। 1991 में सेवानिवृत्त होने के पश्चात उन्होंने अपने पैतृक शहर सेंट पीटर्सबर्ग से राजनीति में कदम रखा। 1996 में वह मास्को में राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के प्रशासन में शामिल हो गए, एवं येल्तसिन के अप्रत्याशित रूप से इस्तीफा दे देने के कारण 31 दिसम्बर 1999 को रूस के कार्यवाहक राष्ट्रपति बने। तत्पश्चात, पुतिन ने वर्ष 2000 और फिर 2004 का राष्ट्रपति चुनाव जीता। रूसी संविधान के द्वारा तय किये गए कार्यकाल सीमा की वजह से वह 2008 में लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति पद के चुनाव में खड़े होने के लिए अयोग्य थे। 2008 में दिमित्री मेदवेदेव ने राष्ट्रपति चुनाव जीता और प्रधानमंत्री के रूप में पुतिन को नियुक्त किया। सितंबर 2011 में, कानून में बदलाव[2] के परिणामस्वरूप राष्ट्रपति पद के कार्यकाल की अवधि चार साल से बढ़ाकर छह साल हो गयी, एवं पुतिन ने 2012 में राष्ट्रपति पद के लिए एक तीसरे कार्यकाल की तलाश में चुनाव लड़ने करने की घोषणा की, जिसके चलते कई रूसी शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। मार्च 2012 में उन्होंने यह चुनाव जीता और वर्तमान में 6 वर्ष के कार्यकाल की पूर्ति कर रहे हैं।[3][4] 2018 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में 76% वोट हासिल करने के पश्चात वे अगले कार्यकाल के लिए भी निर्वाचित हुए हैं।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के रूप में पुतिन के पहले कार्यकाल (1999-2008) के दौरान, वास्तविक आय में 2.5 गुणा वृद्धि हुई, वास्तविक पारिश्रमिक में तीन गुणा से अधिक वृद्धि हुई; बेरोजगारी और गरीबी आधी से काम हो गयी, एवं रूसियों द्वारा आत्म-मूल्यांकित जीवन संतुष्टि में काफी बढ़ोतरी हुई।[5] पुतिन के पहले राष्ट्रपति कार्यकाल को आर्थिक वृद्धि के दौर के रूप में देखा जाता है: रूसी अर्थव्यवस्था में लगातार आठ साल तक संवृद्धि हुई, क्रय-शक्ति समता में 72% की वृद्धि एवं संज्ञात्मक सकल घरेलू उत्पाद में 6 गुणा वृद्धि देखने को मिली।[5][6][7][8][9]
पुतिन का जन्म 7 अक्टूबर 1952 को सोवियत संघ के रूसी गणराज्य के लेनिनग्राद (वर्तमान सेंट पीटर्सबर्ग, रूस) में हुआ।[10] उनके पिता का नाम व्लादिमीर स्पिरिदोनोविच पुतिन (1911–1999) और माता का नाम मारिया इवानोव्ना शेलोमोवा (1911–1998) था। उनकी माँ फैक्टरी मजदूर एवं पिता सोवियत नेवी में कार्य करते थे उसकी माता एक कारखाने में काम करती थीं। उनके पिता 1930 के दशक में पनडुब्बी बेड़े में सेवा करते थे और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शत्रु को घात लगाकर हमला करनेवाले दस्ते में भर्ती हो गए। युद्ध के बाद उन्होंने एक कारखाने में फोरमैन के रूप में काम किया। व्लादीमिर अपने परिवार में तीसरे बच्चे थे और उनेके दो बड़े भाइयों की बाल अवस्था में ही मृत्यु हो गई थी। सन् 1975 में पुतिन ने लेनिनग्राद राजकीय विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और फिर केजीबी में काम करना शुरू किया जिसे वह सन् 1991 तक करते रहे।
सन् 1975 में पुतिन ने लेनिनग्राद राजकीय विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और उसके बाद उन्होंने केजीबी में काम करना शुरू किया। केजीबी में थोड़े ही समय में उन्हें लेनिनग्राद में विदेशियों और वाणिज्यिक दूतावास के अधिकारियों की निगरानी का कार्य मिला।[11]
सन् 1990 में पुतिन को लेनिनग्राद के मेयर अनातोली सब्चाक के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने अपना राजनीतिक कैरियर यहीं से शुरू किया। 28 जून 1991 को वे सेंट पीटर्सबर्ग महापौर कार्यालय की विदेश संबंध समिति के प्रमुख बने, जहाँ उन्हें अंतरराष्ट्रीय संबंधों और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की ज़िम्मेदारी मिली। पुतिन की अध्यक्षता में यह समिति व्यापार उद्यमों का पंजीकरण भी करती थी।
1994 से 1996 तक, पुतिन ने सेंट पीटर्सबर्ग में कई अन्य राजनीतिक और सरकारी पदों पर कार्य किये।[12]
1996 में, मेयर अनातोली सब्चाक के चुनाव हारने के बाद उन्हें मॉस्को बुला लिया गया, जहाँ वे राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के प्रशासन कार्यालय में काम करने लगे। मार्च 1997 तक वह इस पद पर बने रहे।[13]
26 मार्च 1997 को राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने पुतिन को राष्ट्रपति प्रशासन का उप प्रमुख नियुक्त किया, जहाँ वह मई 1998 तक बने रहे। इसके साथ ही 1998 जून तक वह राष्ट्रपति संपत्ति प्रबंधन विभाग के मुख्य नियंत्रण निदेशालय के प्रमुख भी थे।[14] 25 मई 1998 में पुतिन को संघीय सुरक्षा सेवा, एफ॰ एस॰ बी॰ (के॰जी॰बी॰ के उत्तराधिकारी एजेंसियों में से एक) के प्रमुख के पद पर नियुक्त किया गया। वह 1 अक्टूबर 1998 को रूसी संघ के सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य और फिर 29 मार्च 1999 को परिषद के सचिव बने।
9 अगस्त 1999 को, व्लादिमीर पुतिन की नियुक्ति तीन प्रथम उप-प्रधानमंत्रियों में से एक के रूप में हुई और बाद में उसी दिन राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने उन्हें रूसी संघीय सरकार के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया।[15] एक टेलीविज़न संबोधन में राष्ट्रपति येल्तसिन ने पुतिन को अपने उत्तराधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया। उसी दिन, पुतिन ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए की अपनी सहमती जताई।[16]
16 अगस्त को, स्टेट ड्यूमा ने पुतिन के पक्ष में 233 वोट देकर, जो कि साधारण बहुमत के लिए आवश्यक 226 से अधिक थे, प्रधानमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी।[17] इसी के साथ वे अट्ठारह महीनों के अंदर रूस के पांचवें प्रधानमंत्री बने। शुरुआत में उन्हें येल्तसिन के समर्थक के रूप में देखा जाता था, एवं बोरिस येल्तसिन के अन्य प्रधानमंत्रियों की तरह, पुतिन ने अपने मंत्रियों का चयन खुद नहीं किया। उनका मंत्रिमंडल राष्ट्रपति प्रशासन द्वारा निर्धारित किया गया।[18]
इस बीच रूस चेचन्या में रूस से अलगाव की लड़ाई चल रही थी। रूसी सैनिकों ने चेचन्या पर जल्द नियंत्रण कर लिया। पुतिन की कानूनी व्यवस्था की समर्थ छवि एवं चेचन्या में कड़े रूख़ के कारण उनकी लोकप्रियता काफी बढ़ी।
हालांकी औपचारिक रूप से वे किसी भी पार्टी के साथ जुड़े नहीं थे, पुतिन ने नवगठित यूनिटी पार्टी[19] के प्रति अपना समर्थन जताया। इस पार्टी ने दिसंबर 1999 में हुए ड्यूमा चुनावों में लोकप्रिय मत का दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा (23.3%) जीता था। बदले में पार्टी ने भी उनका समर्थन किया।
31 दिसम्बर 1999 को राष्ट्रपति येल्तसिन ने समय से पहले ही अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया एवं रूस के संविधान के अनुसार, पुतिन को रूस के कार्यवाहक राष्ट्रपति बने।
उसी दिन उन्होंने अपने पहले आदेश पर हस्ताक्षर किया, जिसके अनुसार यह सुनिश्चित किया गया की "निवर्तमान राष्ट्रपति और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी"।[20] बाद में, 12 फ़रवरी 2001 को, पुतिन ने इस आदेश से मिलते-जुलते संघीय कानून पर हस्ताक्षर किया जिसने 1999 में दिए गए आदेश की जगह ली।
येल्तसिन के इस्तीफे के परिणामस्वरूप तीन महीनों के भीतर राष्ट्रपति चुनाव आयोजित किये गए, जिसमें पुतिन ने पक्ष में 52.94 प्रतिशत मत लेकर जीत हासिल की।[21]
पुतिन ने 7 मई 2000 को राष्ट्रपति कार्यालय सम्भाला। उन्होंने वित्त मंत्री मिखाइल कास्यानोव को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया।
पुतिन ने राष्ट्रपति पद संभालने के लगभग तुरंत बाद उन तथाकथित बड़े व्यवसायियों और अरबपतियों के विरुद्ध संघर्ष शुरू कर दिया जो देश की राजनीति को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे। पुतिन के शासनकाल में रूस को कई बड़ी आर्थिक सफलताएँ हासिल हुईं। उनके कार्यकाल के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की औसत वार्षिक विकास दर 6.5 प्रतिशत थी। रूस पर जो विदेशी ऋण था, उसमें कमी आई और विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई। यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमरीका के साथ रूस के संबंध को मजबूत बनाने, नाटो के साथ सहयोग की शुरुआत शुरू करने और रूस को विश्व व्यापार संगठन का सदस्य बनाने के लिए गए प्राथमिक कदमों में पुतिन को कामयाबी हासिल हुई।
इस अवधि के दौरान पुतिन की छवि बिगाड़ने वाली कुछ घटनाएँ भी घटीं। पनडुब्बी 'कुर्स्क' के डूबने की घटना को संवेदनशील ढंग से न संभाल पाने के कारण उनकी आलोचना हुई।[22] अगस्त 2000, को इस पनडुब्बी के डूबने से जब उसमें सवार 118 नाविक मारे गए थे, तो पुतिन अपनी छुट्टी बीच में छोड़कर वापस नहीं आए थे। छुट्टी से वापस लौटने के कई दिनों बाद ही उन्होंने घटना स्थल का दौरा किया।[22] 2002 में, जब चेचन आतंकवादियों ने मास्को के एक संगीत थिएटर पर कब्ज़ा कर लिया तो आतंकवादियों के विरुद्ध विशेष कार्रवाई करते समय 129 दर्शक मारे गए थे। पुतिन के आलोचकों का कहना है कि उस कार्यवाही के दौरान आम लोगों के जीवन से खिलवाड़ किया गया था और क्रेमलिन द्वारा वास्तविक जानकारी को आम लोगों से छिपाकर रखा गया था। तब रूसी प्रेस में और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में कईयों ने चेताया कि इस घटना से राष्ट्रपति पुतिन की लोकप्रियता को गंभीर रूप से नुकसान होगा। इसके बावजूद, घेराबंदी के समाप्त होने के कुछ समय बाद ही इन अटकलों को गलत साबित करते हुए, रूसी राष्ट्रपति पुतिन की सार्वजनिक स्वीकृति रेटिंग ने रिकॉर्ड स्तर छुआ – रूस की 83% जनता पुतिन और इस घटना के संभालने के उनके तरीके से संतुष्ट थी।[23]
2003 में, चेचन्या में एक जनमत संग्रह आयोजित किया गया जिसमें एक नए संविधान को अपनाया गया। इस संविधान के अनुसार चेचन्या को रूस का हिस्सा घोषित किया गया। चेचन्या में संसदीय चुनावों और एक क्षेत्रीय सरकार की स्थापना के साथ हालात धीरे-धीरे स्थिर हो गए।[24][25]
सन् 2004 में 71 प्रतिशत मतों के साथ पुतिन दोबारा राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुए।[21] सितम्बर 2004 में आतंकवादियों ने बेसलान में स्थित एक स्कूल में 1,100 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया। इस घटना में सैकड़ों लोगों की मृत्यु हुई। घटना के बाद पुतिन ने कई व्यापक प्रशाशनिक कदम उठाये।
रूस में मीडिया की स्वतंत्रता के खिलाफ व्यापक पैमाने पर कार्यवाही करने के लिए पश्चिम जगत एवं रूसी उदारवादियों ने पुतिन की आलोचना की। 7 अक्टूबर 2006 को एना पॉलिटकोव्स्काया, एक पत्रकार जिन्होंने चेचन्या में रूसी सेना के अनुचित आचरण व भ्रष्टाचार को उजागर किया था, की उनकी ही इमारत की लॉबी में गोली मारकर हत्या कर दी गयी। पॉलिटकोव्स्काया की मौत पर पश्चिमी मीडिया ने तीख़ी प्रतिक्रिया दी और पुतिन पर देश के नए स्वतंत्र मीडिया की रक्षा करने में नाकाम रह पाने के आरोप लगाये।[26][27]
12 सितंबर 2007 को पुतिन ने प्रधानमंत्री मिखाइल फ्राडकोव के अनुरोध पर सरकार भंग कर दी। विक्टर जुबकोव को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
रूसी संविधान मुताबिक पुतिन लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य थे। सन् 2008 में राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन ने दिमित्री मेदवेदेव का समर्थन किया, जिन्होंने अपनी ओर से वचन दिया कि यदि वह चुनाव जीतेंगे तो वह पुतिन को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति करेंगे। मेदवेदेव 70.28 प्रतिशत मतों के साथ चुनाव भारी बहुमत से जीत गए और उन्होंने अपना वचन पूरा करते हुए पुतिन को प्रधानमंत्री बना दिया।[28] उसके बाद पत्रकारों ने इन दोनों नेताओं द्वारा बनाए गए सत्ता तंत्र को एक "राजनीतिक जोड़ी की सत्ता" का नाम दिया था।
इस बीच रूसी अर्थव्यवस्था पर उत्तरार्द्ध की आर्थिक मंदी का गहरा असर पड़ा, एवं पश्चिमी क्रेडिट और निवेश के प्रवाह में रुकावटें आने लगीं। इसी समय 2008 का दक्षिण ओसेशिया युद्ध भी हुआ। युद्ध में रूस ने नाटो सहयोगी जॉर्जिया को हरा दिया और परिणामवश यूरोपीय संघ और अमेरिका के साथ रूस के रिश्तों में तनाव आ गए।
रूस के स्थिरीकरण कोष में संचित एक बड़े वित्तीय भंडार, एवं कुशल प्रबंधन के कारण संकट से निपटने और तत्पश्चात मध्य 2009 के बाद से आर्थिक वृद्धि के दौर की शुरआत करने में देश को सहायता मिली। संकट से निपटने लिए गए उठाये गए कदमों की विश्व बैंक ने नवंबर 2008 की रूस आर्थिक रिपोर्ट में प्रशंसा भी की।[29]
24 सितंबर 2011 को मास्को में संयुक्त रूस कांग्रेस में राष्ट्रपति मेदवेदेव ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि वह ख़ुद राष्ट्रपति पद के चुनाव में खड़े नहीं होंगे और इस पद के लिए पुतिन के दावे का समर्थन करेंगे।
4 दिसम्बर 2011 को आयोजित हुए संसदीय चुनावों में राष्ट्रपति समर्थक सत्तारूढ़ पार्टी "संयुक्त रूस" को लगभग 50 प्रतिशत मत प्राप्त हुए। इसके तुरंत बाद, मास्को और रूस के अन्य शहरों में चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा की गई कथित धांधलियों के खिलाफ सड़कों पर हुए विरोध प्रदशनों में हज़ारों लोगों ने हिस्सा लिया। यह पुतिन के समय का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन था। प्रदर्शनकारियों ने पुतिन और संयुक्त रूस की आलोचना की और चुनाव परिणाम के विलोपन की मांग की।[30] बदले में पुतिन के समर्थकों द्वारा कई रैलियां आयोजित की गयी, जो कि विरोध प्रदर्शनों से अधिक व्यापक थीं।[31]
4 मार्च 2012 को पुतिन ने 63.6% मतों के साथ 2012 का राष्ट्रपति चुनाव पहले ही दौर में जीत लिया।[21] चुनाव को पारदर्शी बनाने के लिए मतदान केन्द्रों में वेबकैम के उपयोग सहित अन्य प्रयास प्रचारित किये गए थे, हालांकि रूसी विपक्ष और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने चुनाव का आलोचना करते हुए प्रक्रिया में अनियमितताओं के होने का आरोप लगाया।[32]
राष्ट्रपति पद के प्रचार अभियान के तुरंत बाद पुतिन-विरोधी प्रदर्शन हुए। इसमें से 21 फ़रवरी का पुस्सी रायट विरोध और उसका अनुगामी मुक़दमा सबसे कुख्यात रहा।[33] इसके अलावा, 6 मई को पुतिन की वापसी के विरोध में मास्को में हुई एक रैली में पुलिस के साथ टकराव में अस्सी लोग घायल हुए[34] और 450 लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस एवं प्रदर्शनकारियों के बीच हुए इस टकराव के विरोध में उस दिन लगभग 8,000-20,000 लोग जमा हुए।[35][36]
राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले दिन, पुतिन ने 14 फरमान जारी किए, जिसमें से एक में रूसी अर्थव्यवस्था के लिए व्यापक लक्ष्यों का विस्तार में वर्णन किया गया। अन्य फरमान शिक्षा, आवास, कुशल श्रम प्रशिक्षण, यूरोपीय संघ के साथ संबंधों, रक्षा उद्योग, अंतर-जातीय संबंधों और अन्य नीति क्षेत्रों से सम्बंधित थे जो कि राष्ट्रपति अभियान के दौरान पुतिन द्वारा जारी किये गए थे।[37][38]
2012 और 2013 में, पुतिन और संयुक्त रूस पार्टी ने सेंट पीटर्सबर्ग, अर्चँगेल्स्क और नोवोसिबिर्स्क में समलैंगिक, उभयलिंगी और ट्रांसजेंडर समुदायों के खिलाफ और सख्त कानून बनाने का समर्थन किया। जून 2013 में राज्य ड्यूमा में "समलैंगिक प्रचार" के खिलाफ एक कानून (जो कि रेनबो ध्वज जैसे प्रतीकों और समलैंगिक सामग्री युक्त प्रकाशित कृतियों पर प्रतिबंध लगाता है) पास किया गया।[39][40][41][42][43]रूस के के इस कानून पर अंतरराष्ट्रीय जगत में उठे सवालों का जवाब देते हुए पुतिन ने कहा कि यह कानून केवल "बाल यौन शोषण और समलैंगिकता के प्रचार पर प्रतिबंध" लगाता है। उन्होंने कहा कि 2014 शीतकालीन ओलंपिक को देखने आए समलैंगिक आगंतुकों को "बच्चों से अलग रहना चाहिए" और रूस में समलैंगिकों के खिलाफ किसी प्रकार के सामाजिक भेदभाव के होने से इनकार किया।[44] उन्होंने खेल के दौरान उभयलिंगी आइस स्केटर आइरीन वुस्ट को सबके सामने गले लगाया।[45]
2018 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन ने 76% वोट से अधिक के साथ जीत हासिल की है, अत: वह अपना राष्ट्रपति के रूप में चौथा कार्यकाल रहा।[46] जो मई 2018 तक था।
राष्ट्रपति के रूप में पांचवा कार्यकाल (2024–2030)
2024 में राष्ट्रपति के लिए 15-17 मार्च को सम्पन चुनाव में पुतिन को 87.97% वोट मिले एवं विरोधी निकोले खरीतोनोव को 4% वोट मिले।
28 जुलाई 1983 को पुतिन ने कैलिनिनग्राद में जन्मीं लेनिनग्राद स्टेट यूनिवर्सिटी की एक स्नातक छात्र और पूर्व उड़ान परिचर, ल्यूडमिला ष्क्रेबनेवा से शादी की। 1985-1990 के बीच वे एक साथ जर्मनी में रहे। जर्मन संघीय खुफिया सेवा के अभिलेखागारों के मुताबिक, इस बीच एक जर्मन जासूस पुतिना से दोस्ती कर ली। पुतिना ने पुतिन के ऊपर उन्हें पीटने और प्रेम संबंधों रखने के आरोप लगाये।[47]
इसके बाद पुतिना को राष्ट्रपति पुतिन के साथ बहुत कम देखा गया और डेली मेल और अन्य अखबारों[48][49] में दोनों के अलग होने की अटकलें लगने लगी।[48][49][50]समाचार पत्रों द्वारा पुतिन को जिमनास्ट अलीना काबायेवा[48][49] और पूर्व जासूस अन्ना चैपमैन[50][51] सहित अन्य महिलाओं के साथ जोड़ा गया है। हालांकि, इन अफवाहों का पुतिन ने खंडन किया है।[52][53] व्लादिमीर पुतिन और उनकी पत्नी ल्यूडमिला ने, 6 जून 2013 को शादी टूटने की घोषणा करने के साथ उनके रिश्ते पर सालों से चल रही अटकलों को भी विराम दिया। क्रेमलिन ने 2 अप्रैल 2014 को इस बात की पुष्टि की कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 30 साल की उनकी पत्नी ल्यूडमिला से तलाक को अंतिम रूप दे दिया है।
पुतिन और उनकी पत्नी की दो बेटियां हैं – मारिया पुतिना (जन्म:लेनिनग्राद, सोवियत संघ, 28 अप्रैल 1985) और येकातेरिना पुतिना (जन्म:ड्रेसडेन, पूर्वी जर्मनी, 31 अगस्त 1986)। उनकी बेटियां पूर्वी जर्मनी में पली-बड़ी और प्रधानमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति तक उन्होंने मास्को में स्थित जर्मन स्कूल से शिक्षा प्राप्त की।
2007 के विधायी चुनाव के दौरान जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक पुतिन के पास बैंक खातों में लगभग 37 लाख रूसी रूबल ($ 150,000 अमरीकी डालर), सेंट पीटर्सबर्ग में एक निजी 77.4 77.4-वर्ग-मीटर (833 वर्ग फुट) अपार्टमेंट, सेंट पीटर्सबर्ग बैंक के 260 शेयर और पिता से विरासत में मिले 1960 के दशक के दो युग वोल्गा एम21 गाड़ियां हैं। 2012 में पुतिन ने 36 लाख रूबल ($ 113,000) की आय की घोषणा की।[54]
कुछ रूसी विपक्षी नेताओं और पत्रकारों द्वारा किये गए अपुष्ट दावों के मुताबिक पुतिन की कई रूसी कंपनियों में उत्तरोत्तर स्वामित्व[55][56] के माध्यम से हिस्सेदारी है, एवं वे एक विशाल संपत्ति (70 बिलियन[57]) के मालिक हैं।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मंत्री के रूप में, मास्को क्रेमलिन और व्हाइट हाउस के आलावा, पुतिन ने देश भर में कई सरकारी आवासों का इस्तेमाल किया है। अगस्त 2012 में नेमत्सोव ने 20 बंगलों एवं महलों की सूची जारी की, जिनमें से 9 पुतिन की सत्ता के 12 वर्षों के दौरान बनाये गए थे। इसके अलावा, प्रस्कोवीवका गांव के पास इतालवी शैली का एक विशाल हवेली निर्माणाधीन है। करीब 1 अरब अमरीकी डालर की लागत से बन रही इस ईमारत को "पुतिन के महल" करार दिया गया है। सरकारी जमीन पर बन रही इस हवेली में 3 हैलीपैड एवं राज्य निधि से वित्त पोषित एक निजी सड़क है और क्रेमलिन गार्ड सेवा की वर्दी पहने अधिकारी यहाँ पहरा देते हैं। माना जाता है कि इसे पुतिन के निजी इस्तेमाल के लिए बनाया गया है।[58]
रूसी के अलावा, पुतिन जर्मन बोलते हैं। उनका परिवार भी घर में जर्मन में ही बातचीत करता था।[59]राष्ट्रपति बनने के बाद माना जाता है कि उन्होंने अंग्रेजी सीखी। बुश जैसे अंग्रेजी के देशी वक्ताओं के साथ उन्हें सीधे अंग्रेजी में बातचीत करते देखा जाता है, हालांकि औपचारिक वार्ता के लिए वह अब भी दुभाषियों का सहारा लेते हैं। पुतिन ने 2003 में बकिंघम पैलेस में राजकीय रात्रिभोज के दौरान महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मां की मृत्यु पर अपनी संवेदना प्रकट करते हुए पहली बार सार्वजनिक रूप से अंग्रेजी में बात की।[60]2013 में एक साक्षात्कार में, सर्गेई इवानोव के क्रेमलिन चीफ ने उजागर किया कि पुतिन कभी-कभी स्विडिश में भी बातचीत करते हैं।[61]
निकटवर्ती देश युक्रेन में चल रही अशाँति के दौरान 26 फ़रवरी 2014 को हथियारबंद रूस समर्थकों ने यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप में संसद और सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया।[62] २ मार्च को रूस की संसद ने भी राष्ट्रपति पुतिन के यूक्रेन में रूसी सेना भेजने के निर्णय का अनुमोदन कर दिया।[63]इसके पीछे तर्क दियागया कि वहां रूसी मूल के लोग बहुतायत में हैं जिनके हितों की रक्षा करना रूस की जिम्मेदारी है।[64] दुनिया भर में इस संकट से चिंता छा गई और कई देशों के राजनयिक अमले हरकत में आ गए।[65] 6 मार्च को क्रीमिया की संसद ने रूसी संघ का हिस्सा बनने के पक्ष में मतदान किया।[66]जनमत संग्रह के परिणामों को आधार बनाकर 18 मार्च 2014 को क्रीमिया को रूसी फेडरेशन में मिलाने के प्रस्ताव पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हस्ताक्षर कर दिए। इसके साथ ही क्रीमिया रूसी फेडरेशन का हिस्सा बन गया है।[67] उल्लेखनीय है, कि क्रीमिया 18वीं सदी से रूस का हिस्सा रहा है लेकिन 1954 में तत्कालीन रूसी नेता ख्रुश्चेव ने यूक्रेन को भेंट के तौर पर क्रीमिया दिया था।[64]
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