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भारत का केन्द्रीय बैंक विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
भारतीय रिजर्व बैंक, अंग्रेज़ी: Reserve Bank of India, भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है। रिज़र्व बैक भारत की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक Reserve Bank of India | |||
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मुख्यालय | मुम्बई, महाराष्ट्र | ||
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स्थापना | 1 अप्रैल 1935 | ||
गर्वनर | शक्तिकांत दास | ||
केन्द्रीय बैंक | India | ||
मुद्रा | भारतीय रुपया (₹) | ||
आरक्षित | ₹46,69,426 करोड़ (US$681.74 अरब)[1] | ||
आधार ऋण दर | 6.25%[2] | ||
आधार जमा दर | 4.00%(बाजार निर्धारित)[3] | ||
जालस्थल | rbi |
इसकी स्थापना 1 अप्रैल सन् 1935 को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इण्डिया ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई। भारत के अर्थतज्ञ बाबासाहेब आम्बेडकर ने भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई हैं, उनके द्वारा प्रदान किये गए दिशा-निर्देशों या निर्देशक सिद्धान्त के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक बनाई गई थी। बैंक कि कार्यपद्धती या काम करने शैली और उसका दृष्टिकोण बाबासाहेब ने हिल्टन यंग कमीशन के सामने रखा था, जब 1926 में ये कमीशन भारत में रॉयल कमीशन ऑन इण्डियन करेंसी एण्ड फाइनेंस के नाम से आया था तब इसके सभी सदस्यों ने बाबासाहेब ने लिखे हुए ग्रन्थ दी प्राब्लम ऑफ़ दी रुपी - इट्स ओरीजन एण्ड इट्स सोल्यूशन (रुपया की समस्या - इसके मूल और इसके समाधान) की जोरदार वकालात की, उसकी पृष्टि की। ब्रिटिशों की वैधानिक सभा (लेसिजलेटिव असेम्बली) ने इसे कानून का स्वरूप देते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 का नाम दिया गया।[4][5][6] प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन् 1937 में मुम्बई आ गया। पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है। शक्तिकांत दास भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं, जिन्होंने 11 सितम्बर 2018 को पदभार ग्रहण किया।
पूरे भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 29 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं।[7]
मुद्रा परिचालन एवं काले धन की दोषपूर्ण अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करने के लिये रिज़र्व बैंक ऑफ़ इण्डिया ने 31 मार्च 2014 तक सन् 2005 से पूर्व जारी किये गये सभी सरकारी नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया है। [8]
भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल 1935 को हुई थी।
रिज़र्व बैंक का केन्द्रीय कार्यालय प्रारम्भ में कलकत्ता में स्थापित किया गया था जिसे 1937 में स्थायी रूप से बम्बई में स्थानान्तरित कर दिया गया। केन्द्रीय कार्यालय वह कार्यालय है जहाँ गवर्नर बैठते हैं और नीतियाँ निर्धारित की जाती हैं। यद्यपि ब्रिटिश राज के दौरान प्रारम्भ में यह निजी स्वामित्व वाला बैंक हुआ करता था परन्तु स्वतन्त्र भारत में 1 जनवरी 1949 में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। उसके बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वामित्व है।
भारतीय रिज़र्व बैंक की प्रस्तावना में बैंक के मूल कार्य इस प्रकार वर्णित किये गये हैं :
रिज़र्व बैंक का कामकाज केन्द्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित होता है। भारतीय रिज़र्व अधिनियम के अनुसार इस बोर्ड की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है। यह नियुक्ति चार वर्षों के लिये होती है।
रिज़र्व बैंक का कामकाज केन्द्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित होता है। इसका स्वरूप इस प्रकार होता है-
एक पूर्णकालिक गवर्नर और अधिकतम चार उप गवर्नर।
सरकार द्वारा नामित: विभिन्न क्षेत्रों से दस निदेशक और एक सरकारी अधिकारी।
अन्य: चार निदेशक - चार स्थानीय बोर्डों से प्रत्येक में एक।
बैंक के क्रियाकलापों की देखरेख और निदेशन।
रिज़र्व बैंक यह कार्य वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड (बीएफएस) के दिशानिर्देशों के अनुसार करता है। इस बोर्ड की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय निदेशक बोर्ड की एक समिति के रूप में नवंबर 1994 में की गई थी।
वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड (बीएफएस) का प्राथमिक उद्देश्य वाणिज्य बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं सहित वित्तीय क्षेत्र का समेकित पर्यवेक्षण करना है।
इस बोर्ड का गठन केंद्रीय बोर्ड के चार निदेशकों को सहयोजित सदस्य के रूप में दो वर्ष की अवधि के लिए शामिल करके किया गया है तथा गवर्नर इसके अध्यक्ष हैं। रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर इसके पदेन सदस्य हैं। एक उप गवर्नर, सामान्यत: बैंकिंग नियमन और पर्यवेक्षण के प्रभारी उप गवर्नर को बोर्ड के उपाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है।
बोर्ड की बैठक सामान्यत: महीने में एक बार आयोजित किया जाना आवश्यक है। इस बैठक के दौरान पर्यवेक्षण विभाग द्वारा प्रस्तुत निरीक्षण रिपोर्ट और पर्यवेक्षण से संबंधित अन्य मामलों पर विचार किया जाता है।
लेखा-परीक्षा उप समिति के माध्यम से बैंकिंग पर्यवेक्षण बोर्ड बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की सांविधिक लेखा-परीक्षा और आंतरिक लेखा-परीक्षा कायर्यों की गुणवत्ता बढ़ाने पर भी विचार करता है। इस उप लेखा- परीक्षा समिति के अध्यक्ष उप गवर्नर और केंद्रीय बोर्ड के दो निदेशक इसके सदस्य होते हैं।
बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग (डीबीएस), गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग (डीएनबीएस) और वित्तीय संस्था प्रभाग (एफआईडी) के कार्य-कलापों का निरीक्षण करता है और नियमन तथा पर्यवेक्षण संबंधी मामलों पर निदेश जारी करता है।
बैंकिंग पर्यवेक्षण बोर्ड द्वारा किये गए प्रयत्नों में निम्नलिखित शामिल हैं : i. बैंक निरीक्षण प्रणाली की पुनर्रचना ii. कार्यस्थल से दूर की निगरानी को लागू करना, iii. सांविधिक लेखा परीक्षकों की भूमिका को सुदृढ़ करना और iv. पर्यवटिक्षत संस्थाओं की आंतरिक प्रतिरक्षा प्रणाली का सुदृढ़ीकरण।
राष्ट्रीय उद्देश्यों की सहायता के लिए व्यापक स्तर पर प्रोत्साहनात्मक कार्य करना।
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 20 की शर्तों में रिज़र्व बैंक को केन्द्रीय सरकार की प्राप्तियां और भुगतानों और विनिमय, प्रेषण (रेमिटन्स) और अन्य बैंकिंग गतिविधियां (आपरेशन), जिसमें संघ के लोक ऋण का प्रबंध शामिल है, का उत्तरदायित्व संभालना है। आगे, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 21 के अनुसार रिज़र्व बैंक को भारत में सरकारी कारोबार करने का अधिकार है।
अधिनियम की धारा 21 ए के अनुसार राज्य सरकारों के साथ करार कर भारतीय रिज़र्व बैंक राज्य सरकार के लेन देन कर सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने अब तक यह करार सिक्किम सरकार को छोड़कर सभी राज्य सरकारों के साथ किया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक, उसके केन्द्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर में केन्द्र और राज्य सरकारों के प्रमुख खातें रखता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूरे भारत में सरकार की ओर से राजस्व संग्रह करने के साथ साथ भुगतान करने के लिए सुसंचालित व्यवस्था की है। भारतीय रिज़र्व बैंक के लोक लेखा विभागों और भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 45 के अंतर्गत नियुक्त एजेंसी बैंकों की शाखाओं का संजाल सरकारी लेनदेन करता है। वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र की सभी बैंक और निजी क्षेत्र की तीन बैंक अर्थात आईसीआईसीआई बैंक लि., एचडीएफसी बैंक लि. और एक्सिस बैंक लि., भारतीय रिज़र्व बैंक के एजेंट के रूप में कार्य करते हैं। केवल एजेंसी बैंकों की प्राधिकृत शाखाएं सरकारी लेनदेन कर सकती हैं।
(अद्यतन-August 2019)[9]
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नरों की सूची इस प्रकार है:
क्रमांक | नाम | कार्यकाल |
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1 | सर ओसबोर्न आरकेल स्मिथ | 1 अप्रैल 1935 - 30 जून 1937 |
2 | सर जेम्स ब्रेड टेलर | 1 जुलाई 1937 - 17 फरवरी 1943 |
3 | सर चिंतामणि द्वारकानाथ देशमुख | 11 अगस्त 1943 - 30 जून 1949 |
4 | सर बेनेगल रामा राव | 1 जुलाई 1949 - 14 जनवरी 1957 |
5 | कृष्णनाथ गणेश आंबेगाँवकर | 14 जनवरी 1957 - 28 फरवरी 1957 |
6 | एच वी आर आयंगर | 1 मार्च 1957 - 28 फरवरी 1962 |
7 | परेश चंद्र भट्टाचार्य | 1 मार्च 1962 - 30 जून 1967 |
8 | लक्ष्मी कांत झा | 1 जुलाई 1967 - 3 मई 1970 |
9 | भास्कर नामदेव आदरकर | 4 मई 1970 - 15 जून 1970 |
10 | सरुक्कई जगन्नाथन | 16 जून 1970 - 19 मई 1975 |
11 | निर्मल चंद्र सेनगुप्ता | 19 मई 1975 - 19 अगस्त 1975 |
12 | के आर पुरी | 20 अगस्त 1975 - 2 मई 1977 |
13 | मैदावोलु नरसिम्हम | 3 मई 1977 - 30 नवंबर 1977 |
14 | डॉ. इंद्रप्रसाद गोर्धनभाई पटेल | 1 दिसंबर 1977 – 15 सितंबर 1982 |
15 | डॉ. मनमोहन सिंह[10] | 16 सितंबर 1982 - 14 जनवरी 1985 |
16 | अमिताभ घोष | 15 जनवरी 1985 - 4 फरवरी 1985 |
17 | राम नारायण मल्होत्रा | 4 फरवरी 1985 - 22 दिसंबर 1990 |
18 | श्री वेंकटरमनन | 22 दिसंबर 1990 - 21 दिसंबर 1992 |
19 | डॉ. चक्रवर्ती रंगराजन | 22 दिसंबर 1992 - 21 नवंबर 1997 |
20 | डॉ. बिमल जालान | 22 नवंबर 1997 - 6 सितंबर 2003 |
21 | डॉ. यागा वेणुगोपाल रेड्डी | 6 सितंबर 2003 - 5 सितंबर 2008 |
22 | डॉ. दुव्वरी सुब्बाराव | 5 सितंबर 2008 - 4 सितंबर 2013 |
23 | डॉ. रघुराम राजन | 4 सितंबर 2013 - 4 सितंबर 2016 |
24 | डॉ. उर्जित पटेल | 4 सितंबर 2016 -10 दिसंबर 2018 |
25 | शक्तिकांत दास | 12 सितंबर 2018 - वर्तमान |
१. शक्तिकांत दासशक्तिकांत दास - गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक || २. श्री आर गांधी - उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक || ३ एस एस मुंदरा -उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक || ४ श्री एन.एस. विश्वनाथन-उप गवर्नर भारतीय रिज़र्व बैंक ४ डॉ॰ नचिकेत एम. मोर क्षेत्रीय निदेशक भारतीय रिज़र्व बैंक ५ श्री नटराजन चंद्रशेखरन भारतीय रिज़र्व बैंक || ६ श्री भारत नरोतम दोशी भारतीय रिज़र्व बैंक || ७ श्री सुधीर मांकड भारतीय रिज़र्व बैंक || ८ श्री शक्तिकांत दास भारतीय रिज़र्व बैंक || ९ सुश्री अंजुलि चिब दुग्गल भारतीय रिज़र्व बैंक ||
पश्चिम क्षेत्र | पूर्व क्षेत्र | उत्तर क्षेत्र | दक्षिण क्षेत्र |
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१. श्री किरण कार्णिक | १. डॉ नचिकेत एम मोर २. सुश्री अनिला कुमारी ३. श्री शरीफ उज़-ज़मान लस्कर | १. श्री अनिल काकोड़कर २. श्री कमल किशोर गुप्ता ३. श्री मिहिर कुमार मोइत्रा ५. श्री ए नवीन भंडारी | १. श्री के सेल्वाराज २. श्री किरण पांडुरंग |
नई दिल्ली |
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६, संसद मार्ग, कनॉट प्लेस नई दिल्ली ११०००१ दूरभाष: +९१-(११)-२३७१-०५३८ |
चेन्नई | कोच्चि | तिरुवनंतपुरम |
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फोर्ट ग्लेसिस, राजाजी सलाई चेन्नई ६०० ००१ | उत्तर एर्णाकुलम कोच्चि ६८२ ०१८ | बेकरी जंक्शन तिरुवनंतपुरम ६९५ ०३३ |
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