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भारतीय रिज़र्व बैंक

भारत का केन्द्रीय बैंक विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश

भारतीय रिज़र्व बैंक
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भारतीय रिजर्व बैंक, अंग्रेज़ी: Reserve Bank of India, भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है। रिज़र्व बैक भारत की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करता है।

सामान्य तथ्य मुख्यालय, स्थापना ...
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इसकी स्थापना 1 अप्रैल सन् 1935 को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इण्डिया ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई। भारत के अर्थतज्ञ बाबासाहेब आम्बेडकर ने भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई हैं, उनके द्वारा प्रदान किये गए दिशा-निर्देशों या निर्देशक सिद्धान्त के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक बनाई गई थी। बैंक कि कार्यपद्धती या काम करने शैली और उसका दृष्टिकोण बाबासाहेब ने हिल्टन यंग कमीशन के सामने रखा था, जब 1926 में ये कमीशन भारत में रॉयल कमीशन ऑन इण्डियन करेंसी एण्ड फाइनेंस के नाम से आया था तब इसके सभी सदस्यों ने बाबासाहेब ने लिखे हुए ग्रन्थ दी प्राब्लम ऑफ़ दी रुपी - इट्स ओरीजन एण्ड इट्स सोल्यूशन (रुपया की समस्या - इसके मूल और इसके समाधान) की जोरदार वकालात की, उसकी पृष्टि की। ब्रिटिशों की वैधानिक सभा (लेसिजलेटिव असेम्बली) ने इसे कानून का स्वरूप देते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 का नाम दिया गया।[4][5][6] प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन् 1937 में मुम्बई आ गया। पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है। संजय मल्होत्रा भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं, जिन्होंने 11 दिसम्बर 2024 को पदभार ग्रहण किया।

पूरे भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 29 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं।[7]

मुद्रा परिचालन एवं काले धन की दोषपूर्ण अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करने के लिये रिज़र्व बैंक ऑफ़ इण्डिया ने 31 मार्च 2014 तक सन् 2005 से पूर्व जारी किये गये सभी सरकारी नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया है। [8]

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स्थापना

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मुम्बई स्थित भारतीय रिज़र्व बैंक का मुख्यालय

भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल 1935 को हुई थी।

रिज़र्व बैंक का केन्द्रीय कार्यालय प्रारम्भ में कलकत्ता में स्थापित किया गया था जिसे 1937 में स्थायी रूप से बम्बई में स्थानान्तरित कर दिया गया। केन्द्रीय कार्यालय वह कार्यालय है जहाँ गवर्नर बैठते हैं और नीतियाँ निर्धारित की जाती हैं। यद्यपि ब्रिटिश राज के दौरान प्रारम्भ में यह निजी स्वामित्व वाला बैंक हुआ करता था परन्तु स्वतन्त्र भारत में 1 जनवरी 1949 में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। उसके बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वामित्व है।

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प्रमुख कार्य

भारतीय रिज़र्व बैंक की प्रस्तावना में बैंक के मूल कार्य इस प्रकार वर्णित किये गये हैं :

"बैंक नोटों के निर्गम को नियन्त्रित करना, भारत में मौद्रिक स्थायित्व प्राप्त करने की दृष्टि से प्रारक्षित निधि रखना और सामान्यत: देश के हित में मुद्रा व ऋण प्रणाली परिचालित करना।"
  • मौद्रिक नीति तैयार करना, उसका कार्यान्वयन और निगरानी करना।
  • वित्तीय प्रणाली का विनियमन और पर्यवेक्षण करना।
  • विदेशी मुद्रा का प्रबन्धन करना।
  • मुद्रा जारी करना, उसका विनिमय करना और परिचालन योग्य न रहने पर उन्हें नष्ट करना।
  • सरकार का बैंकर और बैंकों का बैंकर के रूप में काम करना।
  • साख नियन्त्रित करना।
  • मुद्रा के लेन देन को नियंत्रित करना
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निदेशक मण्डल

रिज़र्व बैंक का कामकाज केन्द्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित होता है। भारतीय रिज़र्व अधिनियम के अनुसार इस बोर्ड की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है। यह नियुक्ति चार वर्षों के लिये होती है।

केन्द्रीय बोर्ड

रिज़र्व बैंक का कामकाज केन्द्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित होता है। इसका स्वरूप इस प्रकार होता है-

गठन

  • सरकारी निदेशक

एक पूर्णकालिक गवर्नर और अधिकतम चार उप गवर्नर।

  • अ-सरकारी निदेशक

सरकार द्वारा नामित: विभिन्न क्षेत्रों से दस निदेशक और एक सरकारी अधिकारी।

अन्य: चार निदेशक - चार स्थानीय बोर्डों से प्रत्येक में एक।

कार्य

बैंक के क्रियाकलापों की देखरेख और निदेशन।

स्थानीय बोर्ड

  • देश के चार क्षेत्रों - मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई और नई दिल्ली से एक-एक
  • सदस्यता :
  • प्रत्येक में पांच सदस्य
  • केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त
  • चार वर्ष की अवधि के लिये

कार्य

  • स्थानीय मामलों पर केन्द्रीय बोर्ड को सलाह देना।
  • स्थानीय, सहकारी तथा धरेलू बैंकों की प्रादेशिक व आर्थिक आवश्यकताओं का प्रतिनिधित्व करना।
  • केन्द्रीय बोर्ड द्वारा समय-समय सौंपे गये ऐसे अन्य कार्यों का निष्पादन करना।

वित्तीय पर्यवेक्षण

सारांश
परिप्रेक्ष्य

रिज़र्व बैंक यह कार्य वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड (बीएफएस) के दिशानिर्देशों के अनुसार करता है। इस बोर्ड की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय निदेशक बोर्ड की एक समिति के रूप में नवंबर 1994 में की गई थी।

उद्देश्य

वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड (बीएफएस) का प्राथमिक उद्देश्य वाणिज्य बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं सहित वित्तीय क्षेत्र का समेकित पर्यवेक्षण करना है।

गठन

इस बोर्ड का गठन केंद्रीय बोर्ड के चार निदेशकों को सहयोजित सदस्य के रूप में दो वर्ष की अवधि के लिए शामिल करके किया गया है तथा गवर्नर इसके अध्यक्ष हैं। रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर इसके पदेन सदस्य हैं। एक उप गवर्नर, सामान्यत: बैंकिंग नियमन और पर्यवेक्षण के प्रभारी उप गवर्नर को बोर्ड के उपाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है।

बीएफएस की बैठकें

बोर्ड की बैठक सामान्यत: महीने में एक बार आयोजित किया जाना आवश्यक है। इस बैठक के दौरान पर्यवेक्षण विभाग द्वारा प्रस्तुत निरीक्षण रिपोर्ट और पर्यवेक्षण से संबंधित अन्य मामलों पर विचार किया जाता है।

लेखा-परीक्षा उप समिति के माध्यम से बैंकिंग पर्यवेक्षण बोर्ड बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की सांविधिक लेखा-परीक्षा और आंतरिक लेखा-परीक्षा कायर्यों की गुणवत्ता बढ़ाने पर भी विचार करता है। इस उप लेखा- परीक्षा समिति के अध्यक्ष उप गवर्नर और केंद्रीय बोर्ड के दो निदेशक इसके सदस्य होते हैं।

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बैंकिंग पर्यवेक्षण बोर्ड

सारांश
परिप्रेक्ष्य

बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग (डीबीएस), गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग (डीएनबीएस) और वित्तीय संस्था प्रभाग (एफआईडी) के कार्य-कलापों का निरीक्षण करता है और नियमन तथा पर्यवेक्षण संबंधी मामलों पर निदेश जारी करता है।

कार्य

बैंकिंग पर्यवेक्षण बोर्ड द्वारा किये गए प्रयत्नों में निम्नलिखित शामिल हैं : i. बैंक निरीक्षण प्रणाली की पुनर्रचना ii. कार्यस्थल से दूर की निगरानी को लागू करना, iii. सांविधिक लेखा परीक्षकों की भूमिका को सुदृढ़ करना और iv. पर्यवटिक्षत संस्थाओं की आंतरिक प्रतिरक्षा प्रणाली का सुदृढ़ीकरण।

वर्तमान लक्ष्य

  • वित्तीय संस्थाओं का निरीक्षण
  • समेकित लेखाकार्य
  • बैंक धोखाधड़ी से संबंधित कानूनी मामले
  • अनर्जक आस्तियों के निर्धारण में विविधता
  • बैंकों के लिए पर्यवेक्षी रेटिंग मॉडल

विधिक ढांचा

सर्वोच्च अधिनियम
  • भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 : रिज़र्व बैंक के कार्यों पर नियंत्रण करता है।
  • बैंककारी विनियम अधिनियम, 1949 : वित्तीय क्षेत्र पर नियंत्रण करता है।
विशिष्ट कार्यों को नियंत्रित करने के लिए अधिनियम
  • लोक ऋण अधिनियम, 1944/सरकारी प्रतिभूति अधिनियम (प्रस्तावित): सरकारी ऋण बाज़ार पर नियंत्रण
  • प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956: सरकारी प्रतिभूति बाज़ार पर नियंत्रण
  • भारतीय सिक्का अधिनियम, 1906 : मुद्रा और सिक्कों पर नियंत्रण
  • विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973/विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 : व्यापार और विदेशी मुद्रा बाज़ार पर नियंत्रण
बैंकिंग परिचालन को नियंत्रित करने वाले अधिनियम
  • कंपनी अधिनियम, 1956 : कंपनी के रूप में बैंकों पर नियंत्रण
  • बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रहण और अंतरण) अधिनियम 1970/1080 : बैंकों के राष्ट्रीयकरण से संबंधित
  • बैंकर बही साक्ष्य अधिनियम, 1891
  • बैंकिंग गोपनीयता अधिनियम
  • परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881
अलग-अलग संस्थाओं को नियंत्रित करने वाले अधिनियम
  • भारतीय स्टेट बैंक अधिकनयम, 1954
  • औद्योगिक विकास बैंक (उपक्रम का अंतरण और निरसन) अधिनियम, 2003
  • औद्योगिक वित्त निगम (उपक्रम का अंतरण और निरसन) अधिनियम, 1993
  • राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम
  • निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अधिनियम
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प्रमुख कार्य

सारांश
परिप्रेक्ष्य
मौद्रिक प्राधिकारी
  • मौद्रिक नीति तैयार करता है, उसका कार्यान्वयन करता है और उसकी निगरानी करता है।
  • उद्देश्य : मूल्य स्थिरता बनाए रखना और उत्पादक क्षेत्रों को पर्याप्त ऋण उपलब्धता को सुनिश्चित करना।
वित्तीय प्रणाली का विनियामक और पर्यवेक्षक
  • बैंकिंग परिचालन के लिए विस्तृत मानदंड निर्धारित करता है जिसके अंतर्गत देश की बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली काम करती है।
  • उद्देश्य : प्रणाली में लोगों का विश्वास बनाए रखना, जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना और आम जनता को किफायती बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना।
विदेशी मुद्रा प्रबंधक
  • विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 का प्रबंध करता है।
  • उद्देश्य : विदेश व्यापार और भुगतान को सुविधाजनक बनाना और भारत में विदेशी मुद्रा बाजार का क्रमिक विकास करना और उसे बनाए रखना।
मुद्रा जारीकर्ता
  • करेंसी जारी करता है और उसका विनिमय करता है अथवा परिचालन के योग्य नहीं रहने पर करेंसी और सिक्कों को नष्ट करता है।
  • उद्देश्य : आम जनता को अच्छी गुणवत्ता वाले करेंसी नोटों और सिक्कों की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराना।
विकासात्मक भूमिका

राष्ट्रीय उद्देश्यों की सहायता के लिए व्यापक स्तर पर प्रोत्साहनात्मक कार्य करना।

संबंधित कार्य
  • सरकार का बैंकर : केंद्र और राज्य सरकारों के लिए व्यापारी बैंक की भूमिका अदा करता है; उनके बैंकर का कार्य भी करता है।
  • बैंकों के लिए बैंकर : सभी अनुसूचित बैंकों के बैंक खाते रखता है।

सरकार के बैंकर के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक की भूमिका

भारतीय रि‍ज़र्व बैंक अधि‍नि‍यम की धारा 20 की शर्तों में रि‍ज़र्व बैंक को केन्द्रीय सरकार की प्राप्ति‍यां और भुगतानों और वि‍नि‍मय, प्रेषण (रेमि‍टन्स) और अन्य बैंकिंग गति‍वि‍धि‍यां (आपरेशन), जि‍समें संघ के लोक ऋण का प्रबंध शामि‍ल है, का उत्तरदायि‍त्व संभालना है। आगे, भारतीय रि‍ज़र्व बैंक अधि‍नि‍यम की धारा 21 के अनुसार रि‍ज़र्व बैंक को भारत में सरकारी कारोबार करने का अधि‍कार है।

अधि‍नि‍यम की धारा 21 ए के अनुसार राज्य सरकारों के साथ करार कर भारतीय रि‍ज़र्व बैंक राज्य सरकार के लेन देन कर सकता है। भारतीय रि‍ज़र्व बैंक ने अब तक यह करार सि‍क्कि‍म सरकार को छोड़कर सभी राज्य सरकारों के साथ कि‍या है।

भारतीय रि‍ज़र्व बैंक, उसके केन्द्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर में केन्द्र और राज्य सरकारों के प्रमुख खातें रखता है। भारतीय रि‍ज़र्व बैंक ने पूरे भारत में सरकार की ओर से राजस्व संग्रह करने के साथ साथ भुगतान करने के लि‍ए सुसंचालि‍त व्यवस्था की है। भारतीय रि‍ज़र्व बैंक के लोक लेखा वि‍भागों और भारतीय रि‍ज़र्व बैंक अधि‍नि‍यम की धारा 45 के अंतर्गत नि‍युक्त एजेंसी बैंकों की शाखाओं का संजाल सरकारी लेनदेन करता है। वर्तमान में सार्वजनि‍क क्षेत्र की सभी बैंक और नि‍जी क्षेत्र की तीन बैंक अर्थात आईसीआईसीआई बैंक लि‍., एचडीएफसी बैंक लि‍. और एक्सिस बैंक लि., भारतीय रि‍ज़र्व बैंक के एजेंट के रूप में कार्य करते हैं। केवल एजेंसी बैंकों की प्राधि‍कृत शाखाएं सरकारी लेनदेन कर सकती हैं।

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मुख्य दरें

(अद्यतन-August 2019)[9]

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नरों की सूची

सारांश
परिप्रेक्ष्य

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नरों की सूची इस प्रकार है:

अधिक जानकारी क्रमांक, नाम ...
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बोर्ड ऑफ डायरेक्टर

केन्द्रीय बोर्ड

१. शक्तिकांत दासशक्तिकांत दास - गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक || २. श्री आर गांधी - उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक || ३ एस एस मुंदरा -उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक || ४ श्री एन.एस. विश्वनाथन-उप गवर्नर भारतीय रिज़र्व बैंक ४ डॉ॰ नचिकेत एम. मोर क्षेत्रीय निदेशक भारतीय रिज़र्व बैंक ५ श्री नटराजन चंद्रशेखरन भारतीय रिज़र्व बैंक || ६ श्री भारत नरोतम दोशी भारतीय रिज़र्व बैंक || ७ श्री सुधीर मांकड भारतीय रिज़र्व बैंक || ८ श्री शक्तिकांत दास भारतीय रिज़र्व बैंक || ९ सुश्री अंजुलि चिब दुग्‍गल भारतीय रिज़र्व बैंक ||

क्षेत्रीय बोर्ड

अधिक जानकारी पश्चिम क्षेत्र, पूर्व क्षेत्र ...
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पता

अधिक जानकारी नई दिल्ली ...

क्षेत्रीय कार्यालय

अधिक जानकारी श्रीनगर, जम्मू ...
अधिक जानकारी जयपुर, लखनऊ ...
अधिक जानकारी अगरतला, रांची ...
अधिक जानकारी रायपुर, भोपाल ...
अधिक जानकारी मुंबई, हैदराबाद ...
अधिक जानकारी चेन्नई, कोच्चि ...

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

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