अफ़ग़ानिस्तान

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अफ़्ग़ानिस्तान (पश्तो और दरी: افغانستان) दक्षिण एशिया में अवस्थित देश है, जो विश्व का एक भूूूू-आवेष्ठित देश है। अप्रैल २००७ में अफगानिस्तान सार्क का आठवाँ सदस्य बना। अफगानिस्तान के पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है।

सामान्य तथ्य अफ़्ग़ानिस्तान इस्लामी अमीरात د افغانستان اسلامي امارت امارت اسلامی افغانستان, राजधानी एवं सबसे बड़ा शहर ...
अफ़्ग़ानिस्तान इस्लामी अमीरात

د افغانستان اسلامي امارت
امارت اسلامی افغانستان
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ध्येय वाक्य: لَا إِلٰهَ إِلَّا الله مُحَمَّدٌ رَسُولُ الله
"कोई भी पूज्य नहीं है, अल्लाह के सिवा, मुहम्मद उस के पैगम्बर हैं।"
राष्ट्रगान: دا د باتورانو کور
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राजधानी
एवं सबसे बड़ा शहर
काबुल
33°33′19.08″N 69°12′27″E
आधिकारिक भाषा(एँ)पश्तो, दरी
नृजातीय समूह
धर्म
निवासीनामअफ़ग़ानिस्तान
गठन
1709–1738
1747–1842
1823–1926
१९ अगस्त १९१९
 अफगानिस्तान का साम्राज्य
९ जून १९२६
१७ जुलाई १९७३
७ सितंबर १९९६
 अफगानिस्तान इस्लामी अमीरात
26 जनवरी 2004
15 अगस्त 2021
क्षेत्रफल
 कुल
652,864[1] कि॰मी2 (252,072 वर्ग मील) 40वीं)
 जल क्षेत्र (%)
नगण्य
जनसंख्या
 2020 आकलन
31,390,200[2] (44वीं)
 जनघनत्व
48.08/किमी2 (124.5/मील2) (174वीं)
GDP (PPP)2018 प्राक्कलन
 कुल
$72.911 billion[3] (96वीं)
 प्रति व्यक्ति
$2,024 (169वीं)
GDP (सांकेतिक)2018 प्राक्कलन
 कुल
$21.657 अरब (111वीं)
 प्रति व्यक्ति
$493 (177वीं)
गिनी (2008)27.8[4]
निम्न · प्रथम
HDI (2019)0.511[5]
निम्न · 169वीं
मुद्राअफगान अफ़गानी (अफगान रुपया (افغانی)) (आईएसओ ४२१७)
समय मंडलUTC+4:30 हिजरी कैलेंडर (D†)
वाहन चलते हैंदक्षिण
दूरभाष कोड+93
इंटरनेट TLD.af
افغانستان.
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अफ़्ग़ानिस्तान रेशम मार्ग और मानव प्रवास का एक प्राचीन केन्द्र बिन्दु रहा है। पुरातत्वविदों को मध्य पाषाण काल ​​के मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं। इस क्षेत्र में नगरीय सभ्यता की शुरुआत 3,000 से 2,000 ई.पू. के रूप में मानी जा सकती है। यह क्षेत्र एक ऐसे भू-रणनीतिक स्थान पर अवस्थित है जो मध्य एशिया और पश्चिम एशिया को भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति से जोड़ता है। इस भूमि पर कुषाण, हफ्थलिट, समानी, गज़नवी, मुहम्मद गौरी, मुगल,अहमद शाह अब्दाली, दुर्रानी साम्राज्य, और अनेक दूसरे प्रमुख साम्राज्यों का उत्थान हुआ है। प्राचीन काल में फ़ारस तथा शक साम्राज्यों का अंग रहा अफ़्ग़ानिस्तान कई सम्राटों, आक्रमणकारियों तथा विजेताओं की कर्मभूमि रहा है। इनमें सिकन्दर, फारसी शासक दारा प्रथम, तुर्क,मुगल शासक बाबर, मुहम्मद गौरी, नादिर शाह, सिख साम्राज्य इत्यादि के नाम प्रमुख हैं। ब्रिटिश सेनाओं ने भी कई बार अफ़्ग़ानिस्तान पर आक्रमण किया। वर्तमान में अमेरिका द्वारा तालिबान पर आक्रमण किये जाने के बाद नाटो (NATO) की सेनाएँ वहाँ बनी हुई थीं जो सन 2021 में वहां से निकाल दी गईं हैं।

अफ़्ग़ानिस्तान के प्रमुख नगर हैं- राजधानी काबुल, कन्धार (गन्धार प्रदेश) भारत के प्राचीन ग्रन्थ महाभारत में इसे राजा सकुनी का प्रदेश गन्धार प्रदेश कहा जाता था। यहाँ कई नस्ल के लोग रहते हैं जिनमें पश्तून (पठान या अफ़्ग़ान) सबसे अधिक हैं। इसके अलावा उज्बेक, ताजिक, तुर्कमेन और हज़ारा शामिल हैं। यहाँ की मुख्य भाषा पश्तो है। फ़ारसी भाषा के अफ़गान रूप को दरी कहते हैं।

वर्तमान में अफ़्ग़ानिस्तान में तालिबान नामक संगठन का नियंत्रण है। अब वहाँ शरिया क़ानून लागू किया गया है

नाम

अफ़्ग़ानिस्तान का नाम अफगान और स्थान या (स्तान ) जिसका मतलब भूमि होता है से लकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है अफ़गानों की भूमि। स्थान या (स्तान) भारत की प्राचीन भाषा संस्कृत का शब्द है- पाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कज़ाख़स्तान, हिन्दुस्तान इत्यादि जिसका अर्थ है भूमि या देश। अफ़्गान का अर्थ यहां के सबसे अधिक वसित नस्ल (पश्तून) को कहते हैं। अफ़्गान शब्द को संस्कृत अवगान से निकला हुआ माना जाता है। ध्यान रहे की "अफ़्ग़ान" शब्द में ग़ की ध्वनी है और "ग" की नहीं।

"स्टेन" का अर्थ है भूमि। अफगानिस्तान का अर्थ है अफगानों की भूमि। शब्द "स्टेन" का उपयोग कुर्दिस्तान और उज़बेकिस्तान के नामों में भी किया जाता है।

इतिहास

सारांश
परिप्रेक्ष्य
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मानव बसाहट १०,००० साल से भी अधिक पुराना हो सकता है। ईसा के १८०० साल पहले आर्यों का आगमन इस क्षेत्र में हुआ। ईसा के ७०० साल पहले इसके उत्तरी क्षेत्र में गांधार महाजनपद था जिसके बारे में भारतीय काव्य ग्रंथ महाभारत तथा अन्य ग्रंथों में वर्णन मिलता है। ईसापूर्व ५०० में फ़ारस के हखामनी शासकों ने इसको जीत लिया। सिकन्दर के फारस विजय अभियान के तहत अफ़गानिस्तान भी यूनानी साम्राज्य का अंग बन गया। इसके बाद यह शकों के शासन में आए। शक स्कीथियों के भारतीय अंग थे। ईसापूर्व २३० में मौर्य शासन के तहत अफ़ग़ानिस्तान का संपूर्ण इलाका आ चुका था पर मौर्यों का शासन अधिक दिनों तक नहीं रहा। इसके बाद पार्थियन और फ़िर सासानी शासकों ने फ़ारस में केन्द्रित अपने साम्राज्यों का हिस्सा इसे बना लिया। सासनी वंश इस्लाम के आगमन से पूर्व का आखिरी ईरानी वंश था। अरबों ने ख़ुरासान पर सन् ७०७ में अधिकार कर लिया। सामानी वंश, जो फ़ारसी मूल के पर सुन्नी थे, ने ९८७ इस्वी में अपना शासन गजनवियों को खो दिया जिसके फलस्वरूप लगभग संपूर्ण अफ़ग़ानिस्तान ग़ज़नवियों के हाथों आ गया। ग़ोर के शासकों ने गज़नी पर ११८३ में अधिकार कर लिया।

मध्यकाल में कई अफ़्गान शासकों ने दिल्ली की सत्ता पर अधिकार किया या करने का प्रयत्न किया जिनमें लोदी वंश का नाम प्रमुख है। अफगानिस्तान पर सिख साम्राज्य के प्रतापी राजा दिलीप सिंह का कई वर्षों तक अधिकार रहा l अफगान से मिलकर बाबर, नादिर शाह तथा अहमद शाह अब्दाली ने दिल्ली पर आक्रमण किए अफ़ग़ानिस्तान के कुछ क्षेत्र दिल्ली सल्तनत के अंग थे।

आधुनिक काल

उन्नीसवीं सदी में आंग्ल-अफ़ग़ान युद्धों के कारण अफ़ग़ानिस्तान का काफी हिस्सा ब्रिटिश इंडिया के अधीन हो गया जिसके बाद अफ़ग़ानिस्तान में यूरोपीय प्रभाव बढ़ता गया। १९१९ में अफ़ग़ानिस्तान ने विदेशी ताकतों से एक बार फिर स्वतंत्रता पाई। आधुनिक काल में १९३३-१९७३ के बीच का काल अफ़ग़ानिस्तान का सबसे अधिक व्यवस्थित काल रहा जब ज़ाहिर शाह का शासन था। पर पहले उसके जीजा तथा बाद में कम्युनिस्ट पार्टी के सत्तापलट के कारण देश में फिर से अस्थिरता आ गई। सोवियत सेना ने कम्युनिस्ट पार्टी के सहयोग के लिए देश में कदम रखा और मुजाहिदीन ने सोवियत सेनाओं के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया और बाद में अमेरिका तथा पाकिस्तान के सहयोग से सोवियतों को वापस जाना पड़ा। ११ सितम्बर २००१ के हमले में मुजाहिदीन का हाथ होने की खबर के बाद अमेरिका ने देश के अधिकांश हिस्से पर सत्तारुढ़ मुजाहिदीन (तालिबान), जिसको कभी अमेरिका ने सोवियत सेनाओं के खिलाफ लड़ने में हथियारों से सहयोग दिया था, के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया।

नाम की उत्पत्ति

अफगानिस्तान नाम अफ्गान समुदाय की जगह के रूप में प्रयुक्त किया गया है, यह नाम सबसे पहले 10 वीं शताब्दी में हूदूद उल-आलम (विश्व की सीमाएं) नाम की भौगोलिक किताब में आया था इसके रचनाकार का नाम अज्ञात है' साल 2006 में पारित देश के संविधान में अफगानिस्तान के सभी नागरिकों को अफ्गान कहा गया है जो अफगानिस्तान के सभी नागरिक अफ्गान है'

वर्तमान

वर्तमान में 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया। अमेरिका ने यह फैसला लिया था कि अफगानिस्तान से वह अपने सभी सैनिकों को अपने देश में लेकर आएगा। जैसे ही अमेरिकी सेना अपने देश लौट गई, तब तालिबान ने बहुत तेजी से पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। लेकिन वहाँ के लोग उनके खिलाफ आंदोलन( कारवाही) कर रहे हैं जिनमे पंजशीर के जूनियर मसूद अहमद और अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह मुख्यत: है तालिबान ने क़ाबुल पर कब्ज़ा जमाया हुआ है और बंदूक की नोक पर एक आतंकी सरकार का गठन किया जिससे वहाँ के लोगो में दहशत का माहोल बना हुआ हैं खासकर महिलाओं में क्योंकि उन्होंने तालिबान का पूर्व शासन देखा है जिसमें महिलाओं का कोई सम्मान नहीं था। फिलहाल अफगानिस्तान के उज्ज्वल भविष्य पर दुःख और अशांति के बादल मंडरा रहे हैं।

प्रशासनिक विभाग

अफ़ग़ानिस्तान में कुल ३४ प्रशासनिक विभाग हैं। इनके नाम हैं -

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Afghanistan is divided into 34 provinces, and every province is further divided into a number of districts

भूगोल

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अफ़गानिस्तान का उत्थान स्वरूप

अफ़ग़ानिस्तान चारों ओर से ज़मीन से घिरा हुआ है और इसकी सबसे बड़ी सीमा पूर्व की ओर पाकिस्तान से लगती है। इसे डूरण्ड रेखा भी कहते हैं। केन्द्रीय तथा उत्तरपूर्व की दिशा में पर्वतमालाएँ हैं जो उत्तरपूर्व में ताजिकिस्तान स्थित हिन्दूकुश पर्वतों का विस्तार हैं। अक्सर तापमान का दैनिक अन्तरण अधिक होता है। 1934 में लीग आफ नेशन का सदस्य हुआ 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ में शामिल हुआ

यह भी देखिए

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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