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विद्युत् कार या विद्युतचालित कार (इलेक्ट्रिक कार), उन कारों को कहते हैं जो बैटरी से विद्युत लेकर विद्युत् मोटरों द्वारा संचालित वाहन होतीं हैं।
हालांकि बिजली के कारों में सामान्यतः अच्छा त्वरण (शीघ्र गति पकड़ना) होता है तथा उनकी अधिकतम गति भी सर्व-स्वीकृत होती है, परन्तु 2010 में उपलब्ध बैटरियां कार्बन आधारित ईंधन की अपेक्षा कम विशिष्ट ऊर्जा वाली थीं जिसका अर्थ यह हुआ कि न सिर्फ वे वाहन के भार का एक बड़ा हिस्सा होंगी, बल्कि चार्ज होने के पश्चात् अधिक परास भी नहीं देंगी। रिचार्जिंग में भी लम्बा समय लग सकता है। छोटी परास की, रोजाना आवागमन की यात्राओं के लिए इलेक्ट्रिक कार यातायात का एक व्यावहारिक साधन है और इसे बहुत कम खर्च पर रात भर में चार्ज किया जा सकता है, परन्तु लम्बी यात्राओं के लिए यह व्यावहारिक नहीं है। लम्बी दूरी की यात्राओं के लिए विकल्पों के रूप में बैटरी बदलने के स्टेशन जैसी आधारभूत सुविधाओं के विकास का कार्य टोक्यो तथा कुछ अन्य शहरों में आज़माइश के तौर पर चल रहा है।[3]
इलेक्टिक कारों Archived 2023-03-25 at the वेबैक मशीन में शहरों में प्रदूषण को उल्लेखनीय रूप से कम कर सकने की क्षमता है क्योंकि इससे होने वाले उत्सर्जन शून्य होते हैं।[4][5][6] वाहन से उत्सर्जित ग्रीनहाउस गैसों की कमी इसपर निर्भर करती है कि विद्युत् का उत्पादन कैसे किया जा रहा है। वर्तमान सं.रा. के ऊर्जा मिक्स के साथ इलेक्ट्रिक कार से कार्बन डाई ऑक्साईड के उत्सर्जन में 30% की कमी आएगी.[7][8][9][10] अन्य देशों के ऊर्जा मिक्स को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इससे उत्सर्जन में यूके में 40%,[11] चीन में 19%,[12] तथा जर्मनी में 1%[13] तक की कमी आ सकेगी.[14][15]
इलेक्ट्रिक करों से वाहन उद्योग पर बड़ा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है[16][17] विशेष तौर पर शहरों में होने वाले प्रदूषण, तेल पर कम निर्भरता तथा गैसोलीन के दामों में वृद्धि होने की संभावनाओं के परिप्रेक्ष्य में.[18][19][20] विश्व भर की सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों तथा उनके पुर्जों के विकास कोष में अरबों का निवेश कर रही हैं। अमेरिका ने भीUS$2.4 billion बैटरी कारों तथा बैटरियों के विकास के लिए संघीय अनुदान का आश्वासन दिया है।[21] चीन ने इलेक्ट्रिक कार उद्योग स्थापित करने के लिए सहायताUS$15 billion की घोषणा की है।[22] निसान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कार्लोस घोसन की भविष्यवाणी है कि विश्व स्तर पर 2020 तक ही प्रत्येक दस में से एक कार बैटरी शक्ति से चलेगी.[23] इसके अलावा एक ताजा रिपोर्ट का दावा है कि 2020 तक इलेक्ट्रिक तथा अन्य "ग्रीन" कारों की बिक्री वैश्विक कार बिक्री की एक तिहाई तक हो जाएगी.[24]
इलेक्ट्रिक कारें एक प्रकार का इलेक्ट्रिक वाहन (EV) हैं; "इलेक्ट्रिक वाहन" का अर्थ किसी ऐसे वाहन से है जो इलेक्ट्रिक मोटरों के शक्ति से चलता है, जबकि "इलेक्ट्रिक कार" विद्युत् से सड़क पर चलने वाली व्यावहारिक वाहन होती है। किसी इलेक्ट्रिक कार की ऊर्जा का स्रोत उसके अन्दर लगी बैटरी ही होना आवश्यक नहीं है, इलेक्ट्रिक कारें, जिनके भीतर लगी मोटर किसी अन्य स्रोत से ऊर्जा प्राप्त करती हैं, अलग नामों से जानी जाती हैं: सूर्य की किरणों ऊर्जा प्राप्त कर चलने वाली इलेक्ट्रिक कारें सोलर कार कहलाती हैं, पेट्रोल चलित जनरेटर से ऊर्जा प्राप्त कर चलने वाली इलेक्ट्रिक कार हाइब्रिड कार का एक प्रकार होती हैं। इस प्रकार, एक इलेक्ट्रिक कार जो उसके भीतर लगी बैटरी पैक से ऊर्जा लेती है, एक प्रकार का बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEV) कहलाती है। ज्यादातर, शब्द "इलेक्ट्रिक कार' का प्रयोग शुद्ध बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के उल्लेख के लिए किया जाता है।
इलेक्ट्रिक कारों का चलन मध्य 19 वीं शताब्दी से 20 वीं शताब्दी के बीच बढ़ा, जब विद्युत् को वाहनों के प्रणोदन के लिए पसंदीदा तरीकों के बीच लोकप्रियता मिली, उनसे मिलने वाला आराम तथा चलाने में सहूलियत पेट्रोल चलित कारों की तुलना में कहीं अधिक होता था। आंतरिक दहन प्रौद्योगिकी में बढ़त से जल्द ही यह विवादास्पद लाभ समाप्त हो गया; पेट्रोल चलित कारों की लम्बी परास, ईंधन भरने में लगने वाला कम समय, तथा फैलती हुई आधारभूत सुविधाओं के साथ साथ फोर्ड मोटर कंपनी जैसी कंपनियों द्वारा बड़ी मात्र में उत्पादन, जिससे पेट्रोल चलित कारों की कीमत समकक्ष इलेक्ट्रिक कारों से आधी हो गयी, जिसके कारण विद्युत् प्रणोदित कारों के प्रयोग में गिरावट आ गयी और यह प्रमुख बाज़ारों, जैसे संयुक्त राज्य, से हट गयी। हालांकि, हाल के वर्षों में, पेट्रोल चलित कारों के पर्यावरणीय प्रभाव से सम्बंधित चिंताओं में वृद्धि, उपभोक्ता की पेट्रोल चलित वाहनों के ईंधन खरीदने की कम होती क्षमता, तथा तेल की ऊंची कीमतों के कारण लोगों की दिलचस्पी इलेक्ट्रिक कारों में बढ़ रही है, लोगों के विचार में ये पर्यावरण के अनुकूल तथा चलाने और रख-रखाव में सस्ती भी हैं, हालांकि इनपर शुरूआती खर्च अधिक होता है। वर्तमान में इलेक्ट्रिक कारें दुनिया भर के देशों में लोकप्रिय हैं, हालांकि वे संयुक्त राज्य अमरीका में विशेष रूप से अनुपस्थित थीं, परन्तु 90 के दशक के उत्तरार्ध में वे पुनः दिखाई दीं और ऐसा सरकार के बदलते नियमों के कारण हुआ।
आंतरिक दहन इंजनों के लोकप्रियता अर्जित करने से पूर्व, इलेक्ट्रिक मोटर वाहनों ने गति और दूरी के कई रिकॉर्ड बनाये। इनमें से सबसे उल्लेखनीय केमिल जेनात्ज़ी द्वारा 29 अप्रैल 1899 को अपने रॉकेट के आकार के वाहन जमैस कांतेंते द्वारा गति के अधिकतम रिकार्ड 100 किमी/घंटा (62 मील/घंटा) को तोड़ना और अधिकतम गति 105.88 किमी/घंटा (65.79 मील/घंटा) तक पहुंचना था। 1920 के दशक से पहले, इलेक्ट्रिक मोटर वाहन पेट्रोल-ईंधन वाली कारों के साथ गुणवत्ता की प्रतिस्पर्धा कर रहे थे।[25]
1896 में बैटरियों को चार्ज करने की बुनियादी सुविधाओं को दूर करने के लिए हार्टफोर्ड इलेक्ट्रिक लाइट कंपनी ने इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए बैटरी बदलने की सेवा का प्रस्ताव रखा। वाहन मालिक जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी (GEC) से वाहन बैटरी के बिना खरीदते थे तथा विद्युत् हार्टफोर्ड इलेक्ट्रिक लाइट कंपनी से बैटरी के माध्यम से ली जाती थी, जो इस्तेमाल के पश्चात् चार्ज की हुई बैटरी से बदल जाती थी। मालिक प्रयोग के हिसाब से प्रति मील प्रभार और मासिक सेवा और ट्रक के रखरखाव के लिए एक निश्चित राशि का भुगतान करते थे। यह सेवा 1910-1924 के बीच प्रदान की गयी और उस दौरान वाहन साठ लाख मील चले. 1917 में शिकागो में भी एक ऐसी ही सेवा प्रारंभ हुई जिसमें मिलबर्न लाइट इलेक्ट्रिक के ग्राहक बिना बैटरी के कारें खरीद सकते थे।[26]
1897 में, संयुक्त राज्य अमरीका में इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रथम वाणिज्यिक प्रयोग हुआ जिसमें न्यूयॉर्क शहर में टैक्सी सेवा प्रारंभ हुई, ये इलेक्ट्रिक कैरिज एंड वैगन कंपनी ऑफ़ फिलाडेल्फिया द्वारा निर्मित थीं। 20वीं शताब्दी में संयुक्त राज्य अमरीका में इलेक्ट्रिक कारों के निर्माता एंथोनी इलेक्ट्रिक, बेकर, कोलम्बिया, एंडरसन, Edison [disambiguation needed], स्टडबेकर, रीकर, मिलबर्न तथा अन्य थे।
उनकी अपेक्षाकृत कम गति के बावजूद, बिजली के वाहनों को प्रारंभिक 1900 में अपने प्रतिस्पर्धियों पर कई बढ़त हासिल थीं। उनमें पेट्रोल कारों के साथ संबद्ध कंपन, गंध व शोर नहीं थे। उनमें गियर परिवर्तन की आवश्यकता नहीं थी, जो पेट्रोल कारों के चालन का सबसे कठिन हिस्सा था। इलेक्ट्रिक कारें संपन्न ग्राहकों के बीच काफी लोकप्रिय हो गयीं जो उनका प्रयोग शहर की कारों के रूप में करते थे और जहां कम परास कोई विशेष अवगुण नहीं माना गया। इन कारों को इसलिए भी वरीयता प्राप्त हुई क्योंकि इन्हें शुरू करने के लिए मानवीय प्रयास की आवश्यकता नहीं होती थी जो कि पेट्रोल चलित कारों के विपरीत था, जिन्हें शुरू करने के लिए क्रेंक घुमाना पड़ता था। अक्सर इलेक्ट्रिक कारों को महिलाओं चालकों के लिए उपयुक्त वाहन के रूप में विपणन किया गया।
1911 में, न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि इलेक्ट्रिक कार अपेक्षाकृत साफ़, पेट्रोल चालित कारों की तुलना में कम शोर वाली और अधिक किफायती होने के कारण 'आदर्श' हैं। 2010 में वॉशिंगटन पोस्ट ने इस रिपोर्टिंग पर टिप्पणी की कि "इलेक्ट्रिक कार की बैटरी की अविश्वसनीयता, जिसने थॉमस एडीसन को परेशान किया, आज भी विद्यमान हैं।"[27]
इलेक्ट्रिक कारों की स्वीकृति शुरू में बुनियादी सुविधाओं की कमी से प्रभावित थी, लेकिन 1912 से कई घरों में बिजली के लिए तार बिछ गए थे जिससे इनकी लोकप्रियता में उछाल आ सकता था। सदी के अंत तक, अमरीका में वाहनों का 40 प्रतिशत भाप के द्वारा संचालित था, विद्युत् के द्वारा 38 प्रतिशत और पेट्रोल से 22 प्रतिशत.संयुक्त राज्य अमेरिका में 33,842 इलेक्ट्रिक कारें दर्ज की गयी थीं और अमेरिका को ऐसा देश जहां बिजली की कारों को सर्वाधिक स्वीकृति प्राप्त थी, माना गया था। इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 1912 में शीर्ष पर थी।[उद्धरण चाहिए]
1990 के लॉस एंजेल्स ऑटो मेले में जनरल मोटर्स के अध्यक्ष रोजर स्मिथ ने कांसेप्ट कार जी एम इम्पैक्ट का प्रथम प्रदर्शन करते हुए कहा कि जी एम आम लोगों के ख़रीदे जाने योग्य इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण करेगी।
1990 के दशक में प्रारंभ में, कैलिफोर्निया एयर संसाधन बोर्ड (CARB), कैलिफोर्निया सरकार की "स्वच्छ हवा एजेंसी", ने ईंधन कुशल, कम उत्सर्जन वाले वाहनों के लिए दबाव बनाना प्रारंभ किया, जिसका उद्देश्य शून्य उत्सर्जन वाले वाहनों, जैसे इलेक्ट्रिक कारों का प्रयोग सुनिश्चित करना है।
2000 में हाइब्रिड टेक्नोलोज़ीस, जिसका नाम बाद में बदलकर ली-आयन मोटर्स हो गया, ने मूर्सविल, उत्तरी कैरोलिना में इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन प्रारंभ किया। हालांकि वहां ली-आयन मोटर्स के साथ उनके उत्पादों को लेकर 'लेमन विवाद' बढ़ गया।[28] तथा उनके इसे छुपाने के कारण भी विवाद बढ़ा.[29] कैलिफोर्निया के इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला मोटर्स ने 2008 में टेस्ला रोडस्टर का विकास प्रारंभ किया और ग्राहकों को 2008 से वितरण प्रारंभ हुआ। रोडस्टर राजमार्गों पर सफ़र करने लायक एकमात्र ईवी है जिसका सतत निर्माण हो रहा है तथा यह ग्राहकों के लिए उपलब्ध है। निसान तथा जनरल मोटर्स सहित कई बड़े वाहन निर्माताओं के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि रोडस्टर ने उत्प्रेरक का कार्य किया और यह दिखाया कि अधिक सक्षम वाहनों के लिए उपभोक्ताओं की मांग अत्यधिक है। जीएम के उपाध्यक्ष बॉब लुत्ज़ ने 2007 में कहा था कि टेस्ला रोडस्टर ने जीएम को शेवर्ले वोल्ट, जो कि विद्युत् से जोड़ कर चार्ज करने लायक संकर मोटरकार है, बनाने के लिए प्रेरित किया, जो कि अमरीका के सबसे बड़े वाहन निर्माता के सिकुड़ते बाजार के हिस्से तथा अत्यधिक मौद्रिक घाटे के नुक्सान को पूरा कर सकती है।[30] न्यू यॉर्कर के अगस्त 2009 संस्करण में, लुत्ज़ ने कहा, "जनरल मोटर्स की सभी प्रतिभाएं कहती रहीं कि लिथियम आयन प्रौद्योगिकी अभी 10 साल दूर है तथा टोयोटा ने भी हमारे साथ सहमति व्यक्त की - और लीजिये, टेस्ला आ गयी। तो मैंने कहा, 'कुछ छोटे-छोटे कैलिफोर्निया के आरंभिक निर्माता, जो कार व्यापार के बारे में कुछ नहीं जानते, ये कर सकते हैं, पर हम नहीं?' ये वे लौहदंड थे जिन्होंने लट्ठों के अवरोध को खोल दिया."[31]
2010 में आने वाली निसान लीफ अपेक्षित रूप से पहली पूर्णतया विद्युत् से चलने वली, शून्य उत्सर्जन के साथ पांच दरवाजों वाली पारिवारिक हैचबैक कार होगी जिसका बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जायेगा.[32] लिथियम आयन बैटरी प्रौद्योगिकी, चिकने शरीर कवच और उन्नत पुनर्योजी ब्रेक क्षमता के साथ लीफ की कार्यक्षमता एक आई सी ई (आंतरिक दहन इंजन वाले वाहनों) जैसी होगी, इसकी परास लगभग 160 किमी तथा तीस मिनट के भीतर 80% चार्ज स्तर पाने कि क्षमता होगी। [33] जून 2009 में बीएमडब्ल्यू ने अपनी पूर्ण विद्युत् शक्ति वाली मिनी ई[34] का क्षेत्र परीक्षण संयुक्त राज्य अमरीका में शुरू किया और ऐसा करने के लिए उन्होंने 500 गाडियां पट्टे पर लॉस एंजेल्स तथा न्यूयॉर्क/न्यूजर्सी क्षेत्रों में निजी प्रयोगकर्ताओं को दीं। [35][36] ऐसा ही एक क्षेत्र परीक्षण दिसंबर 2009 में चालीस मिनी ई कारों के बेड़े के साथ ब्रिटेन में शुरू किया गया।[37]
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक महत्वपूर्ण लक्ष्य उनकी विकास, निर्माण तथा संचालन लागत की आंतरिक दहन इंजन वाले वाहनों (आईसीईवीज़) के साथ तुलना से उबरना होता है।
इलेक्ट्रिक कार आमतौर पर पेट्रोल चालित कारों की तुलना में अधिक महंगी होती हैं। इसका प्रमुख कारण बैटरियों का अधिक मूल्य होता है। अमेरिकी और ब्रिटिश कार खरीदार इलेक्ट्रिक कार का अधिक मूल्य देने को तैयार नहीं प्रतीत होते हैं।[38][39] इस कारण से बड़े पैमाने पर पेट्रोल चालित कारों से इलेक्ट्रिक कारों की ओर परिवर्तन नहीं हो पाता है। नीलसन द्वारा फाइनेंशियल टाइम्स के लिए करवाए गए सर्वेक्षण से पता चला कि 65 प्रतिशत अमरीकी तथा 76 प्रतिशत ब्रिटेनवासी इलेक्ट्रिक कारों के लिए पेट्रोल चालित कारों से अधिक धन खर्च करने को तैयार नहीं हैं।[40] जे डी पावर तथा सहयोगियों द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया कि संयुक्त राज्य अमरीका के कार खरीदार अपनी पर्यावरण सम्बंधित चिंता के बावजूद हरित वाहन पर US$5,000 से अधिक खर्च नहीं करना चाहते हैं।[41]
निसान लीफ US$32,780 मूल्य की सबसे सस्ती पांच दरवाजा पारिवारिक इलेक्ट्रिक कार होगी जिसका मूल्य संयुक्त राज्य अमरीका में संघीय कर छूट US$7,500 के बाद US$25,280 हो जायेगा, कैलिफोर्निया में इसका मूल्य US$5,000 कर छूट के पश्चात् और कम होकर US$20,280 हो जायेगा.
रेनॉल्ट फ्लूएंस ज़ी ई पांच दरवाजों वाली पारिवारिक सैलून इलेक्ट्रिक कार है जिसका मूल्य बिना किसी अमरीकी संघीय कर छूट के US$20,000 से भी कम है।[42] मूल्य में इतना अधिक अंतर इसलिए भी है कि इसको बिना बैटरी के बेचा जायेगा. उपभोक्ता रेनॉल्ट फ्लूएंस ज़ी ई को कंपनी से बैटरी के अनुबंध के साथ खरीदेंगे तथा बैटरी उन्हें बेटर प्लेस नामक कंपनी से मिलेगी.
किसी इलेक्ट्रिक वाहन के परिचालन खर्च का अधिकांश हिस्सा बैटरी पैक के रख-रखाव एवं बदलने में जाता है, पेट्रोल कार के आतंरिक दहन इंजिन के विपरीत, जिसमें सैकड़ों चालित पुर्जे होते हैं, इलेक्ट्रिक कार में सिर्फ पांच चालित पुर्जे होते हैं।[43] इलेक्ट्रिक कारों में बैटरियां महंगी होती हैं और एक समय के पश्चात् उन्हें बदलना पड़ता है, इसके अलावा इनका रख-रखाव खर्च बहुत कम होता है। ऐसा विशेष रूप से वर्तमान लिथियम आधारित डिजाइन के मामले में है।
इलेक्ट्रिक वाहन की प्रति किलोमीटर लागत की गणना हेतु यह आवश्यक है कि बैटरी में होने वाले क्षय को एक मौद्रिक मूल्य प्रदान किया जाये. ऐसा इस तथ्य के कारण मुश्किल है कि हर बार चार्ज करने पर बैटरी कुछ कम क्षमता पर चार्ज होती है और इसके जीवन का अंत तब माना जाता है जब वाहन का मालिक इसकी चार्ज क्षमता को स्वीकार न करे. और इसके बाद भी 'जीवन काल पूर्ण कर चुकी' बैटरी पूरी तरह से बेकार नहीं होती, इसे दूसरे कार्य में प्रयोग किया जा सकता है, पुनर्चक्रित किया जा सकता है अथवा अतिरिक्त बैटरी के रूप में रखा जा सकता है।
चूंकि एक बैटरी कई अलग अलग सेल्स से मिल कर बनी होती है, जिनका क्षय सामान रूप से नहीं होता, अतः समय समय पर यदि इनमें से सबसे ख़राब सेल्स को बदल दिया जाये तो वाहन की परास को बनाये रखा जा सकता है।
टेस्ला रोडस्टर गाड़ी में बहुत बड़ा बैटरी पैक होता है जिसका जीवनकाल सामान्य ड्राइविंग के साथ सात वर्षों तक का होता है आज खरीदने पर इसकी कीमत US$12,000 होती है।[44][45] सात सालों तक प्रतिदिन 40 मील (64 कि॰मी॰) चलाने पर अथवा 102,200 मील (164,500 कि॰मी॰) पर बैटरी खपत की कीमत US$0.1174 प्रति 1 मील (1.6 कि॰मी॰) अथवा US$4.70 प्रति 40 मील (64 कि॰मी॰) होती है। बेटर प्लेस नामक कंपनी अनुबंध की शर्तों को पूर्ण करने लिए एक और तुलनात्मक कीमत प्रदान करती है, वे करों के लिए बैटरी के साथ ही उन्हें चार्ज करने के लिए स्वच्छ विद्युत् भी प्रदान करती है। 2010 में उनकी कीमत US$0.08 प्रति 1 मील (1.6 किलोमीटर), 2015 तक US$0.04 प्रति मील तथा 2020 तक US$0.02 प्रति मील होगी। [46] 40 मील (64 कि॰मी॰) का शुरुआती प्रचालन खर्च US$3.20 कीमत का होगा और समय के साथ US$0.80 तक आ जायेगा.
अमेरिकी सरकार का अनुमान है कि 2010 में 100 मील (160 कि॰मी॰) की परास वाली बैटरी की कीमत US$33,000 होगी। बैटरी के स्थायित्व तथा दीर्घायु रहने के बारे में कई चिंताएं हैं।[47]
निसान का अनुमान है कि लीफ की 5 साल की परिचालन लागत होगा US$1,800 बनाम US$6,000 जो कि पेट्रोल चालित कार की लागत होगी। [48] वृत्तचित्र हू किल्ड दि इलेक्ट्रिक कार?[49] में पेट्रोल चालित कार और इलेक्ट्रिक कार की तुलना करते हुए गैरेज में प्रत्येक 5,000 मील (8,000 कि॰मी॰) में आने वाली इलेक्ट्रिक कार के टायर बदलना, सामने के शीशे को धोने के लिए भरे जाने वाले तरल को भर कर वापिस भेजने में लगने वाले समय तथा उपयोग आने वाले पुर्जों की आवशयक्ता को दर्शाया गया है।
ईंधन की "लागत" की तुलना: टेस्ला रोडस्टर स्पोर्ट्स कार की प्लग-टू-व्हील ऊर्जा आवश्यकता 280 वाट घंटा/मील है। उत्तरी कैलिफोर्निया में स्थानीय विद्युत् प्रदाता कंपनी पीजी&ई (PG&E) के अनुसार "वे उपभोक्ता जो वर्तमान में रिहायशी विद्युत् दरों पर हैं, उनके लिए अपने घर में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्ज करने के लिए E-9 दर पर जाना आवश्यक है।"[50] इन दोनों तथ्यों को साथ में देखने पर यह मालूम होता है कि टेस्ला रोडस्टर को प्रतिदिन 40 मील (64 कि॰मी॰) चलाने में 11 .2 kW-h विद्युत् की आवश्यकता होगी जिसकी दर US$0.56 तथा US$3.18 के बीच होगी जो कि इसपर निर्भर होगा कि हम इसे दिन के किस समय चार्ज कर रहे हैं।[50] तुलना के लिए एक आतंरिक दहन इंजन से चलने वाली कार को उतना ही 40 मील (64 कि॰मी॰) चलाने पर, 25 मील प्रति अमेरिकी गैलन (9.4 ली/100 कि॰मी॰; 30 mpg‑imp) माइलेज के साथ, 1.6 अमेरिकी गैलन (6.1 ली; 1.3 ब्रिटिश गैलन) ईंधन का प्रयोग होगा जिसकी दर US$3 प्रति 1 अमेरिकी गैलन (3.8 ली; 0.83 ब्रिटिश गैलन) होने पर कुल खर्च US$4.80 आएगा.
टेस्ला रोडस्टर लगभग 17.4 किलोवाट-घंटा/100 किमीm (0.63 मेगा॰जूल/कि॰मी॰; 0.280 kW⋅h/मील) का प्रयोग करती है[51] जबकि ईवी1 (EV1) 11 किलोवाट-घंटा/100 किमीm (0.40 मेगा॰जूल/कि॰मी॰; 0.18 kW⋅h/मील) का प्रयोग करती थी।[52]
"रेंज एंग्जाईटी" (परास से सम्बंधित चिंता) एक कारण है जिससे प्रभावित होकर वाहन निर्माता अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को "दैनिक चालन", अथवा शहर में चलाने के योग्य कहकर बेचते हैं।[53] एक औसत अमेरिकी प्रतिदिन 40 मील (64 कि॰मी॰) से कम वाहन चलाता है, इसीलिए जीएम ईवी1 लगभग 90% अमरीकी उपभोक्ताओं के अनुकूल है।[49]
टेस्ला रोडस्टर प्रति चार्ज[54] में 245 मील (394 कि॰मी॰) चल जाती है, जो वर्तमान में चल रही प्रारूपिक कारों और परीक्षण में प्रयुक्त कारों की श्रंखला का दुगना है।[55] 27 अक्टूबर 2009 को रोडस्टर ने नया विश्व रिकॉर्ड बनाया जब ग्राहक साइमन हैकेट ने ऑस्ट्रेलिया के वार्षिक ग्लोबल ग्रीन चैलेंज में पूरे 313 मील (504 कि॰मी॰) एक चार्ज में ही पूरा कर लिया।[56] रोडस्टर को घरेलू 220 वोल्ट 70 एम्प आउटलेट से लगभग 3.5 घंटे में ही पूरा चार्ज किया जा सकता है।[57]
वाहन निर्माता छोटी परास वाले वाहनों को बैटरी बदलने की प्रौद्योगिकी इस्तेमाल करके लम्बी दूरी तक ले जा सकने योग्य बना सकते हैं। 100 मील (160 कि॰मी॰)परास वाला इलेक्ट्रिक वाहन (EV), जिसमें बदली जा सकने योग्य बैटरी हो, बैटरी बदलने के स्टेशन जाकर 59.1 सेकंड्स[58] में ही पूरी चार्ज बैटरी लगवा कर ईवी को अतिरिक्त 100 मील (160 कि॰मी॰) परास दे सकता है। यह प्रक्रिया टैंक में पेट्रोल भरवाने से कहीं अधिक स्वच्छ और त्वरित है, जहां चालक को सारा समय चार में ही रहना होता है।[59] 2010 के उत्तरार्ध तक सिर्फ दो ही कंपनियों ने बैटरी बदलने की प्रद्योगिकी इस्तेमाल करने की सोची थी।[60][61][62]
दूसरा उपाय त्वरित चार्जिंग स्टेशनों को स्थापना करना है जिससे उपभोक्ता तेज़ी के साथ तीन फेज़ वाली औद्योगिक आउटलेट का प्रयोग करते हुए अपने वाहनों को मोटे तौर पर 20-30 मिनट में चार्ज करवा सकेंगे। [63][64] राष्ट्रव्यापी तेजी से चार्ज करने की बुनियादी सुविधायें संयुक्त राज्य अमरीका में विकसित की जा रही है जिससे 2013 तक सम्पूर्ण राष्ट्र में यह उपलब्ध हो जाएगी.[65] डीसी फास्ट चार्जर्स 45 बीपी (BP) तथा आरको (ARCO) में लगाये जा रहे हैं और मार्च 2011 तक ये उपलब्ध हो जायेंगे.[66] इलेक्ट्रिक वाहन (EV) परियोजना के अंतर्गत छह राज्यों के सोलह महानगरीय और प्रमुख शहरों में बुनियादी चार्ज सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी.[67][68]
अप्रैल 2010 में सान्यो ने घोषणा की कि उन्होंने ली-आयन बैटरी चालित दाइहत्सु मीरा से एक चार्ज में टोक्यो से ओसाका तक 555.6 किमी (345.2 मील) कि दूरी तय की। [69] 25 मई 2010, सान्यो ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने कि घोषणा की और इस बार उन्होंने 1003 किमी (623 मील) की दूरी तय की। ऐसा करने में उनकी औसत गति 25 मील प्रति घंटा (40 किमी/घंटा) रही और यह उन्होंने इबाराकी के वाहन दौड़ चालकों के प्रशिक्षण स्कूल में किया।[70]
जुलाई से अगस्त 2010 तक ब्रिटेन में इंपीरियल कॉलेज लंदन के इंजीनियरिंग छात्रों की एक टीम ने एसआरज़ीरो (SRZero) को पैन अमेरिकी राजमार्ग पर के 48276 किमी (29800 मील) की दूरी तक चलाया।[71]
लगभग उसी समय, वैंकूवर के पास ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग छात्रों की टीम ने 13 दिनों में कनाडा के पार 8,000 किमी (5,000 मील) बिना किसी सहायक वाहन के, इलेक्ट्रिक वाहन चलाया, उनका बजट भी सीमित था।[72] इन टीमों ने लगभग 50 kWH के थंडरस्काई लिथियम सेलों को प्रत्येक चार्ज में 350 से 600 किमी (217 से 372 मील) की परास में प्रयोग किया। दोनों टीमों के पास उच्च शक्ति के चार्जर्स थे जो लगभग 4 घंटे में चार्ज कर देते थे।
इलेक्ट्रिक कारों के टेलपाइप से कोई प्रदूषण नहीं निकलता परन्तु वे विद्युत् उत्पादन की मांग को बढ़ा देती हैं। कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की मात्रा वाहन चार्ज के उपयोग के लिए विद्युत् स्रोत की उत्सर्जन तीव्रता के साथ ही वाहन की दक्षता तथा चार्जिंग प्रक्रिया में हुई हानि पर निर्भर करती है।
प्रयुक्त मेन्स विद्युत् में उत्सर्जन तीव्रता अलग अलग देशों में काफी भिन्न है, किसी देश विशेष में भी यह दिन के कौन से समय में अथवा वर्ष के कौन से हिस्से में प्रयोग की जा रही है,[73] इस अधर पर भिन्न होती है, पुनर्चक्रित ऊर्जा स्रोतों की उपलब्धता तथा जीवाश्म ईंधन प्रयोग करने की दक्षता भी इसे निर्धारित करते हैं।[74] ग्रिड से अलग, अक्षय ऊर्जा से वाहन चार्ज करने पर बहुत कम कार्बन तीव्रता का प्रयोग होता है। (सिर्फ ग्रिड से अलग उत्पादन प्रणाली, जैसे घरेलू पवन टर्बाइन लगाने में लगी ऊर्जा)।
संयुक्त राज्य में ग्रिड से चार्ज किया गया एक ईवी लगभग 115 ग्राम CO2 प्रति किमी उत्सर्जित करता है (6.5 आंउस CO2/मील) जबकि एक पारंपरिक संयुक्त राज्य में उपलब्ध पेट्रोल चालित कार 250 g(CO2)/km (14 oz(CO2)/mi) उत्सर्जित करती है जिसका अधिकांश टेलपाइप से तथा कुछ पेट्रोल के बनाने तथा वितरण में होता है।[75] डीजल अथवा संकर कारों के सापेक्ष यह बचत आपत्तिजनक है (ब्रिटिश सरकार की आधिकारिक टेस्टिंग के परिणामों में, सबसे सक्षम यूरोपियन कार 115 ग्राम CO2 प्रति किलोमीटर के कहीं कम देती है जबकि स्कॉट्लैंड में कि गए परिक्षण में यह 81.4 ग्राम CO2 प्रति किमी था[76]), परन्तु ऐसे देशों में जहां स्वच्छ विद्युत् की आधारभूत सुविधाएं बेहतर हैं, यह बचत कहीं अधिक है। सबसे ख़राब स्थिति में जब विद्युत् की बढ़ती हुई मांग सिर्फ कोयले से पूरी की जाएगी, जैसा कि 2009 में डब्ल्यू डब्ल्यू एफ (WWF), वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर तथा आईजेडईएस (IZES) के एक अध्ययन से ज्ञात होता है, एक मझोले आकर की इलेक्ट्रिक वाहन से लगभग 200 g(CO2)/km (11 oz(CO2)/mi) उत्सर्जन होगा जबकि एक पेट्रोल चालित छोटी कार से 170 g(CO2)/km (9.7 oz(CO2)/mi).[77] इस अध्ययन से निष्कर्ष निकला है कि जर्मनी में दस लाख ईवी कारों को शुरू करने से, सबसे अच्छे परिदृश्य में CO2 उत्सर्जन 0.1% कम होगा यदि विद्युत् के मूलभूत ढांचे में सुधार अथवा मांग का प्रबंधन नहीं किया गया।[77]
बिजली की मोटरें उच्च शक्ति-भार अनुपात देती हैं, तथा बैटरियां इन्हें उच्च विद्युत् धरा देने के लिए डिज़ाइन की जा सकती हैं।
हालांकि कुछ इलेक्ट्रिक वाहनों में बहुत छोटे मोटर्स होते हैं, 15 कि॰वाट (20 अश्वशक्ति) या उससे भी कम, अतएव इनमें कम त्वरण होता है तथा कुछ अन्य में बड़ी मोटरें होती हैं अतः उच्च त्वरण होता है। इसके अतिरिक्त, चूंकि एक बिजली की मोटर कम गति पर भी उच्च टोर्क देती है, अतः वे अपने समतुल्य मोटर शक्ति वाले आतंरिक दहन इंजनों के मुकाबले बेहतर त्वरण प्रदान कर सकती हैं। अमेरिकन मोटर्स ने एक और समाधान प्रयोगात्मक अमीत्रों पिग्गीबैक निकाला, जिसमें बैटरियों का एक सेट स्थिर गति के लिए होता है तथा अधिक त्वरण की आवश्यकता के लिए दुसरे सेट का प्रयोग किया जा सकता है।
इलेक्ट्रिक वाहनों में पहिये को सीधे मोटर से भी जोड़ा जाता है जिससे उपलब्ध शक्ति की मात्रा बढ़ जाती है। कई मोटरें पहियों से सीधे ही जोड़ दी जाती हैं जिससे प्रत्येक पहिये को शक्ति मिलती है तथा रोका भी जा सकता है, इससे कर्षण बढ़ जाता है। कई बार मोटर पहिये में ही लगी होती है, जैसे कि व्हिस्परिंग व्हील डिज़ाइन में, इससे वाहन का गुरुत्व केंद्र नीचे हो जाता है तथा गतिशील पुर्जों की संख्या में कमी आ जाती है। इलेक्ट्रिक वाहन को एक्स़ल, डिफरेन्शियल अथवा ट्रांसमिशन के बिना बनाने पर उसके ड्राइवट्रेन घूर्णन जड़त्व में कमी आ जाती है।
जब आतंरिक दहन इंजन वाले वाहन के एक्सीलेटर पर से पैर हटाया जाता है, इंजन रुकने के कारण कार धीमी होने लगती है। एक ईवी भी इन शर्तों पर खरा उतरता है और हल्का पुनर्योजी ब्रेक लगने से एक परिचित प्रतिक्रिया होती है।
एक बिना गेअर या एकल गेअर डिज़ाइन वाले ईवी गेअर बदलने से मुक्ति देते हैं, ऐसे वाहनों में निर्विघ्न त्वरण तथा निर्विघ्न ब्रेकिंग होती है। चूंकि विद्युत मोटर का टोर्क उपलब्ध विद्युत् धारा का फलन है, ना कि घूर्णन गति का, इसलिए आतंरिक दहन इंजनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन कहीं अधिक टोर्क प्रदान करते हैं। चुकी टोर्क प्राप्त करने में कोई विलम्ब नहीं होता, अतः ज्यादातर इलेक्ट्रिक वाहनों के चालक टोर्क को लेकर अधिक संतुष्ट होते हैं।
उदाहरण के तौर पर वेंटुरी फेटिश के चालक 220 kW की साधारण शक्ति के बावजूद सुपर कार जैसा त्वरण प्राप्त करते हैं और इसकी उच्चतम गति लगभग 160 किमी/घंटा (100 मील/घंटा) है। कुछ डीसी मोटर से सुसज्जित ड्रैग दौड़ कारों में दो गतियों वाला सरल ट्रांसमिशन होता है जिससे उच्चतम गति बढ़ जाती है।[78] टेस्ला रोडस्टर प्रोटोटाइप 100 किमी/घंटा (62 मील/घंटा) की गति तक चार सेकंड में पहुंच सकते हैं जिनकी मोटर रेटिंग 185 कि॰वाट (248 अश्वशक्ति) होती है।[79]
आंतरिक दहन इंजन अपेक्षाकृत ऊर्जा अक्षम होते हैं क्योंकि वे ईंधन से उत्पन्न ऊर्जा को प्रणोदन के साथ ही बड़ी मात्रा में ऊष्मा के रूप में व्यर्थ कर देते हैं। दूसरी ओर, संचित ऊर्जा को वाहन को चलाने में परिवर्तित करने में विद्युत् मोटरें दक्ष होती हैं, इलेक्ट्रिक चलित वाहन स्थिर अवस्था में अथवा खड़ी होने पर वे ऊर्जा क्षय नहीं करतीं, तथा ब्रेक लगाने से होने वाला ऊर्जा क्षय पुनरुत्पादित ब्रेकिंग के माध्यम से पुनः प्राप्त कर लिया जाता है, ऐसी व्यवस्था से ब्रेक लगाने से क्षय होने वाली ऊर्जा के पांचवे भाग तक को पुनः प्राप्त किया जा सकता है।[81][82] आमतौर पर, पारंपरिक पेट्रोल चलित इंजन प्रभावी रूप से वाहन चलाने अथवा सहायक सामग्री को ऊर्जा देने में ईंधन की ऊर्जा का मात्र 15% ही प्रयोग कर पाते हैं, वही डीज़ल इंजनों में यह दक्षता 20% तक होती है, जबकि इलेक्ट्रिक चलित वाहन में यह दक्षता 80% तक होती है।[81]
उत्पादित तथा रूपांतरित इलेक्ट्रिक कारें सामान्यतया 10 से 23 kW-h/100 किमी (0.17 से 0.37 kW·h/mi) प्रयोग करती हैं।[52][83] बिजली की इस खपत का लगभग 20% बैटरी चार्ज करने में होने वाली अक्षमता के कारण होता है। टेस्ला मोटर्स इंगित करती है कि उनकी लिथियम आयन बैटरी चालित वाहन दक्षता (चार्ज अक्षमता सहित) 12.7 kW·h/100 किमी (0.21 किलोवाट प्रति मील) है और कुओं से पहियों तक (यह मानते हुए कि बिजली प्राकृतिक गैस से उत्पन्न हो रही है) यह 24.4 kW·h/100 किमी (0.39 किलोवाट प्रति मील) है।[84]
विद्युत् चलित वाहनों के सुरक्षा संबंधी विषय अन्तर-राष्ट्रीय मानक ISO 6469 में दिए गए हैं। यह दस्तावेज़ विशिष्ट विषयों से निपटने के लिए तीन भागों में विभाजित है:
अग्नि शमन एवं बचाव कर्मियों को इलेक्ट्रिक व संकर इलेक्ट्रिक कारों की दुर्घटनाओं में हो सकने वाले उच्च वोल्टेज तथा रसायनों से निपटने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। हालांकि बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों से होनेवाली दुर्घटनाओं में असामान्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे बैटरी के तीव्रता से डिस्चार्ज होने से निकलने वाली अग्नि व धुंआ, परन्तु अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं है जो यह स्पष्ट कर सके कि वे ज्वलनशील ईंधन, जैसे पेट्रोल व डीज़ल, से चलने वाली कारों की तुलना में अधिक खतरनाक हैं अथवा कम.
इलेक्ट्रिक वाहन की परास व क्षमता बढ़ाने के लिए उसके वज़न में कमी करने के बहुत से प्रयास किये गए हैं। इन प्रयासों के बावजूद, विद्युत् बैटरियों के उच्च घनत्व व भार के कारण ही एक इलेक्ट्रिक वाहन अपने समकक्ष पेट्रोल चालित वाहन से अधिक भारी होता है और इसी वजह से इसमें कम आंतरिक स्थान होता है और ब्रेक लगाने पर यह अधिक दूरी तय करके रुकता है। हालांकि, टक्कर में, भारी वाहन में बैठे लोगों को हलके वाहन में बैठे लोगों की तुलना में कम चोट पहुंचती है, अतः अतिरिक्त वज़न से सुरक्षा की दृष्टि से कुछ लाभ अवश्य पहुंचता है[85], यद्यपि इससे कार के प्रदर्शन पर विपरीत असर पड़ता है।[86] दुर्घटना में 2,000 पौंड (900 कि॰ग्राम) वाहन अपनी सवारियों को 3,000 पौंड (1,400 कि॰ग्राम) वाहन की तुलना में औसतन 50% अधिक चोट पहुंचाते हैं।[87][88] किसी कार दुर्घटना में, [उद्धरण चाहिए] तथा किसी अन्य दो कारों की दुर्घटना में, अधिक भार अधिक त्वरण का कारण बनता है जिससे दुर्घटना की भीषणता बढ़ जाती है। कुछ इलेक्ट्रिक कारें कम रोलिंग प्रतिरोध वाले टायरों का प्रयोग करती हैं, जिनसे सड़क पर उन्हें कम पकड़ मिल पाती है।[89][90][91] कई इलेक्ट्रिक कारें छोटे, हल्के और नाजुक शरीर वाली होती हैं और इसलिए अपर्याप्त सुरक्षा प्रदान करती हैं। इस वजह से, अमरीका के इंश्योरंस इंस्टिट्यूट फॉर हाईवे सेफ्टी ने राजमार्गों पर चलने के लिए इन वाहनों की निंदा की थी।[92]
कम गति पर सड़क पर चलने पर इलेक्ट्रिक कारें आंतरिक दहन इंजनों द्वारा चालित वाहनों की तुलना में कम रोडवे ध्वनि उत्पन्न करतीं हैं। सड़क पार करते समय नेत्रहीन अथवा दृष्टिक्षीण व्यक्ति दहन इंजनों की आवाज की सहायता से सहजता से जान लेते हैं, इस दृष्टि से इलेक्ट्रिक तथा संकर कारें एक अप्रत्याशित खतरा उत्पन्न कर सकती हैं।[93][94] परीक्षणों से पता चला है कि यह एक वास्तविक चिंता है, इलेक्ट्रिक मोड में चल रहे वाहन से उत्पन्न ध्वनि इतनी क्षीण होती है कि यह सड़क पर चलने वाले सभी लोगों को, न सिर्फ दृष्टिक्षीण व्यक्तियों को और विशेष तौर पर 20 मील/घंटा (30 किमी/घंटा) से नीचे सुन पाने वालों को सुने नहीं दे पाती है। उच्च गति में टायर के घर्षण तथा वाहन द्वारा हटाई गयी हवा द्वारा पैदा ध्वनि सुनाई देने योग्य ध्वनि उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त होती है।[94]
अमरीकी कांग्रेस, यूरोपियन कमीशन एवं जापान की सरकार इलेक्ट्रिक मोड में चल रही संकर तथा प्लग-इन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए न्यूनतम ध्वनि स्तर का कानून बनाने के विकल्प खोज रहे हैं जिससे नेत्रहीन व अन्य पैदल चलने वाले तथा साइकिल पर चलने वाले उस ध्वनि को सुन कर उसकी दिशा का अंदाज़ लगा सकें.[94]Mike King (2 जून 2010). "Hybrid cars not noisy enough, group says". The Gazette (Montreal). अभिगमन तिथि 4 जुलाई 2010.[मृत कड़ियाँ]निसान लीफ ऐसी पहली चार होगी जिसमें पैदल यात्री सिस्टम के लिए निसान के वाहनों की विशिष्ट ध्वनि होगी, जिसमें एक एक ध्वनि आगे जाते समय तथा दूसरी पीछे जाते समय सुने देगी.[95][96]
इलेक्ट्रिक वाहन बहुत कम मात्र में अपशिष्ट ऊष्मा उत्पन्न करते हैं और यदि बैटरी चार्जिंग/डिसचार्जिंग के समय उत्पन्न ऊष्मा को केबिन गर्म करने में उपयोग न किया जा सके तो प्रतिरोध से उत्पन्न विद्युतीय ऊष्मा का प्रयोग केबिन को गर्म करने के लिए करना पड़ सकता है।
गर्मी के लिए एक साधारण विद्युत् प्रतिरोध आधारित हीटर का प्रयोग किया जा सकता है, जबकि उच्च सामर्थ्य तथा सम्पूर्ण ठंडक उत्पन्न करने के लिए उत्क्रमणीय ऊष्मा पम्प की आवश्यकता होती है (जैसा कि संकर कार टोयोटा प्रायस में किया जा रहा है)। पोज़िटिव तापमान गुणांक (पीटीसी) (PTC) जंक्शन कूलिंग[97] को भी अपनी सादगी के लिए पसंद किया जा रहा है - उदाहरण के लिए इस प्रकार की प्रणाली टेस्ला रोडस्टर में प्रयोग की जाती है।
हालांकि कुछ इलेक्ट्रिक कारें, उदाहरण के लिए सित्रोएं बेर्लिंगो इलेक्ट्रिक एक सहायक हीटिंग प्रणाली (उदाहरण के लिए वेबस्टो अथवा एबेर्स्पचर द्वारा निर्मित पेट्रोल आधारित इकाइयां) का प्रयोग करती हैं। केबिन शीतलन को सौर शक्ति के साथ संवर्धित किया जा सकता है, सबसे सहज रूप में, बाहर की हवा को गाड़ी के भीतर प्रचालित करके, जबकि वाहन धूप में खड़ा होने पर बहुत गर्म हो जाता है (ऐसी शीतलन प्रक्रियाएं परंपरागत वाहनों के लिए भी पश्यबाज़ार में उपलब्ध हैं)। टोयोटा प्रियस के 2010 के दो मॉडल्स में विकल्प के रूप में यह सुविधा उपलब्ध है।[98]
प्रत्येक इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता के सामने परास तथा प्रदर्शन, ऊर्जा घनत्व तथा संचय का प्रकार एवं लागत की चुनौतियां तथा उनका आर्थिक तालमेल आदि रहते हैं।
अधिकांश राजमार्गों की गति के अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों की डिज़ाइन लिथियम-आयन तथा अन्य लिथियम आधारित बैटरियों पर आधारित होती है, हालांकि कई अन्य विकल्प भी उपलब्ध हैं। लिथियम आधारित बैटरी को अक्सर अपनी उच्च शक्ति और ऊर्जा घनत्व के लिए चुना जाता है, लेकिन सीमित शैल्फ जीवन और जीवनकाल चक्र के कारण वे वाहन की लागत काफी बढ़ा देती हैं। लिथियम आयरन फॉस्फेट और लिथियम टाईटनेट जैसे भिन्न रूप परंपरागत लिथियम बैटरी के स्थायित्व के मुद्दे को सुलझाने का प्रयास कर सकते हैं।
अन्य बैटरी प्रौद्योगिकियों में शामिल हैं:
कई अन्य बैटरी प्रोद्योगिकियों का भी विकास चल रहा है, जैसे:
एक इलेक्ट्रिक कार की परास प्रयुक्त बैटरी की संख्या तथा इसके प्रकार पर निर्भर करती है। वाहन का वजन और प्रकार और ड्राइवर द्वारा प्रदर्शन की मांग का भी वैसा ही असर होता है जैसे कि पारंपरिक वाहनों कि परास पर. इलेक्ट्रिक वाहन के रूपांतरण का परास बैटरी के प्रकार पर निर्भर करती है।
त्वरित रिचार्जिंग के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था ख़त्म हो चुकी या ख़त्म होने के करीब बैटरियों को (अथवा बैटरी की परास बढ़ने वाले भाग को) पूरी तरह से चार्ज बैटरियों से बदल देना है, जैसे बग्घी खींचने वाले घोड़ों को बीच बीच में विश्राम स्थलों पर बदल दिया जाता था। बैटरी को खरीदने के स्थान पर पट्टे पर अथवा किराये पर लिया जा सकता है और उनकी देख-रेख पट्टे अथवा किराये पर देने वाली कंपनी द्वारा किया जायेगा, जिससे उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी.
रेनॉल्ट ने 2009 में घोषणा कि उन्होंने फ्रैंकफर्ट मोटर शो में एक चार्जिंग स्टेशनों तथा बैटरी बदलने की व्यवस्था की एक श्रृंखला का प्रायोजन किया।[100] अन्य वाहन निर्माता और कंपनियां भी इसकी संभावनाओं कि पड़ताल कर रही हैं।
2008 के ग्रीष्म ओलंपिक्स में इलेक्ट्रिक बसों में बदली जा सकने वाली बैटरियां प्रयुक्त हुई थीं।[101]
एक स्मार्ट ग्रिड बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन द्वारा ग्रिड को शक्ति प्रदान करता है, विशेष रूप से:
इस तरह की प्रणाली का व्यापक रूप से प्रयोग तब तक संभव नहीं होगा जब तक बैटरी पैक के चक्र स्थायित्व में पर्याप्त रूप से वृद्धि न हो जाये.
चूंकि सभी बैटरियां अंततः ख़राब होकर बदली जाती हैं, इसलिए स्वामित्व की विस्तारित लागत की गणना करते समय बैटरी के जीवन काल को ध्यान में रखना आवश्यक है। जिस दर पर ये बेकार होती हैं, वह बैटरी के प्रकार व उसके उपयोग पर निर्भर करता है - कई प्रकार की बैटरियां एक निर्धारित स्तर से अधिक नीचे तक उपयोग किये जाने पर क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। उदाहरण के लिए डीप साईकिल लेड-एसिड बैटरी आमतौर पर 80% क्षमता से नीचे डिस्चार्ज नहीं की जानी चाहिए एवं लिथियम-आयन बैटरियां उच्च तापमान में रखे जाने पर शीघ्र ख़राब हो जाती हैं।
वास्तविक उपयोग में टोयोटा रैव4 इलेक्ट्रिक वाहन के कुछ बेड़े NiMH बैटरियों का प्रोग करते हुए 160 000 किमी (100,000 मील) से अधिक चल चुके और उनकी दैनिक परास में सिर्फ जरा सी ही कमी आई.[102] उस रिपोर्ट के समापन मूल्यांकन में कहा गया:
The five-vehicle test is demonstrating the long-term durability of Nickel Metal Hydride batteries and electric drive trains. Only slight performance degradation has been observed to-date on four out of five vehicles.... EVTC test data provide strong evidence that all five vehicles will exceed the 100,000-मील (160,000 कि॰मी॰) mark. SCE’s positive experience points to the very strong likelihood of a 130,000-से-150,000-मील (210,000 से 240,000 कि॰मी॰) Nickel Metal Hydride battery and drive-train operational life. EVs can therefore match or exceed the lifecycle miles of comparable internal combustion engine vehicles.In June 2003 the 320 RAV4 EVs of the SCE fleet were used primarily by meter readers, service managers, field representatives, service planners and mail handlers, and for security patrols and carpools. In five years of operation, the RAV4 EV fleet had logged more than 6.9 million miles, eliminating about 830 tons of air pollutants, and preventing more than 3,700 tons of tailpipe CO2 emissions. Given the successful operation of its EVs to-date, SCE plans to continue using them well after they all log 100,000 मील (160,000 कि॰मी॰).
जे लेनो की 1909 निर्मित बेकर इलेक्ट्रिक अभी तक अपने प्रारंभिक एडिसन सेल से ही चलती है, हालांकि उच्च ऊर्जा घनत्व वाली लिथियम-आयन बैटरियों का जीवन काल कहीं छोटा होता है। बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी प्रतिस्थापन लागत को नियमित रख-रखाव के द्वारा आंशिक रूप से समायोजित किया जा सकता है, जैसे कि आतंरिक दहन इंजनों में तेल व फिल्टर बदले जाते हैं, तथा कुछ समायोजन उनके द्वारा प्रदत्त विश्वसनीयता से होता है क्योंकि उनमें चालित पुर्जे कम होते हैं। जब तक बैटरी प्रतिस्थापन की जरूरत होती है, संभव है तब तक नयी पीढ़ी की बैटरियां आ जायें, जिनसे बेहतर कार्य प्रदर्शन मिल सके।
इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य ऐसी बैटरियों की कीमत तथा उपलब्धता पर निर्भर करता है जिनमें उच्च विशिष्ट ऊर्जा, शक्ति घनत्व, छोटी चार्ज अवधि तथा लम्बा जीवन काल हो तथा इसके साथ ही अन्य पहलूओं पर भी, जैसे मोटरें, मोटर नियंत्रक तथा चार्जर भी आतंरिक दहन इंजनों के पुर्जों की तरह ही परिपक्व व लगत कुशल हो जायें. ली-अयन, ली-पॉली व् जिंक-एयर बैटरियों ने इतनी उच्च विशिष्ट ऊर्जा का प्रदर्शन किया है कि वे परास व रिचार्ज अवधि में पारंपरिक वाहनों से मुकाबला कर सकती हैं।[उद्धरण चाहिए] डिअरमुइड ओ'कोनेल, वाइस प्रेसिडेंट - व्यापार विस्तार, टेस्ला मोटर्स का अनुमान है कि वर्ष 2020 तक सड़क पर चलने वाली कारों में से 30% कारें बैटरी, इलेक्ट्रिक या चार्ज करने योग्य संकर कारें होंगी.[103]
यह अनुमान है कि हमारे पास 4 बिलियन इलेक्ट्रिक कारों को चलने लायक लिथियम उपलब्ध है।[104]
प्रयोगात्मक सुपरकैपेसिटर और फ्लाईव्हील ऊर्जा भंडारण ने हमें आशा दी है कि भविष्य में हम समकक्ष ऊर्जा भण्डार, शीघ्र चार्जिंग व कम अस्थिरता वाले साधन बना पाएंगे. इनमें बैटरियों को पीछे छोड़ते हुए, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बेहतर ऊर्जा भण्डार उपलब्ध कराने की क्षमता है।[105][106] एफआईए (FIA) ने इनके उपयोग को फ़ॉर्मूला वन दौड़ में, ऊर्जा प्रणाली की खेल नियमावली में शामिल कर लिया था, 2007 में सुपरकैपासिटर तथा 2009 में फ्लाईव्हील ऊर्जा भंडारण को।
सौर कारें ऐसी इलेक्ट्रिक कारों को कहते हैं जो अपनी अधिकांश अथवा सम्पूर्ण ऊर्जा इनमें बने सौर पैनल से लेते हैं। 2005 के विश्व सौर चैलेंज के बाद यह सिद्ध हो गया कि सौर दौड़ कारें राजमार्गों के अनुकूल गति प्राप्त कर सकती हैं, उनके लक्षणों में परिवर्तन किया जाने लगा जिससे कि थोड़े से परिवर्तन से वे परिवहन के लिए उपयुक्त बनायीं जा सकें.
बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरियों को नियमित रूप से चार्ज करना पड़ता है (इन्हें भी देखें बदलना, ऊपर) अधिकतर बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन विद्युत् ग्रिड से चार्ज किये जाते हैं (घर पर अथवा सड़क या दुकानों पर उपलब्ध चार्जिंग स्टेशन पर), इस विद्युत् को बहुत से स्रोतों से उत्पादित किया जाता है, जैसे कोयला, जल-विद्युत्, परमाण्विक तथा अन्य. वैश्विक तापन के चलते घरेलू विद्युत् के स्रोतों, जैसे प्रकाश-विद्युती सेल पैनल, लघु जल अथवा वायु विद्युत् उत्पादन आदि के प्रयोग को भी वरीयता दी जा रही है।
1998 के आसपास कैलिफोर्निया वायु संसाधन बोर्ड चार्जिंग विद्युत् का श्रेणीकरण किया जिसे कैलिफोर्निया कोड ऑफ़ रेगुलेशंस के टाइटल 13 में सूचीबद्ध किया गया, इसके साथ ही इसे संयुक्त राज्य अमरीका की 1999 के राष्ट्रीय विद्युतीय कोड के अनुच्छेद 625 तथा एसएई (SAE) अंतर्राष्ट्रीय मानकों में भी शामिल किया गया।
स्तर | मूल परिभाषा[107] | कोलंब टेक्नोलोजी की परिभाषा[108] | संयोजित्र (कनेक्टर) |
---|---|---|---|
स्तर 1 | वाहन पर मौजूद चार्जर को दी गयी एसी ऊर्जा; संयुक्त राज्य में सबसे आम भूग्रस्त धारक से, जिसे आम तौर पर 120 वोल्ट आउटलेट कहा जाता है। | 120 वोल्ट एसी; 16 ए (= 1.92 किलोवाट) | SAE J1772 (16.8 किलोवाट) |
स्तर 2 | वाहन पर मौजूद चार्जर को दी गयी एसी ऊर्जा; 208-240 वोल्ट सिंगल फेज़ अधिकतम निर्दिष्ट विद्युत् धारा 32 एम्पियर (निरंतर), 40 एम्पियर ब्रांच सर्किट ब्रेकर के साथ. अधिकतम निरंतर इनपुट विद्युत् 7.68 किवॉ (= 240V X 32A*) के रूप में निर्दिष्ट है। | 208-240 वोल्ट एसी; 12 एम्पियर से 80 एम्पियर (=2.5 से 19.2 किलोवाट के लिए) |
SAE J1772 (16.8 किलोवाट) IEC 62196 (44 किलोवाट) मैग्ने चार्ज IEC 60309 16 एम्पियर (3.8 किलोवाट) |
स्तर 3 | वाहन पर अनुपस्थित चार्जर द्वारा प्रदत्त डीसी ऊर्जा; इसकी कोई न्यूनतम ऊर्जा आवश्यकता नहीं है परन्तु अधिकतम निर्दिष्ट विद्युत् धारा 400 एम्पियर तथा 240 किलोवाट निरंतर पूर्ति. | बहुत उच्च वोल्टेज (300-600 वोल्ट डीसी); बहुत उच्च विद्युत् धारा (सैकड़ों एम्पियर) | CHΛdeMO (62.5 किलोवाट) |
.* अथवा 208 वोल्ट X 37 एम्पियर, यदि बिलकुल ठीक कहा जाये, परन्तु सर्किट ब्रेकर तथा संयोजित्र/तार की शक्ति क्षमता के भीतर. वैकल्पिक रूप से, इस वोल्टेज से 32 एम्पियर पर 6.7 किलोवाट की विद्युत् रेटिंग लगेगी.
शब्द "स्तर 3" का प्रयोग SAE J1772 संयोजित्र मानक समिति ने भविष्य के उच्च-शक्ति एसी त्वरित चार्जिंग संयोजित्र के लिए भी किया है।[109] एसएई (SAE) ने किसी अन्य उच्च-शक्ति संयोजित्र को स्वीकृत नहीं किया है।[110]
कैलिफोर्निया वायु संसाधन बोर्ड द्वारा SAE J1772-2001 मानक[111] को कैलिफोर्निया में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंटरफेस के रूप में अपना लिए जाने के पश्चात अधिकांश इलेक्ट्रिक कारों में चार्जिंग के लिए प्रवाहकीय युग्मन का ही प्रयोग किया जाने लगा है।[112]
एक अन्य दृष्टिकोण एक अप्रवाहकीय "पेडल" का प्रयोग करते हुए इंडकटिव चार्ज करना है, जिसे कार में लगे एक स्लॉट में लगाया जा सकता है। डेल्को इलेक्ट्रॉनिक्स ने जनरल मोटर्स के EV1 में प्रयोग हेतु 1998 में एक मेग्ने चार्ज इंडकटिव चार्ज प्रणाली विकसित की जिसका प्रयोग शेवर्ले एस-10 तथा टोयोटा रैव4 इलेक्ट्रिक वाहनों में भी किया गया।
पुनार्योजी ब्रेक का प्रयोग करते हुए ब्रेक लगाने में व्यर्थ हुई ऊर्जा का 20% तक पुनः बैटरियों को चार्ज करने के लिए प्राप्त किया जा सकता है। यह सुविधा जो कई संकर इलेक्ट्रिक वाहनों में विद्यमान है। [82]
पुनार्योजी ब्रेक का प्रयोग वाहन को चार्ज करने के लिए उस समय भी किया जा सकता है जब वाहन को खींच के ले जाया जा रहा हो।
कार की अधिक विद्युतीय शक्ति इसकी चार्जिंग अवधि को घटा देती है। इसकी शक्ति ग्रिड संयोजन के सामर्थ्य के आधार पर सीमित होती है और स्तर 1 व् 2 की चार्जिंग के लिए कार पर मौजूद चार्जर की शक्ति रेटिंग पर निर्भर करती है। एक सामान्य घरेलू आउटलेट की क्षमता 1.5 किलोवॉट (संयुक्त राज्य, जापान और 110 वोल्ट आपूर्ति वाले अन्य देशों में) से लेकर 3 किलोवॉट (230 वोल्ट की आपूर्ति वाले देशों में) के बीच होती है। किसी घर का मुख्य संयोजन सामान्य घरेलू भार के अतिरिक्त 10, 15 या 20 किलोवॉट तक का भार भी वहन कर सकता है - हालांकि समग्र स्पष्ट क्षमता का उपयोग एक साथ करना उचित नहीं होगा - और इसके उपयोग के लिए विशेष वायरिंग करवायी जा सकती है। कार में मौजूद चार्जरों के उदहारण के तौर पर, बाज़ार में उतारे के समय निसान लीफ के चार्जर निसान लीफ के चार्जर[113] की क्षमता 3.3 किलोवॉट होगी और टेस्ला रोडस्टर, टेस्ला होम कनेक्टर[114] से 16.8 किलोवॉट (70 एम्पियर पर 240 वोल्ट) की क्षमता प्राप्त करेगी। यह शक्ति सम्बंधित संख्याएं एक औसत पेट्रोल पम्प की प्रभावी शक्ति वितरण, लगभग 5,000 किलोवॉट की तुलना में काफी छोटे मालूम होती हैं। यदि विद्युतीय आपूर्ति की शक्ति बढ़ा भी दी जाये तो भी अधिकांश बैट्रियां अपनी चार्ज दर ("1 C ") से ऊपर का चार्ज नहीं स्वीकार करतीं, क्योंकि उच्च चार्ज दरों से बैट्री की डिस्चार्ज क्षमताओं पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।[115] इन शक्ति संबंधी सीमाओं के बावजूद भी सबसे कम क्षमता वाले पारंपरिक घरेलू आउटलेट में प्लग लगाने पर भी 12 घंटों में 15 किलोवॉट प्रति घंटा से भी अधिक ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है, जो अधिकांश इलेक्ट्रिक कारों को 70 किलोमीटर (229,659 फीट) से अधिक समय तक चला पाने में समर्थ है (नीचे ऊर्जा दक्षता देखें)।
1995 में, कुछ चार्जिंग स्टेशन एक घंटे में बीइवी (BEVs) कारों को चार्ज कर देते थे। नवम्बर 1997 में, फोर्ड ने अपनी रेंजर इवी कारों की श्रंखला की जांच के लिए एरोवायरमेंट द्वारा बनायी गयी एक तीव्र चार्ज प्रणाली खरीदी जिसका नाम "पोसिचार्ज" था, यह उनकी लेड-एसिड बैट्रियों को 6 से 15 मिनट में चार्ज कर देती थी। 1998 फ़रवरी में, जनरल मोटर्स ने अपने "मैग्ने चार्ज" के एक संस्करण की घोषणा की जो NiMH बैट्रियों को लगभग 10 मिनट में चार्ज कर देता था और 60 से 100 मील (100 से 160 कि॰मी॰) की एक श्रंखला प्रस्तुत करता था।[116]
2005 में, तोशीबा ने यह दावा किया कि उसके मोबाइल उपकरण बैट्री के डिजाइन 60 सेकेण्ड जैसे कम समय में ही 80 प्रतिशत चार्ज करने में समर्थ हैं।[117] इस विशिष्ट शक्ति लक्षण को सामान 7 किलोवाट.घंटा ईवी पैक के स्तर पर मापने से हम यह देखेंगे कि उन 60 सेकेण्ड के लिए 340 किलोवॉट के उच्चतम बिंदु की आवश्यकता होगी। यह स्पष्ट नहीं है कि इस तरह की बैट्री सीधे बीइवी कारों में कार्य करेंगी या नहीं क्योंकि ऊष्मा की वृद्धि इन्हें असुरक्षित बना सकती है।
एल्टरनैनो की नैनोसेफ बैट्रियां कुछ मिनटों में ही रिचार्ज हो सकती हैं जबकि अन्य रिचार्ज होने वाली बैट्रियां घंटों लेती हैं। एक नेनोसेफ़ बैट्री को 10 मिनटों में ही लगभग 95 प्रतिशत तक रिचार्ज किया जा सकता है।[118][119]
जापानी कंपनी, जेईएफ इंजीनियरिंग (JFE Engineering) ने एक त्वरित चार्जर बनाया है और उसका दावा है कि इसे 50 प्रतिशत चार्जिंग करने में 3 मिनट लगते हैं या 70 प्रतिशत चार्जिंग के लिए 5 मिनट लगते हैं।[120]
अधिकांश लोगों को आम तौर पर तीव्र चार्जिंग की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि उनके पास कार्य दिवस के दौरान या घर आने के बाद 30 मिनट से लेकर 6 घंटे तक (यह उनके डिस्चार्ज स्तर पर निर्भर करेगा), पूरी रात का पर्याप्त समय होता है। चार्जिंग में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती इसलिए इसमें कार मालिक का कुछ ही समय लगता है मात्र इसे लगाने और हटाने के लिए। बीइवी के चालक प्रायः घर पर ही इसे चार्ज करना पसंद करते हैं जिससे कि वह सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन पर जाने की असुविधा से बच सकें. कुछ कार्य स्थल इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए विशेष पार्किंग खंड की सुविधा देते हैं, जिनमें से कुछ सौर ऊर्जा से शक्ति प्राप्त करते हैं। फिनलैंड, कनाडा और अमेरिका के उत्तरी राज्यों जैसे ठन्डे क्षेत्रों में, गैरेज तथा पार्किंग मीटर्स के साथ ही विद्युत् आउटलेट्स लगे होते हैं, जो ब्लॉक हीटर आदि को शक्ति प्रदान करते हैं, यद्यपि इनमें सर्किट ब्रेकर लगे होते हैं जिससे अत्यधिक विद्युत् धारा को रोका जा सके। [121]
भारत में अगर आप अपना खुद का भारत में इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग स्टेशन लगाना चाहते है तो आपकी 1 लाख से लेकर 40 लाख तक की लागत आ सकती है। ये लगत चार्जर की प्रकार (type) पर निर्भर करेगा।
चार्जर का प्रकार- अनुमानित लागत (भारतीय रुपये में)
चार्जर का प्रकार(Type of charger ) | अनुमानित लागत (भारतीय रुपये में) |
CCS - 60kW | 12,50,000 |
CHAdeMO - 60kW | 12,50,000 |
टाइप 2 AC - 7/22kW | 1,00,000 |
Bharat DC-001 - GB/T | 2,40,000 |
Bharat AC-001 | 60,000 |
अन्य खर्चे :
नया बिजली कनेक्शन (250 KVA ) | 7,50,000/- रुपये |
तकनीशियन, जनशक्ति, रखरखाव, आदि | 3,50,000/- रुपये |
सिविल वर्क्स | 2,50,000 /- रुपये |
ईवीएसई मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर + इंटीग्रेशन: | 40,000/- रुपये |
विज्ञापन और प्रचार-प्रसार | 50,000/- रुपये |
भूमि पट्टा (यदि भूमि पट्टे पर है) | 6,00,000/- रुपये |
कुल अनुमानित खर्चा | 40,00,000/- रुपये (सेटअप के साथ पहले वर्ष का और यदि भूमि पट्टे पर है)
दूसरे साल से सालाना रखरखाव : 10,00,000/- रुपये (भूमि पट्टा के साथ) |
नोट: चार्जिंग स्टेशन को 16 घंटे चलाने पर आप 3.5 रुपये प्रति यूनिट की दर से आप 4 साल में ही अपना लागत मूल्य पूरा कर लेंगे।
सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों में कम से कम 3 फास्ट चार्जर और 2 धीमी चार्जिंग पॉइंट होने चाहिए। इनमें पहले स्तर का शुल्क शामिल है, जो स्थापित करने के लिए अपेक्षाकृत सरल और सस्ता है, और दूसरे स्तर और तीसरे स्तर के शुल्क, जो चार्जिंग स्टेशन को स्थापित करने और संचालित करने के लिए अधिक महंगे हैं।
चार्जर प्रकार | बिजली उत्पादन | चार्जर की कीमत |
Bharat AC-001 | 3.3kW | 65,000 |
Bharat DC-001 | 15kW | 2,47,000 |
Type 2 AC | 22kW | 1,20,000 |
CHAdeMO | 50kW | 13,50,000 |
CCS | 50kW | 14,00,000 |
कारों के शौक़ीन अक्सर अपना इलेक्ट्रिक वाहन स्वयं बनाते हैं और ऐसा करने के लिए वे अपनी मौजूदा कारों को पूरी तरह से विद्युत् पर चलने के लिए रूपांतरित करते हैं। कारों के शौकीनों द्वारा बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण व रूपांतरण के लिए एक कुटीर उद्योग स्थापित हो चुका है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, इरविन तथा कई अन्य विश्वविद्यालयों ने शुरू से शुरू करते हुए अपने लिए समायोजित इलेक्ट्रिक तथा संकर कारों का निर्माण किया है।
कम परास वाले बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन, कारों के शौकीनों को सुविधा, उपयोगिता और वेग प्रदान करते हैं, हालांकि उन्हें परास पर समझौता करना पड़ता है। कम परास वाले इलेक्ट्रिक वाहन उच्च क्षमता वाली लेड-एसिड बैटरियों का प्रयोग करके बनाये जा सकते हैं, जिसमें 100 से 130 कि॰मी॰ (328,080 से 426,510 फीट) परास के लिए आवश्यक भार का आधा ही होता है। परिणामस्वरुप 50 कि॰मी॰ (164,040 फीट) परास के साथ एक वाहन तैयार होता है, जिसे, यदि वजन के सही वितरण के साथ डिजाइन किया जाये (40/60 आगे से पीछे), तो पावर स्टीयरिंग की आवश्यकता नहीं होती और यह अपनी संचालन परास में नीचे की तरफ आश्चर्यजनक त्वरण प्रस्तुत करता है और राजमार्ग के अनुकूल होने के साथ ही साथ कानूनी रूप से मान्य भी होता है। लेकिन उनके बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन महंगे होते हैं क्योंकि इनकी उच्च प्रदर्शन बैटरी में उच्च लागत लगती है। हस्तचालित ट्रांसमिशन को शामिल करने से बड़े निर्माताओं द्वारा निर्मित एकल-गति वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन और सामर्थ्य प्राप्त करी जा सकती है। रूपांतरित गोल्फ कार्ट के विपरीत जिनका प्रयोग अति कम दूरी के इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में किया जाता है, कम परास के इलेक्ट्रिक वाहन सामान्य उपनगरीय मार्गों (जहां 60-80 किमी प्रति घंटा अथवा 35-50 मील प्रति घंटा की गति सीमा सामान्य हैं) पर संचालित हो सकती हैं तथा वहां के यातायात तथा "धीमी-लेन" तथा बीच बीच में पड़ने वाले फ्रीवे में चल सकती हैं।
गाज़ा पट्टी पर ईंधन की अत्यधिक कमी का सामना करते हुए, फिलिस्तीनी इलेक्ट्रिक इंजीनियर वसीम ओथमान अल-खोजेंडर ने 2008 में अपनी कार को 32 इलेक्ट्रिक बैटरियों पर चलने के लिए रूपांतरित करने का मार्ग खोजा. एलखोजेंडर के अनुसार, बैटरियों को 180 से 240 कि॰मी॰ (590,000 से 790,000 फीट) चलने के लिए US$2 लागत से चार्ज किया जा सकता है। 7 घंटे चार्ज करने के बाद एक कार 100 किमी/घंटा (60 मील/घंटा) गति से चलने में सक्षम होनी चाहिए। चूंकि गाज़ा में बिजली की आपूर्ति इज़राइल से की जाती है, इस लिए उनके इस प्रयास को जलवायु में परिवर्तन तथा ईंधन की कमी से निपटने के साथ ही साथ शांति स्थापित करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा सकता है।[122][123]
कियो विश्वविद्यालय के पर्यावरण सूचना संकाय के जापानी प्रोफेसर हिरोशी शिमिज़ु ने एक लिमोसिन एलीका (इलेक्ट्रिक लिथियम आयन कार) का निर्माण किया जिसमें 55 किलोवाट हब मोटर के साथ आठ पहिये (8 व्हील ड्राइव) हैं तथा 470 किलोवाट का आउटपुट शून्य उत्सर्जन के साथ होता है, लिथियम आयन बैटरी चालित इस चार की उच्चतम गति 370 किमी/घंटा (230 मील/घंटा) तथा अधिकतम परास 320 कि॰मी॰ (1,050,000 फीट) हैं।[124] हालांकि, मौजूदा मॉडल की कीमत लगभग US$300,000 है जिसका एक तिहाई बैटरियों की लागत है।
2008 में कई चीनी निर्माताओं ने कार के शौकीनों तथा वाहन का विद्युत् रूपांतरण करने वालों को सीधे ही लिथियम आयरन फ़ोस्फेट (LiFePO4) बैटरियां बेचना प्रारंभ कर दिया। इन बैटरियों से प्राप्त रूपांतरण आम तौर पर कहीं बेहतर वाहन शक्ति-भार अनुपात प्रदान करता है जिससे कि वाहन रूपांतरण 75 से 150 मील (120 से 240 कि॰मी॰) प्रति चार्ज की क्षमता प्राप्त कर लेता है। कीमतें धीरे-धीरे लगभग US$350 प्रति किलोवाट-घंटा रह गई हैं। चूंकि LiFePO4 सेलों का जीवन 3000 चक्र तक का होता है, जो कि एक साधारण लेड-एसिड बैटरी के 300 चक्रों कि तुलना में कहीं अधिक है, अतः LiFePO4 सेलों की जीवन अवधि लगभग 10 वर्षों की होती है। इस कारण से व्यक्तियों द्वारा विद्युत् रूपांतरित वाहनों की संख्या बहुत बढ़ गयी है। यद्यपि LiFePO4 सेलों को लेड-एसिड बैटरियों की तुलना में महंगे बैटरी प्रबंधन तथा चार्जिंग प्रणालियों की आवश्यकता होती है।[उद्धरण चाहिए]
हालांकि 2010 तक प्रारूपिक, पूर्व-उत्पादन तथा अवधारणा इलेक्ट्रिक कारों की कोई कमी नहीं थी परन्तु राजमार्गों के अनुकूल मॉडल बहुत थोड़े से ही थे। इनमें टेस्ला रोडस्टर, मित्सुबिशी i MiEV, तथा थिंक सिटी शामिल हैं। शेष उपलब्ध वर्तमान इलेक्ट्रिक कारों में से अधिकांश कम गति, कम परास के, कम दूरी चलने के लिए बने इलेक्ट्रिक वाहन हैं, इनमें शहर के योग्य इलेक्ट्रिक कारें व छोटे पैमाने पर निर्मित, आतंरिक दहन इंजन से परिवर्तित वाणिज्यिक वाहन, जैसे अलाइड इलेक्ट्रिक आदि हैं।
परीक्षण और विकास के अंतिम चरणों में शामिल वाहनों में मिनी ई तथा निसान लीफ सम्मिलित हैं।
कई देशों में नयी इलेक्ट्रिक कारों की खरीद पर, बैटरी के आकार के अनुपात में अनुदान तथा टैक्स छूट की व्यवस्था की गयी है। अमेरिका में संघीय आयकर US$7,500 तक क्रेडिट करने की व्यवस्था है,[125] तथा कई राज्यों में इसके अतिरिक्त छूट भी दी जाती है।[126] ब्रिटेन में जनवरी 2011 से अधिकतम GB£5,000(US$7,600) तक के खरीदी अनुदान का प्रावधान है।[127][128] अप्रैल 2010 तक, 15 यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों द्वारा चार्ज किये जा सकने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैक्स अनुदान दिया दिया जा रहा है, इसमें टैक्स में छूट तथा माफ़ी का प्रावधान तथा पीईवी व संकर वाहनों के खरीददारों को बोनस के भुगतान का भी प्रावधान है।[129][130]
निम्नलिखित इलेक्ट्रिक कारें वर्तमान में विकास की उन्नत अवस्था में हैं।
कम से कम 100 किमी/घंटा (62 मील/घंटा) के कारें योग्य हैं
मॉडल | उच्चतम गति | गतिवर्धन | कार्यक्षमता वयस्क+बच्चे |
चार्ज का समय | नाममात्र रेंज | बाजार में रिलीज की तारीख |
---|---|---|---|---|---|---|
व्हीगो व्हिप लाइफ | 105 किमी/घंटा (65 मील/घंटा) | 2 |
161 कि॰मी॰ (528,000 फीट) | सितंबर 2010 | ||
निसान पत्ता | 145 किमी/घंटा (90 मील/घंटा) | लगभग 7 सेकंड में 0-60 mph. | 5 |
मानक एसी (AC) पॉवर के साथ 8 घंटे, 30 मिनट तेजी से चार्ज से 80% | 161 कि॰मी॰ (528,000 फीट) | दिसंबर 2010 |
कोडा (CODA) सेडान | 129 किमी/घंटा (80 मील/घंटा) | 11 सेकंड में 0-60 mi/h | 4 |
लगभग 6 घंटे में पूरा चार्ज | 193 कि॰मी॰ (633,000 फीट) | देर से 2010 |
रेवा एनएक्सआर (REVA NXR) | 104 किमी/घंटा (65 मील/घंटा) | 4 |
160 कि॰मी॰ (520,000 फीट) | 2011 | ||
रेनोल्ट फ्लूएंस ज़ेड.ई. | 135 किमी/घंटा (84 मील/घंटा) | 0-62 mph: 9.0 सेकंड (एस्ट) | 5 |
मानक एसी (AC) शक्ति के साथ 6-8 घंटे, 30 मिनट तेजी से चार्ज से 80% | 161 कि॰मी॰ (528,000 फीट) | जल्दी 2011 |
टेस्ला मॉडल एस | 193 किमी/घंटा (120 मील/घंटा) | 5.6 सेकंड में 0 से 97 किमी/घंटा (0 से 60 मील/घंटा) | 5+2 |
हाई पावर संबंधक या 45 मिनट का क्विकचार्ज (QuickCharge) का उपयोग कर पूर्ण चार्ज 3.5 घंटे में होगा | 483 कि॰मी॰ (1,585,000 फीट) | 2012 |
डीओके-आईएनजी एक्सडी कांसेप्ट | 130 किमी/घंटा (81 मील/घंटा) | 7.7 सेकंड में 0–100 km/h | 3 |
0-80% एप्रौक्स. 6 घंटे, 230 वी/16ए0-100% एप्रौक्स. 8 घंटे, 230 वी/16 | 250 कि॰मी॰ (820,000 फीट) | 2011 |
थिंक (Th!nk) सिटी | 110 किमी/घंटा (68 मील/घंटा) | 16 सेकंड में 0–80 km/h | 2 (+2 रियर सीटें) |
0-100% 8 घंटे, 230 वी (लिथियम बैटरी)0-80% 7 घंटे, 230 वी (ज़ेबरा बैटरी) | 160 कि॰मी॰ (520,000 फीट) | दिसंबर 2009 |
हुंडई ब्लूऑन | 130 किमी/घंटा (81 मील/घंटा) | 13.1 में 0–100 km/h | 4 |
220 वी पॉवर के साथ 6 घंटे, 25 मिनट तेजी से चार्ज से 80% | 140 कि॰मी॰ (460,000 फीट) | देर से 2012 |
Electrically-powered automobiles से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
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