Loading AI tools
आपराधिक कृत्यों के लिये भारतीय संहिता विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
भारतीय दण्ड संहिता भारत के अन्दर भारत के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ अपराधों की परिभाषा व दण्ड का प्रावधान करती है। किन्तु यह संहिता भारत की सेना पर लागू नहीं होती। अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में भी अब भारतीय दण्ड संहिता (IPC) लागू है।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 | |
---|---|
भारत के लिए एक सामान्य दण्ड संहिता प्रदान करने के लिए एक अधिनियम | |
शीर्षक | Act No. 45 of 1860 |
प्रादेशिक सीमा | भारत |
द्वारा अधिनियमित | शाही विधान परिषद |
अधिनियमित करने की तिथि | 6 अक्टूबर 1860 |
अनुमति-तिथि | 6 अक्टूबर 1860 |
शुरूआत-तिथि | 1 जनवरी 1862 |
समिति की रिपोर्ट | प्रथम विधि आयोग |
संशोधन | |
देखें संशोधन | |
संबंधित कानून | |
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 (भारत) | |
स्थिति : मूलतः संसोधित |
भारतीय दण्ड संहिता ब्रिटिश काल में सन् 1860 में लागू हुई। इसके बाद इसमे समय-समय पर संशोधन होते रहे (विशेषकर भारत के स्वतन्त्र होने के बाद)। पाकिस्तान और बांग्लादेश ने भी भारतीय दण्ड संहिता को ही लागू किया। लगभग इसी रूप में यह विधान तत्कालीन अन्य ब्रिटिश उपनिवेशों (बर्मा, श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर, ब्रुनेई आदि) में भी लागू की गयी थी। लेकिन इसमें अब तक बहुत से संशोधन किये जा चुके है। भारतीय न्याय संहिता 2023 ने इसे विस्थापित कर दिया।
यह अधिनियम भारतीय दण्ड संहिता (IPC) कहलायेगा, और इसका विस्तार सम्पूर्ण भारत पर होगा।
हर व्यक्ति इस संहिता के उपबन्धों के प्रतिकूल हर कार्य या लोप के लिए जिसका वह भारत के भीतर दोषी होगा, इसी संहिता के अधीन दण्डनीय होगा अन्यथा नहीं ।
भारत से परे किए गए अपराध के लिए जो कोई व्यक्ति किसी भारतीय विधि के अनुसार विचारण का पात्र हो, भारत से परे किए गए किसी कार्य के लिए उससे इस संहिता के उपबन्धों के अनुसार ऐसा बरता जाएगा, मानो वह कार्य भारत के भीतर किया गया था ।
इस संहिता के उपबन्ध -
(1) भारत के बाहर और परे किसी स्थान में भारत के किसी नागरिक द्वारा ;
(2) भारत में पञ्जीकृत किसी पोत या विमान पर, चाहे वह कहीं भी हो किसी व्यक्ति द्वारा, किए गए किसी अपराध को भी लागू है
स्पष्टीकरण - इस धारा में “अपराध” शब्द के अन्तर्गत भारत से बाहर किया गया ऐसा हर कार्य आता है, जो यदि भारत में किया जाता तो, इस संहिता के अधीन दण्डनीय होता ।
क. जो भारत का नागरिक है उगाण्डा में हत्या करता है । वह भारत के किसी स्थान में, जहाँ वह पाया जाए, हत्या के लिए विचारित और दोषसिद्ध किया जा सकता है ।
इस अधिनियम में की कोई बात भारत सरकार की सेवा के ऑफिसरों, सैनिकों, नौसैनिकों या वायु सैनिकों द्वारा विद्रोह और अभित्यजन को दण्डित करने वाले किसी अधिनियम के उपबन्धों, या किसी विशेष या स्थानीय विधि के उपबन्धों, पर प्रभाव नहीं डालेगी ।
इस संहिता में सर्वत्र, अपराध की हर परिभाषा, हर दण्ड उपबन्ध और हर ऐसी परिभाषा या दण्ड उपबन्ध का हर दृष्टान्त, “साधारण अपवाद” शीर्षक वाले अध्याय में अन्तर्विष्ट अपवादों के अध्यधीन समझा जाएगा, चाहे उन अपवादों को ऐसी परिभाषा, दण्ड उपबन्ध या दृष्टान्त में दुहराया न गया हो ।
दृष्टांत : (क) इस संहिता की वे धाराएँ, जिनमें अपराधों की परिभाषाएँ अन्तर्विष्ट हैं, यह अभिव्यक्त नहीं करती कि सात वर्ष से कम आयु का शिशु ऐसे अपराध नहीं कर सकता, किन्तु परिभाषाएँ उस साधारण अपवाद के अध्यधीन समझी जानी हैं जिसमें यह उपबन्धित है कि कोई बात, जो सात वर्ष से कम आयु के शिशु द्वारा की जाती है, अपराध नहीं है ।
(ख) 'क' , एक पुलिस ऑफिसर, वारण्ट के बिना, 'य' को, जिसने हत्या की है, पकड़ लेता है । यहाँ 'क' सदोष परिरोध के अपराध का दोषी नहीं है, क्योंकि वह 'य' को पकड़ने के लिए विधि द्वारा आबद्ध था, और इसलिए यह मामला उस साधारण अपवाद के अन्तर्गत आ जाता है, जिसमें यह उपबन्धित है कि “कोई बात अपराध नहीं है जो किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाए जो उसे करने के लिए विधि द्वारा आबद्ध हो ।
हर पद, जिसका स्पष्टीकरण इस संहिता के किसी भाग में किया गया है, इस संहिता के हर भाग में उस स्पष्टीकरण के अनुरूप ही प्रयोग किया गया है ।
पुलिंग वाचक शब्द जहाँ प्रयोग किए गए हैं, वे हर व्यक्ति के बारे में लागू हैं, चाहे नर हो या नारी ।
जब तक कि संदर्भ से तत्प्रतिकूल प्रतीत न हो, एकवचन द्योतक शब्दों के अन्तर्गत बहुवचन आता है, और बहुवचन द्योतक शब्दों के अन्तर्गत एकवचन आता है ।
“पुरुष” शब्द किसी भी आयु के मानव नर का द्योतक है ; “स्त्री” शब्द किसी भी आयु की मानव नारी का द्योतक है ।
कोई भी कम्पनी या संगम, या व्यक्ति निकाय चाहे वह निगमित हो या नहीं, “व्यक्ति” शब्द के अन्तर्गत आता है ।
लोक का कोई भी वर्ग या कोई भी समुदाय “लोक” शब्द के अन्तर्गत आता है ।
“क्वीन” की परिभाषा विधि अनुकूलन आदेश, 1950 द्वारा निरसित ।
"सरकार का सेवक" शब्द सरकार के प्राधिकार के द्वारा या अधीन, भारत के भीतर उस रूप में बने रहने दिए गए, नियुक्त किए गए, या नियोजित किए गए किसी भी ऑफिसर या सेवक के द्योतक हैं ।
ब्रिटिश इण्डिया” की परिभाषा विधि अनुकूलन आदेश, 1937 द्वारा निरसित ।
“गवर्नमेंट आफ इण्डिया” की परिभाषा भारत शासन (भारतीय विधि अनुकूलन) आदेश, 1937 द्वारा निरसित ।
“सरकार” केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य की सरकार का द्योतक है ।
“भारत” से भारत का राज्यक्षेत्र अभिप्रेत है ।
“न्यायाधीश” शब्द न केवल हर ऐसे व्यक्ति का द्योतक है, जो पद रूप से न्यायाधीश अभिहित हो, किन्तु उस हर व्यक्ति का भी द्योतक है,
जो किसी विधि कार्यवाही में, चाहे वह सिविल हो या दाण्डिक, अन्तिम निर्णय या ऐसा निर्णय, जो उसके विरुद्ध अपील न होने पर अन्तिम हो जाए या ऐसा निर्णय, जो किसी अन्य प्राधिकारी द्वारा पुष्ट किए जाने पर अन्तिम हो जाए, देने के लिए विधि द्वारा सशक्त किया गया हो,
अथवा जो उस व्यक्ति निकाय में से एक हो, जो व्यक्ति निकाय ऐसा निर्णय देने के लिए विधि द्वारा सशक्त किया गया हो ।
दृष्टान्त (क) सन् 1859 के अधिनियम 10 के अधीन किसी वाद में अधिकारिता का प्रयोग करने वाला कलक्टर न्यायाधीश है ।
(ख) किसी आरोप के सम्बन्ध में, जिसके लिए उसे जुर्माना या कारावास का दण्ड देने की शक्ति प्राप्त है, चाहे उसकी अपील होती हो या न होती हो, अधिकारिता का प्रयोग करने वाला मजिस्ट्रेट न्यायाधीश है ।
(ग) मद्रास संहिता के सन् 1816 के विनियम 7 के अधीन वादों का विचारण करने की और अवधारण करने की शक्ति रखने वाली पंचायत का सदस्य न्यायाधीश है ।
(घ) किसी आरोप के सम्बन्ध में, जिनके लिए उसे केवल अन्य न्यायालय को विचारणार्थ सुपुर्द करने की शक्ति प्राप्त है, अधिकारिता का प्रयोग करने वाला मजिस्ट्रेट न्यायाधीश नहीं है ।
“न्यायालय” शब्द उस न्यायाधीश का, जिसे अकेले ही को न्यायिकत: कार्य करने के लिए विधि द्वारा सशक्त किया गया हो, या उस न्यायाधीश-निकाय का, जिसे एक निकाय के रूप में न्यायिकत: कार्य करने के लिए विधि द्वारा सशक्त किया गया हो, जबकि ऐसा न्यायाधीश या न्यायाधीश-निकाय न्यायिकत: कार्य कर रहा हो, द्योतक है ।
मद्रास संहिता के सन् 1816 के विनियम 7 के अधीन कार्य करने वाली पंचायत[5], जिसे वादों का विचारण करने और अवधारण करने की शक्ति प्राप्त है, न्यायालय है ।
“लोक सेवक” शब्द उस व्यक्ति के द्योतक है जो एतस्मिन् पश्चात् निम्नगत वर्णनों में से किसी में आता है,
अर्थात् : 01 - पहले खण्ड का आलोप किया गया।
02 - भारत की सेना, नौ सेना या वायु सेना का हर आयुक्त ऑफिसर ;
03 - हर न्यायाधीश जिसके अन्तर्गत ऐसे कोई भी व्यक्ति आता है जो किन्हीं न्यायनिर्णयिक कॄत्यों का चाहे स्वयं या व्यक्तियों के किसी निकाय के सदस्य के रूप में निर्वहन करने के लिए विधि द्वारा सशक्त किया गया हो ;]
04 - न्यायालय का हर ऑफिसर (जिसके अन्तर्गत समापक, रिसीवर या कमिश्नर आता है) जिसका ऐसे ऑफिसर के नाते यह कर्तव्य हो कि वह विधि या तथ्य के किसी मामले में अन्वेषण या रिपोर्ट करे, या कोई दस्तावेज बनाए, अधिप्रमाणीकॄत करे, या रखे, या किसी सम्पत्ति का भार सम्भाले या उस सम्पत्ति का व्ययन करे, या किसी न्यायिक आदेशिका का निष्पादन करे, या कोई शपथ ग्रहण कराए या निर्वचन करे, या न्यायालय में व्यवस्था बनाए रखे और हर व्यक्ति, जिसे ऐसे कर्तव्यों में से किन्हीं का पालन करने का प्राधिकार न्यायालय द्वारा विशेष रूप से दिया गया हो ;
05 - किसी न्यायालय या लोक सेवक की सहायता करने वाला हर जूरी-सदस्य, असेसर या पंचायत का सदस्य ;
06 - हर मध्यस्थ या अन्य व्यक्ति, जिसको किसी न्यायालय द्वारा, या किसी अन्य सक्षम लोक प्राधिकारी द्वारा, कोई मामला या विषय, विनिश्चित या रिपोर्ट के लिए निर्देशित किया गया हो ;
07 - हर व्यक्ति जो किसी ऐसे पद को धारण कर्ता हो, जिसके आधार से वह किसी व्यक्ति को परिरोध में करने या रखने के लिए सशक्त हो ;
08 - सरकार का हर ऑफिसर जिसका ऐसे ऑफिसर के नाते यह कर्तव्य हो कि वह अपराधों का निवारण करे, अपराधों की इत्तिला दे, अप्राधियों को न्याय के लिए उपस्थित करे, या लोक के स्वास्थ्य, क्षेम या सुविधा की संरक्षा करे ;
09 - हर ऑफिसर जिसका ऐसे ऑफिसर के नाते यह कर्तव्य हो कि वह सरकार की ओर से किसी सम्पत्ति को ग्रहण करे, प्राप्त करे, रखे, व्यय करे, या सरकार की ओर से कोई सर्वेक्षण, निर्धारण या संविदा करे, या किसी राजस्व आदेशिका का निष्पादन करे, या 8[सरकार] के धन-सम्बन्धी हितों पर प्रभाव डालने वाले किसी मामले में अन्वेषण या रिपोर्ट करे या 8[सरकार] के धन सम्बन्धी हितों से सम्बन्धित किसी दस्तावेज को बनाए, अधिप्रमाणीकॄत करे या रखे, या 8[सरकार] 3।।। धन-सम्बन्धी हितों की संरक्षा के लिए किसी विधि के व्यतिक्रम को रोके ;
10 - हर ऑफिसर, जिसका ऐसे ऑफिसर के नाते यह कर्तव्य हो कि वह किसी ग्राम, नगर या जिले के किसी धर्मनिरपेक्ष सामान्य प्रयोजन के लिए किसी सम्पत्ति को ग्रहण करे, प्राप्त करे, रखे या व्यय करे, कोई सर्वेक्षण या निर्धारण करे, या कोई रेट या कर उद्गॄहीत करे, या किसी ग्राम, नगर या जिले के लोगों के अधिकारों के अभिनिश्चयन के लिए कोई दस्तावेज बनाए, अधिप्रमाणीकॄत करे या रखे ;
11 - हर व्यक्ति जो कोई ऐसे पद धारण कर्ता हो जिसके आधार से वह निर्वाचक नामावली तैयार करने, प्रकाशित करने, बनाए रखने, या पुनरीक्षित करने के लिए या निर्वाचन या निर्वाचन के लिए भाग को संचालित करने के लिए सशक्त हो ;
12 - हर व्यक्ति, जो - (क) सरकार की सेवा या वेतन में हो, या किसी लोक कर्तव्य के पालन के लिए सरकार से फीस या कमीशन के रूप में पारिश्रमिक पाता हो ;
(ख) स्थानीय प्राधिकारी की, अथवा केन्द्र, प्रान्त या राज्य के अधिनियम के द्वारा या अधीन स्थापित निगम की अथवा कम्पनी अधिनियम, 1956 (1956 का 1) की धारा 617 में यथा परिभाषित सरकारी कम्पनी की, सेवा या वेतन में हो ।
नगरपालिका आयुक्त लोक सेवक है ।
स्पष्टीकरण 1 - ऊपर के वर्णनों में से किसी में आने वाले व्यक्ति लोक सेवक हैं, चाहे वे सरकार द्वारा नियुक्त किए गए हों या नहीं ।
स्पष्टीकरण 2 - जहाँ कहीं “लोक सेवक” शब्द आएँ हैं, वे उस हर व्यक्ति के सम्बन्ध में समझे जाएँगे जो लोक सेवक के पद को वास्तव में धारण किए हुए हों, चाहे उस पद को धारण करने के उसके अधिकार में कैसी ही विधिक त्रुटि हो ।
स्पष्टीकरण 3 - “निर्वाचन” शब्द ऐसे किसी विधायी, नगरपालिक या अन्य लोक प्राधिकारी के नाते, चाहे वह कैसे ही स्वरूप का हो, सदस्यों के वरणार्थ निर्वाचन का द्योतक है जिसके लिए वरण करने की पद्धति किसी विधि के द्वारा या अधीन निर्वाचन के रूप में विहित की गई हो ।
“जंगम सम्पत्ति” शब्दों से यह आशयित है कि इनके अन्तर्गत हर भाँति की मूर्त सम्पत्ति आती है, किन्तु भूमि और वे चीजें, जो भू-बद्ध हों या भू-बद्ध किसी चीज से स्थायी रूप से जकड़ी हुई हों, इनके अन्तर्गत नहीं आता ।
धारा ४५६ रात में छिप कर गॄह-अतिचार या गॄह-भेदन के लिए दण्ड।
आपराधिक अभित्रास, अपमान एवं रिष्टिकरण
इस संहिता में अनेकों बार संशोधन हुए हैं।[2][3]
क्रमांक | संशोधित कानून का लघु शीर्षक | संख्या | वर्ष |
---|---|---|---|
1 | The Repealing Act, 1870 | 14 | 1870 |
2 | The Indian Penal Code Amendment Act, 1870 | 27 | 1870 |
3 | The Indian Penal Code Amendment Act, 1872 | 19 | 1872 |
4 | The Indian Oaths Act, 1873 | 10 | 1873 |
5 | The Indian Penal Code Amendment Act, 1882 | 8 | 1882 |
6 | The Code of Criminal Procedure, 1882 | 10 | 1882 |
7 | The Indian Criminal Law Amendment Act, 1886 | 10 | 1886 |
8 | The Indian Marine Act, 1887 | 14 | 1887 |
9 | The Metal Tokens Act, 1889 | 1 | 1889 |
10 | The Indian Merchandise Marks Act, 1889 | 4 | 1889 |
11 | The Cantonments Act, 1889 | 13 | |
12 | The Indian Railways Act, 1890 | 9 | |
13 | The Indian Criminal Law Amendment Act, 1891 | 10 | |
14 | The Amending Act, 1891 | 12 | |
15 | The Indian Criminal Law Amendment Act, 1894 | 3 | |
16 | The Indian Criminal Law Amendment Act, 1895 | 3 | |
17 | The Indian Penal Code Amendment Act, 1896 | 6 | 1896 |
18 | The Indian Penal Code Amendment Act, 1898 | 4 | 1898 |
19 | The Currency-Notes Forgery Act, 1899 | 12 | 1899 |
20 | The Indian Penal Code Amendment Act, 1910 | 3 | 1910 |
21 | The Indian Criminal Law Amendment Act, 1913 | 8 | 1913 |
22 | The Indian Elections Offences and Inquiries Act, 1920 | 39 | 1920 |
23 | The Indian Penal Code (Amendment) Act, 1921 | 16 | |
24 | The Indian Penal Code (Amendment) Act, 1923 | 20 | |
25 | The Indian Penal Code (Amendment) Act, 1924 | 5 | |
26 | The Indian Criminal Law Amendment Act, 1924 | 18 | |
27 | The Workmen's Breach of Contract (Repealing) Act, 1925 | 3 | |
29 | The Obscene Publications Act, 1925 | 8 | |
29 | The Indian Penal Code (Amendment) Act, 1925 | 29 | |
30 | The Repealing and Amending Act, 1927 | 10 | |
31 | आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 1927 | 25 | |
32 | The Repealing and Amending Act, 1930 | 8 | |
33 | The Indian Air Force Act, 1932 | 14 | |
34 | The Amending Act, 1934 | 35 | |
35 | The Government of India (Adaptation of Indian Laws) Order, 1937 | लागू नहीं | 1937 |
36 | आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 1939 | 22 | |
37 | The Offences on Ships and Aircraft Act, 1940 | 4 | |
38 | The Indian Merchandise Marks (Amendment) Act, 1941 | 2 | |
39 | The Indian Penal Code (Amendment) Act, 1942 | 8 | |
40 | The Indian Penal Code (Amendment) Act, 1943 | 6 | |
41 | The Indian Independence (Adaptation of Central Acts and Ordinances) Order, 1948 | लागू नहीं | 1948 |
42 | आपराधिक कानून (नस्लीय भेदभाव हटाना) अधिनियम, 1949 | 17 | |
43 | The Indian Penal Code and the Code of Criminal Procedure (Amendment) Act, 1949 | 42 | 1949 |
44 | The Adaptation of Laws Order, 1950 | लागू नहीं | 1950 |
45 | The Repealing and Amending Act, 1950 | 35 | |
46 | The Part B States (Laws) Act, 1951 | 3 | |
47 | आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 1952 | 46 | |
48 | The Repealing and Amending Act, 1952 | 48 | |
49 | The Repealing and Amending Act, 1953 | 42 | |
50 | The Code of Criminal Procedure (Amendment) Act, 1955 | 26 | |
51 | The Adaptation of Laws (No.2) Order, 1956 | लागू नहीं | 1956 |
52 | The Repealing and Amending Act, 1957 | 36 | |
53 | आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 1958 | 2 | |
54 | The Trade and Merchandise Marks Act, 1958 | 43 | |
55 | The Indian Penal Code (Amendment) Act, 1959 | 52 | |
56 | The Indian Penal Code (Amendment) Act, 1961 | 41 | |
57 | The Anti-Corruption Laws (Amendment) Act, 1964 | 40 | |
58 | The Criminal and Election Laws Amendment Act, 1969 | 35 | |
59 | The Indian Penal Code (Amendment) Act, 1969 | 36 | |
60 | आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 1972 | 31 | |
61 | The Employees' Provident Funds and Family Pension Fund (Amendment) Act, 1973 | 40 | |
62 | The Employees' State Insurance (Amendment) Act, 1975 | 38 | |
63 | The Election Laws (Amendment) Act, 1975 | 40 | |
64 | आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 1983 | 43 | |
65 | आपराधिक कानून (दूसरा संशोधन) अधिनियम, 1983 | 46 | |
66 | The Dowry Prohibition (Amendment) Act, 1986 | 43 | |
67 | The Employees' Provident Funds and Miscellaneous Provisions (Amendment) Act, 1988 | 33 | |
68 | The Prevention of Corruption Act, 1988 | 49 | |
69 | आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 1993 | 42 | |
70 | The Indian Penal Code (Amendment) Act, 1995 | 24 | |
71 | सूचना तकनीक अधिनियम, 2000 | 21 | 2000 |
72 | The Election Laws (Amendment) Act, 2003 | 24 | 2003 |
73 | The Code of Criminal Procedure (Amendment) Act, 2005 | 25 | 2005 |
74 | आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2005 | 2 | 2006 |
75 | सूचना तकनीक अधिनियम, 2008 | 10 | 2009 |
76 | आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 | 13 | 2013 |
धाराओं के नाम | अपराध | दण्ड (सजा) |
---|---|---|
13 | जुआ खेलना/सट्टा लगाना | 1 वर्ष की सजा और 1000 रूपये जुर्माना |
34 | सामान आशय | – |
99 से 106 | व्यक्तिगत प्रतिरक्षा के लिए बल प्रयोग का अधिकार | – |
110 | दुष्प्रेरण का दण्ड, यदि दुष्प्रेरित व्यक्ति दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता है | तीन वर्ष |
120 | षडयंत्र रचना | – |
141 | विधिविरुद्ध जमाव | आजीवन कारावास या जुर्माना |
147 | बलवा करना | 2 वर्ष की सजा/जुर्माना या दोनों |
156 (3) | स्वामी या अधिवासी जिसके फायदे के लिए उपद्रव किया गया हो के अभिकर्ता का उपद्रव के निवारण के लिए क़ानूनी साधनों का उपयोग न करना। | आर्थिक दंड |
156 | स्वामी या अधिवासी जिसके फायदे के लिए उपद्रव किया गया हो के अभिकर्ता का उपद्रव के निवारण के लिए क़ानूनी साधनों का उपयोग न करना। | आर्थिक दंड |
161 | रिश्वत लेना/देना | 3 वर्ष की सजा/जुर्माना या दोनों |
171 | चुनाव में घूस लेना/देना | 1 वर्ष की सजा/500 रुपये जुर्माना |
177 | सरकारी कर्मचारी/पुलिस को गलत सूचना देना | 6 माह की सजा/1000 रूपये जुर्माना |
186 | सरकारी काम में बाधा पहुँचाना | 3 माह की सजा/500 रूपये जुर्माना |
191 | झूठे सबूत देना | 7 साल तक की सजा व जुर्माने का प्रावधान |
193 | न्यायालयीन प्रकरणों में झूठी गवाही | 3/ 7 वर्ष की सजा और जुर्माना |
201 | साक्ष्य मिटाना | – |
217 | लोक सेवक होते हुए भी झूठे सबूत देना | 2 साल तक की सजा व जुर्माने का प्रावधान |
216 | लुटेरे/डाकुओं को आश्रय देने के लिए दंड | 3 साल की सजा |
224/25 | विधिपूर्वक अभिरक्षा से छुड़ाना | 2 वर्ष की सजा/जुर्माना/दोनों |
231/32 | जाली सिक्के बनाना | 7 वर्ष की सजा और जुर्माना |
255 | सरकारी स्टाम्प का कूटकरण | 10 वर्ष या आजीवन कारावास की सजा |
264 | गलत तौल के बांटों का प्रयोग | 1 वर्ष की सजा/जुर्माना या दोनों |
267 | औषधि में मिलावट करना | 6 माह की सजा |
272 | खाने/पीने की चीजों में मिलावट | 6 महीने की सजा/1000 रूपये जुर्माना |
274 /75 | मिलावट की हुई औषधियां बेचना | – |
279 | सड़क पर उतावलेपन/उपेक्षा से वाहन चलाना | 6 माह की सजा या 1000 रूपये का जुर्माना |
292 | अश्लील पुस्तकों का बेचना | 2 वर्ष की सजा और 2000 रूपये जुर्माना |
294 | किसी धर्म/धार्मिक स्थान का अपमान | 2 वर्ष की सजा |
297 | कब्रिस्तानों आदि में अतिचार करना | 1 साल की सजा और जुर्माना दोनो |
298 | किसी दूसरे इंसान की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना | 1 साल की सजा या जुर्माना या दोनों |
299 | मानव वध | – |
302 | हत्या/कत्ल | आजीवन कारावास/मौत की सजा |
306 | आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरण | 10 वर्ष की सजा और जुर्माना |
308 | गैर-इरादतन हत्या की कोशिश | 7 वर्ष की सजा और जुर्माना |
309 | आत्महत्या करने की चेष्टा करना | 1 वर्ष की सजा/जुर्माना/दोनों |
310 | ठगी करना | आजीवन कारावास और जुर्माना |
312 | गर्भपात करना | – |
313 | महिला की बिना सहमति के गर्भपात कराना | – |
323 | जानबूझ कर चोट पहुँचाना | – |
326 | चोट पहुँचाना | – |
351 | हमला करना | – |
354 | किसी स्त्री का लज्जा भंग करना | 2 वर्ष का कारावास/जुर्माना/दोनों |
362 | अपहरण | – |
363 | किसी स्त्री को ले भागना | 7 वर्ष का कारावास और जुर्माना |
366 | नाबालिग लड़की को ले भागना | – |
376 | बलात्कार करना | 10 वर्ष/आजीवन कारावास |
377 | अप्राकृतिक कृत्य अपराध | 5 वर्ष की सजा और जुर्माना |
379 | चोरी (सम्पत्ति) करना | 3 वर्ष का कारावास /जुर्माना/दोनों |
392 | लूट | 10 वर्ष की सजा |
395 | डकैती | 10 वर्ष या आजीवन कारावास |
396 | डकैती के दौरान हत्या | - |
406 | विश्वास का आपराधिक हनन | 3 वर्ष कारावास/जुर्माना/दोनों |
415 | छल करना | – |
417 | छल/दगा करना | 1 वर्ष की सजा/जुर्माना/दोनों |
420 | छल/बेईमानी से सम्पत्ति अर्जित करना | 7 वर्ष की सजा और जुर्माना |
445 | गृहभेदन | – |
446 | रात में नकबजनी करना | – |
426 | किसी से शरारत करना | 3 माह की सजा/जुर्माना/दोनों |
463 | कूट-रचना/जालसाजी | – |
477(क) | झूठा हिसाब करना | – |
489 | जाली नोट बनाना/चलाना | 10 वर्ष की सजा/आजीवन कारावास |
493 | धोखे से शादी करना | 10 वर्षों की सजा और जुर्माना |
494 | पति/पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी करना | 7 वर्ष की सजा और जुर्माना |
495 | पति/पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी करना और दोनों रिश्तें चलाना | 10 साल की सजा और जुर्माना |
496 | बगैर रजामंदी के शादी करना या जबरदस्ती विवाह करना | 07 साल की सजा और जुर्माना |
497 | जारकर्म करना | 5 वर्ष की सजा और जुर्माना |
498 | विवाहित स्त्री को भगाकर ले जाना या धोखे से ले जाना | 2 साल का कारावास या जुर्माना अथवा दोनों |
499 | मानहानि | – |
500 | मान हानि | 2 वर्ष की सजा और जुर्माना |
506 | आपराधिक धमकी देना | – |
509 | स्त्री को अपशब्द कहना/अंगविक्षेप करना | सादा कारावास या जुर्माना |
511 | आजीवन कारावास से दंडनीय अपराधों को करने के प्रयत्न के लिए दंड | – |
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.
Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.