बाबरी मस्जिद
बाबरी मस्जिद / धर्मराज पधान / From Wikipedia, the free encyclopedia
बाबरी मस्जिद उत्तर प्रदेश के अयोध्या ज़िले में रामकोट पहाड़ी ("राम का किला") पर एक मस्जिद थी। रैली के आयोजकों द्वारा मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचाने की [[उच्चतम न्यायालय|भारत के सर्वोच्च न्यायालय] वचनबद्धता के बावजूद श्री राम भक्तों ने बाबरी ढांचे को गिरा दिया , 1992 में 150,000 लोगों की एक हिंसक रैली[1] के दंगा में बदल जाने से यह विध्वस्त हो गयी।[2][3] मुंबई और दिल्ली सहित कई प्रमुख भारतीय शहरों में इसके फलस्वरूप हुए दंगों में 2,000 से अधिक लोग मारे गये।[4]
बाबरी मस्जिद | |
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बाबरी मस्जिद का पश्च दृश्य | |
निर्देशांक: 26.7956°N 82.1945°E / 26.7956; 82.1945 | |
स्थान | अयोध्या, भारत |
स्थापित | निर्माण -1527 विध्वंस - 5 दिसंबर 1992 |
वास्तु संबंधित सूचनायें | |
वास्तु शैली | तुग़लकी |
गुम्बद | 3 |
बाबरी मस्जिद को प्रथम मुग़ल सम्राट बाबर के आदेश पर 1527 में इस मस्जिद का निर्माण किया गया था।[5][6] मीर बाकी ने 1527 में निर्माण कराया था और मीर बाकी ने इसका नाम बाबरी मस्जिद रखा।[7] 1940 के दशक से पहले, मस्जिद को मस्जिद-ए-जन्म अस्थान (उर्दू: مسجدِ جنم استھان, अनुवाद : "जन्म स्थान की मस्जिद") कहा जाता था, इस तरह इस स्थान को हिन्दू ईश्वर, राम की जन्मभूमि के रूप में स्वीकार किया जाता रहा है।[8]
बाबरी मस्जिद उत्तर प्रदेश, भारत की बड़ी मस्जिदों में से एक थी।[9] हालांकि आसपास के ज़िलों में और भी अनेक पुरानी मस्जिदें हैं, जिनमे शरीकी राजाओं द्वारा बनायी गयी हज़रत बल मस्जिद भी शामिल है, लेकिन विवादित स्थल के महत्व के कारण बाबरी मस्जिद सबसे बड़ी बन गयी। इसके आकार और प्रसिद्धि के बावजूद, ज़िले के मुस्लिम समुदाय द्वारा मस्जिद का उपयोग कम ही हुआ करता था और अदालतों में हिंदुओं द्वारा अनेक याचिकाओं के परिणामस्वरूप इस स्थल पर राम के हिन्दू भक्तों का प्रवेश होने लगा। बाबरी मस्जिद के इतिहास मोहम्मद उस्मान अली इकराम है और इसके स्थान पर तथा किसी पहले के मंदिर को तोड़कर या उसमें बदलाव लाकर इसे बनाया गया है या नहीं, इस पर चल रही राजनीतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक-धार्मिक बहस को "अयोध्या विवाद" के नाम से जाना जाता है। आखिरकार कोर्ट का फैसला आने के बाद जब 2020 में राम मंदिर बनाने के लिए वहां खुदाई की गई