खजुराहो स्मारक समूह
हिंदू और जैन मंदिरों का एक समूह उनके धार्मिक कला और कामुक मूर्तियों के लिए जाना जाता है / From Wikipedia, the free encyclopedia
खजुराहो स्मारक समूह जो कि एक हिन्दू और जैन धर्म के स्मारकों का एक समूह है जिसके स्मारक भारतीय राज्य मध्य प्रदेश के छतरपुर क्षेत्र में देखने को मिलते है। ये स्मारक दक्षिण-पूर्व झांसी से लगभग १७५ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्मारक समूह यूनेस्को विश्व धरोहर में भारत का एक धरोहर क्षेत्र गिना जाता है।[1][2] यहाँ के मन्दिर जो कि नगारा वास्तुकला से स्थापित किये गए जिसमें ज्यादातर मूर्तियाँ कामुक कला की है अर्थात् अधिकतर मूर्तियाँ नग्न अवस्था में स्थापित है।[3]
खजुराहो स्मारक समूह | |
---|---|
विश्व धरोहर सूची में अंकित नाम | |
स्थान | छतरपुर, मध्य प्रदेश, भारत |
प्रकार | सांस्कृतिक |
मानदंड | i, iii |
सन्दर्भ | २४० |
युनेस्को क्षेत्र | विश्व के धरोहर स्थल ,दक्षिण एशिया प्रांत |
शिलालेखित इतिहास | |
शिलालेख | १९८६ (१०वाँ सत्र) |
खहुराहो के ज्यादातर मन्दिर चन्देल राजवंश के समय ९५० और १०५० ईस्वी के मध्य बनाए गए थे।[4] एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार खजुराहो में कुल ८५ मन्दिर है जो कि १२वीं शताब्दी में स्थापित किये गए जो २० वर्ग किलोमीटर के घेराव में फैले हुए है। वर्तमान में इनमें से, केवल २५ मन्दिर ही बचे हैं जो ६ वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं।[2] विभिन्न जीवित मन्दिरों में से, कन्दारिया महादेव मंदिर जो प्राचीन भारतीय कला के जटिल विवरण, प्रतीकवाद और अभिव्यक्ति के साथ प्रचुरता से सजाया गया है।[5]
खजुराहो स्मारक समूह के मन्दिरों को एक साथ बनाया गया था, लेकिन इस क्षेत्र में हिन्दू और जैन के बीच विभिन्न धार्मिक विचारों के लिए स्वीकृति और सम्मान की परंपरा का सुझाव देते हुए, दो धर्मों, हिन्दू धर्म और जैन धर्म को समर्पित किया गया था।[6]