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छतरपुर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2]
छतरपुर | |
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निर्देशांक: 24.5500°N 79.3527°E | |
ज़िला | छतरपुर ज़िला |
प्रान्त | मध्य प्रदेश |
देश | भारत |
ऊँचाई | 305 मी (1,001 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,42,128 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 471001 |
दूरभाष कोड | 07682 |
वाहन पंजीकरण | MP-16 |
लिंगानुपात | 920 ♂/♀ |
वेबसाइट | chhatarpur |
विश्व प्रसिद्ध खजुराहो का मंदिर छतरपुर जिले में ही हैं।(चंदेल राजाओं द्वारा निर्मित)छतरपुर की पूर्वी सीमा के पास से सिंघाड़ी नदी बहती है। आरंभ में पन्ना सरदारों द्वारा शासित इस नगर पर 18वीं शताब्दी में कुंवर सोने शाह परमार का अधिकार हो गया। यह चारों ओर से पहाड़ों और वृक्षों के घने जंगलों,तालाबों तथा नदियों की बहुतायत के कारण अत्यंत दर्शनीय स्थल है। राव सागर, प्रताप सागर और किशोर सागर यहाँ के तीन महत्त्वपूर्ण तालाब हैं।
छतरपुर पहले एक पिछड़ा क्षेत्र था,जो अब एक विकासशील जिला हैं। इसमें मुख्यत: मैदानी भाग था। जिले की समुद्रतट से औसत ऊँचाई ६०० फुट है। केन यहाँ की प्रमुख नदी है। उर्मिल और कुतुरी उसकी सहायता नदियाँ हैं। यहाँ पुरातत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों में खजुराहो, १८वीं सदी की इमारतें, छतरपुर से १० मील पश्चिम स्थित राजगढ़ के पास एक किले के अवशेष एवं चंदेल द्वारा निर्मित अनेक तालाब हैं। राई, तिल, जौ, मूंगफली, चना, गेहूँ,सोयाबीन तथा पिपरमिंट यहाँ के मुख्य कृषि उत्पाद हैं।
छतरपुर नगर छतरपुर जिले का प्रधान कार्यालय है। यह सागर-कानपुर नेशनल हाईवे और झांसी-खजुराहो फोरलेन पर स्थित है। पहले नगर तीन ओर से दीवारों से घिरा था। नगर के केंद्र में राजमहल तथा अन्य कई सोभायमान भवन हैं। यहाँ महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, श्री कृष्णा विश्वविद्यालय, स्नातकोत्तर गर्ल्स डिग्री कालेज तथा अनेकों साशकीय एवम असाशकीय विद्यालय हैं। ताँबे के बर्तन, लकड़ी के सामान तथा साबुन निर्माण यहाँ के उद्योगों में प्रमुख हैं। समुद्र की सतह से ऊँचाई १,००० फुट है। नगर के कई तालाबों में रानी तलैया प्रमुख हैं।[3]
छतरपुर की स्थापना 1785 में हुई थी और इसका नाम बुंदेला राजपूत छत्रसाल(स्वतंत्रता सेनानी) के नाम पर रखा गया है, जो बुंदेलखंड की आजादी के संस्थापक हैं। उनके वंशजों द्वारा राज्य पर 1785 तक शासन किया गया था। उसके बाद राजपूतों के परमार वंश ने छतरपुर पर अधिकार कर लिया था।
ब्रिटिश राज द्वारा 1806 में कुंवर सोने सिंह परवार को राज्य की प्रत्याभूति दी गई थी। 1854 में छतरपुर ब्रिटिश सरकार के व्यपगत का सिद्धान्त के तहत प्रत्यक्ष उत्तराधिकारी के लिए पतित हो गया, लेकिन अनुग्रह के विशेष कार्य के रूप में जगत राज को सम्मानित किया गया था। परमार राजाओं ने 1,118 वर्ग मील (2,900 किमी) के क्षेत्र के साथ एक रियासत पर शासन किया, और 1901 में यहाँ 156,139 की आबादी थी, इस वक्त यह मध्य भारत की बुंदेलखंड एजेंसी का हिस्सा था। इस राज्य में नौगांव का ब्रिटिश छावनी भी था।
इस प्रांत में शासन करने वाले राजाओं के नाम निम्न हैं:-
1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद छतरपुर बुंदेलखंड के बाकी हिस्सों के साथ मिलकर, भारतीय राज्य विंध्य प्रदेश का हिस्सा बन गया। बाद में विंध्य प्रदेश को 1956 में मध्य प्रदेश राज्य में मिला दिया गया।[4][5]
छतरपुर 24.9 ° N 79.6 ° E पर स्थित है। इसकी औसत ऊंचाई 305 मीटर (1,000 फीट) है। यह मध्य प्रदेश की सुदूर उत्तर-पूर्व सीमा पर स्थित है, जो उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के साथ अपनी सीमाओं को साझा करता है। यह उत्तर प्रदेश में झांसी से 133 किमी और मध्य प्रदेश में ग्वालियर से 233 किमी दूर है।[6]
यह नगर एक प्रमुख सड़क जंक्शन है और कृषि उत्पादों तथा कपड़ों का व्यापारिक केंद्र है। यहां पर मुख्यतः रवि एवम खरीब की फसलों की खेती किसानों द्वारा ज्यादा की जाती है। इसके अलावा बारहमासी शाक सब्जी का उत्पादन भी किया जाता है,जो की नगदी फसलों में से एक है। खनिज संपदा की बात करें तो इस विषय को नकारा नहीं जा सकता है। भवन निर्माण हेतु उपयुक्त की जाने बाली महत्वपूर्ण चीज़े जैसे बजरी,इमारती पत्थरों के तरासने का कार्य भी किया जाता है। खनिज पदार्थ के अपर भंडार के रूप में विश्व में अपनी अलग पहचान बनाने बाली सघन वन संपदा के बीच में बुक्साहा स्थित हीरा खान का प्रोजेक्ट सम्मलित ही।[7]
इसके आसपास का क्षेत्र धसान तथा केन नदियों के बीच का उपजाऊ मैदान है, जिसके दक्षिण में कहीं-कहीं 450 मीटर तक ऊँची वनाच्छादित पहाड़ियाँ हैं।
यहाँ की पुरानी औद्योगिक गतिविधियों में कपड़े का बाज़ार, टाट-पट्टी निर्माण, छोटे पैमाने पर उत्पादित काग़ज, साबुन, पीतल, लोहे के बर्तन और अपरिष्कृत छुरी-कांटे का निर्माण शामिल है। आधुनिक उद्योगों में इनके अलावा क़ालीन, दरी, कंबल, कांसे के बर्तन तथा सोने-चांदी के आभूषण व लकड़ी पर नक़्क़ाशी, प्रलाक्षाकर्म, लाख की वस्तुएं, मोटे सूती वस्त्र ‘गंज़ी’ की बुनाई और कपड़ों पर छपाई का काम शामिल है।
2011 की जनगणना के अनुसार छतरपुर नगर की कुल जनसंख्या और ज़िले की कुल जनसंख्या 17,62,852 है। पुरुष जनसंख्या 9,35,870 तथा महिला जनसंख्या 8,26,951 है !
विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो एयरपोर्ट से देश बड़े बड़े महानगरों तक हबाईमार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है। जैसे-भोपाल,दिल्ली,मुंबई,आगरा आदि।[8]
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