कश्मीर विवाद कश्मीर पर अधिकार को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच १९४७ से जारी है। भारत में विलय के लिए विलय-पत्र पर दस्तखत किए थे। गवर्नर जनरल माउंटबेटन ने 27 अक्टूबर को इसे मंजूरी दी। विलय-पत्र का खाका हूबहू वही था जिसका भारत में शामिल हुए अन्य सैकड़ों रजवाड़ों ने अपनी-अपनी रियासत को भारत में शामिल करने के लिए उपयोग किया था।[2] न इसमें कोई शर्त शुमार थी और न ही रियासत के लिए विशेष दर्जे जैसी कोई मांग। इस वैधानिक दस्तावेज पर दस्तखत होते ही समूचा जम्मू और कश्मीर, जिसमें पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाला क्षेत्र भी शामिल है, भारत का अभिन्न अंग बन गया।
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सामान्य तथ्य कश्मीर विवाद, तिथि ...
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यह उस क्षेत्र पर विवाद है जो भारत और पाकिस्तान के बीच तीन युद्धों और कई अन्य सशस्त्र झड़पों में आगे बढ़ा। भारत इस क्षेत्र के लगभग 45% भू-भाग को नियंत्रित करता है जिसमें जम्मू, कश्मीर घाटी, लद्दाख का अधिकांश भाग, सियाचिन ग्लेशियर,[3] और इसकी 70% आबादी शामिल है; पाकिस्तान लगभग 35% भूमि क्षेत्र को नियंत्रित करता है जिसमें पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर और गिलगित-बल्तिस्तान शामिल हैं; और चीन शेष 20% भूमि क्षेत्र को नियंत्रित करता है जिसमें अक्साई चिन क्षेत्र, ज्यादातर निर्जन ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट और डेमचोक सेक्टर का हिस्सा शामिल है।[4][5][6][7][8][9][10]