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शिवराति
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शिवराति, सिराति भा महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के माने वाला लोग के एगो तिहुआर हवे। ई तिहुआर फागुन महीना के तेरस/चतुर्दसी के रात के मनावल जाला जे अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से फरवरी भा मार्च में पड़े ला। मुख्य कथा के मोताबिक एही दिन भगवान शिव आ पार्वती के बियाह भइल रहल, एही उपलक्ष में ई तिहुआर मनावल जाला। हालाँकि, दूसर कथा सभ में अउरी कई कारण बतावल जाला, जइसे कि एही दिन शिव तांडव नाच कइले रहलें, समुंद्र-मंथन से निकसल बिस पियले रहलें, या एही दिन ज्योतिर्लिंग प्रगट भइल रहे।
शिवराति | |
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अन्य नाँव | महा शिवरात्रि |
मनावे वाला | भारत आ नेपाल में हिंदू लोग द्वारा |
प्रकार | धार्मिक |
महत्त्व | स्वाध्याय, शिव-पारबती के बियाह, योग, महामृत्युंजय मंत्र के आम जन ले पहुँच होखल, ज्योतिर्लिंग के प्रकट भइल, तांडव, बिसपान[1] |
Observances | ब्रत (उपास), योग, ध्यान, पूजा[1] |
समय | Magha Krishna Chaturdashi |
केतना बेर | सालाना |
एह रात के लोग उपास करे ला, ध्यान आ पूजा करे ला। जगह-जगह शिव मंदिर सभ में भव्य आयोजन होला आ कहीं-कहीं अइसन मंदिर सभ के आसपास मेला भी लागे ला। शिव के एह दिन बिसेस पूजा कइल जाला आ बिख्यात शिव मंदिर सभ में भारी संख्या में लोग दर्शन करे चहुँपेला। कुछ लोग एह रात के जागरण क के भी मनावे ला।
शैव मत के माने वाला हिंदू लोग के खाती एह रात के खास महत्व हवे आ काश्मीरी शैव मत में एकरा के हर-रात्री भा हैरात या हेरात के नाँव से बोलावल जाला। ई तिहुआर लगभग पूरा भारत में, नेपाल में आ अन्य कई देसन में मनावल जाला।