रामनाथ कोविंद (जनम: 1 अक्टूबर 1945) भारत के आ 2017 से 2022 ले भारत के राष्ट्रपति रहलें । एकरे पहिले कोविंद बिहार के राज्यपाल[2] आ राज्य सभा में सांसद भी रह चुकल बाने।

Quick Facts रामनाथ कोविंद, 14वाँ राष्ट्रपति, भारत ...
रामनाथ कोविंद
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14वाँ राष्ट्रपति, भारत
कार्यकाल
25 जुलाई 2017  25 जुलाई 2022
प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी
उप राष्ट्रपतिमोहम्मद हामिद अंसारी/वेंकैया नायडू
इनसे पहिलेप्रणब मुखर्जी
बिहार के राज्यपाल
कार्यकाल
16 अगस्त 2015  20 जून 2017[1]
इनसे पहिलेकेशरी नाथ त्रिपाठी
इनके बादकेशरी नाथ त्रिपाठी
राज्यसभा सांसद
कार्यकाल
1994 - 2006
निजी जानकारी
जनम (1945-10-01) 1 अक्टूबर 1945 (उमिर 79)
डेरापुर, संजुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत
नागरिकताभारत
राष्ट्रीयताभारतीय
राजनीतिक पार्टीभारतीय जनता पार्टी
जीवनसाथीसविता कोविंद
संतान
  • प्रशांत कोविंद (बेटा)
  • स्वाती कोविंद (बेटी)
पढ़ाईबीकॉम, एलएलबी
महतारी संस्थाकानपुर विश्वविद्यालय
अकुपेशनवकालत, राजनीति
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कोविंद एक ठो दलित नेता हवें आ भारतीय जनता पार्टी के नेता हवें। कोविंद दिल्ली में वकील रहलें। राजनीतिक कैरियर के बात कइल जाय त कोविंद उत्तर प्रदेश राज्य से राज्यसभा में सांसद रह चुकल बाने। 19 जून 2017 के भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इनके एनडीए के राष्ट्रपति उमीदवार के रूप में नामित कइल जाए के घोषणा कइलेन।[3][4]

जिनगी

रामनाथ कोविंद के जनम 1 अक्टूबर 1945 के ब्रिटिश भारत के संजुक्त प्रांत (अब उत्तर प्रदेश) के कानपुर जिला (अब कानपुर देहात जिला) में भइल।[2] कोविंद एक ठो दलित परिवार से हवें। कानपुर यूनिवर्सिटी से बीकॉम आ एलएलबी के पढ़ाई कइलें।[2][5]

कोविंद के बियाह 30 मई 1974 के सविता कोविंद से भइल[2] आ इनके एक ठो लड़िका प्रशांत आ एगो बेटी स्वाति बा लोग।[4]

कैरियर

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बिहार में एक ठो समारोह के दौरान नरेंद्र मोदी के साथे मंच पर कोविंद

वकील

कोविंद वकालत खातिर दिल्ली के आपन करमभूईं चुनलें आ दिल्ली हाई कोर्ट में 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील रहलें। साल 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार के स्टैंडिग काउंसिल में भी रहलें।[6][2]

राजनीति

कोविंद भारतीय संसद के राज्यसभा में दू टर्म खातिर सांसद रह चुकल बाने। उनके राज्य सभा में उत्तर प्रदेश के ओर से चुनल गइल। पहिला सांसद कार्यकाल 1994 में सुरू भइल जे 2000 ले रहल आ दूसरा कार्यकाल 2000 से 2006 ले रहल।[2] अपना 12 साल के सांसद कार्यकाल में ऊ कई ठे संसदीय समीति सभ के अध्यक्ष भी रहलें।

अउरी दूसर नियुक्ती

कोविंद उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मौजूद बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट बोर्ड में शामिल रहलें आ आइआइएम कलकत्ता के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में सामिल रहलें। एकरे अलावा ई यूनाइटेड नेशंस में भारत के प्रतिनिधि के रूप में संबोधिक क चुकल बाने। यूनाइटेड नेशंस के जनरल असेंबली में इनके भाषण अक्टूबर 2002 में भइल।[7]

गवर्नर

तारीख 8 अगस्त 2015 के भारत के राष्ट्रपति द्वारा इनका के बिहार के गवर्नर के रूप में नियुक्त कइल गइल।[8] तारीख 16 अगस्त 2015 के पटना हाइकोर्ट के कार्यबाहक मुख्य जज इकबाल अहमद अंसारी इनके बिहार के पैंतीसवाँ राज्यपाल के रूप में शपथ दियवलें। ई कार्यक्रम पटना के राज भवन में भइल।[9]

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भारत के राष्ट्रपति के स्वागत करत राज्यपाल कोविंद 17 अप्रैल 2017 पटना

कोविंद के राज्यपाल के रूप में नियुक्ती पर ओह समय तत्काल में मौजूद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा आलोचना कइल गइल। एकर कारन ई रहे की ई नियुक्ती बिहार बिधानसभा चुनाव के कुछे महीना पहिले कइल गइल आ एह नियुक्ती में राज्य सरकार से कवनों सलाह-बारता ना कइल गइल जबकि सरकारिया कमेटी के अइसने रिकमेंडेशन हवे कि राज्य सरकार से सलाह लिहल जाय।[10] हालाँकि, गवर्नर के रूपमें कोविंद के कार्यकाल के तैर्रिफ एगो न्यायिक कमीशन द्वारा कइल गइल जे एह बात के जाँच करत रहल कि बिहार में नाकाबिल अध्यापक लोग के नियुक्ती आ धन के कु-मैनेजमेंट इहँवा के इन्वर्सिटी सभ में भइल बा कि नाहीं। जून 2017 में जब कोविंद के भारत के राष्ट्रपति कंडीडेट के रूप में घोषणा भइल तब जरूर नीतीश कुमार एह बात के समर्थन कइलेन; एह समय ऊ कोबिंद के राज्यपाल के रूप में निष्पक्षता से काम करे के बात पर तारीफी भी कइलेन।[11]

राष्ट्रपति चुनाव

19 जून 2017 के भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह इनके राष्ट्रपति चुनाव, 2017 खातिर नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) के उमेदवार के रूप में नामांकित करे के घोषणा कइलें।[4] इनके सोझा कांग्रेस पार्टी के समर्थित उमेदवार मीरा कुमार रहली।[12]

तारीख 17 जुलाई के राष्टपति के चुनाव खातिर वोटिंग पूरा भइल आ 20 जुलाई के वोट के गिनती कइल गइल आ रिजल्ट घोषित कइल गइल जेह में कोविंद बिजई घोषित कइल गइलें। 25 जुलाई से कोविंद के कार्यकाल सुरू भइल।

14वाँ राष्ट्रपति

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राष्टपति कोबिंद, जस्टिस दीपक मिश्रा के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के सपथ दियावे के समय, 28 अगस्त 2017

रामनाथ कोविंद भारत के 14वाँ राष्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई 2017 के शपथ लिहलें।[13]

राष्ट्रपति के रूप में बिदेस दौरा

More information साल, देस ...
साल देस इलाका जहाँ गइलें तारीख संदर्भ
2017  जिबूती जिबूती शहर 3 - 4 अक्टूबर [14][15]
 इथियोपिया अदिस अबाबा 5 - 6 अक्टूबर [16][17][18]
2018  मॉरिशस पोर्ट लुई 11 - 14 मार्च [19][20]
 मैडागास्कर एंतानारिवो 14 - 15 मार्च [19]
 इक्विटोरियल गिनी मलाबो 7 - 9 अप्रैल [21]
 स्वाजीलैंड म्बाने 9 - 10 अप्रैल [22]
 जांबिया लुसाका 10 - 12 अप्रैल [23][24]
 यूनान एथेंस 16 - 19 जून [25][26]
 सूरीनाम परामारीबो 19 - 21 जून [26][27]
 क्यूबा हवाना 21 - 23 जून [28][29]
 साइप्रस निकोसिया 2 - 4 सितंबर [30]
 बुल्गारिया सोफिया 4 - 6 सितंबर [30]
 चेक रिपब्लिक प्राग 6 - 9 सितंबर [30]
 ताजिकिस्तान दुशांबे 7–9 अक्टूबर [31]
 वियतनाम दा नांग, हनोई 18–21 नवंबर [32][33]
 ऑस्ट्रेलिया सिडनी, मेलबर्न 21–24 नवंबर [32][34]
2019  क्रोएशिया जग्रेब, क्रोएशिया 25–27 मार्च [35]
 बोलिविया सांता क्रूज दे ला सिएरा 28–30 मार्च [36]
 चिली सैंटियागो, चिली 30 March – 1 अप्रैल [37]
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बिबाद

साल 2010 में कोविंद के द्वारा ई कहे जाए के बात कहल जाला कि "इस्लाम आ ईसाई धर्म भारत खातिर अन्यदेशी (एलिएन) बाने" आ ई बात ऊ भाजपा प्रवक्ता के रूप में कहले रहलें।[38][39] आइएएनएस के रिपोर्ट के अनुसार जे हिन्दुस्तान टाइम्स में छपल रहे ई चीज कहे के बात रंगनाथ मिश्र कमेटी के रपट के जबाब में कहल गइल रहे जे सरकारी नोकरी में 15 परसेंट आरक्षण धार्मिक आ भाषाई अल्पसंख्यक लोग खातिर देवे के बात कहले रहल।[40] हालाँकि, ढेर हाल के समय में, ई मुद्दा मीडिया में बहस के बिसय बनल कि का उनके ई कहनाम गलत तरीका से कोट कइल गइल रहे, ऊ वास्तव में ई कहले रहलें कि “इस्लामईसाइयत (कास्ट (जाति) के) नोशन (नेशन ना) खातिर एलिएन बाड़े” जबकि एकरा के "नेशन" समझ लिहल गइल।[41][42]

इहो देखल जाय

संदर्भ

बाहरी कड़ी

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